Students get through the MP Board Class 12th Hindi Important Questions General Hindi Chapter 4 रहिमन विलास which are most likely to be asked in the exam.
MP Board Class 12th General Hindi Important Questions Chapter 4 रहिमन विलास
ससंदर्भ व्याख्या कीजिए –
1. “बसि कुसंग चाहत कुसल, यह रहीम जिय सोस।
महिमा घटी समुद्र की, रावण बस्यो परोस।”
शब्दार्थ:
कुसंग = बुरी संगत, सोस = चिंता, परोस = पड़ोस।
संदर्भ:
प्रस्तुत दोहा ‘रहिमन-विलास’ नामक पाठ से उद्धृत किया गया है, जिसके कवि ‘रहीम’ हैं। प्रसंग-कवि रहीम ने कुसंगति से बचने की सलाह दी है।
व्याख्या:
कवि रहीम कहते हैं कि बुरी संगत करने के बाद यदि कुशलता चाहते हो, तो यह संभव नहीं है। बुरी संगत तो चिंता का विषय है। समुद्र के किनारे लंकापति रावण रहता था, जिससे समुद्र की महिमा भी प्रभावित हुई।
भगवान राम को सेतु बनाकर रावण पर आक्रमण करना पड़ा। समुद्र को अब तक लाँघा नहीं जा सका था किन्तु रावण पर आक्रमण करने के लिए राम ने समुद्र को लाँघा फलतः समुद्र की महिमा कम हुई।
विशेष:
- दृष्टांत अलंकार
- नीति-वचन का प्रयोग
2. “मथत-मथत माखन रहै, दही मही बिलगाय।
रहिमन सोई मीत है, भीर परे ठहराय।”
शब्दार्थ:
मथत = बिलोना, मही = मठा, बिलगाय = अलग, मीत = मित्र, भीर = मुसीबत।
संदर्भ:
पूर्ववत्।
प्रसंग:
संकट काल में सहायक को ही रहीम ने सच्चा मित्र बतलाया है।
व्याख्या:
कवि रहीम कहते हैं कि बिलोते-बिलोते दही और मठा अलग हो जाता है, मक्खन अलग हो जाता है, उसी प्रकार सच्चा मित्र वही है जो संकट की घड़ी में काम आये। मक्खन और मही के समान मित्रता नहीं होनी चाहिए।
मक्खन धोखेबाज मित्र की भाँति मही का साथ छोड़ देता है।
विशेष:
- दृष्टांत अलंकार
- नीति-कथन है।
3. “टूटे सुजन मनाइए, जौ टूटे सौ बार।
रहिमन फिरि-फिरि पोइए, टूटे मुक्ताहार॥” (म. प्र. 2014)
शब्दार्थ:
सुजन = स्वजन (अपने लोग) अच्छे लोग,
पोइए = पिरोइए (पिरोते हैं), मुक्ताहार = मोतियों का हार।
संदर्भ:
पूर्ववत्।
प्रसंग:
प्रस्तुत दोहे में रहीम ने सज्जनों तथा अपने लोगों के रुठ जाने पर बार-बार मनाने पर बल दिया है।
व्याख्या:
रहीम जी कहते हैं:
जिस प्रकार मोतियों के हार के टूट जाने पर मोतियों को फेंका नहीं जाता बल्कि उन्हें बार-बार धागे में पिरोकर फिर से हार बना लिया जाता है।
उसी प्रकार श्रेष्ठ लोगों तथा अपने लोगों (कुटुम्बी, संबंधी, मित्र आदि) के रुठने या नाराज होने पर उन्हें हर बार मना लेना चाहिए।
विशेष:
- लोक व्यवहार की नीति को सरल तरीके से व्यक्त किया गया है।
- ‘सुजन’ में श्लेष अलंकार है।
- उपमा अलंकार है।
- दोहा छन्द में अवधी भाषा का प्रयोग है।
4. “देनहार कोई और है भेजत सो दिन रैन
लोग भरम हम पे धरै, याते तो नीचे नैन” (म. प्र. 2015)
शब्दार्थ:
देनहार = देने वाला, भेजत = भेजना, भरम = सन्देह, याते = इसी कारण, नैन = नेत्र।
संदर्भ:
पूर्ववत्।
प्रसंग:
प्रस्तुत दोहे में रहीम कवि ने बताया है कि वे गरीबों को दान देते समय सदैव विनम्र बने रहे हैं।
व्याख्या:
रहीम जी कहते हैं:
कि धन संपत्ति देने वाला कोई दूसरा है। अर्थात् ईश्वर ही धन संपत्ति देने वाला है और वह रात-दिन भेजता ही रहता है। रहीम उस धन संपत्ति को दान में बाँटते रहते हैं। दान प्राप्त करने वाले भ्रमवश यह समझते हैं कि रहीम जी हमें देने वाले है।
इसी कारण उनके नेत्र सदा नीचे झुके रहते हैं।
विशेष:
- कवि ने अपनी आँखें झुके रहने का कारण स्पष्ट किया है वे ईश्वर को ही देने वाला मानते हैं।
- दोहा छंद है। अवधी भाषा है।
- नीचे नैन में अनुप्रास अलंकार है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
आँखों से बहने वाले आँसू क्या व्यक्त कर देते हैं? (म. प्र. 2013)
उत्तर:
मन का दुःख व्यक्त कर देते हैं।
प्रश्न 2.
