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MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 1 मेरा देश महान् बने
प्रश्न-अभ्यास
अनुभव विस्तार
Class 8 Hindi Chapter 1 Mera Desh Mahan Bane 1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(क) सही जोड़ी बनाइए
(अ) मेरा देश – 1. उठान हो
(ब) एक हिमालय-सी – 2. महान् बने
(स) सिंहों से – 3. दुश्मन को
(द) वज्र बने – 4. लड़ने वाले हों
उत्तर-
(अ) 2
(ब) 1
(स) 4
(द) 3
(ख) दिए गए विकल्पों से रिक्त स्थान को पूर्ति कीजिए
(अ) एक ध्येय हो, एक, श्रेय हो एक समान ………………………… बने। (महान्, विधान)
(ब) सिंहों से लड़ने वाले हों, अवसर पर ………………………… वाले हों। (अड़ने, उड़ने)
(स) तन में, मन में यही ………………………… भारत महिमावान बने। (ध्यान, ज्ञान)
(द) मरण एक हो ………………………… एक हो, जीवन एक समान बने। (चरण, वरण)
उत्तर-
(अ) विधान,
(ब) अड़ने,
(स) ध्यान,
(द) वरण।
Mp Board Class 8 Hindi Book Solution प्रश्न 2.
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
(अ)देशवासियों का केवल एक ध्येय क्या होना चाहिए?
(ब) देशवासियों को सदैव किस बात का ध्यान रखना चाहिए?
(स) कवि के अनुसार जीवन कैसा होना चाहिए?
(द) दुश्मन के सामने हमें क्या बन जाना चाहिए?
उत्तर-
(अ) देशवासियों का केवल एक ध्येय यही होना चाहिए कि मेरा देश महान बने।
(ब) देशवासियों को सदैव अपनी गुरुता का ध्यान रखना चाहिए।
(स) कवि के अनुसार जीवन केवल देश-हित के लिए ही होना चाहिए।
(द) दुश्मन के सामने हमें वज्र बन जाना चाहिए।
Mp Board Class 8th Hindi Solution प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न(अ)कवि युवकों को कैसा बनने की प्रेरणा देता है?
(ब) हँसते-हँसते मौत मसलकर आसमान चढ़ने वाले हों से कवि का क्या आशय है?
(स) कवि को देशवासियों से क्या अपेक्षाएँ हैं?
(द) देश की एकता और अखंडता के लिए कवि ने कौन-कौन से सूत्र दिए हैं?
उत्तर-
(अ) कवि युवकों को अपने देश-हित के लिए अपने जीवन को मरण-वरण एक समान बनाने की प्रेरणा देता है।
(ब) ‘हँसते-हँसते मौत मसलकर आसमान चढ़ने वाले हों’ से कवि का आशय यह है कि सच्चे देश-प्रेमी अपने देश के लिए मौत की भी परवाह न करते हुए अपनी देश-भक्ति पर कभी आँच नहीं आने देते हैं।
(स) कवि को अपने देशवासियों से बड़ी-बड़ी अपेक्षाएँ हैं, उसे अपने देशवासियों से अपेक्षाएँ हैं कि वे अपने देश के लिए अपनी गुरुता का ध्यान रखते हुए अपने जीवन को मरण-वरण समान बनाए रहेंगे। वे हँसते-हँसते मौत का सामना करते हुए अपने शत्रुओं के सामने वज्र बन जाएँगे। इस तरह वे अपने देश को महान् बनाने के लिए अपना सब कुछ त्याग-बलिदान कर देंगे।
(द) देश की एकता और अखंडता के लिए कवि ने निम्नलिखित सूत्र दिए हैं-
- सभी देशवासियों का केवल यही ध्येय होना चाहिए कि हमारा देश महान् बने।
- सब में परस्पर मंगल की भावना होनी चाहिए।
- पूरे देश का शासन-विधान एक ही होना चाहिए।
Mp Board Class 8 Hindi प्रश्न 4.
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए(अ)मरण एक हो, वरण एक हो, जीवन एक समान बने। (ब) सिंहों से लड़ने वाले हों, अवसर पर अड़ने वाले हों!
