भाषा भारती कक्षा 6 पाठ 12 डॉ. होमी जहाँगीर भाभा प्रश्न उत्तर हिंदी

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Class 6th Hindi Bhasha Bharti Chapter 12 Dr Homi Jehangir Bhabha Question Answer Solutions

MP Board Class 6th Hindi Chapter 12 Dr Homi Jehangir Bhabha Questions and Answers

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए

(क) भाभा अणु-शक्ति संस्थान स्थित है
(i) चेन्नई में
(ii) ट्राम्बे में,
(iii) इंग्लैण्ड में,
(iv) जिनेवा में।
उत्तर
(ii) ट्राम्बे में,

(ख) डॉ. भाभा को पी-एच.डी की उपाधि मिली
(i) सन् 1941 में,
(ii) सन् 1947 में,
(iii) सन् 1951,
(iv) सन् 1966 में।
उत्तर
(i) सन् 1941 में।

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(क) डॉ. भाभा के पिता का नाम …………था।
उत्तर
श्री जे०एस०भाभा

(ख) डॉ. भाभा …………… से संगीत सुनते थे।
उत्तर
ग्रामोफोन।

प्रश्न 3.
एक या दो वाक्यों में उत्तर दीजिए

(क) भारत में अणुशक्ति का विकास किसने किया ?
उत्तर
भारत में अणु शक्ति का विकास प्रथम वैज्ञानिक डॉ. होमी जहाँगीर भाभा ने किया।

(ख) विज्ञान में रुचि के अलावा डॉ. भाभा की और कौन-कौन सी विशेषताएँ थीं?
उत्तर
डा० भाभा को गणित और भौतिक विज्ञान से अति प्रेम था, उन्होंने विद्युत एवं चुम्बक सम्बन्धी बातों के अतिरिक्त कॉस्मिक किरण की मौलिक खोजों पर भाषण दिए। उन्हें संगीत, नृत्य एवं चित्रकला से भी भारी लगाव था। वे पेड़-पौधों और बगीचों के बड़े शौकीन थे।

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(ग) डॉ. भाभा की एकमात्र इच्छा क्या थी?
उत्तर
डॉ. भाभा की एकमात्र इच्छा थी कि भारत को आने वाले वर्षों में आणविक शक्ति के कार्यों के लिए दूसरों का मुँह न ताकना पड़े।

(घ) चित्रकार ने डॉ. भाभा के बनाए चित्र को देखकर क्या कहा था?
उत्तर
चित्रकार ने डॉ. भाभा के बनाए चित्र को देखकर कहा था कि एक दिन यह बालक महान कलाकार बनेगा।

(ङ) अणुशक्ति के रचनात्मक प्रयोग के लिए कौन-सी संस्था स्थापित की गई ?
उत्तर
अणुशक्ति के रचनात्मक प्रयोग के लिए मुम्बई में सर दोराबजी-टाटा ट्रस्ट द्वारा “टाटा इन्स्टीट्यूट ऑफ फंडामेन्टल रिसर्च” नामक संस्था स्थापित की गई।

प्रश्न 4. तीन से पाँच वाक्यों में उत्तर दीजिए

(क) डॉ. भाभा को संगीत के प्रति लगाव कैसे उत्पन्न हुआ?
उत्तर
डॉ.भाभा को बचपन में नींद नहीं आती थी। वे प्रायः रोते रहते थे। इससे पिता को बड़ी चिन्ता लग गई। उन्होंने डॉक्टर की सलाह ली। उनकी सलाह पर डॉ. भाभा के सामने ग्रामोफोन बजाया जाने लगा। इससे उनका ध्यान बँट जाता और वे चुप हो जाते थे। फलतः उनको संगीत के प्रति लगाव हो गया।

(ख) अणुशक्ति के बारे में डॉ. भाभा के क्या विचार थे?
उत्तर
डॉ. भाभा अणुशक्ति से अणुबम बनाने के पक्ष में नहीं थे। अणुबम से लाखों लोगों की जान चली जाती है। इसलिए वे अणुशक्ति का प्रयोग शांतिपूर्ण एवं रचनात्मक कार्यों के लिए करना चाहते थे।

