MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 21 समुद्र की गतियाँ
MP Board Class 7th Social Science Chapter 21 अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) लहरें उत्पन्न होने का सबसे प्रमुख कारक है
(अ) पृथ्वी की घूर्णन गति
(ब) ज्वार-भाटा
(स) पवन
(द) जल में ताप की भिन्नता।
उत्तर:
(स) पवन
(2) लघु ज्वार आता है –
(अ) अष्टमी को
(ब) पूर्णिमा को
(स) अमावस्या को
(द) चतुर्थी को।
उत्तर:
(2) (अ) अष्टमी को।
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) गर्म और ठण्डी जल धारा के मिलने से समुद्री तट पर …………….. होता है।
(2) ………….. लहरें सबसे अधिक विनाशकारी होती हैं।
(3) उत्तरी गोलार्द्ध में धाराएँ अपनी ……………. ओर मुड़ जाती हैं।
उत्तर:
(1) कोहरा
(2) सुनामी
(3) दायीं।
MP Board Class 7th Social Science Chapter 21 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 3.
(1) समुद्री जल में कौन-कौन सी गतियाँ होती हैं ?
उत्तर:
समुद्री जल में तीन प्रकार की गतियाँ होती हैं –
- लहरें
- धाराएँ, तथा
- ज्वार-भाटा।
(2) लहर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वायु के प्रभाव से समुद्री सतह के जल का ऊपर-नीचे होना लहरें कहलाता है।
(3) जलधारा किसे कहते हैं ?
उत्तर:
समुद्रों में नियमित रूप से एक निश्चित दिशा की ओर, क्षैतिज रूप से प्रवाहित होने वाली विशाल जलराशि को जलधारा कहते हैं।
(4) ज्वार – भाटा किसे कहते हैं ?
उत्तर:
चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति के कारण समुद्र के जल का ऊपर उठकर किनारों की ओर बढ़ना ‘ज्वार’ तथा किनारों के पीछे हटना ‘भाटा’ कहलाता है।
(5) ज्वार – भाटे से कोई तीन लाभ बताइए।
उत्तर:
ज्वार-भाटे से लाभ –
- ज्वारीय शक्ति से जल विद्युत उत्पन्न की जा सकती है।
- अनेक प्रकार की सीमें, शंख, मोती आदि वस्तुएँ किनारों पर आ जाती हैं।
- नदियों के मुहानों की गन्दगी साफ हो जाती है तथा नौकायन में सहायता मिलती है।
MP Board Class 7th Social Science Chapter 21 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 4.
(1) लहर और धारा में क्या अन्तर है ? समझाइए।
उत्तर:
लहर और धारा में अन्तर
(2) दीर्घ ज्वार और लघु ज्वार का नामांकित रेखाचित्र बनाते हुए समझाइए।
उत्तर:
दीर्घ ज्वार-जिस दिन सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा एक सरल रेखा में होते हैं, उस दिन सूर्य और चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति के प्रभाव से पृथ्वी पर अन्य दिनों की अपेक्षा ऊँचा ज्वार आता है। इसे दीर्घ ज्वार कहते हैं। दीर्घ ज्वार अमावस्या तथा पूर्णिमा के दिन आता है।
लघु ज्वार – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की सप्तमी या अष्टमी के दिन सूर्य और चन्द्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति समकोण बनाती हुई होती है। इस कारण जल में खिंचाव एक-दूसरे के विपरीत होता है। जिससे ज्वार का उभार अपेक्षाकृत कम होता है। इस समकोणीय स्थिति से उत्पन्न ज्वार को लघु ज्वार कहते हैं।
(3) जलधाराओं के उत्पन्न होने के प्रमुख कारण लिखते हुए मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को लिखिए।
उत्तर:
जल धाराओं के उत्पन्न होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –
- स्थायी पवनों का प्रभाव-स्थायी पवनों के प्रभाव से जलधाराएँ उत्पन्न होकर इन हवाओं की दिशा की ओर बहने लगती हैं।
- तापमान में भिन्नता का प्रभाव-विषुवत रेखा के आस-पास तापमान अधिक रहने के कारण समुद्री जल गर्मी पाकर फैलता है और जलधाराएँ ध्रुवों की ओर बढ़ने लगती हैं।विषुवत रेखा के समीप खाली स्थान को भरने के लिए ध्रुवों की ओर से ठण्डी जलधाराएँ विषुवत रेखा की ओर बहने लगती हैं। इस प्रकार तापमान की भिन्नता जलधाराओं को उत्पन्न करती हैं।
- पृथ्वी की दैनिक परिभ्रमण गति का प्रभाव-पृथ्वी। अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर 24 घण्टे में घूर्णन गति
द्वारा एक चक्कर पूरा करती है जिससे जलधाराएँ उत्तरी गोलार्द्ध में। अपने दायीं ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में बायीं ओर मुड़ जाती हैं। - स्थल भू-भाग का प्रभाव-बहती हुई धारा के सामने जब कोई विशाल स्थल भाग आ जाता है, तो वह अपनी दिशा । स्थल के अनुरूप बदल लेती हैं।
- समुद्र की लवणता का प्रभाव-कुछ धाराएँ जल के घनत्व में अन्तर होने से भी उत्पन्न होती हैं।
जलधाराओं का मानव जीवन पर प्रभाव – इन धाराओं का जलवायु, आवागमन, वर्षा और मत्स्य उद्योग पर प्रभाव पड़ता है –
- गर्म जलधाराएँ अपने तटवर्ती स्थानों का तापमान बढ़ा देती हैं तथा ठण्डी धाराएँ निकटवर्ती क्षेत्रों का सामान्य तापमान कम कर देती हैं।
- समुद्रों में जहाँ गर्म और ठण्डी धाराएँ मिलती हैं, तो वहाँ घना कोहरा उत्पन्न हो जाता है।
- गर्म जलधारा के कारण ऊँचे अक्षांशों में स्थित बन्दरगाह वर्षभर खुले रहते हैं। गर्म धाराओं के ऊपर बहने वाली हवाएँ गर्म होकर
आर्द्रता ग्रहण कर लेती हैं और निकटवर्ती क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा कर देती हैं।