MP Board Class 8th Sanskrit Solutions Chapter 12 चित्रकूटम्

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MP Board Class 8th Sanskrit Solutions Surbhi Chapter 12 चित्रकूटम्

MP Board Class 8th Sanskrit Chapter 12 अभ्यासः

Mp Board Class 8 Sanskrit Solution Chapter 12 प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं लिखत (एक शब्द में उत्तर लिखो-)
(क) चित्रकूट कस्मिन् मण्डले अस्ति? (चित्रकूट किस जिले में है?)
उत्तर:
सतनामण्डले। (सतना जिले में।)

(ख) चित्रकुटे सर्वत्र किंराजते? (चित्रकूट में सब जगह क्या सुशोभित होती है?)
उत्तर:
हरीतिमा। (हरियाली।)

(ग) रामघट्टः कस्माः तटे वर्तते? (रामघाट किसके किनारे स्थित है?)
उत्तर:
मन्दाकिनीतटे। (मन्दाकिनी (गंगा) के किनारे।)

(घ) चित्रकूटे जलप्रपातस्य किं नाम? (चित्रकूट में जलप्रपात का क्या नाम है?)
उत्तर:
हनुमान्धारा। (हनुमान धारा।)

(ङ) जयन्तः सीताचरणे किं कृतवान्? (जयन्त ने सीता के चरणों में क्या किया?)
उत्तर:
चञ्चुप्रहारम्। (चोंच का प्रहार।)

Mp Board Class 8 Sanskrit Chapter 12 प्रश्न 2.
एकवाक्येन उत्तरं लिखत(एक वाक्य में उत्तर लिखो-)
(क) चित्रकूटं कीदृशं स्थलम् अस्ति? (चित्रकूट कैसा स्थल है?)
उत्तर:
चित्रकूटनगरकोलाहलरहितं प्राकृतिकसौन्दर्यसम्पन्न स्थलम् अस्ति। (चित्रकूट नगर के शोरगुल से रहित प्राकृतिक सौन्दर्य से सम्पन्न स्थान है।)

(ख) निर्झराः कीदृशाः वर्तन्ते? (झरने कैसे हैं?)
उत्तर:
निर्झराः कल-कलनादपूरिताः वर्तन्ते। (झरने कल-कल के स्वर से भरपूर हैं।)

(ग) हनुमान्धारा इति नाम कथम् प्रसिद्धम्? (हनुमान धारा यह नाम कैसे प्रसिद्ध हुआ?)
उत्तर:
लङ्कादहनान्तरं रामाज्ञया हनुमान अत्रैव शीतलत्वं प्राप्तवान् अतः एतस्य हनुमान्धारा इति नाम प्रसिद्धम्। (लंका के दहन के बाद राम की आज्ञा से हनुमान् ने यहीं ठण्डक प्राप्त की, अतः इसका हनुमान् धारा नाम प्रसिद्ध हुआ।)

(घ) चित्रकूटे कः विश्वविद्यालयः अस्ति? (चित्रकूट में कौन-सा विश्वविद्यालय है?)
उत्तर:
अत्र महात्मागान्धिग्रामोदयविश्वविद्यालयः अस्ति। (यहाँ महात्मा गान्धी ग्रामोदय विश्वविद्यालय है।)

Class 8 Sanskrit Chapter 12 Mp Board प्रश्न 3.
रिक्त स्थानं पूरयत(रिक्त स्थान की पूर्ति करो-)
(क) चित्रकूटं …………. मध्ये स्थितम्।
(ख) रामचन्द्र: …………. यावत् निवासं कृतवान्।
(ग) चित्रकूटे द्वे ………….. स्तः।
(घ) सघनवनमध्ये ……….. विद्यते।
(ङ) चित्रकूटे …………. नंदी प्रसिद्धा।
उत्तर:
(क) विन्ध्यपर्वतमालायाः
(ख) एकादशवर्षाणि
(ग) नैसर्गिके गुहे
(घ) अनुसूयाश्रमः
(ङ) मन्दाकिनी।

Sanskrit Class 8 Chapter 12 Mp Board प्रश्न 4.
उचितपदेन योजयत(उचित शब्द जोड़ो-)
Mp Board Class 8 Sanskrit Solution Chapter 12
उत्तर:
(क) → (ii)
(ख) → (iv)
(ग) → (i)
(घ) → (iii)

Class 8 Sanskrit Chapter 12 Mp Board प्रश्न 5.
कोष्ठकात् शब्दान् चित्वा प्रश्ननिर्माणं कुरुत (कोष्ठक से शब्दों को चुनकर प्रश्न निर्माण करो-)
(कस्मिन्, कस्याः, कीदृशानि, कस्मात्, के) (किसमें, किसका, कैसे, किसके, कौन)

(क) चित्रकूट सतना मण्डले अस्ति। (चित्रकूट सतना मण्डल में है।)
उत्तर:
चित्रकूटं कस्मिन् मण्डले अस्ति? (चित्रकूट किस मण्डल में है?)

