MP Board Class 6th Special Hindi Model Question Paper
सभी प्रश्न हल कीजिए-
प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए
(क) पृथ्वी पर रहने वाले जीव कहलाते हैं
(i) नभचर,
(ii) थलचर,
(iii) जलचर,
(iv) उभयचर।
उत्तर-
(ii) थलचर,
(ख) उज्जयिनी के सम्राट का नाम था
(i) राजा भोज,
(ii) कालिदास,
(iii) शिवाजी,
(iv) विक्रमादित्य।
उत्तर-
(iv) विक्रमादित्य,
(ग) ‘दिन’ शब्द में ‘इक’ प्रत्यय लगने पर बनने वाला शब्द है
(i) दिनइक,
(ii) दयनीक,
(iii) दैनिक,
(iv) दैनीक।
उत्तर-
(iii) दैनिक,
(घ) बिस्मिल के गुरु का नाम था
(i) मेजिनी,
(ii) गोविन्द सिंह,
(iii) महादेव,
(iv) सोमदेव।
उत्तर-
(iv) सोमदेव,
(ङ) श्रवण कुमार के पिता का नाम था
(i) दशरथ,
(ii) भीष्म,
(iii) शांतनु,
(iv) तुलसीदास।
उत्तर-
(iii) शांतनु,
(च) पाषाणयुगीन गुफाओं के शैल चित्र बने हैं
(i) भोजपुर में,
(ii) भीमबेटका में,
(iii) उदयगिरि में,
(iv) साँची में।
उत्तर-
(ii) भीमबेटका में।
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) डॉ. भाभा को भारत सरकार ने ………………………….” की पदवी से अलंकृत किया।
(ख) बूढ़े भारत में भी आई फिर से नई ………………………….” थी।
(ग) ‘नीर’ शब्द का पर्यायवाची शब्द …………………………. है।
(घ) प्राणायाम का अर्थ है …………………………. क्रिया पर नियन्त्रण।
उत्तर-
(क) पद्म-भूषण,
(ख) जवानी,
(ग) जल,
(घ) श्वसन।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) बाबा भारती घोड़े को किस नाम से पुकारते थे?
उत्तर-
बाबा भारती अपने घोड़े को ‘सुलतान’ नाम से पुकारते थे।
(ख) भौतिक तत्वों की सन्तुलित मात्रा को क्या कहते
उत्तर-
भौतिक तत्वों की सन्तुलित मात्रा को ‘सन्तुलित आहार’ कहते हैं।
(ग) मीराबाई ने आँसुओं से सींचकर कौन-सी बेल बोई है?
उत्तर-
मीराबाई ने आँसुओं से सींचकर प्रेम की बेल बोई है।
(घ) वीर शिवाजी की गाथाएँ किसे याद थीं?
उत्तर-
वीर शिवाजी की गाथाएँ लक्ष्मीबाई को मौखिक रूप से याद थीं।
(ङ) बिस्मिल ने अंतिम समय में अपनी माँ से क्या वर माँगा?
उत्तर-
बिस्मिल ने अन्तिम समय में अपनी माँ से यह वर माँगा कि वह उन्हें आशीष दें कि मृत्यु को निकट देखकर भी उनका हृदय विचलित न हो। वह यह भी चाहते थे कि वह अन्तिम समय में अपनी माँ के.चरण-कमलों को प्रणाम कर व परमात्मा को स्मरण करते हुए मातृभूमि की रक्षार्थ अपने प्राण त्याग सकें।
(च) कौरव-पाण्डवों के बीच युद्ध क्यों हुआ?
उत्तर-
आज से लगभग पाँच हजार वर्ष पूर्व कौरवों और पाण्डवों के बीच राज्य-प्राप्ति के लिए युद्ध हुआ था। पाण्डव अपना अधिकार चाहते थे जबकि कौरवों के पास सत्ता बल था।
(छ) ‘मुँह की खाना’ मुहावरे का अर्थ लिखिए।
उत्तर-
पराजय से शर्मिन्दा होना या अपमानित अनुभव करना।
(ज) शिवाजी ने जिस वीर बालक को अपनी सेना में लिया उसका क्या नाम था?