बिना पानी के कौन महत्वहीन हो जाते हैं? (म. प्र. 2009)
उत्तर:
मोती, मनुष्य और चूना महत्वहीन हो जाते हैं।
प्रश्न 3.
कविने सच्चा मित्र किसे कहा है? एवं सच्चे मित्र की विशेषताएँ लिखिए। (म. प्र. 2011, 15)
उत्तर:
संकटकाल में जो सहायक हो वही सच्चा मित्र है। साथ उचित निर्देशन करे, जो मित्र में गलती हो उसे बताए और आगे बढ़ने के लिए सच्चाई के मार्ग को अपनाने की सलाह दे।
सच्चे मित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं –
- सच्चा मित्र सदैव अपने मित्र को उत्साहित करे।
- जीवन में आगे बढ़ने के लिए सदैव सही मार्ग को सचेष्ट करें।
- सच्चे मित्र में ईमानदारी, आदर्श चरित्र एवं कर्तव्य निर्वाह के लिए असीम धैर्य हो।
- सच्चे मित्र में परिस्थितियों से लड़ने की प्रेरणा हो।
प्रश्न 4.
छोटों के प्रति बड़ों का क्या कर्तव्य है?
उत्तर:
बड़े छोटों के उत्पात को क्षमा कर देते हैं।
प्रश्न 5.
कवि ने जीवन की सार्थकता के सम्बन्ध में क्या कहा है?
उत्तर:
परोपकारी का जीवन सार्थक है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
समुद्र के जल की अपेक्षा कुएँ के जल की प्रशंसा क्यों की है? (म. प्र. 2010, 12, 14, 18)
उत्तर:
समुद्र का पानी गुणहीन व खारा है। कुएँ का जल ग्राह्य एवं मीठा है। कुएँ का जल तृप्तिकारक है इसीलिए उसकी प्रशंसा की जाती है।
प्रश्न 2.
कुशलता की कामना कब निष्फल हो जाती है? (म. प्र. 2014, 16)
उत्तर:
कुसंगति में पड़कर कुशलता की कामना निष्फल हो जाती है। कुसंगत और कुशलता साथ-साथ नहीं रहते।
प्रश्न 3.
कवि रहीम ने किसे समझाना उचित नहीं माना है?
उत्तर:
कवि रहीम ने ऐसे व्यक्ति को समझाना उचित नहीं माना है जो रात-दिन सोते-जागते निरर्थक एवं अनीति की बातें करता है।
प्रश्न 4.
कवि रहीम मोतियों के हार के माध्यम से क्या संदेश देना चाहता है? (म. प्र. 2009, 13, 16)
उत्तर:
रहीम के अनुसार कीमती मोतियों का हार टूट जाता है तो उसे पुनः दूसरे धागे में गूंथकर पहनने योग्य बना लिया जाता है।
उसी प्रकार सच्चे मित्रों से सज्जनों से सम्बन्ध विच्छेद हो जाने पर उन्हें अपनाने का प्रयास करना चाहिए।
प्रश्न 5.
