MP Board Class 8 Hindi Sugam Bharti Chapter 24 Kaise Rahe purn Swasthya Question and Answer

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Class 8 Hindi Sugam Bharti Chapter 24 Kaise Rahe purn Swasthya Question Answer MP Board

Hindi Sugam Bharti 8 Solutions Chapter 24 Kaise Rahe purn Swasthya Question Answers MP Board

सुगम भारती कक्षा 8 पाठ 24 कैसे रहें पूर्ण स्वस्थ प्रश्न उत्तर

प्रश्न अभ्यास

अनुभव विस्तार

प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(क) सही जोड़ी बनाइए
(अ) शरीर के आंतरिक अंग – 1. योग, ध्यान, प्राणायाम
(ब) नकारात्मक भावनाएँ – 2. शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक स्वास्थ्य
(स) सफलता अर्नित करने – 3. हृदय, वृक्क, हेतु आवश्यक पाचन-तंत्र, कंकाल
(द) मानसिक स्वास्थ्य के लिए – 4. क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष, किए गए प्रयास तनाव, चिंता, अंहकार, निर्दयता।
उत्तर-
(अ) – 3
(ब) – 4
(स) – 2
(द) – 1

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(ख) सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए
(अ) भावनात्मक एवं मानसिक स्वास्थ्य का शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा ……………….पड़ता है। (परिणाम/प्रभाव)
(ब) एक्सरे से और ………………. से शरीर के भीतरी अंगों के बारे में पता चलता है। (सोनोग्राफी/रेडियोग्राफी)
(स) मनुष्य तभी पूर्ण रूप से स्वस्थ हो सकता है जब परिस्थितियों का ……………….के साथ सामना करे। (आत्म-विश्वास/अटल विश्वास)
(द) भावनात्मक रूप से परिपक्व व्यक्ति अपनी भावनाओं ……………….कर विवेकपूर्ण कार्य करता है। (अनियंत्रण/नियंत्रण)
उत्तर-
(अ) प्रभाव,
(ब) सोनोग्राफी,
(स) आत्मविश्वास,
(द) नियंत्रण।

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
(अ) बौद्धिक स्वास्थ्य से लेखक का क्या आशय है?
(ब) व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ कब कहा जा सकता है?
(स) व्यक्ति कब हर्ष का अनुभव करता है?
(द) आध्यात्मिक स्वास्थ्य के अच्छे बने रहने के कौन-कौन से लाभ हैं?
उत्तर-
(अ) बौद्धिक स्वास्थ्य से लेखक का आशय है-बुद्धि से संबंधित स्वास्थ्य।
(ब) व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ तब कहा जा सकता है, जब परिस्थितियों का आत्म-विश्वास के साथ सामना करे और भावनात्मक रूप से विचलित न हो।
(स) व्यक्ति इच्छानुसार परिणाम प्राप्त होने पर हर्ष का अनुभव करता है।
(द) अध्यात्मिक स्वास्थ्य के अच्छे बने रहने के कई लाभ हैं, जैसे-विशेष आनंद अनुभव, भावनात्मक संवेगों पर नियंत्रण, शारीरिक व्याधियों पर नियंत्रण आदि।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

(अ) सफलता अर्जित करने के लिए भावनात्मक स्वास्थ्य अच्छा होना क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
सफलता अर्जित करने के लिए भावनात्मक स्वास्थ्य अच्छा होना आवश्यक है। यह इसलिए कि संयम और धैर्य अच्छे भावनात्मक स्वास्थ्य के सूचक होते हैं, जो पूर्ण स्वस्थ रहने के लिए भावनाओं के वेग को नियंत्रित करते हैं।

(ब) “भावनात्मक एवं मानसिक स्वास्थ्य का शारिरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
“भावनात्मक एवं मानसिक स्वास्थ्य का शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।” इस कथन के द्वारा लेखक ने यह कहना चाहा है कि एक अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भावनात्मक मानसिक स्वास्थ्य का होना बहुत आवश्यक है।

(स) शरीर में हारमोन असंतुलित क्यों हो जाते हैं?
उत्तर-
क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष आदि से रक्त-दाब बढ़ जाता है। इससे शरीर में हारमोन असंतुलित हो जाते हैं।

(द) चिंता और तनाव से कौन-कौन से रोग हो सकते हैं?
उत्तर-
चिंता और तनाव से पेट में अम्लता, अल्सर, हृदय रोग, सिर दर्द, थकान आदि रोग हो सकते हैं।

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भाषा की बात

प्रश्न 1. बोलिए और लिखिएसंयम, ईर्ष्या, द्वेष, दृष्टि, स्वास्थ्य, धैर्य।
उत्तर-
संयम, ईर्ष्या, द्वेष, दृष्टि, स्वास्थ्य, धैर्य ।

