MP Board Class 6th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 5 व्याकरण परिवार

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MP Board Class 6th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 5 व्याकरण परिवार

MP Board Class 6th Hindi Bhasha Bharti Chapter 5 पाठ का अभ्यास

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए

(क) संज्ञानन्द का काम नहीं हो सकता
(i) विशेषण के बिना
(ii) क्रिया विशेषण के बिना
(iii) विस्मयादिबोधक के बिना,
(iv) क्रिया देवी के बिना।
उत्तर
(iv) क्रिया देवी के बिना

(ख) संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द
(i) क्रिया विशेषण
(ii) विशेषण,
(iii) सम्बन्धबोधक
(iv) क्रिया।
उत्तर
(ii) विशेषण।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(क) अपनी भाषा को बिगाड़कर विदेशी भाषा के शब्दों की मिलावट से हम अपनी संस्कृति पर गहरा “…..” कर रहे हैं।
(ख) महान, महानतर और महानतम शब्द ……..” की अवस्थाएँ हैं।
(ग) क्रिया विशेषण की माँ का नाम ………” है।
(घ) संज्ञा या सर्वनाम का वाक्य में अन्य शब्दों से सम्बन्ध बताने वाले शब्द ……….” कहलाते हैं।
उत्तर
(क) आघात
(ख) विशेषण
(ग) क्रिया देवी
(घ) सम्बन्धबोधक।

प्रश्न 3.
एक या दो वाक्यों में उत्तर दीजिए

(क) विशेषण किसे कहते हैं?
उत्तर
संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं।

(ख) सर्वनाम शब्द किन शब्दों के बदले में आते हैं ?
उत्तर
संज्ञा शब्दों के बदले में सर्वनाम शब्द आते हैं।

(ग) समुच्चयबोधक वाक्य में क्या काम करता है?
उत्तर
समुच्चयबोधक वाक्य दो शब्दों या दो या दो से अधिक वाक्यों को जोड़ता है। दो या दो से अधिक वाक्यों को जोड़कर ऐसे उपवाक्यों का निर्माण होता है जो अपना स्वतंत्र अर्थ प्रकट कर सकते हैं।

प्रश्न 4.
(क) तीन से पाँच वाक्यों में उत्तर लिखिए
उत्तर
संज्ञानन्द और क्रिया देवी के तीन बच्चे हैं-एक पुत्र और दो पुत्रियाँ । पुत्र का नाम ‘सर्वनाम’ है। उनकी दो बेटियों के नाम हैं-विशेषण तथा क्रिया-विशेषण। उनके दो नौकर भी हैं जिनके नाम हैं-सम्बन्धबोधक तथा समुच्चयबोधक।

(ख) व्याकरण के परिवार में विशेषण का क्या महत्त्व
उत्तर
व्याकरण के परिवार में विशेषण का बहुत बड़ा महत्त्व है। विशेषण संज्ञा और सर्वनाम की विशेषताओं, उनके गुणों को बताने वाला शब्द है। विशेषण की तीन अवस्थाएँ होती हैं

  • सामान्य अवस्था
  • तुलनात्मक अवस्था
  • उत्तमावस्था। जैसे-विशाल, विशालतर, विशालतम।

(ग) हिन्दी भाषा के जन्म की कहानी लिखिए।
उत्तर
हिन्दी भाषा का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है। संस्कृत भाषा हमारे देश की सबसे प्राचीन भाषा है। हिन्दी भाषा के अतिरिक्त संस्कृत से ही प्राकृत और पाली भाषाओं का जन्म हुआ है। प्राकृत भाषाओं से अपभ्रंश भाषा विकसित हुई है। इसी अपभ्रंश से हिन्दी का धीरे-धीरे विकास हुआ है। हिन्दी भाषा की विशेषता है कि इसमें जो बोला जाता है, वही लिखा जाता है।

