Students get through the MP Board Class 12th Physics Important Questions Chapter 9(D) प्रिज्म में अपवर्तना which are most likely to be asked in the exam.
MP Board Class 12th Physics Important Questions Chapter 9(D) प्रिज्म में अपवर्तना
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
वर्ण विक्षेपण क्षमता का मात्रक लिखिए।
उत्तर:
वर्ण विक्षेपण क्षमता का कोई मात्रक नहीं होता है।
प्रश्न 2. रैले के नियम का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
I ∝ \(\frac{1}{\lambda^{4}}\)
जहाँ I प्रकीर्णन की तीव्रता एवं λ प्रकाश की तरंगदैर्ध्य है।
प्रश्न 3.
आकाश नीला क्यों दिखाई देता है ?
उत्तर:
आकाश का रंग नीला प्रकीर्णन के कारण दिखायी देता है।
प्रश्न 4.
कोणीय वर्ण विक्षेपण का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
कोणीय वर्ण विक्षेपण θ = A(μV – μR)
अथवा θ = δV – δR
प्रश्न 5.
प्रिज्म के अंदर अपवर्तित किरण प्रिज्म के आधार के समान्तर कब होती है ?
उत्तर:
जब प्रिज्म न्यूनतम विचलन की स्थिति में समंजित किया जाता है।
प्रश्न 6.
कोणीय वर्ण विक्षेपण एवं वर्ण विक्षेपण क्षमता में क्या संबंध है ?
उत्तर:
ω = \(\frac{\theta}{\delta}\) या θ = ω × δ.
प्रश्न 7.
क्या पतले प्रिज्म द्वारा उत्पन्न विचलन कोण आपतन कोण पर निर्भर करता है ?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि δ = (μ – 1)A.
प्रश्न 8.
न्यूनतम विचलन कोण के संगत आपतन कोण का केवल एक ही मान होता है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि इस स्थिति में आपतन कोण एवं निर्गत कोण बराबर होते हैं।
प्रश्न 9.
प्रिज्म से गुजरने पर किस रंग का विचलन अधिकतम एवं किस रंग का विचलन न्यूनतम होता है ?
उत्तर:
बैंगनी रंग का विचलन अधिकतम एवं लाल रंग का विचलन सबसे कम होता है।
प्रश्न 10. क्या कारण है कि दर्पण द्वारा वर्ण विक्षेपण नहीं होता है ?
उत्तर:
क्योंकि दर्पण की फोकस दूरी प्रकाश के रंग पर निर्भर नहीं करती है।
प्रश्न 11.
शुद्ध स्पेक्ट्रम प्राप्त करने के लिए आपतित किरणों को परस्पर समान्तर होना चाहिए। क्यों?
उत्तर:
ताकि निर्गत प्रकाश में समान रंग की किरणें परस्पर समान्तर हो, जिन्हें एक उत्तल लेंस द्वारा भिन्न-भिन्न बिन्दुओं पर फोकस किया जा सके।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
काँच के आयताकार गुटके से अपवर्तित प्रकाश में वर्ण-विक्षेपण क्यों नहीं होता है ?
उत्तर:
गुटके की दोनों समान्तर पृष्ठों से अपवर्तन के बाद निर्गत किरणें आपतित किरणों के समान्तर होती हैं । गुटके के अन्दर श्वेत प्रकाश का वर्ण विक्षेपण हो जाता है किन्तु जब विभिन्न रंगों की किरणें गुटके से निकलती हैं तो वे एक-दूसरे के समान्तर होती हैं अतः सभी रंग मिलकर पुनः श्वेत प्रकाश का निर्माण कर देते हैं।
प्रश्न 2.
काँच के प्रिज्म को जल में डुबाने पर न्यूनतम विचलन कोण पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
यदि प्रिज्म के लिए वायु में न्यूनतम विचलन कोण δa अपवर्तनांक aμg तथा प्रिज्म का कोण A हो, तो
δa= (aμg – 1)A
जल में डुबोने पर,
δw = (wμg -1)A
∴ \(\frac{\delta_{w}}{\delta_{a}}=\frac{w_{g}-1}{{ }_{a} \mu_{g}-1}\)
अतः δw < δa क्योंकि wμg < aμg
अतः न्यूनतम विचलन कोण घटेगा।
प्रश्न 3.
