MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 9 हमें न बाँघें प्राचीरों में

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MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 9 हमें न बाँघें प्राचीरों में

प्रश्न अभ्यास
अनुभव विस्तार

Mp Board Class 8 Hindi Chapter 9 हमें न बाँघें प्राचीरों में प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
Mp Board Class 8 Hindi Chapter 9 हमें न बाँघें प्राचीरों में
उत्तर
(अ) 2, (ब) 1, (स) 4, (द) 3

(ख) सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. हम पंछी उन्मुक्त …………………. (गगन, चमन)
2. नीड़ ने दो चाहे …………………. का (डाली, टहनी)
3. आश्रय …………………. कर डालो (छिन्न-भिन्न, तहस-नहस)
4. या तो ……………… मिलन बन जाता। (आकाश, क्षितिज)
उत्तर
1. गगन,
2. टहनी,
3. छिन्न-भिन्न,
4. क्षितिज

Class 8 Hindi Chapter 9 Mp Board हमें न बाँघें प्राचीरों में प्रश्न 2.
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ)पिंजरे में बंद होकर पक्षी क्यों नहीं गा पाएँगे?
(ब) पंछी क्या चाहता है?
(स) पंछी का क्या अरमान है?
(द) पंछी स्वप्न में क्या देखता है?
उत्तर
(अ) पिंजरे में बंद होकर पंक्षी नहीं गा पाएँगे; क्योंकि वे स्वतंत्र आसमान में उड़ने वाले जीव हैं।
(ब) पंछी चाहता है कि उसकी उड़ान में कोई बाधा न डाले।
(स) पंछी का अरमान है कि वह नीले आसमान की सीमा पा ले।
(द) पंछी स्वप्न में तरु (पेड़) की फुनगी पर के झूले को देखता है।

भाषा भारती कक्षा 8 Solutions Mp Board  प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न

(अ)
पक्षी को सोने की सलाखों के पिंजरे में किस बात का भय बना रहता है और क्यों?
उत्तर
पक्षी को सोने की सलाखों के पिंजरे में इस बात का भय बना रहता है कि वह अपनी गति उड़ान आदि न भूल जाए। चूंकि पिंजरे का जीवन स्वतंत्र नहीं है। पक्षी को स्वतंत्रता चाहिए, जो उन्हें उन्मुक्त गगन में ही मिल सकता है, पिंजरे में नहीं। पक्षी उन्मुक्त गगन में उड़ान भरकर काफी खुश होंगे। पिंजरे की सुख-सुविधा उन्हें नहीं चाहिए।

(ब)
स्वतंत्र जीवन जीने वाले कैसे होते हैं?
उत्तर
स्वतंत्र जीवन जीने वाले स्वाभिमानी होते हैं। उनके बड़े-बड़े अरमान होते हैं। वे इसके लिए कुछ भी कर गुजरने से नहीं रुकते हैं। वे स्वतंत्र जीवन को ही एकमात्र अपना जीवन-लक्ष्य मानकर इसको दृढ़तापूर्वक सिद्ध करने में कोई कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।

(स)
‘कनक-कटोरी की मैदा’ और ‘कटुक-निबौरी’ में से पक्षी को कौन-सी वस्तु भली लगती है और क्यों? लिखिए।
उत्तर
‘कनक-कटोरी की मैदा’ और ‘कटक-निबौरी’ में से पक्षी को ‘कटुक-निबौरी’ ही वस्तु भली लगती है। यह इसलिए कि इसमें उसकी स्वतंत्रता है, परतंत्रता नहीं।

(द)
पिंजरे की सुविधाएँ पंछी को क्यों पसंद नहीं हैं?
उत्तर
पिंजरे की सविधाएं पंछी को पसंद नहीं हैं। यह इसलिए कि इसमें उसकी स्वतंत्रता नहीं परतंत्रता है। चूंकि वह बहता जल पीने वाला है। खुले आकाश में अपनी उड़ान भरने वाला है। मनपसंद फल खाने वाला है। ये स्वतंत्रता (सुख-सुविधाएँ) उसे पिंजरे में नहीं मिल सकती हैं।

भाषा की बात

Sugam Bharti Class 8 Mp Board  प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों को बोलिए और लिखिए
उन्मुक्त, पिंजरबद्ध, कटुक-निवौरी, श्रृंखला, फुनगी, नीड़, आश्रय, नील-गगन, क्षितिज।
उत्तर
उन्मुक्त, पिंजरबद्ध, कटुक-निबौरी, शृंखला, फुनगी; नीड़ आश्रय, नील-गगन, क्षितिज।