(ख) रामघट्टः मन्दाकिन्याः तटे अस्ति। (रामघाट मन्दाकिनी के तट पर है।)
उत्तर:
रामघट्टः कस्याः तटे अस्ति? (रामघाट किसके तट पर है?)

(ग) चित्रकूटे संघनानि वनानि सन्ति। (चित्रकूट में सघन वन हैं।)
उत्तर:
चित्रकूटे कीदृशनि वनानि सन्ति? (चित्रकूट में कैसे वन हैं?)

(घ) रामघट्टात् नातिदूरं जानकीकुण्डम्। (रामघाट के पास में जानकी कुण्ड है।)
उत्तर:
कस्मात् नातिदूरं जानकीकुण्डम्? (किसके पास में जानकीकुण्ड है?)

(ङ) चित्रकूटे द्वे नैसर्गिके गुहे स्तः। (चित्रकूट में दो प्राकृतिक गुफाएँ हैं।)
उत्तर:
चित्रकूटे के नैसर्गिक गुहे स्तः? (चित्रकूट में कितनी प्राकृतिक गुफाएँ हैं?)

8 वीं कक्षा संस्कृत गाइड In Hindi Chapter 12 Mp Board प्रश्न 6.
शब्दं/धातुं प्रत्ययं च लिखत(शब्द या धातु और प्रत्यय लिखो-)
उत्तर:
Mp Board Class 8 Sanskrit Chapter 12

Sanskrit Chapter 12 Class 8 Mp Board प्रश्न 7.
विभक्तिं, लिङ्ग, वचनं च लिखत(विभक्ति, लिंग और वचन लिखो-)
उत्तर:
Class 8 Sanskrit Chapter 12 Mp Board

चित्रकूटम् हिन्दी अनुवाद

मध्यप्रदेशस्य सतनामण्डले विन्ध्यपर्वतमालायाः मध्ये नैसर्गिकेऽतरिमणीये विस्तृते क्षेत्रे तीर्थस्थलं चित्रकूटं स्थितम् अस्ति। इदं स्थलं नगरकोलाहलरहितम् प्राकृतिकसौन्दर्यसम्पन्नम् अस्ति। अत्र आगमनेन दर्शनेन च सहजतया आनन्दानुभूतिः जायते। चित्रकूटे सघनानि वनानि सन्ति, अत्र कल-कलनादपूरिताः निर्झराः अपि वर्तन्ते। सर्वत्र हरीतिमा राजते। चित्रकूटस्य धार्मिक, सांस्कृतिक, नैसर्गिकम् अपि महत्त्वं विद्यते। कथ्यते यत्-भगवान् रामचन्द्रः वनवानसकाले सीतालक्ष्मणाभ्यां सह एकादशवर्षाणि यावत् चित्रकूटे एवं निवासं कृतवान्। महर्षिः अत्रिः, साध्वी अनुसूया च अत्रैव तपस्यां कृत्वा आत्मज्ञानम् अलभेताम्। जनश्रुत्यनुसारम् अत्रैव अनसूया ब्रह्म-विष्णु-महेशानाम् स्वतपसा बालरूपेण साक्षात्कारं कृतवती। अत्र अनेकानि दर्शनीयानि स्थलानि सन्ति। यथा.

Ch 12 Sanskrit Class 8 Mp Board  अनुवाद :
मध्य प्रदेश के सतना जिले में विन्ध्य पर्वतमाला के बीच में प्राकृतिक अति मनोहर विस्तृत क्षेत्र में तीर्थस्थल चित्रकूट स्थित है। यह स्थल नगर के शोरगुल से रहित प्राकृतिक सौन्दर्य से सम्पन्न है। यहाँ आने और देखने से स्वाभाविक रूप से आनन्द की अनुभूति होती है। चित्रकूट में घने वन हैं, यहाँ कल-कल के स्वर से भरपूर झरने भी हैं। सब जगह हरियाली सुशोभित होती है। चित्रकूट का धार्मिक, सांस्कृतिक और स्वाभाविक महत्व भी है। कहा जाता है कि भगवान् रामचन्द्र ने वनवास के समय में सीता और लक्ष्मण के साथ ग्यारह वर्ष तक चित्रकूट में ही निवास किया। महर्षि अत्रि और साध्वी अनुसूया ने यहीं तपस्या करके आत्मज्ञान प्राप्त किया। जनश्रुति के अनुसार यहीं अनुसूइया ने ब्रह्मा, विष्णु और महेश का अपनी तपस्या से बालरूप में साक्षात्कार किया। यहाँ अनेक देखने योग्य स्थल हैं। जैसे-