वर्ण-विक्षेपण क्षमता की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
किन्हीं दो रंगों की किरणों के कोणीय विक्षेपण और माध्य किरण के विचलन के अनुपात को उन रंगों के लिए प्रिज्म की वर्ण-विक्षेपण क्षमता कहते हैं।
यदि बैंगनी रंग, लाल रंग एवं माध्य किरण (पीला रंग) की किरणों के विचलन क्रमशः δv δr, एवं δy हो, तो
वर्ण-विक्षेपण क्षमता ω = \(\frac{\delta_{v}-\delta_{r}}{\delta_{y}}\).
प्रश्न 4.
कोणीय वर्ण-विक्षेपण की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
जब श्वेत प्रकाश किसी प्रिज्म में से होकर गुजरता है, तो वह अपने अवयवी रंगों में विभक्त हो जाता है। इस स्थिति में किन्हीं दो रंगों की किरणों के बीच के कोण को उन किरणों का कोणीय वर्ण-विक्षेपण कहते हैं।
यदि बैंगनी रंग का विचलन δv तथा लाल रंग का विचलन δr, हो, तो उन रंगों का कोणीय वर्ण-विक्षेपण या वर्ण-विक्षेपण कोण θ = δv – δr.
प्रश्न 5.
(a) खतरे का सिग्नल लाल रंग का क्यों होता है ?
उत्तर:
(a) लाल रंग का तरंगदैर्घ्य अधिक होता है, जिससे वायुमण्डल के अणुओं द्वारा लाल रंग का प्रकीर्णन बहुत ही कम होता है। अतः लाल रंग के सिग्नल को दूर से देखा जा सकता है।
(b) सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य लाल दिखाई देता है, क्यों ?
उत्तर:
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय प्रकाश किरणों को सूर्य से हम तक आने में अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। अत: लाल रंग का तरंगदैर्घ्य अधिक होने से वायुमण्डल के अणुओं द्वारा उसका प्रकीर्णन बहुत ही कम होता है, जबकि अन्य सभी रंग पूर्णतः प्रकीर्णित हो जाते हैं। अतः सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य लाल दिखाई देता है।
प्रश्न 6.
प्रकाश के प्रकीर्णन का क्या अर्थ है ? रैले का प्रकीर्णन का नियम लिखिए।लाल व नीले रंग में से किसकी प्रकीर्णन क्षमता अधिक है और क्यों ?
अथवा
प्रकाश का प्रकीर्णन क्या है ? विद्युत्-चुम्बकीय तरंग के सिद्धान्त से प्रकीर्णन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जब प्रकाश ऐसे सूक्ष्म कणों से टकराता है जिनका आकार, प्रकाश की तरंगदैर्घ्य की तुलना में छोटा है, तो प्रकाश विभिन्न दिशाओं में प्रकीर्णित हो जाता है। इसे प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं।
रैले का नियम – रैले के अनुसार, प्रकीर्णन की तीव्रता तरंगदैर्घ्य के चतुर्थ घात (Fourth Power) के व्युत्क्रमानुपाती होती है। इसे रैले का प्रकीर्णन कहते हैं । यदि प्रकीर्णन की तीव्रता I तथा तरंगदैर्घ्य λ हो, तो रैले के प्रकीर्णन से,
I ∝ \(\frac{1}{\lambda^{4}}\)
लाल व नीले रंग में नीले रंग की प्रकीर्णन क्षमता (तीव्रता) अधिक होती है, क्योंकि लाल रंग का तरंगदैर्घ्य अधिक तथा नीले रंग का तरंगदैर्ध्य कम होता है, अत: रैले के नियमानुसार नीले रंग की प्रकीर्णन तीव्रता अधिक होती है।
प्रश्न 7.
स्पेक्ट्रम किसे कहते हैं ?
उत्तर:
विक्षेपण की घटना से प्राप्त इन रंगों के समुदाय को स्पेक्ट्रम कहते हैं। श्वेत प्रकाश के स्पेक्ट्रम में रंगों का क्रम है-बैंगनी, आसमानी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल।
प्रश्न 8.