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(ग) डॉ. भाभा की शिक्षा कहाँ-कहाँ हुई ?
उत्तर
मुंबई विश्वविद्यालय से ई.एम.सी. की परीक्षा पास करके वे आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैण्ड चले गए। वहाँ इंजीनियरिंग की परीक्षा पास करके गणित और भौतिक विज्ञान की शिक्षा के लिए उन्होंने कैम्ब्रिज केयस कॉलेज में प्रवेश लिया। उसी मध्य उन्होंने यूरोप के विभिन्न देशों में जाकर विद्युत एवं चुम्बक तथा कॉस्मिक किरण की मौलिक खोज पर अपने भाषण दिए। उन्हें लन्दन की रॉयल सोसाइटी का फैलो चुना गया। पी-एच. डी. तथा डी.एस-सी की उपाधियाँ विभिन्न विश्वविद्यालयों से प्राप्त हुई।

(घ) डॉ. भाभा की मृत्यु कैसे हुई ?
उत्तर
24 जनवरी, 1966 को भारतीय विमान सेवा का ‘कंचनजंघा’ नामक जेट विमान मुम्बई से जिनेवा जा रहा था। इसी विमान से डॉ. भाभा भी यात्रा कर रहे थे। जिनेवा के पास एक बहुत ऊँचा पहाड़ है ‘माउन्ट ब्लॉक’ इस पहाड़ से वह विमान टकरा कर गिर गया। इस दुर्घटना में डॉ.भाभा की मृत्यु हो गई।

प्रश्न 5.
सोचिए और बताइए

(क) अणुशक्ति का प्रयोग विकास के कार्यों में किस प्रकार हो सकता है ?
उत्तर
अणुशक्ति के प्रयोग से बिजली प्राप्त की जा सकती है। इंजन चलाए जा सकते हैं। कल-कारखानों की बड़ी-बड़ी मशीनें चलाई जा सकती हैं। उजाला किया जा सकता है। रेलगाड़ियाँ चलायी जा सकती हैं। खेती के लिए विद्युत से पानी खींचा जा सकता है। अणुशक्ति से अनेक रोगों के इलाज में सहायता मिल सकती है। लोगों के लिए अनेक वैज्ञानिक प्रयोगों में इससे ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है। आवागमन, स्वच्छता, चिकित्सा आदि सम्बन्धी सुविधाएँ ली जा सकती हैं।

(ख) किसी कार्य से ध्यान बंटाने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?
उत्तर
ऐसे अनेक कार्य हैं जिनके द्वारा किसी काम से ध्यान हटाया जा सकता है, जैसे-

  1. संगीत सुनना
  2. चित्रकारी करना
  3. पेड़ पौधों की सिंचाई-गुड़ाई करना व कलात्मक क्रियाएँ करना
  4. शास्त्रीय और आधुनिक संगीत सीखना तथा
  5. प्राकृतिक रूप से आकर्षक स्थलों पर घूमना-फिरना।

(ग) विमान दुर्घटनाएँ किन-किन कारणों से हो सकती
उत्तर
विमान दुर्घटनाएँ प्रायः इंजन में खराबी होने से हो सकती, हैं। परन्तु कभी-कभी पर्वतीय क्षेत्रों के मध्य से या ऊपर से गुजरने पर उन स्थलों की बनावट व ऊँचाई का सही ज्ञान न होने पर दुर्घटना होती है। आकाश में उड़ते पक्षियों से टकराने से विमान असन्तुलित होकर गिर जाते हैं। इंजन में आग लग जाती है। पेट्रोल ट्रैक के अचानक फट जाने से भी दुर्घटना होती है। तेज तूफान आने पर कुहरा या धुंध छाये रहने से दृष्टिबाधित होने की स्थिति में विमान दुर्घटनाएं हो जाती हैं। रडार यंत्र की खराबी से विमान सम्पर्क टूट जाने पर विमान भटक कर टकरा जाते हैं और दुर्घटनाएं हो जाती हैं।

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प्रश्न 6.
अनुभव और कल्पना के आधार पर उत्तर दीजिए

(क) यदि 15 वर्ष की आयु में ही डॉ. होमी जहाँगीर भाभा को यूरोप में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल जाता तो उनके व्यक्तित्व में क्या परिवर्तन होते ? .
उत्तर
यदि 15 वर्ष की आयु में ही डॉ. भाभा को यूरोप में शिक्षा के लिए भेज दिया जाता तो वे थोड़े समय में ही विज्ञान सम्बन्धी शिक्षा प्राप्त करके भारत लौट आते और अपनी प्रशंसनीय सेवाओं को देश को समर्पित करते। देश विविध क्षेत्रों में प्रगति करता और विश्व में अपने विकास से एक विशेष स्थान बना पाता।