(घ) क्रिया-विशेषण और सम्बन्धबोधक में क्या अन्तर
उत्तर
क्रिया-विशेषण-वाक्य की क्रिया की विशेषता बताता है। इसके अतिरिक्त विशेषण और स्वयं अपनी अर्थात् क्रिया-विशेषण की भी विशेषताओं का उल्लेख करती है।
सम्बन्धबोधक-किसी संज्ञा या सर्वनाम के पहले प्रयुक्त संज्ञा अथवा सर्वनाम के साथ उनके परस्पर सम्बन्ध को स्पष्ट करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 5.
सोचिए और बताइए

(क) क्रिया-विशेषण, विशेषण से किस प्रकार भिन्न
उत्तर
क्रिया-विशेषण द्वारा किसी वाक्य की क्रिया, उसमें प्रयुक्त विशेषण अथवा दूसरी क्रिया-विशेषण की विशेषता बताई जाती है। जबकि विशेषण अपने वाक्य में प्रयुक्त किसी संज्ञा या सर्वनाम की ही विशेषता स्पष्ट करता है। यही दोनों में अन्तर है।

(ख) संकट के समय यदि आपके मित्र साथ छोड़ दें तो आप क्या करेंगे?
उत्तर
संकट के समय यदि हमारा मित्र अचानक साथ छोड़ देता है, तो हमें अचम्भा या विस्मय होता है। लेकिन हम प्रयास करेंगे कि उस मित्र की सहायता या सहयोग हमको मिले। यदि किसी कारण वैसा नहीं होता है तो हमें स्वयं संकट का मुकाबला करने को तैयार रहना चाहिए। साहसपूर्वक आने वाले संकट की घड़ी में धैर्यपूर्वक अपने कर्त्तव्य का पालन करते रहना चाहिए।

(ग) विस्मयादिबोधक शब्दों से हम अपने मन के किन-किन भावों को प्रकट करते हैं ?
उत्तर
विस्मयादिबोधक शब्द हमारे मन के भय, आक्रोश, कष्ट, खुशी, प्रशंसा, अचम्भा आदि भावों को प्रकट करता है।

प्रश्न 6.
अनुमान और कल्पना के आधार पर उत्तर दीजिए

(क) क्या आप समुच्चयबोधक शब्दों के अभाव में अपनी बात पूरी कर सकते हैं ?
उत्तर
हम समुच्चयबोधक शब्दों के अभाव में अपनी बात पूरी कर तो सकते हैं परन्तु अनावश्यक रूप से शब्दों की आवृत्ति बढ़ने से वाक्य की संरचना का रूप बिगड़ जाएगा।

(ख) यदि भाषा में क्रिया का प्रयोग न किया जाए तो क्या होगा?
उत्तर
भाषा में क्रिया के प्रयोग के बिना बात का उद्देश्य पता नहीं चलेगा। अर्थ समझ में नहीं आने पर भाषा का मूल उद्देश्य ही समाप्त हो जाएगा।

(ग) यदि व्याकरण में सर्वनामों का प्रयोग न होता तो भाषा पर क्या प्रभाव पड़ता?
उत्तर
सर्वनामों के प्रयोग के बिना भाषा की सुन्दरता समाप्त ही हो जाती और संज्ञाओं के प्रयोग बार-बार करने पड़ते जिससे भाषा को बोलने, पढ़ने अथवा लिखने के प्रति अरुचि बनी रहती।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
1. निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(1) सन्नाटा पसरना
(2) गप्पें लड़ाना
(3) आदत में शुमार होना,
(4) हाथ बंटाना।
उत्तर

  1. सन्नाटा पसरना-हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के क्रिकेटरों के बीच मैच होने के कारण लोग घरों से नहीं निकले। अत: सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।
  2. गप्पें लड़ाना-पुस्तकालय में बैठे छात्र/छात्राएँ आपस में गप्पें लड़ाते रहते हैं।
  3. आदत में शुमार होना-बात-बात में झूठ बोलना तुम्हारी आदत में शुमार है।
  4. हाथ बँटाना-घर के सदस्य घरेलू कामकाज में हाथ बँटाते ही हैं।