एक प्रिज्म द्वारा प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण किस प्रकार होता है ? समझाइये।
अथवा
प्रिज्म से गुजरने के बाद प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण क्यों हो जाता है ?
उत्तर:
सूर्य-प्रकाश सात रंगों से मिलकर बना होता है। प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक भिन्न-भिन्न रंगों के लिए भिन्न-भिन्न होता है। अतः सूत्र δ = (µ – 1)A के अनुसार प्रिज्म से गुजरते समय भिन्न-भिन्न रंग की किरणों का विचलन भिन्न-भिन्न होता है, जिससे श्वेत प्रकाश या सूर्य-प्रकाश प्रिज्म से गुजरने पर सात रंगों में विभक्त हो जाता है, जिसे वर्ण-विक्षेपण कहते हैं।
प्रश्न 9.
सम्पूर्ण विक्षेपण का मान किन-किन बातों पर निर्भर करता है ?
उत्तर:
सम्पूर्ण विक्षेपण θ = (µv – µr)A
जहाँ A = प्रिज्म का कोण तथा µv और µr क्रमशः बैंगनी व लाल रंग के लिए प्रिज्म के पदार्थ के अपवर्तनांक हैं।
अतः सम्पूर्ण विक्षेपण (1) प्रिज्म के कोण पर तथा (2) प्रिज्म के पदार्थ पर निर्भर करता है।
प्रश्न 10.
प्रकाश के प्रकीर्णन का क्या अर्थ है ? रैले का प्रकीर्णन का नियम लिखिये। लाल व नीले रंग में से किसकी प्रकीर्णन क्षमता अधिक है और क्यों ?
अथवा
प्रकाश का प्रकीर्णन क्या है ? विद्युत चुंबकीय तरंग के सिद्धांत से प्रकीर्णन की व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
जब प्रकाश ऐसे सूक्ष्म कणों से टकराता है जिसका आकार प्रकाश की तरंगदैर्घ्य की तुलना में छोटा है तो प्रकाश विभिन्न दिशाओं में प्रकीर्णित हो जाता है, इसे प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं।
रैले का नियम – रैले के अनुसार प्रकीर्णन की तीव्रता तरंगदैर्घ्य के चतुर्थ घात के व्युत्क्रमानुपाती होती है। इसे रैले का प्रकीर्णन कहते हैं । यदि प्रकीर्णन की तीव्रता I तथा तरंगदैर्घ्य λ हो तो रैले के प्रकीर्णन से-
I = ∝ \(\frac{1}{\lambda^{4}}\)
लाल व नीले रंग की प्रकीर्णन क्षमता (तीव्रता) अधिक होती है, क्योंकि लाल रंग का तरंगदैर्घ्य अधिक तथा नीले रंग का तरंगदैर्घ्य कम होता है। अतः रैले के नियमानुसार नीले रंग की प्रकीर्णन तीव्रता अधिक होती है।
प्रश्न 11.
आकाश नीला क्यों दिखाई देता है ?
उत्तर:
रैले के अनुसार, कम तरंगदैर्घ्य वाले प्रकाश का प्रकीर्णन अधिक होता है। हम जानते हैं कि नीले रंग का तरंगदैर्घ्य लाल रंग के तरंगदैर्ध्य से कम होता है। अतः जब सूर्य का प्रकाश वायुमण्डल के अणुओं पर पड़ता है तो नीले रंग का प्रकीर्णन अन्य रंगों की तुलना में अधिक होता है। अतः आकाश नीला दिखाई देता है।
प्रश्न 12.
