In this article, we will share MP Board Class 6th Hindi Solutions Chapter 20 रुपये की आत्मकथा PDF download, Class 6 Hindi Bhasha Bharti Chapter 20, these solutions are solved subject experts from the latest edition books.
Class 6th Hindi Bhasha Bharti Chapter 20 Rupay ki Atmakatha Question Answer Solutions
MP Board Class 6th Hindi Chapter 20 Rupay ki Atmakatha Questions and Answers
प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए
(क) वैदिक युग में रुपये का नाम था
(i) रुफियाह
(ii) रुपी,
(iii) रुष्यकम्
(iv) रुपाई।
उत्तर
(iii) रुष्यकम्
(ख) सन् 1957 के पूर्व रुपये में होते थे
(1) 1000 पैसे
(ii) 64 पैसे
(iii) 50 पैसे
(iv) 25 पैसे
उत्तर
(ii) 64 पैसे
(ग) रुपये के नए अंतर्राष्ट्रीय प्रतीक की लिपि है
(i) द्रविड़
(ii) ब्राह्मी
(iii) देवनागरी
(iv) गुरुमुखी
उत्तर
(iii) देवनागरी।
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) रुपया शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ………………. ने किया।
(ख) रुपये का दशमलवीकरण सन् ………………….. में किया गया।
उत्तर
(क) शेरशाह सूरी
(ख) 1957 ई.।
प्रश्न 3.
एक या दो वाक्यों में उत्तर लिखिए
(क) शेरशाह सूरी के कार्यकाल में रुपये का वजन कितना था?
उत्तर
शेरशाह सूरी के कार्यकाल में रुपया चाँदी के सिक्के के रूप में था जिसका वजन 178 ग्रेन था जो लगभग 11.5 ग्राम के बराबर था।
(ख) रुपए को कागज के एक ओर किस बैंक ने मुद्रित किया था ?
उत्तर
रुपए को कागज के एक ओर बैंक ऑफ बंगाल ने मुद्रित किया था।
(ग) प्राचीन समय में सोने और तांबे के सिक्के किस नाम से जाने जाते थे?
उत्तर
प्राचीन समय में सोने और तांबे के सिक्कों को भी – “रुप्यकम्’ के नाम से जाना जाता था।
(घ) रुपए के नए अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप की डिजाइन किसने की?
उत्तर
रुपए के नए अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप (र) की डिजाइन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के प्राध्यापक श्री उदय कुमार ने की।
प्रश्न 4.
तीन से पाँच वाक्यों में उत्तर दीजिए
(क) हिन्दी के अतिरिक्त अन्य भारतीय भाषाओं में रुपए को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर
हिन्दी के अतिरिक्त अन्य भारतीय भाषाओं में ‘रुपया’ शब्द का नाम भी उस नाम की समानता लिए हुए नाम से ही जाना जाता है। जैसे-गुजरात में रुपियो’, कन्नड़ में रुपाई’, मलयालम में ‘रुपा’, मराठी में ‘रुपए’ नाम से जाना जाता है। इन सब भाषाओं में थोड़े परिवर्तन से रुपए का स्वरूप एक ही है।
(ख) दशमलवीकरण के पूर्व रुपए को किस प्रकार विभाजित किया जाता था?
उत्तर
दशमलवीकरण से पूर्व रुपए को आने, पैसे और पाई में बाँटा गया था। उस समय (अर्थात् 1957 से पूर्व) तीन पाई का एक पैसा होता था। चार पैसे का एक आना और सोलह आने का एक रुपया होता था।
(ग) वर्तमान में किन-किन देशों की मुद्राओं के लिए अन्तर्राष्ट्रीय प्रतीक प्रयोग में लाए जाते हैं ?
उत्तर
अन्य देशों की मुद्राओं के अन्तर्राष्ट्रीय प्रतीक निम्न प्रकार से प्रयोग में लाए जाते हैं
प्रश्न 5.