Mp Board Class 8th Hindi Solution हमें न बाँघें प्राचीरों में प्रश्न 2.
निम्नलिखित पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए
(क) पुलकित पंख टूट जाएँगे।
(ख) स्वर्ण-शृंखला के बंधन में, अपनी गति, उड़ान सब भूले।
(ग) नील-गगन से होड़ा-होड़ी।
उत्तर
(क) पुलकित पंख टूट जाएँगे।
इन पंक्तियों में कवि ने यह कहना चाहा है कि परतंत्रता बड़ी कठोर होती है। वह स्वतंत्रता की सरसता के पर को कतर-कतर उसका जीना कठिन कर देती है।

(ख) स्वर्ण-शृंखला के बंधन में अपनी गति उड़ान सब भूले।
इन पंक्तियों में कवि ने यह कहना चाहा है कि परतंत्रता स्वतंत्रता की सभी अच्छाइयों और रूपों को भूल जाने के लिए मजबूर कर देती है। इस तरह परतंत्रता की सुख-सुविधाएँ स्वतंत्रता के महत्त्व को समाप्त नहीं कर सकती हैं।

(ग) इन पंक्तियों में कवि ने यह कहना चाहा है कि स्वतंत्रता बेरोक-टोक होती है। वह बड़े-बड़े अरमानों को पूरा करने के लिए हमेशा कोशिश करती रहती है। इस दिशा में वह किसी से सामना करने से पीछे नहीं हटती है।

Mp Board Class 8 Hindi Book Solution हमें न बाँघें प्राचीरों में प्रश्न 3.
कविता में ‘नील-गगन’ शब्द आया है। इसमें योजक चिह्न (-) का प्रयोग हुआ है।
निम्नलिखित शब्दों को योजक चिह लगाकार लिखिए कनक तीलियों, भूखे प्यासे, कटुक निबौरी, कनक कटोरी, होड़ा होड़ी, भिन्न भिन्न।
उत्तर
कनक-तीलियों, भूखे-प्यासे, कटुक-निबोरी, कनक-कटोरी, होड़ा-होड़ी, भिन्न-भिन्न। विलोम शब्द देश

Mp Board 8th Class Hindi Book Solutions हमें न बाँघें प्राचीरों में प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए
उत्तर
शब्द  विलोम शब्द
आकाश –  धरती
स्वाधीन –
पराधीन
सुबह –
शाम
अमृत – विष

Bhasha Bharti Class 8 Hindi Mp Board हमें न बाँघें प्राचीरों में प्रश्न 5.
नीचे दिए गए शब्दों के लिंग परिवर्तन कीजिए
उत्तर
शब्द लिंग – परिवर्तन
चूहा – चूहिया
बालक –
बालिका
सेवक – सेविका
पापी –
पाप
बंदर –
बंदरिया
घोड़ा –
घोड़ी
लेखक –
लेखिका।

प्रमुख पद्यांशों की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्याएँ

1. हम पंक्षी उन्मुक्त गगन के
पिंजरबद्ध न गा पाएंगे
कनक-तीलियों से टकराकर
पुलकित पंख टूट जाएंगे।
हम बहता जल पीने वाले
मर जाएंगे भूखे-प्यासे’
कहीं भली है कटुक निबोरी
कनक-कटोरी की मैदा से।

अरमान कविता का प्रश्न उत्तर Mp Board शब्दार्थ:
उन्मुक्त-स्वतंत्र। गगन-आसमान । पिंजरबद्ध-पिंजरे में बंद। कनक- तीलियों-सोने की तीलियों। पुलकित-आनंदित। कटुक-तीखा। निबौरी-नीम के फल : कनक-कटोरी-सोने की कटोरी।

संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियां हमारी पाठ्य पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिन्दी सामान्य) भाग-8 के पाठ-9 ‘हमें न बाँधों प्राचीरों में’ से ली गई हैं। इसके रचयिता हैं शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ ।

प्रसंग- इसमें कवि पंछी के मनोभावों को व्यक्त कर रहा है।

हिंदी सुगम भारती आठवीं कक्षा Pdf Mp Board व्याख्या:
स्वतंत्रता सबको प्यारी लगती है। मानव ही नहीं, पशु-पक्षी भी स्वतंत्र वातावरण में रहना चाहते हैं। इन पंक्तियों में पंछियों के मनोभावों को व्यक्त करते हुए कवि कहता है

कि ये स्वतंत्र आसमान में उड़ने वाले जीव हैं। इन्हें पिंजरे में बंद होना कतई अच्छा नहीं लगता। पंछी कहते हैं कि सोने की तीलियों (जिससे पिंजड़ा बना है) से टकराकर उसके पंख टूट जाएंगे। वे उड़ नहीं पाएंगे, क्योंकि पेंजड़े का दायरा काफी छोटा है। उडान भरते हए जब कभी उन्हें प्यास लगती है. वे नदी-तालाबों में से पानी पी लेते हैं। यहां पिंजड़े में वे भखे-प्यासे मः जाएंगे। स्वतंत्र रहते हुए अगर उन्हें नीम के तीखे फल (निया भी मिले तो उन्हें अच्छा लगेगा, किंतु पिंजरे में बंद कर जर कोई उन्हें सोने की कटोरी में स्वादिष्ट भोजन भी ला है । उन्हें वह बिल्कुल रास नहीं आएगा।