प्रिज्म द्वारा प्रकाश का अपवर्तन किस प्रकार होता है ? चित्र खींचकर समझाइये।
उत्तर:
चित्र में ABC एक प्रिज्म है। एक किरण PQ अपवर्तक फलक AB के बिन्दु Q पर आपतित होती है। MN आपतन बिन्दु Q पर अभिलम्ब है। चूँकि प्रकाश किरण वायु से काँच में प्रवेश करती है, अतः अभिलम्ब की ओर झुककर प्रिज्म के अन्दर QR मार्ग में चलती है और दूसरे अपवर्तक फलक AC के बिन्दु R पर टकराती है। M’ N’ बिन्दु R पर अभिलम्ब है। अब प्रकाश किरण काँच से वायु में प्रवेश करती है, अतः अभिलम्ब से दूर हटकर RS दिशा में निर्गत हो जाती है। PQ आपतित किरण, OR अपवर्तित किरण तथा RS निर्गत किरण हैं।
∠PQM आपतन कोण i, ∠NQR अपवर्तन कोण r तथा चित्र-प्रिज्म के द्वारा प्रकाश का अपवर्तन ∠M’RS निर्गत कोण e है।
प्रिज्म द्वारा होने वाले प्रकाश के अपवर्तन पर विचार करें तो पायेंगे कि यदि किरण PQ के मार्ग में प्रिज्म नहीं होता तो यह PQL दिशा में सरल रेखा में गमन करती, किन्तु उसके मार्ग में प्रिज्म रख देने से वह विचलन कोण कहते हैं । अतः आपतित किरण और निर्गत किरण के बीच के कोण को विचलन कोण कहते हैं। इसे 5 से प्रदर्शित करते हैं। विचलन कोण का मान आपतन कोण पर निर्भर करता है।
प्रश्न 13.
न्यूनतम विचलन कोण क्या है ? यह किन-किन कारकों पर निर्भर करता है ?
उत्तर:
न्यूनतम विचलन कोण – प्रयोगों द्वारा पता चलता है कि विचलन कोण का मान आपतन कोण पर निर्भर करता है। प्रारम्भ में आपतन कोण का मान अधिक होता है तो विचलन कोण का मान भी अधिक होता है लेकिन ज्यों-ज्यों आपतन कोण का मान बढ़ाया जाता है त्यों-त्यों विचलन कोण का मान कम होने लगता है।
आपतन कोण के एक विशेष मान के लिए विचलन कोण का मान न्यूनतम होता है। उसके बाद आपतन कोण के मान को और बढ़ाने पर विचलन कोण का मान कम होने के बजाय बढ़ने लगता है। विचलन कोण के न्यूनतम मान को ही न्यूनतम विचलन कोण कहते हैं। न्यूनतम विचलन कोण का मान प्रकाश के रंग, प्रिज्म के पदार्थ तथा प्रिज्म के कोण पर निर्भर करता है।
प्रश्न 14.
आपतन – विचलन वक्र किसे कहते हैं ? निम्न बिन्दुओं के आधार पर स्पष्ट कीजिए-
(i) ग्राफ,
(ii) उपयोग।
उत्तर:
आपतन कोण i और विचलन कोण δ के बीच खींचे गये वक्र को आपतन – विचलन वक्र कहते हैं।
(i) ग्राफ – चित्र में (i – δ) ग्राफ प्रदर्शित किया गया है।
(ii) उपयोग – इस वक्र की सहायता से न्यूनतम विचलन कोण δm का मान ज्ञात करके प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक ज्ञात किया जा सकता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
न्यूनतम विचलन कोण से आप क्या समझते हैं ? यह किन-किन कारकों पर किस प्रकार निर्भर करता है ? न्यूनतम विचलन की स्थिति में इसके संगत आपतन कोण का केवल एक ही मान क्यों होता है ?
उत्तर:
न्यूनतम विचलन कोण-लघु उत्तरीय प्रश्न 13 देखिये।
न्यूनतम विचलन कोण निम्न कारकों पर निर्भर करता है-
(i) प्रकाश के रंग पर-बैंगनी रंग के लिए न्यूनतम विचलन कोण का मान सर्वाधिक एवं लाल रंग के लिए न्यूनतम होता है।
(ii) प्रिज्म के पदार्थ पर-प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक अधिक होने पर न्यूनतम विचलन कोण का मान अधिक होता है।
(iii) प्रिज्म के कोण पर-प्रिज्म का कोण अधिक होने पर न्यूनतम विचलन कोण का मान अधिक होता है।
आपतन विचलन वक्र में आपतन कोण अक्ष के समान्तर खींच गई रेखाएँ वक्र को दो बिन्दुओं पर काटती हैं । अतः एक विचलन कोण के संगत आपतन कोण के दो मान होते हैं। किन्तु न्यूनतम विचलन की स्थिति में आपतन कोण अक्ष के समान्तर खींची गई रेखा वक्र को केवल एक बिन्दु पर काटती है अर्थात् स्पर्श करती है। अतः न्यूनतम विचलन की स्थिति में आपतन कोण का केवल एक ही मान होता है।
प्रश्न 2.