उत्तर-
शिवाजी ने जिस वीर बालक को अपनी सेना में लिया उसका नाम साँवल्या था।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) विकारी और अविकारी शब्द किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर-
विकारी शब्द-जिन शब्दों के रूप लिंग, वचन, और कारक के आधार पर बदल जाते हैं, उन्हें विकारी शब्द कहते हैं। जैसे-लड़का, लड़के, लड़कों; अच्छा, अच्छे, अच्छी; जाते, जाता, जाती; मैं, मुझे, तुम, तुम्हारा, हम, हमें, हमारा आदि। . अविकारी शब्द-जिन शब्दों में लिंग, वचन और कारक के द्वारा कोई परिवर्तन नहीं होता है अर्थात् जिनका रूप एक-सा रहता है, उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं। जैसे–यहाँ, वहाँ, प्रतिदिन, परन्तु, भी, ही, आज आदि।
(ख) अनुप्रास अलंकार का उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
अनुप्रास अलंकार का उदाहरण-‘तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए।”ता’ वर्ण की एक से अधिक बार आवृत्ति होने से अनुप्रास अलंकार है।
(ग) निम्नलिखित पंक्तियों को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए
“विनम्रता ही बड़प्पन की निशानी है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, इस उक्ति के प्रत्यक्ष उदाहरण थे। सन् 1963 में वे भारत के राष्ट्रपति के रूप में ब्रिटेन की यात्रा पर गए। लंदन के विक्टोरिया रेलवे स्टेशन पर इंग्लैण्ड की महारानी एलिजाबेथ, उनके पति प्रिन्स फिलिप और अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे। स्वागत मंच के और वहाँ रहने वाले सैकड़ों भारतीय भी अपने प्रिय राष्ट्रपति का स्वागत करने को खड़े थे।”
(i) बड़प्पन की क्या निशानी है?
(ii) इंग्लैण्ड की यात्रा पर कौन गए थे?
(iii) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(iv) उक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।
उत्तर-
(i) विनम्रता ही बड़प्पन की निशानी है।
(ii) इंग्लैण्ड की यात्रा पर भारत के राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् सन् 1963 ई. में गए।
(iii) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक ‘डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन्-नम्रता की साक्षात् मूर्ति’ है।
(iv) उक्त गद्यांश का सारांश है कि कोई भी व्यक्ति कितना ही बड़ा हो सकता है परन्तु विनम्रता गुण की कमी से वह सम्मान नहीं पाता। विनम्रता से उसे सम्मान की प्राप्ति हो सकती है।
प्रश्न 5.
बसन्त के दुःखी होने के क्या कारण हैं?
उत्तर-
बसन्त के दुःखी होने के कारण हैं कि लोगों ने वृक्षों को काट दिया है, अतः उसके (बसन्त के) ठहर पाने के स्थान समाप्त हो चुके हैं। हरे-भरे जंगलों को उजाड़ कर लोगों ने वहाँ भूमि और वन-सम्पदा को आपस में बाँट लिया है।
अथवा
गाँधीजी के आश्रम में कौन-कौन से कार्य लोग स्वयं करते थे?
उत्तर-
गाँधीजी के आश्रम में लोग सूत कातते थे, कपड़ा बुनते थे। वहाँ जुलाहों जैसी उत्तम प्रकार की कपास की धुनाई की जाती थी। अनाज से कंकड़ बीनकर साफ किया जाता तथा चक्की से अनाज पीसकर आश्रमवासियों के लिए रोटी आदि बनाई जाती थी। सफाई का कार्य भी आश्रम में लोग अपने आप करते थे। गाँधीजी श्रम करने को ही ईश्वर की पूजा बताया करते थे।
प्रश्न 6.