रामघट्टः-मन्दाकिन्याः तटे रामघट्टः अस्ति। अयम् अतीवरमणीयः घट्टः। अत्र साधूनां महात्मनां तीर्थयात्रिणांच प्रायःसम्मर्दः भवति। सूर्योदयात् सूर्यास्तंयावत्मन्त्रोच्चारणेन वातावरणं गुञ्जायितं भवति। सन्ध्याकाले नीराजनसमये। मनोरमदृश्यं भवति। अत्र नौकाविहारस्य आनन्दाः अपि यात्रिभिः लभ्यन्ते।

क्लास 8 संस्कृत चैप्टर 12 Mp Board अनुवाद :
रामघाट-मन्दाकिनी के तट पर रामघाट। है। यह बहुत सुन्दर घाट है। यहाँ साधुओं, महात्माओं और तीर्थयात्रियों की प्रायः भीड़ होती है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक मन्त्रों के उच्चारण से वातावरण गूंजता रहता है। शाम को आरती के समय मनोरम दृश्य होता है। यहाँ नौका विहार का आनन्द भी यात्रियों के द्वारा लिया जाता है।

कामदगिरिः-कामदगिरिस्थलस्य धार्मिकम् महत्त्वं लोकप्रसिद्धम्। एतत् स्थलं हरीतिमाच्छादितम् अस्ति। अत्र श्रद्धालवः भगवतः रामस्य प्रतीकस्वरूपं चरणचिह्नम् पूजयन्ति। मान्यता अस्ति यद् भरतः अयोध्यावासिभिः सह रामं पुनः अयोध्याम् आनेतुम् अत्रैव प्रार्थितवान्। अत्रैव समीपे भरतमिलापमन्दिरम् अस्ति। कामदगिरेः प्रदक्षिणाः जनैः क्रियते।

Sanskrit 12 Chapter Class 8 Mp Board अनुवाद :
कामदगिरि-कामदगिरि स्थल का धार्मिक महत्व संसार में प्रसिद्ध है। यह स्थल हरियाली से ढका है। यहाँ श्रद्धालु भगवान् राम के प्रतीक स्वरूप चरण चिन्ह को पूजते हैं। मान्यता है कि भरत ने अयोध्यावासियों के साथ राम से पुनः अयोध्या आने के लिए यहीं प्रार्थना की थी। यहीं पास में भरतमिलाप मन्दिर है। कामदगिरि की प्रदक्षिणा (परिक्रमा) लोगों के द्वारा की जाती है।

जानकीकुण्डम्-रामघट्टात् नातिदूरम् एव जानकीकुण्डम् अस्ति। तत्र नौकया अपि गन्तुं शक्यते। अत्र मन्दाकियाः शान्तं जलम् अतीतस्मृतिपूरितम् इव स्थिरम् भाति। वनवासे सीता अत्रैव स्नानं करोति स्म। अत एव एतस्य नाम जानकीकुण्डम् इति प्रसिद्धम्।

Class 8 Chapter 12 Sanskrit Mp Board अनुवाद :
जानकी कुण्ड-रामघाट से पास में ही जानकी कुण्ड है, वहाँ नाव से भी जाया जा सकता है। यहाँ मन्दाकिनी का शान्त जल प्राचीन स्मृतियों (यादों) से भरा सा स्थिर सुशोभित होता है। वनवास में सीता यहीं स्नान करती थीं। इसलिए ही इसका नाम जानकी कुण्ड प्रसिद्ध हुआ।

अनुसूयाश्रमः-सघनवनमध्ये अनुसयाश्रमः विद्यते। अत्र पक्षिणां कलरवः, निर्झरझर्झरध्वनिः शीतलवायुः च मनांसि रञ्जयन्ति। मन्दाकिन्याः उद्गमस्थलम् एतदेव। अत्र ब्रह्म-विष्णु-महेशात्रि-अनसूयादयः तपस्यां अकुर्वन्।