प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक ज्ञात करने का व्यंजक प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
चित्र में एक प्रिज्म ABC प्रदर्शित है जिसकी अपवर्तन सतहें AB व AC हैं तथा प्रिज्म कोण A है। PQ, QR व RS क्रमशः आपतित किरण, अपवर्तित किरण एवं निर्गत किरण है। i1 आपतन कोण, r1 अपवर्तन कोण, i2 निर्गत कोण एवं r2 सतह AC के लिए अपवर्तन कोण है।
विचलन कोण ∠STU = δ है।
स्पष्ट है कि ∠STU = ∠TQR + ∠TRQ
या δ = (i1 – r1) +(i2 – r2)
किन्तु न्यूनतम विचलन की स्थिति में, i1 = i2 = i (माना)
r1 = r2 = r (माना)
δ = δm. (अल्पतम विचलन कोण)
∴ δm = i – r + i – r = 2i – 2r ………….(1)
किन्तु चतुर्भुज [] ∠QOR में,
∠AQO+ ∠ARO = 180° (∵ प्रत्येक कोण समकोण है)
अतः शेष कोण ∠A+ ∠QOR = 180° …………….(2)
ΔOQR में, ∠QOR + r1 + r2 = 180° ………………..(3)
समी. (2) व (3) से,
∠A = r + r = 2r
या r = \(\frac{\mathrm{A}}{2}\)
पुनः समी. (1) से,
δm = 2i – 2r
= 2i – A
या 2i = δm + A
या i = \(\frac{\mathrm{A}+\delta_{m}}{2}\)
स्नैल के अपवर्तन नियम से हम जानते हैं कि
µ = \(\frac{\sin i}{\sin r}\)
उपर्युक्त सूत्र में i व r के मान रखने पर, µ = \(\frac{\sin \left(A+\delta_{m}\right) / 2}{\sin A / 2}\)
यही अभीष्ट व्यंजक है।
प्रश्न 3.
विक्षेपण-क्षमता की परिभाषा लिखिए तथा सिद्ध कीजिए कि विक्षेपण-क्षमता प्रिज्म के कोण पर निर्भर नहीं करती।
अथवा
विक्षेपण-क्षमता की परिभाषा देते हुए इसके सूत्र को प्रतिपादित कीजिए।
उत्तर:
विक्षेपण – क्षमता – किन्हीं दो रंगों की किरणों के कोणीय विक्षेपण और माध्य किरण के विचलन के अनुपात को उन रंगों के लिए प्रिज्म की विक्षेपण-क्षमता कहते हैं।
सूत्र के रूप में,
यदि बैंगनी रंग की किरण का विचलन δv, लाल रंग की किरण का विचलन δr, तथा माध्य किरण (पीला रंग) का विचलन δy, हो, तो
विक्षेपण – क्षमता ω = \(\frac{\theta}{\delta_{y}}=\frac{\delta_{v}-\delta_{r}}{\delta_{y}}\) ………..(1)
यदिμv,μr, तथा μy, क्रमश: बैंगनी रंग, लाल रंग तथा पीले रंग के लिए प्रिज्म के पदार्थ के अपवर्तनांक हों, तो
δv = (μv – 1)A, δr = (μr – 1)A तथा δy = (μy – 1)A
उपर्युक्त समी. (1) में मान रखने पर,
ω = \(\frac{\left(\mu_{y}-1\right) \mathrm{A}-\left(\mu_{r}-1\right) \mathrm{A}}{\left(\mu_{y}-1\right) \mathrm{A}}\)
या. ω = \(\frac{\mu_{v}-\mu_{r}}{\mu_{y}-1}\)
स्पष्ट है कि विक्षेपण-क्षमता प्रिज्म के पदार्थ पर निर्भर करती है, न कि प्रिज्म कोण पर।
प्रश्न 4.
