MP Board Class 8 Hindi Sugam Bharti Chapter 23 Yug ki asha Question and Answer

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Class 8 Hindi Sugam Bharti Chapter 23 Yug ki asha Question Answer MP Board

Hindi Sugam Bharti 8 Solutions Chapter 23 Yug ki asha Question Answers MP Board

सुगम भारती कक्षा 8 पाठ 23 युग की आशा प्रश्न उत्तर

गद्यांशों की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्याएँ

1.

युग की आशा हो,
कुमार!
तुम युग की आशा हो।
रूप तुम्हारा दिव्य चिरन्तन,
सबने तुमको प्यार किया,
तुम भावी के कलाकार हो,
तुमने जग साकार किया।

शब्दार्थ- दिव्य-अति सुन्दर। भावी-भविष्य।

संदर्भ- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) के भाग-8 के पाठ-23 ‘युग की आशा’ से ली गई हैं।

प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने भारतीय बच्चों को युग की आशा बतलाते हुए कहा है कि-

व्याख्या- हे मेरे देश के होनहार बच्चो! तुम से ही इस युग को बड़ी-बड़ी आशाएँ हैं। तुम्हारा रूप-स्वरूप अत्यन्त सुन्दर और मोहंक है। इसीलिए सभी देशवासियों ने अधिक दुलार किया है, प्यार दिया है। तुम्हें यह याद रखना चाहिए कि तुम्हारीं इस देश के भविष्य के कलाकार-चमत्कार हो। ऐसा इसलिए कि तुमने सारे संसार में अपने श्रेष्ठ गुणों को फैलाया है।

विशेष-

  • बच्चों को महान बनने के लिए प्रेरित किया गया है।
  • भाषा सरल है।

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2.

तुम्हें यशोदा के पलने की,
मुधर थपकियाँ जगा रहीं,
तुम्हें नंद की सकल सुरभियाँ,
वृन्दावन में बुला रहीं।
कौशल्या के मातृमोह के,
बने तुम्ही उच्चारण थे,
तुम वियोगिनी शकुन्तला के,
शीतलता के कारण थे।

शब्दार्थ- यशोदा-माता। सुरभियाँ-गायें। मातृमोह-माता का दुलार।

संदर्भ- पूर्ववत्।

प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने भारतीय बच्चों को बालक श्रीकृष्ण, राम आदि के विविध चरित्रों के रूप में ढालते हुए कहा हैं कि

व्याख्या- हे मेरे देश के प्यारे बच्चो! तुम्हें इस समय माता यशोदा के पलने की मधुर और सुखद थपकियाँ जगा रही हैं। यही नहीं तुम्हें बाबा नंद की गायें वृन्दावन में पुकार रही हैं। तुम्हें यह अच्छी तरह से याद करना चाहिए कि तुम्ही माता कौशल्य के मातृमोह के उच्चारण थे। यही नहीं तुम्हीं वियोग मे पड़ी हुई शकुन्तला को शीतलता पहुँचाने वाले वीर भरत थे।

विशेष-

  • भाषा आकर्षक है।
  • उदाहरण अलंकार है।

3.

गुरु द्रोण की प्रतिमा पूजक,
चक्रव्यूह के विध्वंसक,
तुम प्रताप के ‘अमर’ तेज,
हो पन्ना के इतिहास प्रशंसक॥
तुम बैजू तुम तानसेन हो,
वाल्मीकि तुम तुलसी,
सूर तुम सृष्टि के आदि-रत्न हो,
नहीं क्षितिज से हो तुम दूर॥

शब्दार्थ-प्रतिमा-मूर्ति। विध्वंसक-विध्वंस (विनाश) करने . वाला। सृष्टि-संसार।

संदर्भ- पूर्ववत्। प्रसंग- पूर्ववत्।

व्याख्या- हे मेरे देश के प्यारे बच्चो! तुम्हें यह अपना रूप-स्वरूप ज्ञात होना चाहिए कि तुम्हीं द्रोणाचार्य की मूर्ति का पूजन एकमात्र धनुर्धर एकलव्य बने थे। तुम्हीं ने अभिमन्यु होकर चक्रव्यूह विनष्ट किए थे। तुम्हीं महाराणा प्रताप के ‘अमर’ तेज हो और तुम्हीं पन्ना के इतिहास की प्रशंसा करने वाले हो। यही नहीं तुम्हीं बैजू हो, तानसेन हो, वाल्मीकि, तुलसीदास और सूरदास हो। इसी प्रकार तुम्हीं इस सृष्टि के आदि रत्न हो। इस प्रकार तुम हर प्रकार से क्षितिज से मिले हुए हो।

विशेष-

  • भाषा-शैली रोचक है।
  • उदाहरण अलंकार है।

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4.

विप्लव के हो क्रांति गीत,
तुम आशाओं की आशा हो,
जीवन की चिर-शांति तुम्ही हो,
यौवन की परिभाषा हो।
युग की आशा हो,
कुमार!
तुम युग की आशा हो।

शब्दार्थ- विप्लव-उपद्रव, उथल-पुथल। क्रांति-बदलाव, उलट-फेर।

संदर्भ- पूर्ववत्। प्रसंग- पूर्ववत्।

व्याख्या-हे मेरे देश के प्यारे बच्चों! तुम्हें स्वयं को यह पहचान याद कर लेनी चाहिए कि तुम्हीं विप्लव के क्रांति-गीत हो। तुम्हीं सभी प्रकार की आशाओं को पूरा करने वाले हो। तुम्ही जीवन की चिर-शांति हो और तुम्ही जवानी क्या होती है, इसे स्पष्ट कर देने वाले हो। इस प्रकार तुम्हीं इस युग की आशा हो। तुम्हीं से यह युग आशा लगाए हुए है।

