Students get through the MP Board Class 12th Hindi Important Questions General Hindi Chapter 3 ठेस which are most likely to be asked in the exam.
MP Board Class 12th General Hindi Important Questions Chapter 3 ठेस
ससंदर्भ व्याख्या कीजिए –
1. “आज सिरचन को मुफ्तखोर, कामचोर या चटोर कह ले कोई एक समय था, जब उसकी मडैया के पास बड़े-बड़े लोगों की सवारियाँ बँधी रहती थी। उसे लोग पूछते ही नहीं थे; उसकी खुशामद भी करते थे-अरे, सिरचन भाई।
अब तो तुम्हारे ही हाथ में यह कारीगरी रह गई है। सारे इलाके में एक दिन समय निकालकर चलो। कल बड़े भैया की चिट्ठी आई है, शहर से-सिरचन से एक जोड़ा चिक बनवाकर भेज दो।”
शब्दार्थ:
मुफ्तखोर = मुफ्त में खाने वाला, कामचोर = काम से भागने वाला, चटोर = स्वाद का दीवाना, खुशामद = चापलूसी, चिक = बाँस की तीलियों से बना पर्दा।
संदर्भ:
प्रस्तुत गद्यांश ठेस’ कहानी से उद्धृत किया गया है, जिसके लेखक फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ हैं। प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में सिरचन में निहित श्रेष्ठ कलाकारी का चित्रण किया गया है।
व्याख्या:
सिरचन का भी वक्त बदला है। गाँव का श्रेष्ठ कलाकार आज मुफ्तखोर, कामचोर एवं चटोर के रूप में विख्यात है। कभी शहरी लोग, बड़े-बड़े लोग उसके कद्रदान थे। उसके घर के सामने इन बड़े लोगों की सवारियाँ इस बात की प्रतीक थी कि सिरचन की कला के ग्राहक बहुत हैं।
कभी लोग सिरचन की चापलूसी किया करते थे। उसे लोग अपने घर ले जाने के लिए बेताब रहते थे। लोग किसी-न-किसी बहाने उससे चिक बनवाने की होड़ लगाया करते थे। उसी सिरचन की बदनामी आज चर्चित है।
सिरचन एक कारीगर है जो दस्तकारी में निपुण है उसकी कारीगिरी की समानता करने में उस इलाके में कोई नहीं है।
विशेष:
- अरबी, फारसी एवं आंचलिक शब्दों का प्रयोग है।
- वर्णनात्मक शैली।
- मुहावरे का प्रयोग है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सिरचन कौन-कौन सी वस्तुएँ बनाना जानता था? (म. प्र. 2011, 18)
उत्तर:
सिरचन शीतल पाटी, चिक, मोढ़े, जाले, छतरी तथा टोप बनाता था।
प्रश्न 2.
बड़ी भाभी ने मानू के संबंध में क्या चेतावनी दी थी?
उत्तर:
तीन जोड़े फैशनेबल चिक और पटेर की दो शीतल पाटियों को मानू के दूल्हे के लिए भेजे जाने संबंधी चेतावनी बड़ी भाभी ने दी थी।
प्रश्न 3.
चाची ने माँ के पास जाकर क्या कहा था? (म. प्र. 2017)
उत्तर:
सिरचन को लक्ष्य करके चाची ने माँ से कहा कि- छोटे आदमी का मुँह भी छोटा होता है। मुँह लगाने से सिर पर चढ़ेगा ही। किसी की नैहर ससुराल की वह बातें क्यों करेगा?
प्रश्न 4.
सिरचन मानू से मिलने रेल्वे स्टेशन क्यों गया था? (म. प्र. 2009)
उत्तर:
सिरचन मानू के लिए शीतलपाटी, चिक, आसनी-कुश लेकर स्टेशन गया था।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
लोगों की सिरचन के प्रति क्या धारणा थी? स्पष्ट कीजिए। (म. प्र. 2012, 17)
उत्तर:
सिरचन के बारे में लोगों की यह धारणा थी कि वह कामचोर और निकम्मा है। उसे लोग खेत खलिहान में मजदूरी के लिए नहीं बुलाते थे। उसे लोग आलसी और बेगार करने वाला समझते थे। सारी बुराइयों के बावजूद लोग उसे उच्च कोटि का कारीगर और दस्तकार मानते थे।
उसे लोग बातूनी और पेटू भी समझते थे। कुल मिलाकर सिरचन के प्रति दो धारणाएँ मिलती हैं पहले उसे लोग एक कुशल कलाकार मानते हैं यह केवल न पारिश्रमिक को ध्यान में रखकर कार्य नहीं करता। उसके जैसा शीतल पाटी, चिक, मोढ़े, जाले और छतरी टोपी बनाने वाला कारीगर उस गाँव में कोई नहीं है।
पहले लोग उसका सम्मान करते हैं उसे घर बुलाने के लिए खुशामद करते हैं समय के साथ-साथ सिरचन के प्रति धारणा बदल जाती है। लोग अब उसे बेकार अर्थात् व्यर्थ समझते हैं। उसकी धारणा सिरचन मुफ्तसार, कामचोर, चटोर होने के साथ-साथ घमंडी और मुँहफट है लोग उसके कार्य को बेकार एवं महत्वहीन समझते थे।
प्रश्न 2.