Chapter 12 Class 8 Sanskrit Mp Board अनुवाद :
अनुसूया का आश्रम-घने वन के बीच में अनुसूया का आश्रम है। यहाँ पक्षियों की आवाज, झरने की झर-झर ध्वनि और शीतल वायु मन को प्रसन्न करती है। मंदाकिनी का उद्गम स्थल यही है। यहाँ ब्रह्मा, विष्णु, महेश, अत्रि, अनुसूया आदि ने तपस्या की।

स्फटिकशिला-जानकीकुण्डसमीपे एव विशाल शिला दर्शनीया वर्तते। अत्रैव जयन्तः काकरूपेण सीताचरणे चञ्चुप्रहारं कृतवान् आसीत् इति प्रसिद्धम्।

Sanskrit Class 8th Chapter 12 Mp Board अनुवाद :
स्फटिकशिला-जानकी कुण्ड के पास में ही विशाल शिला देखने योग्य है। यहीं जयन्त (इन्द्र का पुत्र, काक रूप धारी) ने काक के रूप में सीता के चरणों में चोंच से प्रहार किया था। ऐसा प्रसिद्ध है।

गुप्तगोदावरी-चित्रकूटतः पञ्चकोशदूरं नयनाभिरामं सौन्दर्ययुक्तं गुप्तगोदावरीस्थलं वर्तते। अत्र द्वे नैसर्गिक गुहे स्तः। अत्र निरन्तरं जलम् प्रवहति।

अनुवाद :
गुप्त गोदावरी-चित्रकूट से पाँच कोश दूर नयनाभिराम (आँखें को प्रसन्न करने वाले) सौन्दर्य से युक्त गुप्त गोदावरी स्थल है। यहाँ दो स्वाभाविक गुफाएँ हैं। यहाँ लगातार जल बहता है।

हनुमान्धारा-अत्र उच्चस्थलात् जलम्पतति। जलप्रपातः अत्र खलु द्रष्टव्यः एव। लङ्कादहनानन्तरं रामाज्ञया हनुमान् अत्रैव शीतलत्वं प्राप्तवान् अतः एतस्य नाम हनुमान्धारा इति जनश्रुतिः।

अनुवाद :
हनुमान धारा-यहाँ ऊँचे स्थान से पानी गिरता है। निश्चित ही जल प्रपात यहाँ देखने योग्य है। लंका दहन के बाद राम की आज्ञा से हनुमान ने यहीं ठण्डक प्राप्त की थी। इसलिए इसका नाम हनुमान धारा है ऐसा लोकापवाद है।

ग्रामोदयविश्वविद्यालयः-अत्र राष्ट्रसेवकेन नानाजीदेशमुखेन ग्रामोद्धारभावनया नवीनः प्रकल्पः स्थापितः। चित्रकूटग्रामोदयविश्वविद्यालयः। साम्प्रतं सः महात्मागान्धिग्रामोदयविश्वविद्यालयः इति नाम्ना। प्रसिद्धः। अत्र प्राकृतिकचिकित्साप्रकल्पः अपि वर्तते। कृषेः-अनुसन्धानकार्येषु अत्र महती प्रगतिः दृश्यते।

अनुवाद :
ग्रामोदय विश्वविद्यालय-यहाँ राष्ट्रसेवक नानाजी देशमुख ने गाँव के उद्धार की भावना से नवीन प्रकल्प स्थापित किया। ‘चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय’, इस समय वह ‘महात्मा गान्धी ग्रामोदय विश्वविद्यालय’ नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ प्राकृतिक चिकित्सा प्रकल्प भी है। कृषि के अनुसन्धान के कार्यों में यहाँ बहुत प्रगति दिखाई देती है।

चित्रकूटम् शब्दार्थाः

मण्डले = जिले में। नैसर्गिके = प्राकृतिक रूप में। अतीतस्मृतिपूरितम् = प्राचीन स्मृतियों (यादों) से भरा। सहजतया = स्वाभाविक रूप से। कल-कलनादपूरिताः = कल-कल स्वर से भरपूर। जयन्तः = इन्द्र का पुत्र (काक रूप -धारी)।सम्मर्दः=भीड़ (समूह)। चञ्चुप्रहारम्=चोंचसे प्रहार। गुंजायितम् = गुंजित हुआ। गुहे = दो गुफाएँ। नीराजनासमये = आरती के समय। प्रकल्पः = विचार। यात्रिभिः = यात्रियों के द्वारा।