कोणीय वर्ण विक्षेपण को परिभाषित करते हुए इसका व्यंजक प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
प्रिज्म से निर्गत् किन्हीं दो रंगों की किरणों के बीच के कोण को कोणीय वर्ण विक्षेपण कहते हैं।
माना कि बैंगनी रंग का विचलन कोण δv तथा लाल रंग का विचलन कोण δr तथा इन रंगों के बीच कोणीय वर्ण विक्षेपण θ है।
θ = δv – δr …………..(1)
परंतु विचलन सूत्र से,
δv = (μv – 1)A
तथा लाल रंग का विचलन
δr = (μr -1)A
समी. (1) में मान रखने पर,
θ = [(μv – 1)A – (μr -1)A]
θ = A[(μv – 1 – μr +1]
θ = A(μv – μr)A …………….(2)
उपर्युक्त समी. (2) लाल तथा बैंगनी रंग की प्रकाश किरणों के मध्य कोणीय वर्ण विक्षेपण को प्रदर्शित करता है। उपर्युक्त सूत्र के अनुसार कोणीय वर्ण विक्षेपण क्रमशः प्रिज्म कोण A तथा प्रिज्म के पदार्थ पर निर्भर करता है।
प्रश्न 5.
इन्द्रधनुष में रंग निर्माण की व्याख्या कीजिए। द्वितीयक इन्द्रधनुष क्या है ?
उत्तर:
इन्द्रधनुष दो प्रकार के होते हैं-प्राथमिक इन्द्रधनुष और द्वितीयक इन्द्रधनुष।
प्राथमिक इन्द्रधनुष का निर्माण जल की बूंदों द्वारा सूर्य की किरणों के दो अपवर्तन तथा एक पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के कारण होता है। जमीन के समान्तर चलने वाली सूर्य की किरणें जल की बूँदों के केन्द्रों के ऊपर आपतित होती हैं। इन किरणों का दो बार अपवर्तन तथा एक बार पूर्ण परावर्तन होता है। गणितीय गणना से पता चलता है कि बैंगनी रंग की किरणें 40° के कोण पर तथा लाल रंग की किरणें 42° के कोण पर पृथ्वी पर पहुँचती हैं। एक ही बूंद से चलने वाली विभिन्न रंग की किरणें पृथ्वी पर भिन्न-भिन्न बिन्दुओं पर पहुँचती हैं। पृथ्वी पर किसी स्थान पर खड़ा प्रेक्षक विभिन्न रंगों को जल की विभिन्न बूंदों से ग्रहण करता है। वह जल की विभिन्न बूंदों से आने वाली बैंगनी किरणों को 40° चाप पर तथा लाल किरणों को 42° चाप पर ग्रहण करता है। अन्य रंग की किरणें इन दोनों रंगों के मध्य होती हैं। इस प्रकार प्राथमिक इन्द्रधनुष की कोणीय चौड़ाई 2° होती है, जिसमें लाल रंग बाह्य किनारे पर तथा बैंगनी रंग आन्तरिक किनारे पर होता है।
जब पृथ्वी के समान्तर चलने वाली किरणें जल की बूंदों में केन्द्रों के नीचे आपतित होती हैं तो किरणों का दो बार अपवर्तन तथा दो बार पूर्ण परावर्तन हो जाता है इसके कारण जो इन्द्रधनुष बनता है उसे द्वितीय इन्द्रधनुष कहते हैं। इसमें बैंगनी रंग बाह्य किनारे पर तथा लाल रंग आन्तरिक किनारे पर होता है।
प्रश्न 6.
