Students get through the MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 8 गुरुत्वाकर्षण which are most likely to be asked in the exam.
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 8 गुरुत्वाकर्षण
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
गुरुत्वाकर्षण और गुरुत्व से क्या समझते हो?
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण-ब्रह्माण्ड में स्थित किन्हीं भी दो पिण्डों के बीच लगने वाले आकर्षण बल को गुरुत्वाकर्षण कहते हैं।
गुरुत्व-कोई ग्रह (जैसे-पृथ्वी) किसी पिण्ड पर जो बल लगाता है उसे गुरुत्व कहते हैं। गुरुत्व की दिशा सदैव पृथ्वी के केन्द्र की ओर होती है।
प्रश्न 2.
न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियम लिखिये।
उत्तर-
इस नियमानुसार, “ब्रह्माण्ड का प्रत्येक कण दूसरे कण को आकर्षित करता है तथा यह आकर्षण बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
प्रश्न 3.
सार्वत्रिक गुरुत्वीय नियतांक G की परिभाषा, मात्रक तथा विमीय सूत्र लिखिए।
उत्तर-
एकांक दूरी पर स्थित दो एकांक द्रव्यमानों के मध्य लगने वाला आकर्षण बल, गुरुत्वीय नियतांक (G) कहलाता है।
सूत्र- F = \(\frac{G m_{1} m_{2}}{r^{2}}\) से, G = \(\frac{F r^{2}}{m_{1} m_{2}}\)
∴ G का मात्रक =
विमीय सूत्र- [M-1L3T-2]
प्रश्न 4.
सार्वत्रिक गुरुत्वीय नियतांक का मान 6.67 × 10-11 न्यूटन मीटर/किग्रा है। इस कथन का क्या अर्थ है ? ..
उत्तर-
इस कथन का अर्थ है कि 1 किग्रा के दो पिण्ड 1 मीटर की दूरी पर स्थित होने पर एक-दूसरे पर 6.67 ×10-11 न्यूटन का आकर्षण बल आरोपित करेंगे।
प्रश्न 5.
G को सार्वत्रिक नियतांक क्यों कहते हैं ? .
उत्तर-
चूँकि G का मान पिण्डों की प्रवृत्ति, माध्यम, स्थान, समय, ताप इत्यादि किसी भी भौतिक राशि पर निर्भर नहीं करता, अतः इसे सार्वत्रिक नियतांक कहते हैं।
प्रश्न 6.
गुरुत्वीय त्वरण किसे कहते हैं ? इसका प्रामाणिक मान कितना होता है ?
उत्तर-
गुरुत्व के कारण किसी वस्तु में उत्पन्न त्वरण को गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। इसका प्रामाणिक मान 9.8 मीटर/सेकण्ड2 होता है।
प्रश्न 7.
g तथा G में संबंध लिखिए।
उत्तर-
g=\(\frac{G M}{R^{2}}\) .
प्रश्न 8.
पृथ्वी के केन्द्र पर गुरुत्वीय त्वरण का मान कितना होता है ?
उत्तर-
पृथ्वी के केन्द्र पर गुरुत्वीय त्वरण का मान शून्य होता है।
प्रश्न 9.
किसी ग्रह पर किसी पिण्ड का भार किन-किन बातों पर निर्भर करता है?
उत्तर-
किसी ग्रह पर किसी पिण्ड का भार निम्न बातों पर निर्भर करता है
- ग्रह के आकार पर,
- ग्रह की दैनिक गति पर,
- ग्रह पर पिण्ड की स्थिति पर।
प्रश्न 10.
पृथ्वी की सतह पर g के मान में परिवर्तन किस प्रकार होता है ?
उत्तर-
विषुवत् रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर g का मान बढ़ने लगता है। विषुवत् रेखा पर न्यूनतम तथा ध्रुवों पर अधिकतम् होता है।
प्रश्न 11.
g का मान कहाँ अधिकतम तथा कहाँ न्यूनतम होता है ?
उत्तर-
ध्रुवों पर g का मान अधिकतम तथा पृथ्वी के केन्द्र पर न्यूनतम (0) होता है।
प्रश्न 12.
एक पिण्ड को पृथ्वी के केन्द्र से चन्द्रमा तक ले जाते हैं। उसके भार तथा द्रव्यमान में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर-
पृथ्वी के केन्द्र पर भार शून्य होगा। इसके बाद भार बढ़ता जायेगा। पृथ्वी की सतह पर अधिकतम होगा। पुन: पृथ्वी सतह से ऊपर जाने पर भार कम होने लगेगा। चन्द्रमा पर वस्तु का भार पृथ्वी की सतह पर भार की तुलना में \(\frac{1}{6}\) गुना रह जायेगा। द्रव्यमान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
प्रश्न 13.
यदि पृथ्वी घूर्णन करना बन्द कर दे तो गुरुत्वीय त्वरण के मान पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर-
यदि पृथ्वी घूर्णन गति करना बन्द कर दे तो ध्रुवों पर गुरुत्वीय त्वरण का मान वही रहेगा, किन्तु अन्य स्थानों पर बढ़ जायेगा।
प्रश्न 14.