उत्तर-
(अ) उपर्युक्त काव्य-पंक्ति का आशय यह है कि सच्चे देश-भक्त अपने देश के हित के लिए अपने जीवन का मरण-वरण एक समान बना देते हैं। दूसरे शब्दों वे अपने जीवन को केवल अपने देश को महान् बनाने के लिए जीते हैं।
(ब) उपर्युक्त काव्य-पंक्ति का यह आशय है कि सच्चे देश-भक्त बड़े ही अद्भुत होते हैं। वे अपने देश के लिए अपनी अपार वीरता का परिचय देते हैं। वे अपने दृढ़ संकल्पों के साथ आगे बढ़ते ही जाते हैं।
भाषा की बात
Mp Board Class 8 Hindi Chapter 1 प्रश्न 1.
बोलिए और लिखिए(अ)ध्येय, वज्र, दुश्मन, मुस्कान, प्रिय
उत्तर-
(अ) ध्येय, वज्र, दुश्मन, मुस्कान, प्रिय।
(ब) अधोलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
गुरुता, सदुद्देश्य, जीवन, विधान, महिमावान्।
उत्तर-
शब्द – वाक्य
गुरुता – हमें अपनी गुरुता का ध्यान रखना चाहिए।
सदुद्देश्यः – सदुद्देश्य से ही सफलता मिलती है।
जीवन – हमें सादा जीवन जीना चाहिए।
विधान – महान् देश का विधान एक समान होता
महिमावान् हम भारतीयों का यही ध्यान रहना चाहिए कि हमारा भारत देश महिमावान बना रहे।
Mp Board Solution Class 8 Hindi प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में से शुद्ध शब्द छाँटकर दिए गए स्थान में लिखिए।
(अ) वजर, वर्ज, वज, वज्र …………………………
(ब) अध्येय, ध्यय, धेयय, धयये …………………………
(स) हीमालय, हिमालय, हेमालय, हमालय …………………………
(द) गुरूता, गुरूरता, गूरूता, गुरुता …………………………
उत्तर-
(अ) वज्र,
(ब) ध्येय,
(स) हिमालय,
(द) गुरुता।
Class 8 Hindi Chapter 1 Mp Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में से फूल एवं आसमान के पर्यायवाची शब्द छाँटकर लिखिए-
कुसुम, आकाश, नभ, गगन, पुष्प, सुमन, प्रसून, अम्बर
उत्तर-
फूल-कुसुम, पुष्प, सुमन, प्रसून।
आसमान-आकाश, नभ, गगन।
ध्यान दीजिए
Mp Board 8th Class Hindi Book Solutions प्रश्न 1.
एक देश हो, एक वेश हो, प्राणवान हो, सदुद्देश्य हो, तन में, मन में यही ध्यान हो, भारत महिमावान् बने।
मूलशब्द + प्रत्यय – नवीन शब्द
प्राण + वान – प्राणवान्
महिमा + वान – महिमावान्
इन पंक्तियों में आए प्राणवान एवं महिमावान् शब्द प्राण एवं महिमा में वान् प्रत्यय को जोड़कर बने हैं जो नवीन अर्थ प्रदान करते हैं।
Sugam Bharti Class 8 Chapter 1 प्रश्न 2.
निम्नांकित शब्दों में ‘वान’ प्रत्यय जोड़कर चार शब्द बनाइए
शब्द
1. गाड़ी + …………………………….
2. धन + …………………………….
3. कोच + …………………………….
4. बल + …………………………….
उत्तर-
1. गाड़ीवान,
2. धनवान,
3. कोचवान,
4. बलवान।
भाषा भारती कक्षा 8 Solutions प्रश्न 3.