प्राथमिक एवं द्वितीयक इन्द्रधनुष में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
प्राथमिक एवं द्वितीयक इन्द्रधनुष में अन्तर-
प्राथमिक इन्द्रधनुष | द्वितीयक इन्द्रधनुष |
1. इसमें लाल रंग बाह्य किनारे पर तथा बैंगनी रंग आन्तरिक किनारे पर होता है। | 1. इसमें बैंगनी रंग बाह्य किनारे पर तथा लाल रंग आन्तरिक किनारे पर होता है। |
2. प्राथमिक इन्द्रधनुष तीव्र होता है। | 2. द्वितीयक इन्द्रधनुष फीका होता है। |
3. इसकी कोणीय चौड़ाई कम होती है। | 3. इसकी कोणीय चौड़ाई अधिक होती है। |
4. यह द्वितीयक इन्द्रधनुष के नीचे होता है। | 4. यह प्राथमिक इन्द्रधनुष के ऊपर होता है। |
5. इसका निर्माण दो अपवर्तन एवं एक पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के कारण होता है। | 5. इसका निर्माण दो अपवर्तन एवं दो पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के कारण होता है। |
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1.
60° अपवर्तक कोण वाले काँच के प्रिज्म का अपवर्तनांक 1.5 है। न्यूनतम विचलन की स्थिति के लिये ज्ञात कीजिये-
(i) न्यूनतम विचलन कोण,
(ii) आपतन कोण,
(iii) अपवर्तनांक,
(iv) निर्गत कोण।
उत्तर:
दिया है : A = 60°, μ = 1.5
अतः न्यूनतम विचलन कोण δm = 2(18.6°) = 37.2°.
(ii) आपतन कोण i = \(\frac{\mathrm{A}+\delta_{m}}{2}=\frac{60^{\circ}+37 \cdot 2^{\circ}}{2}\) =48.6°
(iii) μ = 1.5, (दिया है)
(iv) निर्गत कोण i2 = i = 48.6°.
प्रश्न 2.
क्राउन काँच के लिए लाल तथा बैंगनी रंग के अपवर्तनांक क्रमशः 1.523 तथा 1.513 हैं। क्राउन काँच की वर्ण विक्षेपण क्षमता ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
μv = 1.513
μr = 1.523
μy = \(\frac{\mu_{v}+\mu_{r}}{2}\)
μy = \(\frac{1 \cdot 513+1 \cdot 523}{2}\)
μy = 1.518
वर्ण विक्षेपण क्षमता
ω = \(\frac{\mu_{v}+\mu_{r}}{\mu_{y}-1}\)
ω = \(\frac{1.523-1.513}{1 \cdot 518-1}\)
ω = \(\frac{0.010}{0.518}\)
∴ ω = 0.0193.
प्रश्न 3.
एक प्रिज्म का अपवर्तन कोण 60° है। यदि न्यूनतम विचलन कोण 38° हो, तो प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक ज्ञात कीजिए। (sin 49° = 0.7547)
उत्तर:
μ = 1.5094.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. सही विकल्प चुनकर लिखिए
प्रश्न 1.
न्यूनतम विचलन के कोण पर-
(a) किरण प्रिज्म के आधार पर समांतर चलती है
(b) किरण प्रिज्म में लंबवत निकलती है
(c) आपतित किरण एवं निर्गत किरण के बीच 90° का कोण बनता है
(d) निर्गत किरण प्रिज्म की सतह के अनुदिश होती है।
उत्तर:
(a) किरण प्रिज्म के आधार पर समांतर चलती है
प्रश्न 2.
सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय आकाश नीला दिखायी देता है क्योंकि इस स्थिति में प्रकीर्णन होता है-
(a) न्यूनतम
(b) अधिकतम
(c) अनियमित
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) अधिकतम
प्रश्न 3.
न्यूनतम विचलन की स्थिति में रखे किसी प्रिज्म के लिये निम्न विकल्पों में से कौन-सा कथन
असत्य है
(a) i1 = i2
(b) r1 = r2
(c) i1 = r2
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(c) i1 = r2
प्रश्न 4.
इन्द्रधनुष बनता है, यदि क्षैतिज के ऊपर सूर्य निम्न कोण से कम पर है-
(a) 20°
(b) 30°
(c) 40°
(d) 60°
उत्तर:
(c) 40°
प्रश्न 5.
प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक अधिक होता है-
(a) लाल रंग के लिए
(b) हरे रंग के लिए
(c) पीले रंग के लिए
(d) बैगनी रंग के लिए।
उत्तर:
(d) बैगनी रंग के लिए।
प्रश्न 6.