(ख) यदि डॉ. भाभा का दुर्घटना में निधन नहीं होता तो अणुशक्ति के उनके शान्तिपूर्ण प्रयासों का विश्व पर क्या प्रभाव पड़ता?
उत्तर
यदि डॉ. भाभा का दुर्घटना में निधन नहीं होता तो उनकी अणुशक्ति के शान्तिपूर्ण प्रयासों का विश्व पर यह प्रभाव | पड़ता कि उस शक्ति का विनाशकारी रूप (बम) के निर्माण में प्रयोग नहीं किया जाता। देशों में अपनी सुरक्षा के नाम पर बनने वाले विध्वंसक यंत्र नहीं बनते। विश्व में पर्यावरणीय समस्या नहीं आती। पानी-हवा आदि स्वच्छ रहते। अनेक रोगों से मुक्ति मिलती। विश्व के देश अपेक्षाकृत विकसित होते, सुख और शान्ति होती। लोग समृद्ध, स्वस्थ और सुखी होते।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का उच्चारण कीजिएअन्तर्राष्ट्रीय, ट्रॉम्बे, अलंकृत, सौन्दर्यपूर्ण, इंस्टीट्यूट।
उत्तर
अपने अध्यापक महोदय के सहयोग से शुद्ध उच्चारण कीजिए और अभ्यास कीजिए।

प्रश्न 2.
पाठ में आए शब्द-युग्मों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर
अणु-शक्ति, पढ़े-लिखे, संगीत-प्रेमी।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए
(i) संसार
(ii) उपवन
(iii) दीप
(iv) मार्ग।
उत्तर
(i) संसार-जग, जगत, विश्व, दुनिया।
(ii) उपवन-बाग, बगीचा।
(iii) दीप-दीया, दीपक।
(iv) मार्ग-पथ, राह, रास्ता।

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प्रश्न 4.
दिए गए शब्दों में त्व, इत, ईय प्रत्यय जोड़कर नए शब्द बनाइए
प्रभु, पशु, नारी, पुष्प, सम्मान, प्रभाव, दर्शन, राष्ट्र, भारत।
उत्तर

  1. प्रभु + त्व = प्रभुत्व, पशु + त्व = पशुत्व, नारी + त्व = नारीत्व।
  2. पुष्प + इत=पुष्पित, सम्मान + इत = सम्मानित, प्रभाव + इत = प्रभावित।
  3. दर्शन + ईय = दर्शनीय, राष्ट्र + ईय = राष्ट्रीय, भारत + ईय = भारतीय।

प्रश्न 5. उपसर्ग जोड़कर नए शब्द बनाइए
उपसर्ग-अ, सु, दुर्।
शब्द-शुभ, ज्ञान, सभ्य, मार्ग, गंध, संस्कृत, जन, गति,
उत्तर

  1. अ+ शुभ-अशुभ, अ + ज्ञान = अज्ञान, अ + सभ्य = असभ्य।
  2. सु + मार्ग = सुमार्ग, सु + गंध = सुगंध, सु + संस्कृत = सुसंस्कृत।
  3. दुर् + जन् = दुर्जन, दुर् + गति = दुर्गति, दुर् + गुण = दुर्गुण।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए
(i) घर
(ii) खेत
(iii) लाज।
उत्तर
(i) घर = गृह
(ii) खेत = क्षेत्र
(iii) लाज = लज्जा।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(1) अणु-शक्ति
(2) संगीत-प्रेमी
(3) वैज्ञानिक
(4) सपूत।
उत्तर

  1. अणुशक्ति-डॉ. भाभा ने अणु-शक्ति का प्रयोग विकास और शान्ति के कार्यों के लिए उपयोग करने की सलाह दी।
  2. संगीत-प्रेमी-डॉ. भाभा बचपन से ही संगीत-प्रेमी थे।
  3. वैज्ञानिक-विश्व के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों द्वारा डॉ. भाभा को स्मरण किया जाता है।
  4. सपूत-डॉ. भाभा भारत माता के वह सपूत थे जिन्होंने सदैव चाहा कि अणुशक्ति का उपयोग केवल मानव कल्याण के लिए किया जाये।

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प्रश्न 8.
निम्नलिखित वाक्यों में से मुख्य क्रिया और सहायक क्रिया छाँटकर लिखिए
(क) गोपाल स्कूल जाता है।
(ख) वह पुस्तक पढ़ चुका है।
(ग) सौता पत्र लिख रही है।
(घ) राम स्कूल गया था।
उत्तर
(क) ‘जाना’ मुख्य क्रिया, ‘है’ सहायक क्रिया।
(ख) ‘पढ़ना’ मुख्य क्रिया, ‘है’ सहायक क्रिया।
(ग) “लिखना’ मुख्य क्रिया, ‘है’ सहायक क्रिया।
(घ) ‘जाना’ मुख्य क्रिया, था’ सहायक क्रिया।