सोचिए और बताइए
(क) जब रुपया प्रचलन में नहीं था, तब बाजार में लेन-देन कैसे होता होगा?
उत्तर
रुपये के प्रचलन में न होने पर, बाजार में लेन-देन वस्तु के बदले वस्तु द्वारा होता था।
(ख) रुपये को कागज पर मुद्रित करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर
मुद्रा का भार नहीं होता है। अत: लाने और ले जाने में आसानी और सरलता होती है। चोरी और लूट का अंदेशा कम हो गया है। मुद्रा के नष्ट होने पर शीघ्र ही छपाई होकर उसकी भरपाई की जा सकती है।
(ग) यदि आप विदेश जाते हैं, तो क्या भारतीय रुपया वहाँ चलेगा?
उत्तर
विदेश जाने पर, अब भारतीय रुपया वहाँ चल सकेगा क्योंकि अब रुपये ने अपना अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप प्राप्त करने में सफलता प्राप्त कर ली है। रुपये ने भी डॉलर, पौण्ड और यूरो की तरह अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में पहचान बना ली है।
प्रश्न 6.
अनुमान और कल्पना के आधार पर उत्तर दीजिए
(क) यदि रुपए का प्रचलन न होता तो क्या होता?
उत्तर
यदि रुपए का प्रचलन न होता तो बाजार में वस्तुओं के खरीदने और बेचने में बड़ी कठिनाई होती। वस्तु के बदले वस्तु खरीदने में वस्तु को भार रूप में इधर से उधर लाना और ले जाना पड़ता। साथ ही, व्यापारी द्वारा बदले में ली जाने वाली वस्तु का उचित मूल्य नहीं दिया जाता। खरीदने वाले की वस्तु का मूल्य बेचने वाले के द्वारा निर्धारित होता। इस तरह व्यापारी खरीददार को ठगता।
(ख) यदि कागज पर रुपए के छापने की शुरूआत नहीं होती, तो क्या होता?
उत्तर
धातु की मुद्रा का बोझ लादकर बाजार में वस्तु खरीदने के लिए ले जाना पड़ता। कागज की मुद्रा आसानी से और बिना भार के तथा सुरक्षित रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाई जा सकती है। ठगी और चोरी का डर बढ़ गया होता।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए और लिखिए
अस्तित्व, प्रणाली, प्रतीक, उल्लेख, शुल्क।
उत्तर
अपने अध्यापक महोदय की सहायता से उच्चारण कीजिए और लिखकर अभ्यास कीजिए।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए
(i) मुदरित
(ii) अर्थिक
(iii) चिन्ह
(iv) दसमलव
(v) बांटा।
उत्तर-
(i) मुद्रित, (ii) आर्थिक, (iii) चिह्न, (iv) दशमलव, (v) बाँटा।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्ग अलग करके लिखिए
(i) अनुराग
(ii) अपमान
(iii) अनुमान
(iv) अपकार।
उत्तर
(i) अनु + राग (अनु उपसर्ग)
(ii) अप + मान (अप उपसर्ग)
(iii) अनु + मान (अनु उपसर्ग)
(iv) अप + कार (अप उपसर्ग)।
प्रश्न 4.