विशेष-

  • भावों में प्रवाह है।
  • यह अंश प्रेरक और भाववर्द्धक रूप में हैं।

प्रश्न अभ्यास

अनुभव विस्तार

प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(क) सही जोड़ी बनाइए
(अ) कौशल्या के मातृमोह के – 1. सुरभियाँ
(ब) शकुंतला की शीतलता के – 2. थपकियाँ
(स) यशोदा के पलने की – 3. उच्चारण
(द) नंद की सकल – 4. कारण
उत्तर-
(अ) – 3
(ब) – 4
(स) – 2
(द) – 1

(ख) सही शब्द चुनकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए(अ) तुम्हें नंद की सकल सुरभियाँ ……………….में बुला रहीं। (मथुरा/वृन्दावन)
(ब) गुरु द्रोण की प्रतिमा पूजक ……………….के विध्वंसक। (चक्रव्यूह/लक्ष्यभेद)
(स) तुम बैजू, तुम तानसेन हो, वाल्मीकि तुम ………………… सूर। – (तुलसी/कबीर)
(द) जीवन की ………………. शांति तुम्ही हो, यौवन की परिभाषा हो। (विचित्र/चिर)
उत्तर-
(अ) वृन्दावन,
(ब) चक्रव्यूह,
(स) तुलसी,
(द) चिर।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
(अ) कवि ने ‘कुमार’ संबोधन किसके लिए किया है?
(ब) ‘कौशल्या के मातृमोह के बने तुम्ही उच्चारणप’ से क्या तात्पर्य है?
(स) गुरु द्रोण की प्रतिमा की पूजा कौन करता था?
(द) ‘चक्रव्यूह के विध्वंसक’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया गया है?
(ई) बालक को ‘भविष्य का कलाकार’ किस पंक्ति में कहा गया है?
उत्तर-
(अ) कवि ने ‘कुमार’ संबोधन भारतीय बच्चों के लिए किया है।
(ब) ‘कौशल्या मातृमोह के बने तुम्ही उच्चारण’ से तात्पर्य है-अद्भुत बाल्य सौन्दर्य।
(स) गुरु द्रोण की प्रतिमा की पूजा एकलव्य करता था।
(द) ‘चक्रव्यूह के विध्वंसक’ संबोधन का प्रयोग वीर अभिमन्यु के लिए किया गया है।
(ई) बालक को भविष्य का कलाकार’ निम्नलिखित पंक्तियों में कहा गया है-‘तुम भावी के कलाकार हो।’

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
(अ) युग की आशा कहकर कवि ने किन-किन आदर्शों की चर्चा की है?
उत्तर-
युग की आशा कहकर कवि ने देशभक्ति, वीरता और अतीत के गौरव जैसे आदर्शों की चर्चा की है।

(ब) राष्ट्र के बच्चों को साहसी बनाने के लिए किन पंक्तियों में प्रेरित किया गया है?
उत्तर-
राष्ट्र के बच्चों को साहसी बनाने के लिए निम्नलिखित पंक्तियों में प्रेरित किया गया है गुरु द्रोण की प्रतिमा पूजक चक्रव्यूह के विध्वंसक तुम प्रताप के ‘अमर’ तेज हो पन्ना के इतिहास प्रशंसक।

(स) क्रांति गीत में कवि किस भाव को व्यक्त करना चाहता है?
उत्तर-
क्रांति गीत में कवि पुरानी मान्यताओं के स्थान पर नयी और स्वस्थ्य मान्यताओं को लाने के भाव को व्यक्त करना चाहता है।

(द) निम्नलिखित पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए
(1) रूप तुम्हारा दिव्य चिरंतन सबने तुमको प्यार किया।
(2) तुम्हें नंद की सकल सुरभियाँ वृन्दावन में बुला रहीं।
उत्तर-
पंक्तियों के भाव
(1) भारतीय बालक के रुप-स्वरूप अत्यन्त आकर्षक हैं। इसलिए वे सबके दुलारे-प्यारे हैं।
(2) भारतीय बालक कृष्णा के समान अत्यंत लोकप्रिय हैं। इसलिए इस युग को उनसे बड़ी-बड़ी आशाएँ हैं।

(ई) कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चहता है?
उत्तर-
विता के माध्यम से कवि भारतीय बच्चों को देश-भक्ति, सच्चरित्रता, अद्भुत वीरता और अद्भुत प्रभावशाली बनने का संदेश देना चाहता है।

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भाषा की बात

प्रश्न 1.
बोलिए और लिखिए।
चिरंतन, थपकियाँ, मातृमोह, विध्वंसक, वाल्मीकि, क्षितिज, चिरशांति, विप्लव।
उत्तर-
चिरंतन, थपकियाँ, मातृमोह, विध्वंसक, वाल्मीकि, क्षितिज, चिरशांति, विप्लव।

प्रश्न 2.
सही वर्तनी वाले शब्दों को कोष्ठक में लिखिए
(क) दीव्य, दिव्य, दिवय ()
(ख) वृन्दावन, व्रन्दावन, वनदावन ()
(ग) विधंवसक, विध्वंसक, वीध्वसंक ()
(घ) कृान्ती, क्रान्ति, कृान्ति। ()
उत्तर-
(क) दिव्य
(ख) वृन्दावन
(ग) विध्वंसक
(घ) क्रांति।

प्रश्न 3.
विलाम शब्दों की सही जोड़ी बनाइए
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Chapter 23 युग की आशा 1
उत्तर-
विलोम शब्द
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Chapter 23 युग की आशा 2

प्रश्न 4.
उदाहरण के अनुसार दिए गए शब्दों में आवट, आहट प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए
उत्तर-
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Chapter 23 युग की आशा 3

MP Board Class 8 Hindi Sugam Bharti Question Answer