प्रश्न 2,
निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी पर गोला लगाइए-
अनूभूति, अनुभुति, अनुभूती, अनुभूति। शंतोष, संतोष, सम्तोष, संतोश विषेश, विशेष, विशष्य, विशेश परीणाम, परिनाम, परिणाम, परीनाम।
उत्तर-
अनुभूति, संतोष, विशेष, परिणाम।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिएहृदयाघात, आत्मविश्वास, असंतुलित, परिस्थिति।
उत्तर-
शब्द – वाक्य प्रयोग
हृदय – अत्यधिक खुशी पर दुखी होने से हृदयाघात हो जाता है।
आत्मविश्वास – स्वस्थ व्यक्ति में आत्मविश्वास भरा होता है।
असंतुलित – स्वस्थ व्यक्ति संतुलित व्यवहार करता है।
परिस्थिति – जीवन में कभी-कभी कठिन परिस्थिति भी आ जाती है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों से उर्दू, अंग्रेजी और हिंदी (तत्सम) शब्द छाँटकर क्रम से लिखिए अखबार, समाचार, एक्सरे, मस्तिष्क, खराबी, खुशी, कंकाल, कमजोर, सोनोग्राफी, हारमोन, मृत्यु, दिल, दिमाग, व्यक्ति, करुण, अल्सर, ब्लडप्रेशर, डायबिटीज।।
उत्तर-
उर्दू के शब्द-अखबार, खराबी, खुशी, कमजोर, दिल, दिमाग। अंग्रेजी के शब्द-एक्सरे, सोनोग्राफी, हारमोन, अल्सर, ब्लडप्रेशर, डायबिटिज। हिंदी (तत्सम) शब्द-समाचार, मस्तिष्क, कंकाल, मृत्यु, व्यक्ति, करुण।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग करके लिखिए-
चारित्रिक, धार्मिक, योग्यता, अम्लता, कुशलता, सहायता, निर्दयता, आंतरिक, पारिवारिक, मानसिक।
उत्तर-
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♦ गद्यांशों की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्याएँ

1. स्वस्थ व्यक्ति वही होगा जो नकारात्मक भावनाओं यथा क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष, तनाव, चिंता, अंहकार निर्दयता, डर आदि को त्यागकर संतुलित व्यवहार करे और चिंता, तनावों से दूर रहकर साहस के साथ अपने जीवन की समस्याओं का सामना करे। पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति भावनात्मक रूप से परिपक्व माना जाता है। वह जल्दी में कोई दिशाहीन कदम नहीं उठाता, छोटी-छोटी बातों का मन पर बोझ रखकर अपने लक्ष्य से नहीं भटकता है, तथा उन बातों के लिए भी चिंतित नहीं होता, जो उसकी क्षमता के बाहर हैं। भावनात्मक रूप से परिपक्व व्यक्ति अपनी भावनाओं पर नियंत्रण कर विवेकपूर्ण कार्य करता है।

शब्दार्थ- नकारात्मक-विपरीत। परिपक्व-पका हुआ, अनुभवी। लक्ष्य-उद्देश्य । क्षमता-शक्ति।

संदर्भ- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) के भाग-8 के पाठ 24 के ‘कैसे रहें पूर्ण स्वस्थ’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों के लेखक डॉ. एस. सी. पुरोहित हैं।

प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने पूर्णस्वस्थ रहने के उपाय बतलाते हुए कहा है कि-

व्याख्या-पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति की अलग ही पहचान होती है। इस प्रकार के व्यक्ति किसी प्रकार की विपरीत सोच-समझ जैसे-क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष, तनाव, चिंता, अंहकार, कठोरता, भय आदि को अपने पास नहीं आने देता है। इस प्रकार वह संतुलित और सीमित बातचीत और क्रिया-व्यापार करता है। इससे वह निश्चिंत होकार साहसपूर्वक अपने जीवन की कठिन – से -कठिन समस्याओं का सामना कर लेता है। इस प्रकार वह भावनात्मक रूप से पूरा अनुभवी समझा जाता है। यही कारण है कि वह कोई भी कदम नाप-तौलकर उठाता है। फलस्वरूप उसके मन मस्तिष्क पर किसी प्रकार की हल्की भी बातों को असर नहीं पड़ता है। इसलिए वह उन बातों से बहुत दूर रहता है जिन्हें वह करने में असमर्थ होता है। इस प्रकार वह अपने भावनाओं में बहकता नहीं है। वह तो अपनी भावनाओं पर अपनी बुद्धि-समझ से अकुंश लगाकर अपने लक्ष्य-पथ पर बढ़ता ही जाता है।

विशेष-

  • पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति की पहचान ज्ञानवर्द्धक रूप में दी गई है।
  • यह अंश प्रेरणादायकस्वरूप है।

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