‘ईय’ प्रत्यय लगाकर निम्नलिखित शब्दों से नए शब्द बनाइए
(i) भारत
(ii) यूरोप
(ii) स्वर्ग
(iv) शासक।
उत्तर
(i) भारत + ईय = भारतीय
(ii) यूरोप + ईय = यूरोपीय
(iii) स्वर्ग + ईय = स्वर्गीय
(iv) शासक + ईय = शासकीय।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(i) पाठ्य-पुस्तक
(ii) सिक्का
(iii) स्वतन्त्रता
(iv) मुद्रा
(v) शासन।
उत्तर
(i) कक्षा 6 के लिए हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक शासन द्वारा बदल दी गई है।
(ii) भारतीय सिक्के ‘रुपये’ का अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अब अपना अलग ही महत्व है।
(iii) भारत की स्वतन्त्रता में भारतीय वीर जवानों ने अपनी जान की परवाह नहीं की।
(iv) भारतीय मुद्रा का प्रचलन विश्व बाजार में अब महत्वपूर्ण हो गया है।
(v) शासन द्वारा नकल मुक्त परीक्षा कराने के लिए बहुत अच्छी पहल की गई है।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों की संधि विच्छेद कीजिए
(i) शिक्षार्थी
(ii) कवीश्वर
(iii) नदीश
(iv) भानूदय
(v) महात्मा
(vi) परीक्षार्थी।
उत्तर
(i) शिक्षा + अर्थी
(ii) कवि+ ईश्वर
(iii) नदी+ ईश
(iv) भानु + उदय
(v) महा + आत्मा
(vi) परीक्षा + अर्थी
प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए
कुछ लोग कागज पर मुद्रित रुपये को तोड़-मरोड़कर रखते हैं, उस पर कुछ भी लिख देते हैं, उनमें छेदकर उनका स्वरूप बिगाड़ देते हैं, सजावट या माला में उपयोग करते हैं। ऐसा करना भारतीय मुद्रा का अपमान है। हमारा दायित्व है। कि हम रुपये का स्वरूप बनाए रखें।
(क) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(ख) हम रुपये के स्वरूप को कैसे सुरक्षित रख सकते
उत्तर
(क) ‘भारतीय मुद्रा’ उचित शीर्षक है।
(ख) हम रुपये के स्वरूप को सुरक्षित रख सकते हैं यदि हम उसे सजावट और माला में उपयोग न करें। साथ ही उसे तोड़-मरोड़कर न रखें। उसके स्वरूप को बनाए रखने का प्रयास करें।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दों में ‘र’ या ‘ऋ’ का उचित संकेत लगाकर सही शब्द बनाकर लिखिए
(i) ऋष्टि
(ii) दर्शन
(iii) कर्म
(iv) गह
(v) सूर्य
(vi) क्रम।
उत्तर
(i) दृष्टि
(ii) दर्शन
(iii) कर्म
(iv) गृह
(v) सूर्य
(vi) क्रम।
रुपये की आत्मकथा परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या
(1) आज मैं आपको अपनी कहानी बताने जा रहा हूँ। मेरा अस्तित्व प्राचीन काल से रहा है। वैदिक युग में मुझे ‘रुप्यकम्’ के नाम से जाना जाता था। रुप्यकम् का अर्थ है: चाँदी का सिक्का। उस समय अन्य धातु के सिक्कों को भी रुप्यकम् ही कहा जाता था। इस कारण हिन्दी में मेरा नाम रुपया हो गया।
सन्दर्भ-प्रस्तुत पंक्तियों को हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘भाषा-भारती’ के पाठ ‘रुपये की आत्मकथा’ से लिया गया है। यह आत्मकथा संकलित है।
प्रसंग-भारतीय मुद्रा का नाम रुपया है। रुपये के प्रचलन में आने का वर्णन किया गया है।
व्याख्या-रुपया अपनी कहानी बताते हुए कहता है कि रुपया मेरा नाम बहुत पुराने समय से प्रचलन में आया हुआ है। वैदिक युग में भी इसे ‘रुप्यकम्’ नाम से पुकारा जाता था। वास्तव में रुप्यकम् का अर्थ होता है-चाँदी का सिक्का। उस समय अन्य धातुओं से भी सिक्के बनते थे और उन्हें भी रुप्यकम् कहा जाता था। हिन्दी भाषा में रुप्यकम् के स्थान पर इस सिक्के का नाम रुपया हो गया।
MP Board Class 6 Hindi Question Answer
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 1
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 2
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 3
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 4
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 5
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 6
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 7
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 8
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 9
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 10
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 11
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 12
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 13
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 14
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 15
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 16
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 17
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 18
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 19
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 20
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 21
- भाषा भारती कक्षा 6 solutions chapter 22