डॉ. होमी जहाँगीर भाभा परीक्षोपयोगी गद्यांशों की व्याख्या 

(1) डॉक्टर भाभा अणु-शक्ति से अणुबम बनाने के पक्ष में नहीं थे। अणुबम से लाखों लोगों की जान चली जाती है। इसलिए वे अणु-शक्ति का प्रयोग शांतिपूर्ण, रचनात्मक कार्यों के लिए करना चाहते थे।

सन्दर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘भाषा भारती’ के’डॉ. होमी जहाँगीर भाभा’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक डॉ. सुखदेव दुबे व अन्य लेखकगण हैं।

प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में डॉ. भाभा की दूरदर्शिता का वर्णन किया गया है।

व्याख्या-डॉ. होमी जहाँगीर भाभा अणु’ की शक्ति को पहचानते थे। साथ ही, वह यह भी जानते थे कि ‘अणुबम’ के रूप में इसकी ताकत का गलत उपयोग, मानव सभ्यता के लिए काफी खतरनाक होता है। अणुबम के विध्वंस से पलभर में हजारों-लाखों जिन्दगियाँ काल के गाल में समा जाती हैं। अत: वे अणु-शक्ति का सही उपयोग करके इस विलक्षण ‘ऊर्जा’ को मानव की सेवा में तथा शांतिपूर्ण एवं रचनात्मक कार्यों में लगाना चाहते थे।

(2) उनकी कलात्मक रुचि का परिणाम है कि दाम्बे के अणु-शक्ति संस्थान में बगीचे तथा पौधों की सजावट सौन्दर्यपूर्ण एवं कलापूर्ण दिखाई देती है। टाटा इंस्टीट्यूट की गैलरियों तथा कमरों में सजे चित्र एवं वहाँ के उपवन उनकी वैज्ञानिकता एवं कलात्मकता के सुन्दर संगम हैं।

संदर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में डॉ. भाभा की कलात्मकता एवं रुचियों का वर्णन किया है।

व्याख्या-डॉ. भाभा के अन्दर कला के प्रति रुझान था जिसका नतीजा यह है कि उन्होंने अणुशक्ति केन्द्र ट्राम्बे में एक बगीचा विकसित किया है। इस बगीचे कों अनेक पेड़-पौधों से सुन्दर बनाया है, उसकी सजावट में इन्हीं पौधों को विशेष महत्व है। यह सजावट अति कलापूर्ण है। टाटा इन्स्टीट्यट की गैलरियों और अन्य कमरों की सजावट भी चित्रों द्वारा की गई है। ये चित्र भी डॉ. भाभा की कलात्मक रुचि को प्रकट करते हैं। वहाँ के बगीचे और समीप वाले उपवनों के विकास में वैज्ञानिकता झलकती है और उनकी कला का अनोखा जोड़ है, मिश्रण है। इस तरह डॉ. भाभा की वैज्ञानिकता में उनकी कलात्मकता का योग बेजोड़

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(3) भारत के इस महान सपूत की स्मृति में ट्रॉम्बे के अणु-शक्ति केन्द्र का नाम बदलकर ‘भाभा अणु-शक्ति अनुसन्धान केन्द्र’ कर दिया गया। डॉ. भाभा आज भले ही हमारे बीच न हों परन्तु उन्होंने विज्ञान जगत को जो अमूल्य योगदान दिया है उससे भावी वैज्ञानिकों को सदा मार्गदर्शन मिलता रहेगा।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-डॉ. भाभा के द्वारा विज्ञान जगत के लिए किए गए कार्यों का महत्व बताया गया है।

व्याख्या-डॉ. भाभा भारत के बहुत बड़े महत्वपूर्ण पुत्र थे। वे आज इस दुनिया में हमारे बीच नहीं हैं, परन्तु विज्ञान के संसार में उन्होंने जो भी हमारे लिए किया है, उसका महत्व महान है। विज्ञान जगत में किया गया उनका कार्य बेजोड़ है। उनकी यादगार के लिए ही ट्रॉम्बे के अणुशक्ति केन्द्र का नाम बदल दिया है और उसका नाम ‘भाभा अणु-शक्ति अनुसन्धान केन्द, कर दिया गया है। उनके वैज्ञानिक प्रयोगों और खोजों से भविष्य के वैज्ञानिकों को उस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए दिशा-निर्देशन मिलेगा और मानवता की भलाई होती रहेगी। संसार में सुख-समृद्धि होती रहेगी।

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