Mp Board Class 8 Solutions Hindi हमें न बाँघें प्राचीरों में विशेष:
स्वतंत्रता मनुष्यों और पशु-पक्षियों का समान रूप स प्रिय है। कनक-तीलियों में रूपक अलंकार और पुलकित पंख एवं . कनक-कटोरी में अनुप्रास अलंकार है।

2. स्वर्ण-शृंखला के बंधन में
अपनी गति, उड़ान सब भूले,
बस सपनों में देख रहे हैं,
तरु की फुनगी पर के झूले।
ऐसे थे अरमान कि उड़ते
नीले नम की सीमा पाने,
लाल-किरण-सी चोंच खोल
चुगते तारक अनार के दाने।

8th Class Mp Board Hindi हमें न बाँघें प्राचीरों में शब्दार्थ :
स्वर्ण-शृंखला-सोने की कड़ी। तरु-पेड़। फुनगी-पेड़ की चोटी। अरमान-इच्छा, आकांक्षा । नभ-आकाश, आसमान। चुगते-चुगना।

संदर्भ – पूर्ववत्।

प्रसंग – इसमें कवि पिंजड़े में बंद पंछियों की व्यथा को व्यक्त कर रहा है।

Hindi Sugam Bharti Class 8 Pdf Download Mp Board व्याख्या
पिंजड़े में बंद पंछी काफी दुःखी हैं। उन्हें डर है कि वे अपनी उड़ान न भूल जाएं। उन्हें लगता है कि पेड़ों के ऊपरी सिरे पर झुलने का उनका सपना यूं ही बेकार हो जाएगा। पंछी नीले आसमान की सीमा पाने का अरमान रखते हैं, जहां वे ताड़ों जैसे अनार के दाने चुग सकें। लेकिन पिंजड़े की स्वर्ण शृंखला ने उनकी सारी इच्छाओं पर पानी फेर दिया है। वे परतंत्र हैं। उन्मुक्त होकर उड़ नहीं सकते। शायद इसीलिए वे दुःखी हैं, व्यथित हैं।

विशेष
लाल किरण-सी चोंच में उपमा अलंकार और तारक-अनार में रूपक अलंकार है।

3. होती सीमाहीन क्षितिज से
इन पंखों की होड़ा-होड़ी
या तो क्षितिज मिलन बन जाता
या तनती सांसों की डोरी।
नीड़ न दो, चाहे टहनी का
आश्रय छिन्न-भिन्न कर डालो,
लेकिन पंक्ष दिए हैं तो
आकुल उड़ान में विघ्न न डालो।

Mp Board Class 8 Hindi हमें न बाँघें प्राचीरों में शब्दार्थ: सीमाहीन
जिसकी कोई सीमा न हो। क्षितिज-वह स्थान जहां पृथ्वी एवं आकाश मिलते दिखाई देते हैं। होड़ा-होड़ी-प्रतियोगिता, होड़ । तनती सांसों की डोरी-सांसें टूट जातीं। नीड़-घोंसला। टहनी-पेड़ का तना। आश्रय-रहने का स्थान। छिन्न-भिन्न-नष्ट। आकुल-बेचैन। विघ्न-बाधा।

संदर्भ – पूर्ववत्।

प्रसंग – प्रथम चार पंक्तियों में कवि पंछियों की सुखद कल्पना को व्यक्त कर रहा है अर्थात अगर वे पिंजरे में बंद नहीं होते तो क्या करते। बाद की चार पंक्तियों में कवि उनके द्वारा मानव के किए गए अनुरोध का जिक्र कर रहा है।

Mp Board Hindi Class 8 हमें न बाँघें प्राचीरों में व्याख्या:
उड़ान भरने को व्याकुल पंछी पिंजड़े में पड़े हुए सोचते हैं कि अगर वे स्वतंत्र होते, तो सीमाहीन आसमान में उड़ते रहते। अनंत क्षितिज को छूने के लिए इनमें होड़ लगती जहां या तो क्षितिज से मिलन हो जाता या इनकी सांसें टूट जातीं।
अंत में पंछी हम मानव से अनुरोध करते हैं कि भले ही हम वृक्षों को काटकर उनके आश्रय (घोंसला) को नष्ट कर दें, लेकिन उनकी उड़ान में कोई बाधा न डालें। उनके लिए दो पंख काफी हैं। इन पंखों के सहारे वे खुशी-खुशी अपना जीवन बिता सकते हैं।

Mp Board Class 8 Hindi Solution हमें न बाँघें प्राचीरों में विशेष:
होड़ा-होड़ी, तनती सांसों की डोरी, छिन्न-भिन्न कर डालो, जैसे मुहावरों के प्रयोग से कविता की सुंदरता बढ़ गई