उदाहरण के अनुसार विपरीतर्थी शब्द लिखिए
उत्तर-
शब्द – विपरीतार्थी शब्द
समान – असमान
स्वदेश – विदेश
नूतन – पुरातन
सजीव – निर्जीव
फूल – काँटा
दुश्मन – दोस्त
हँसना – रोना।
पद्यांशों की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्याएँ
1. एक ध्येय हो, एक श्रेय हो, एक समान विधान बने
मेरा देश महान् बने। शब्दार्थ-ध्येय-उद्देश्य, लक्ष्य। श्रेय-कल्याण। विधान-कानून।
संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियां हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-8 के पाठ-1 ‘मेरा देश महान् बने’ कविता से ली गई हैं। इसके रचयिता श्री उदयशंकर भट्ट हैं।
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने अपने देश को महान् बनने के भाव को व्यक्त किया है।
व्याख्या-हमारा देश महान् तभी बन सकता है-जब सभी देशवासियों का यही एकमात्र उद्देश्य हो। इसी मंगलभावना से सब काम करें। इसके लिए सारा शासन-विधान बनकर लागू हो।
विशेष-
- भारत देश को महान बनाने के उपाय बताए गए हैं।
2. एक देश हो, एक वेश हो,
प्राणवान हो, सदुद्देश्य हो,
एक ध्यान हो निज गुरूता का
एक हिमालय सी उठान हो,
मरण एक हो, वरण एक हो,
जीवन एक समान बने।
मेरा देश महान् बने।
शब्दार्थ-वेश-स्वरूप। प्राणवान-सजीव। उठान-उमंग।
संदर्भ-पूर्ववत्
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने जीवन को मरण-वरण एक समान बनाकर अपने देश को महान् बनाने की प्रेरणा देते हुए कहा है कि-
व्याख्या-हमारा देश अलग-अलग भागों में बँटा हुआ न होकर एक हो। उसका स्वरूप एक हो। वह सजीव और शक्तिशाली हो। उसका सदुद्देश्य हो। उसमें अपने बड़प्पन का ध्यान हो। उसमें हिमालय पर्वत के समान ऊँचा उठने की उमंग हो। उसका जीवन एक समान मरण-वरण का जीवन बना रहे। इस प्रकार मेरा देश महान् बने।
विशेष-
- भारत देश की एकता की विशेपता बताई गई है।
- भारत देश को महान् बनाने के लिए सुझाव दिए गए हैं।
3. सिहों से लड़ने वाले हों,
अवसर पर अड़ने वाले हों,
हँसते-हँसते मौत मसल कर,
आसमान चढ़ने वाले हों
वन बने दुश्मन को प्रिय को फूलों की मुस्कान बने।
मेरा देश महान् बने।
शब्दार्थ-अवसर-मौका। वज्र-कठोर।
संदर्भ-पूर्ववत्।
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने अपने देश को महान बनाने के लिए देशवासियों को अपनी अद्भुत वीरता का परिचय देने की सीख देते हुए कहा है कि-
व्याख्या-अपने देश को महान् बनाने के लिए देशवासियों को चाहिए कि वे सिंहों से लड़ने वाले हों, वे आवश्यकतानुसार अपने संकल्प को पूरा करने के लिए अड़ने वाले हों, वे खुशी-खुशी मौत को मात देकर अपने आसमानी उत्साह से आगे बढ़ने वाले हों। इस प्रकार वे अपने शत्रुओं के लिए वज्र बनकर अपने प्रिय देश के लिए फूलों की तरह मुस्कराते रहें। ऐसे ही अद्भुत वीरों से मेरा देश महान् बने।
विशेष-
- भारत देश को महान् बनाने के लिए आवश्यक वातां को बतलाया गया है।
4. उठें, देश के लिए उठें हम,
जिएँ, देश के लिए जिएँ हम,
गलें, देश के लिए गलें हम,
मरें, देश के लिए मरें हम,
तन में, मन में यही ध्यान हो,
भारत महिमावान् बने।
मेरा देश महान् बने।
शब्दार्थ-गलें-मिटें। तन-शरीर।
संदर्भ-पूर्ववत्।
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने अपने देश को महान् बनाने के लिए देशवासियों को अपना सब-कुछ त्याग-बलिदान करने की सीख देते हुए कहा है कि-
व्याख्या-हम जिएँ तो केवल अपने देश-हित के लिए ही जिएँ। हम गलें तो केवल अपने देश-हित के लिए ही गल। हम मरें तो केवल अपने देश-हित के लिए मरें। हमारे तन-मन में इस प्रकार का ध्यान हमेशा बना रहे कि किसी कीमत पर हमारा देश भारत महिमावान् बना रहे। इस प्रकार हमारा देश महान् बने।
विशेष-
- भारत देश को महान् बनाने के लिए सच्ची देश-भक्ति को आवश्यक बताया गया है।
- भाषा सरल है।