MP Board Class 8 Hindi Sugam Bharti Chapter 20 Boond Boond Se Hi ghada Bharta hai Question and Answer

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Class 8 Hindi Sugam Bharti Chapter 20 Boond Boond Se Hi ghada Bharta hai Question Answer MP Board

Hindi Sugam Bharti 8 Solutions Chapter 20 Boond Boond Se Hi ghada Bharta hai Question Answers MP Board

सुगम भारती कक्षा 8 पाठ 20 बूँद-बूँद से ही घड़ा भरता है प्रश्न उत्तर

प्रश्न अभ्यास
अनुभव विस्तार

प्रश्न 1.
MP Board Class 8th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 20 बूँद-बूँद से ही घड़ा भरता है 1
उत्तर
(अ) 3, (ब) 1, (स) 4, (द) 2

(ख) दिए गए शब्दों से सही शब्द चुनकर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए

(अ) हम अपनी बचत की आदत से ……………….रूप से राष्ट्र की सेवा भी करते हैं। (प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष)
(ब) बदलते परिवेश में ……………….के ज्ञान से यौद्धिक विकास होगा। (कम्प्यूटर सिनेमा)
(स) न अधिक रुपया ….में रहेगा और न हो बर्थ की चीजें लेने को जी ललचाएगा।(हाथ/साय)
(द) छोटी-छोटी से बचत निजी बड़ी आवश्यकताओं की पूर्ति में …………….. होती है। (बाधक/सहायक)
उत्तर
(अ) अप्रत्यक्ष
(ब) कम्प्यूटर
(स) हाथ
(द) सहायक।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
(अ) पवित्रा ने रुपये किस प्रकार एकत्रित किए?
(ब) पवित्रा ने किन रुपयों से कम्प्यूटर खरीदा?
(स) कम्प्यूटर से क्या लाभ हैं?
(द) पुनीत कहाँ रहता था?
उत्तर
(अ) पवित्रा ने थोड़े-थोड़े रुपये एकत्रित किए।
(ब) पवित्रा ने अपव्यय से बचाकर प्रतिमाह कुछ रुपये बचाकर कम्प्यूटर खरीदा।
(स) कम्प्यूटर से आज के तीव्रगामी परिवेश में बौद्धिक क्षमता का विकास होगा, वहीं रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
(द) पुनीत विवेकानंद विद्याभवन, तात्याटोपे नगर, भोपाल (म. प्र.) 462001 में रहता था।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

(अ)
माँ ने पत्र में पुनीत को क्या सलाह दी?
उत्तर
माँ ने पत्र में पुनीत को बचत-खाते में पैसे जमा करने की सलाह दी।

(ब)
हम अपने बचत के पैसे कहाँ-कहाँ जमा करा सकते हैं?
उत्तर
हम अपने बचत के पैसे डाकघर के बचत खाते में जमा करा सकते हैं।

(स)
बचत की राशि से किस प्रकार राष्ट्र-सेवा होती है?
उत्तर
बचत की राशि से विभिन्न सार्वजनिक-हित के कार्यों को सहयोग देने से राष्ट्र की सेवा होती है।

(द)
सोच-समझकर पेसा खर्च करने से क्या-क्या लाभ हैं?
उत्तर
सोच-समझकर पैसा खर्च करने से धन का संग्रह होता है। इससे निजी बड़ी आवश्यकता की पूर्ति में सहायता पहुँच है।

(ई)
इस पत्र में निहित शिक्षा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
इस पत्र में निहित शिक्षा यह है कि जीवन में मितव्ययता का बहुत बड़ा महत्त्व है। अपव्यय से अनेक हानियाँ होती हैं। छोटी-छोटी-सी बचत से हमारी बहुत बड़ी आवश्यकता की पूर्ति होती है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
बोतिए और लिखिएश्रेय, व्यवस्था, मितव्ययता, राष्ट्र।
उत्तर
श्रेय, व्यवस्था, मितव्ययता, राष्ट्र। प्रश्न

प्रश्न 2.
शुद्ध वर्तनी बाले शब्द पर गोता लगाइए
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उत्तर
स्थिति, प्रसन्नता, व्यावहारिक, अप्रत्यक्ष।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित मुहावरों एवं लोकोक्तियों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
एक पंथ दो काज, जिसकी लाठी उसकी भैंस, जी ललचाना, आगा-पीछा सोचना, बूंद-बूंद से घड़ा भरना।
उत्तर
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प्रश्न 4.
प्रत्यक्ष शब्द में ‘अ’ उपसर्ग लगाने से उसका विलोम शब्द ‘अप्रत्यक्ष’ बनता है। इसी प्रकार निम्नलिखित
शब्दों में ‘अ’ लगाकर विलोम शब्द बनाइए
ज्ञान, संभव, हित, व्यवस्था, व्यावहारिक।
उत्तर
शब्द – विलोम शब्द
ज्ञान – अज्ञान
संभव – असंभव
हित – अहित
व्यवस्था – अव्यवस्था
व्यावहारिक – अव्यावहारिक

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 प्रश्न 5.
उदाहरण के अनुसार सन्धि विच्छेद किजिए

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उत्तर
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गयांश की संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

1. तुम्हें आश्चर्य होगा कि तुम्हारे द्वारा की गई छोटी-छोटी-सी बचत जहाँ तुम्हारी निजी बड़ी आवश्यकता पूर्ति में सहायक होती है, वहीं व्यापक रूप में राष्ट्रीय बचत तथा राष्ट्र के विकास का अंग बनती है। जानते हो, इस बचत राशि का उपयोग विभिन्न सार्वजनिक-हित के कार्यों में होता है। अतः हम अपनी बचत करने की एक छोटी-सी अच्छी आदत से अप्रत्यक्ष रूप में राष्ट्र की सेवा भी करते हैं।

शब्दार्थ- निजी-अपनी।

ब्यापक – बड़े रूप में। अप्रत्यक्ष-परोक्ष, जो दिखाई न दे।

संदर्भ – प्रस्तुत पक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘सुगम भारती (हिंदी सामान्य) भाग-8 के पाठ 20 ‘बूंद-बूंद से ही घड़ा भरता है’ से ली गई हैं।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने छोटी-छोटी-सी बचत के महत्त्व को बतलाते हुए कहा है कि

व्याख्य
पवित्रा देवी ने पत्र के माध्यम से अपने बेटे पुनीत को समझाते हुए कहा कि उसके द्वारा जो कुछ भी छोटी-छोटी-सी बचत भी उसकी अपनी एक बड़ी आवश्यकता को पूरा करने में अधिक सहायक होती है। इसके साथ-ही-साथ इससे पूरे राष्ट्र की भी बचत होती है। यही नहीं इससे राष्ट्र के विकास का अंग बनती है। इससे सार्वजनिक हित से संबंधित कामों में गति भी होती है। इसलिए हमें छोटी-सी-छोटी बचत करनी चाहिए। इस अच्छी आदत से परोक्ष रूप में राष्ट्र की सेवा भी हो जाती है।

विशेष

  • भाषा सरल है।
  • छोटी-सी-छोटी बचत की सीख दी गई है।

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