श्वेत प्रकाश के वर्णक्रम में बैंगनी रंग से लाल रंग की ओर जाने पर-
(a) विचलन बढ़ता है, अपवर्तनांक घटता है
(b) विचलन बढ़ता है, अपवर्तनांक बढ़ता है
(c) विचलन घटता है, अपवर्तनांक बढ़ता है
(d) विचलन घटता है, अपवर्तनांक घटता है।
उत्तर:
(d) विचलन घटता है, अपवर्तनांक घटता है।
प्रश्न 7.
वर्ण विक्षेपण क्षमता का सूत्र है-
(a) ω = \(\frac{\mu_{v}-\mu_{r}}{\mu_{y}-1}\)
(b) ω = (μν – μr) (μy – 1)
(c) ω = \(\frac{\mu_{y}-1}{\mu_{v}-\mu_{r}}\)
(d) ω = (μν – μr) + (μy – 1)
उत्तर:
(a) ω = \(\frac{\mu_{v}-\mu_{r}}{\mu_{y}-1}\)
प्रश्न 8.
अंतरिक्ष यात्री को आसमान दिखाई देता है-
(a) नीला
(b) श्वेत
(c) काला
(d) लाल।
उत्तर:
(c) काला
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. न्यूनतम विचलन की स्थिति में अपवर्तित किरण, प्रिज्म के आधार के ……………. होती है।
उत्तर:
समान्तर
2. किन्हीं दो रंगों की निर्गत किरणों के बीच के कोण को उन किरणों का …………….. कहते हैं।
उत्तर:
कोणीय वर्ण विक्षेपण
3. किन्हीं ले रंगों की किरणों के कोणीय वर्ण विक्षेपण और माध्य किरण के विचलन के अनुपात को उन रंगों के लिये …………….. कहते हैं।
उत्तर:
वर्ण विक्षेपण क्षमता
4. विक्षेपण क्षमता का मात्रक …………….. है।
उत्तर:
कोई इकाई नहीं
5. प्रिज्म के लिये विचलन कोण का मान …………..रंग के लिये न्यूनतम तथा …………. रंग के लिये अधिकतम होता है।
उत्तर:
लाल, बैंगनी
6. सौर स्पेक्ट्रम में पायी जाने वाली काली रेखाओं को ………… कहते हैं।
उत्तर:
फ्राउनहॉफर रेखाएँ
7. वर्षाकाल में सूर्य की विपरीत दिशा में दिखायी देने वाले सौर स्पेक्ट्रम को ……………. कहते हैं।
उत्तर:
इन्द्रधनुष
8. तापदीप्त वस्तु से जो स्पेक्ट्रम प्राप्त होता है, उसे .. ………… कहते हैं।
उत्तर:
उत्सर्जन स्पेक्ट्रम
9. चंद्रमा से देखे जाने पर आकाश ……………. दिखायी देता है।
उत्तर:
काला
10. प्राथमिक इन्द्रधनुष की कोणीय चौड़ाई …………. तथा द्वितीयक इंद्रधनुष की चौड़ाई ………….
होती है।
उत्तर:
2°, 3°
3. उचित संबंध जोडिए
(A)
स्तम्भ ‘अ’ | स्तम्भ ‘ब’ |
1. विक्षेपण क्षमता | (a) A(μ<sub>ν</sub> – μ<sub>r</sub>) |
2. प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक | (b) δ = (μ – 1)A |
3. कोणीय विक्षेपण | (c) \(\frac{\theta}{\delta_{y}}\) |
4. रैले का नियम | (d) μ = \(\frac{\sin \left(\mathrm{A}+\delta_{m}\right) / 2}{\sin \mathrm{A} / 2}\) |
5. पतले प्रिज्म के लिए सूत्र | (e) I ∝ \(\frac{1}{\lambda^{4}}\) |
उत्तर:
1. (c) \(\frac{\theta}{\delta_{y}}\)
2. (d) μ = \(\frac{\sin \left(\mathrm{A}+\delta_{m}\right) / 2}{\sin \mathrm{A} / 2}\)
3. (a) A(μν – μr)
4. (e) I ∝ \(\frac{1}{\lambda^{4}}\)
5. (b) δ = (μ – 1)A