‘जीभ ने दुनिया में बड़े-बड़े कहर ढाए हैं।’ पंक्ति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
‘जीभ ने दुनिया में बड़े-बड़े कहर ढाए हैं’ से तात्पर्य यह है कि कटु वचन और मधुर वचन भी इसी जीभ से बोले जाते हैं। कटु वचन से संसार में शत्रुता बढ़ जाती है। इससे अनेक दुष्परिणाम निकले हैं। इतिहास इस बात का गवाह है कि वाणी की कटुता से ही महाभारत जैसा युद्ध हुआ। अतः कटु वचन से स्वर्ग भी नर्क में बदल जाता है। क्रोधमुक्त कटु वाणी के प्रयोग से बनते काम भी बिगड़ जाते हैं। कटु बात का प्रभाव लोगों के दिलों में चुभने वाला होता है। इससे बड़े-बड़े अनर्थ हो जाते हैं।
अथवा
दूत ने ईश्वर को मिट्टी क्यों दी? कारण सहित समझाइए।
उत्तर-
ईश्वर के द्वारा भेजा गया दूत सबके बाद ईश्वर के पास लौटा। उसने एक पुड़िया ईश्वर को बहुत डरते-डरते सौंपी। ईश्वर ने पुड़िया खोली तो उसमें मिट्टी देखकर दंग रह गए। ईश्वर ने पूछा कि तुम तो इस पुड़िया में मिट्टी ले आए हो। दूत ने बताया कि उसने सबसे अच्छी वस्तु लाने के लिए पृथ्वी पर चप्पा-चप्पा खोज निकाला, लेकिन कोई भी ऐसी वस्तु नहीं दीख पड़ी जिसे मैं लेकर आपको दे सकूँ। अन्त में मैं ऐसे स्थान पर पहुँचा जहाँ पर मनुष्यों ने मानवता की रक्षा के लिए प्रसन्नता से अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया। तब मुझे लगा कि इस स्थान की मिट्टी सबसे महत्वपूर्ण है। अतः मैं वहाँ से इस पुड़िया में मिट्टी लेकर आया हूँ। निश्चित ही, वह मिट्टी धन्य है, जहाँ के निवासियों ने मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया। ईश्वर ने भी उस पुड़िया की मिट्टी को अपने मस्तक से लगाया और निष्कर्ष में कहा गया कि जब तक ऐसे सन्त और महापुरुष इस पृथ्वी पर बने रहेंगे, तब तक पृथ्वी पर सुख, शान्ति और सम्पन्नता बनी रहेगी।
प्रश्न 7.
मूलराज को राजा ने कौन-कौन से दो इनाम दिए?
उत्तर-
राजा ने गरीबों की जब्त की हुई चीजें वापस लौटाकर उन्हें घर जाने की आज्ञा दे दी और यदि किसी साल फसल न हो, तो उस साल लगान नहीं वसूलने का आदेश भी दे दिया।
अथवा
दिनचर्या ध्यान क्या है और कब लगाया जाता है?
उत्तर-
प्रात:काल जागने से लेकर रात्रि में सोने तक दिनभर में किए गए क्रिया-कलापों का एकाग्र होकर स्मरण करना ही दिनचर्या ध्यान कहलाता है। दिनचर्या ध्यान रात में सोते समय बिस्तर पर लेटकर किया जाता है।
प्रश्न 8.
अपने प्रधानाध्यापक महोदय को तीन दिन के अवकाश के लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर-
अध्याय 4 ‘पत्र-लेखन’ के अन्तर्गत देखिए।
अथवा
अपने मित्र को एक पत्र लिखिए जिसमें जल संरक्षण के बारे में चर्चा की गई हो।
उत्तर-
34/108, सिविल लाइन्स
पानी की टंकी के पास, रीवा (म. प्र.)
दिनांक : 15.03.20……
प्रिय मित्र सोहनलाल,
नमस्कार।
तुम्हारा कोई भी कुशलक्षेम भरा पत्र नहीं मिला है, मुझे कुछ चिन्ता हुई तो यह पत्र लिखने बैठ गया। कल ही यहाँ के प्रबुद्ध जनों की समिति की बैठक हुई थी, उसमें शहर की जलउपलब्धता की समस्या पर चर्चा हुई थी। गर्मी प्रारम्भ होते ही शहर भर में पानी के लिए मारा-मारी हो उठती है। इस समस्या के निदान के लिए कुछ सुझाव दिए गए। उनको अपनाने से जल की उपलब्धता सही हो सकेगी। इस सम्बन्ध में जो सुझाव आए थे, वे इस प्रकार हैं-
- जल को व्यर्थ न बहाया जाए।
- आवश्यकता के अनुरूप प्रयोग करें।
- वर्षा जल को तालाबों आदि में संरक्षित करें।
- नदी-नालों में व्यर्थ न बहने दिया जाए।
- पेड़पौधों को लगाएँ।
ऐसे पेड़ लगाएँ जिनकी जड़ों में पानी की व्याप्ति अधिक हो। वर्षा जल को हार्वेस्ट किया जाए। छतों पर पानी रोका जाए। घरों में पानी की भूतल की टंकियों में जल भरा जाए।
उत्तर-
इस तरह के अनेक उपायों पर विचार किया गया और उपस्थित सदस्यों ने इस दिशा में काम करने और लोगों को जल संरक्षण की विधि बताने का जिम्मा सौंपा गया। मैं चाहता हूँ कि तुम भी इस प्रक्रिया को गाँव और अपने नगर के पढ़े-लिखे लोगों को बताओ। देखिए, जल ही जीवन है। जल नहीं तो जीवन नहीं। इस तरह के सन्देश से लोगों में जल संरक्षण के लिए जागृति पैदा कीजिए। इतना ही बस। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में।
तुम्हारा अभिन्न मित्र
राघवेन्द्र
पता-
श्री सोहन लाल
कालिन्दी विहार,
पुराना किला
शहडोल (म. प्र.)