सिरचन को एक सप्ताह पहले बुलाने का कारण लिखिए।
उत्तर:
सिरचन उच्च कोटि का दस्तकार और कलाकार था। उसे शीतलपाटी और चिक बनाने में महारथ थी। मानू को यह चीजें ससुराल लेकर जानी थी, जिस कारण सिरचन को एक सप्ताह पहले बुलवाया गया था।
प्रश्न 3.
मान ने सिरचन को पान का बीड़ा देते समय क्या सलाह दी थी? (म. प्र. 2010, 16)
उत्तर:
मानू ने सिरचन को पान का बीड़ा देते समय कहा था कि “सिरचन दादा, काम-काज का घर है। पाँच तरह के लोग पाँच किस्म की बात करेंगे। तुम किसी की बात पर कान मत दो।”
प्रश्न 4.
सिरचन ने मानू को उपहार में क्या दिया था? (म. प्र. 2015)
उत्तर:
सिरचन ने मानू को उपहार में शीतलपाटी, चिक और एक जोड़ी आसनी, कुश की बनी हुई दी थी। सारी वस्तुएं उत्कृष्ट कारीगरी, बारीकी का सर्वोत्तम उदाहरण थीं।
सिरचन कला में प्रवीण एवं शिल्प कला में दक्ष था कला की बारीकी में कुशलता देखते ही बनती, जिस काम को लेता उसे मन लगाकर पूरा करता लोग उसकी तारीफ करते नहीं थकते।
प्रश्न 5.
‘खाने-पीने में चिकनाई की कमी हुई कि काम की सारी चिकनाई खत्म’ भाव विस्तार कीजिए। (महत्वपूर्ण)
उत्तर:
खाने-पीने के शौकीन व्यक्ति को स्वादिष्ट भोजन करना चाहिए। उस भोजन में पर्याप्त मात्रा में घी, तेल का प्रयोग किया गया हो। सिरचन एक ऐसा ग्रामीण कलाकार है। वह अपने गाँव का एक प्रसिद्ध कलाकार है।
उसके मन में धन के प्रति आसक्ति नहीं है, परन्तु यदि उसे स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध न हो तो वह कार्य नहीं करता। मनोनुकूल भोजन न मिलने पर उसके काम में कला की सारी बारीकियाँ समाप्त हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में वह मन लगाकर कार्य नहीं करता अथवा कोई-न-कोई बहाना बनाकर कार्य को अधूरा छोड़कर चला जाता है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनिए –
1. ‘ठेस’ कहानी के रचनाकार हैं – (म. प्र. 2011, 12, 16)
(क) फणीश्वरनाथ रेणु
(ख) यशपाल
(ग) जैनेन्द्र कुमार
(घ) महाश्वेता देवी।
उत्तर:
(क) फणीश्वरनाथ रेणु।
2. सिरचन किस प्रकार का व्यक्ति था –
(क) चोर
(ख) ठग
(ग) स्वाभिमानी
(घ) लेखक।
उत्तर:
(ग) स्वाभिमानी।
3. सिरचन स्टेशन मिलने गया
(क) मीनू से
(ख) चीनू से
(ग) बड़ी माँ से
(घ) काकी से।
उत्तर:
(क) मीनू से।
4. सिरचन किस कहानी का पात्र है – (संभावित)
(क) तीन बच्चे
(ख) ठेस
(ग) बीमार का इलाज
(घ) माँ।
उत्तर:
(ख) ठेस।
5. प्रसिद्ध आंचलिक कथाकार हैं – (म. प्र. 2014)
(क) प्रेमचंद
(ख) जयशंकर प्रसाद
(ग) फणीश्वरनाथ रेणु
(घ) चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’।
उत्तर:
(ग) फणीश्वरनाथ रेणु।
प्रश्न 2.
एक शब्द/वाक्य में उत्तर दीजिए –
1. सिरचन का व्यवसाय क्या था? (म. प्र. 2011)
उत्तर:
दस्तकारी।
प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति विकल्पों के आधार पर कीजिए –
1. “मैला आँचल” कहानी ………. संग्रह है। (बाबू गुलाबराय/फणीश्वरनाथ रेणु) (म. प्र. 2017)
उत्तर:
फणीश्वरनाथ रेणु। लघु कथाएँ