प्रश्न 2.
नीचे लिखे शब्दों के विलोम शब्द उनके नीचे लिखे शब्दों से चुनकर लिखिए
उत्तर
शब्द – विलोम
(i) सुत – (क) असत्य
(ii) मित्र – (ख) सरस
(iii) प्रशंसा – (ग) विषाद
(iv) हर्ष – (घ) सुता
(v) नीरस – (ड.) निराशा
(vi) सत्य – (च) शत्रु
(vii) आशा – (छ) निन्दा
उत्तर
(i) – (घ),(ii) – (च),(iii) – (छ),(iv) – (ग), (v) – (ख), (vi) – (क), (vii) – (ङ)

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के तीन-तीन पर्यायवाची शब्द लिखिए
(1) घर, (2) पुत्र, (3) पुत्री, (4) हाथ, (5) मित्र।
उत्तर
(1) घर=गृह, सदन, भवन।
(2) पुत्र = बेटा, सुत, तनय।
(3) पुत्री = सुता, बेटी, तनया।
(4) हाथ = कर, हस्त, बाहु।
(5) मित्र = सृहद, सखा, साथी।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित कथन किसके हैं, उनके विषय में एक-एक वाक्य लिखिए

(1) “मैं सर्वनाम की बड़ी बहन हूँ।”
उत्तर
सर्वनाम की बड़ी बहन विशेषण है। यह कथन विशेषण का है। विशेषण का काम है किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता या उनके गुण बताना।

(2) “मैं अपनी माँ को बहुत चाहती हूँ।”
उत्तर
यह कथन है क्रिया-विशेषण का जो क्रिया देवी की दूसरी पुत्री है। क्रिया-विशेषण क्रिया की विशेषता बताती है। यह विशेषण और स्वयं अपनी (क्रिया विशेषण की) विशेषता बतलाती है।

(3) “बच्चा हमारे घर जन्मे और उसका नामकरण पड़ौसी करें।”
उत्तर
यह वाक्य ‘संज्ञानन्द’ का है। इस के विषय में संज्ञानन्द का कहना है कि हिन्दी (हिन्दू, हिन्दुस्तान) शब्द संस्कृत का नहीं है। यह फारसी का है। फारसी बोलने वाले सिन्धु को हिन्दू बोलते थे। इसलिए इस देश की भाषा को हिन्दी कहकर पहचान दी गई है।

(4) “मैं परिवार में सबसे बड़ा हूँन ! घर का सारा काम मुझे ही करना पड़ता है।”
उत्तर
उपर्युक्त कथन सर्वनाम का है। सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा के बदले करते हैं।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक-एक शब्द लिखिए
(क) वह क्रिया, जिसका कोई कर्म न हो।
(ख) वह क्रिया जिसके साथ कर्म होता है।
(ग) वे शब्द जिनके रूप लिंग, वचन या कारक के अनुसार बदल जाते हैं।
(घ) वे शब्द जिनके रूप सदैव एक जैसे रहते हैं।
(ङ) कार्य की समाप्ति का बोध कराने वाला काल।
उत्तर
(क) अकर्मक
(ख) सकर्मक
(ग) विकारी
(घ) अविकारी
(ङ) भूतकाल।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यों में से संज्ञा एवं उसके भेदों के नाम छाँटकर लिखिए
(क) सभी प्राणियों में वाणी का वरदान मात्र मानव को मिला है।
(ख) मानव अपने सत्कर्मों से स्वर्ग को भी पृथ्वी पर उतार सकता है।
(ग) सबके साथ प्रेम का व्यवहार करो।
(घ) गोपाल कृष्ण गोखले बचपन से तेज बुद्धि के थे।
(ङ) सब के जीवन में बुढ़ापा आता ही है।
(च) गंगा हिमालय से निकलती है।
(छ) लड़के खेल रहे हैं।
(ज) वह पुस्तक पुरानी है।
उत्तर-
(क)

  1. प्राणियों-जातिवाचक संज्ञा,
  2. वाणी- जातिवाचक संज्ञा,
  3. वरदान-भाववाचक संज्ञा,
  4. मानव-जातिवाचक संज्ञा।