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए
“लेकिन मैं जब तक तुम्हारी दृष्टि से ओझल नहीं हो जाता, तुम तब तक मेरी ओर निर्निमेष दृष्टि से निहारते हो, मानो अपनी पलकों पर बिठाकर तुम मुझे विदाई देते हो।”
उत्तर-
भावार्थ-लेखक के अनुसार जीवन की सबसे बड़ी पूँजी परस्पर विशुद्ध प्रेम ही है। इसमें ही सच्चा सुख छिपा हुआ है। बाहरी आडम्बरों से सच्चाई और सहज प्रेम दीख नहीं पड़ता है। मित्र को विदा करते समय भी हम उन कामों और समस्याओं के सुलझाने के उपायों में मानसिक रूप से उलझे हुए प्रतीत होते हैं जिन्हें हम अपने मित्र को विदा करके करेंगे। हम अपने मित्र को बिना पलक झपकाए, उस समय तक देखते रहते हैं, जब तक वह हमारी आँखों से ओझल न हो जाए। इस तरह का हमारा व्यवहार निश्चित ही यह स्पष्ट करता है कि हम अपने मित्र को अति स्नेह के साथ विदा कर रहे हैं। परन्तु इसमें बनावट की गंध आ जाती है।
अथवा
“हाँ बेटा! अभी तुम अधखिले पुष्प के समान हो। अगर तुमको इसी पुष्प की भाँति अविकसित अवस्था में मुझ जैसे पौधे से अलग कर दिया जाए तो मुझे भी दुःख होगा।”
उत्तर-
भावार्थ-धौम्य अपने शिष्य उपमन्यु को बताते हैं कि वह (उपमन्यु) अभी आधे खिले फूल के समान है। वह अभी पूर्ण फूल नहीं बन सका। एक अधखिला फूल अपने पौधे से अलग कर दिया जाए, तो वह अधखिला ही मुरझा जाएगा। उसका विकास तो हो सकेगा, पर उसका जीवन भी खतरे में पड़ जाएगा। इसी तरह उपमन्यु अभी तक अविकसित फूल के समान है। उसे विकास के लिए अभी अपनी गुरु रूपी पौधे के आश्रय की जरूरत है। यदि उसे गुरु रूपी पौधे से अलग कर दिया गया तो पुष्परूपी शिष्य-उपमन्यु अपनी अविकसित अवस्था में ही अपने अस्तित्व के लिए अनिश्चय की स्थिति में आ जाएगा। इसका गुरु रूपी पौधे को अपार कष्ट होगा।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ स्पष्ट कीजिए
“काल्ह करै सो आज कर, आज करै सो अब्ब।
पल में परलै होयगी, बहुरि करैगो कब्ब॥”
उत्तर-
पाठ-9 ‘पद और दोहे’ के खण्ड-2-दोहे भाग में कबीरदास के दोहे संख्या-5 की व्याख्या को देखिए।
अथवा
छूने पाए मोह न तुमको,
बनो तपस्वी! लौह हृदय !
काल स्वयं डर जाए देखकर,
ध्रुव से भी ध्रुवतर निश्चय॥
उत्तर-
पाठ-6 “विजय गान’ कविता के ‘सम्पूर्ण पद्यांशों की व्याख्या’ के खण्ड-3 की व्याख्या देखिए।
प्रश्न 11.
‘हार की जीत’ अथवा ‘दस्तक’ कहानी का सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
अध्याय-2′ महत्वपूर्ण पाठों के सारांश’ के अन्तर्गत देखिए।
प्रश्न 12.
किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए
(i) पर्यावरण रक्षा,
(ii) कोई महापुरुष,
(iii) अनुशासन,
(iv) विज्ञान से लाभ।
उत्तर-
अध्याय-5 “निबन्ध लेखन’ के अन्तर्गत देखें।