रहीम ने धन को महत्व क्यों दिया है? (म. प्र. 2017)
उत्तर:
रहीम के अनुसार धन में मित्र बनाने की शक्ति होती है। निर्धन का कोई मित्र नहीं होता। अतः जीवन में धन का महत्व है।
प्रश्न 6.
“लोग भरम हम पै धरै, याते तो नीचे नैन” पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
धन भेजने वाला तो ईश्वर है। वह रात-दिन भेजता है। लोगों का भ्रम है कि हम ही दे रहे हैं, इससे हमारी नजरें नीची हैं। दानदाता की जयकार करना रहीम के अनुसार व्यर्थ है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित अवतरणों का भाव पल्लवन कीजिए –
1. खग मृग बसत अरोग्य वन , हरि अनाथ के। (म. प्र. 2011)
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्ति में कविवर रहीम जी कहते हैं वन में रहने वाले मृग एवं पक्षी अरोगी (निरोगी) हैं क्योंकि वे प्रभु की शरण में जाते हैं और प्रभु भी अनाथों के नाथ स्वामी कहलाते हैं।
जबकि मनुष्य ने विभिन्न प्रकार की औषधियों के निर्माण करने के फलस्वरूप रोग का पीछा नहीं छोड़ते हैं।
2. मन के हारे हार है मन के जीते जीत। (म. प्र. 2011)
उत्तर:
मनुष्य किसी भी कार्य के करने के लिए संकल्पी हो जाए तो निश्चित रूप से उसे सफलता मिलेगी किन्तु यदि मन से थोड़ा सा भी निराश हो जाता है तो उसे असफलता ही हाथ लगेगी।
मन में जो भाव बन जाए एवं इसके अनुरूप कठिन मेहनत की जाए तो सफलता मुट्ठी में है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
- रहिमन अँसुआ ………… जिय दुःख प्रगट करेइ।
- पानी गए न उबरै ………….. चून। (महत्वपूर्ण)
- छिमा ………….. को चाहिए, छोटन को उत्पात।
- रहीम का पूरा नाम ………….. था। (म. प्र. 2011)
- रहीम के अनुसार ………….. को क्षमा करना चाहिए।
- रहीम ने ………….. दोहे लिखे हैं। (142 / 152) (म. प्र. 2017, 18)
उत्तर:
- नैन ढरि
- मोती, मानुष
- बड़ेन
- अब्दुर्रहीम खानखाना
- छोटों
- 142
प्रश्न 2.
एक शब्द /वाक्य में उत्तर दीजिए –
- अब्दुर्ररहीम खानखाना का संक्षिप्त नाम क्या था? (म. प्र. 2014)
- रहीम का पालन-पोषण किसकी देखरेख में हुआ?
- ‘खानखाना’ क्या है?
- कवि ने सज्जनों के प्रेम की क्या विशेषता बताई है? (म. प्र. 2012)
उत्तर:
- रहीम
- अकबर
- उपाधि
- गम्भीर।
प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनिए –
1. ‘देनहार कोउ और है’ के द्वारा रहीम दास ने संकेत किया है –
(क) ईश्वर की ओर
(ख) सम्राट की ओर
(ग) जनता की ओर
(घ) संसार की ओर।
उत्तर:
(क) ईश्वर की ओर।
2. “पानी गये न उबरै मोती मानुष-चून” पंक्ति में अलंकार है – (म. प्र. 2014)
(क) यमक अलंकार
(ख) श्लेष अलंकार
(ग) अनुप्रास अलंकार
(घ) उपमा अलंकार।
उत्तर:
(ख) श्लेष अलंकार।
3. किसके किनारे जाकर मनुष्य प्यासा लौट आता है – (म. प्र. 2016)
(क) तालाब
(ख) समुद्र
(ग) नदी
(घ) कुआँ।
उत्तर:
(ब) समुद्र।
प्रश्न 4.
सत्य / असत्य कथन पहचानिए –
- सच्चा मित्र वही है जो संकट में साथ देता है। (म. प्र. 2012)
- रहीम कवि ने धन को महत्वहीन बताया है। (म. प्र. 2016)
उत्तर:
- सत्य
- असत्य।