(ख)

  1. मानव-जातिवाचक संज्ञा
  2. सत्कर्मों-भाव वाचक संज्ञा।
  3. स्वर्ग-भाववाचक संज्ञा,
  4. पृथ्वीजातिवाचक संज्ञा।

(ग)

  1. प्रेम-भाववाचक संज्ञा
  2. व्यवहार-भाववाचक संज्ञा।

(घ)

  1. गोपाल कृष्ण गोखले-व्यक्तिवाचक संज्ञा,
  2. बचपन-भाववाचक संज्ञा
  3. बुद्धि-भाववाचक संज्ञा।

(छ)

  1. जीवन-भाववाचक संज्ञा
  2. बुढ़ापाभाववाचक संज्ञा

(च)

  1. गंगा-व्यक्तिवाचक संज्ञा
  2. हिमालय- व्यक्तिवाचक संज्ञा।

(छ)

  1. लड़के-जातिवाचक संज्ञा।

(ज)

  1. पुस्तक-जातिवाचक संज्ञा।

व्याकरण परिवार परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या

(1) टेलीविजन पर कार्यक्रम क्यों देख रहे हैं आप? जानते नहीं, टेलीविजन जिस भाषा का प्रयोग कर रहा है, उससे हम अपनी परम्पराओं को भूलते जा रहे हैं। अपनी भाषा को बिगाड़कर विदेशी भाषा के शब्दों की मिलावट से हम अपनी संस्कृति पर गहरा आघात कर रहे हैं।

सन्दर्भ-यह गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘भाषा-भारती’ के पाठ’व्याकरण परिवार से लिया गया है। इसके लेखक-डॉ. प्रेम भारती हैं।

प्रसंग-इस गद्यांश में अपनी भाषा के प्रयोग करने के लिए सलाह दी गई है।

व्याख्या-लेखक ने क्रियादेवी नामक पात्र द्वारा संज्ञानन्द नामक अपने पति से पूछा है कि वे टेलीविजन पर किसी भी कार्यक्रम को क्यों देख रहे हैं। टेलीविजन पर विदेशी भाषा में किसी भी कार्यक्रम को दिखाया जा रहा है। इस भाषा के प्रयोग के कारण हमने अपने रीति-रिवाजों को भुला दिया है। इस विदेशी भाषा के शब्दों ने अपनी भाषा में मिलकर बड़ा बिगाड़ पैदा किया है। इस तरह इन शब्दों की मिलावट ने हमारी सभ्यता और हमारे आचरण को गहरी चोट पहुँचाई है। हमारे व्यक्तित्व, जाति एवं राष्ट्र सम्बन्धी आचरण और विचारों तक को प्रभावित किया है जिससे हमारी राष्ट्रीय सोच और बौद्धिक विकास में बाधा पड़ी है।

(2) संस्कृत भाषा इस देश की सबसे प्राचीन भाषा है, जिसका व्यवहार ऋषि-मुनि, विद्वान, कवि सभी करते रहे हैं। इसे देवभाषा भी कहा जाता है। उसकी सन्तानें प्राकृत भाषा एवं पाली भाषा के रूप में प्राप्त होती हैं। प्राकृत भाषाओं से ही अपभ्रंश भाषा का जन्म हुआ है।

संदर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-लेखक ने संस्कृत की प्राचीनता बताई है और उससे जन्म लेने वाली भाषाओं का उल्लेख किया है।

व्याख्या-लेखक स्पष्ट करता है कि संसार की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत है। इस भाषा का प्रयोग ऋषियों, मुनियों,विद्वानों और कवियों ने किया है। इसी भाषा को देवताओं की भाषा भी कहा जाता है। प्राचीन काल के भारतीय समाज के लोगों का आचरण देवताओं के समान था। संस्कृत भाषा की दो

प्रमुख सन्तानें-प्राकृत भाषा और पाली हैं। प्राकृत भाषाओं से ही अपभ्रंश भाषा विकसित हुई है। अर्थात् इन सभी भाषाओं की जननी संस्कृत ही है।