किसी पिण्ड के जड़त्वीय तथा गुरुत्वीय द्रव्यमान को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
जड़त्वीय द्रव्यमान-जड़त्व के आधार पर परिभाषित द्रव्यमान को जड़त्वीय द्रव्यमान कहते हैं। गुरुत्वीय द्रव्यमान-गुरुत्व के आधार पर परिभाषित द्रव्यमान को गुरुत्वीय द्रव्यमान कहते हैं।
प्रश्न 15.
जड़त्वीय तथा गुरुत्वीय द्रव्यमान में क्या संबंध होता है ?
उत्तर-
जड़त्वीय द्रव्यमान, गुरुत्वीय द्रव्यमान के तुल्य होता है।
प्रश्न 16.
अनंत पर गुरुत्वीय विभव का मान कितना होता है ?
उत्तर-
अनंत पर गुरुत्वीय विभव का मान शून्य होता है।
प्रश्न 17.
गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता किसे कहते हैं ? इसका मात्रक लिखिए।
उत्तर-
गुरुत्वीय क्षेत्र के किसी बिन्दु पर रखा एकांक द्रव्यमान का पिण्ड जितने बल का अनुभव करता है उसे उस बिन्दु पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता कहते हैं। इसका SI मात्रक न्यूटन /मीटर है।
प्रश्न 18.
गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
किसी पिण्ड को अनन्त से किसी अन्य पिण्ड के गुरुत्वीय क्षेत्र के किसी बिन्दु तक लाने में जितना कार्य करना पड़ता है, उसे उस बिन्दु पर गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा कहते हैं। चूँकि यह किसी पिण्ड पर पृथ्वी द्वारा आरोपित आकर्षण बल के कारण होती है अतः इसका मान ऋणात्मक होता है।
प्रश्न 19.
किसी वस्तु की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा -6.4 × 106 जूल है। इस कथन का क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
इसका अर्थ है कि वस्तु को गुरुत्वीय क्षेत्र से बाहर फेंकने के लिए 6.4 × 106 जूल ऊर्जा की आवश्यकता होगी।
प्रश्न 20.
भूमध्य रेखा पर किसी वस्तु का भार, ध्रुवों पर उसी वस्तु के भार की अपेक्षा कम क्यों होता है ?
उत्तर-
भूमध्य रेखा पर किसी वस्तु का भार, ध्रुवों पर उसी वस्तु के भार की अपेक्षा कम होता है क्योंकि भूमध्य रेखा पर गुरुत्वीय त्वरण g का मान ध्रुवों की अपेक्षा कम होता है तथा भार = द्रव्यमान × गुरुत्वीय त्वरण।
प्रश्न 21.
पलायन वेग को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
पलायन वेग वह न्यूनतम वेग है, जिससे किसी पिण्ड को पृथ्वी की सतह से ऊपर की ओर फेंके जाने पर वह गुरुत्वीय क्षेत्र को पार कर जाता है, पृथ्वी पर वापस नहीं आता।
प्रश्न 22.
पृथ्वी तल पर पलायन वेग का मान कितना होता है ?
उत्तर-
पृथ्वी तल पर पलायन वेग का मान 11.2 किमी प्रति सेकण्ड होता है।
प्रश्न 23.
चन्द्रमा के तल पर पलायन वेग का मान कितना होता है ?
उत्तर-
चन्द्रमा के तल पर पलायन वेग का मान 2.4 किमी / सेकण्ड होता है।
प्रश्न 24.
कक्षीय चाल और पलायन वेग में क्या संबंध होता है ?
उत्तर-
पलायन वेग = \(\sqrt{2}\) × कक्षीय चाल।
प्रश्न 25.
किसी ग्रह पर किसी गैस का रुकना किस बात पर निर्भर करता है ?
उत्तर-
यदि ग्रह का पलायन वेग किसी गैस के माध्य तापीय वेग से कम है तो उस ग्रह में वह गैस नहीं ठहर सकती, पलायन कर जाती है।
प्रश्न 26.
भू-स्थायी या तुल्यकाली उपग्रह को परिभाषित कीजिये।
उत्तर-
ऐसा उपग्रह जो पृथ्वी के अक्ष के लंबवत् तल में पश्चिम से पूरब की ओर पृथ्वी की परिक्रमा करता है तथा जिसका परिक्रमण काल पृथ्वी के परिक्रमण काल (24 घंटे) के बराबर होता है, तुल्यकाली उपग्रह कहलाता है।
प्रश्न 27.
तुल्यकाली उपग्रह को भू-स्थायी उपग्रह भी क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
इसका परिक्रमण काल पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूर्णन बल के अर्थात् 24 घंटे के बराबर होता है अत: यह उपग्रह स्थिर न होते हुए भी पृथ्वी के सापेक्ष स्थिर दिखाई देता है, अत: इस उपग्रह को भू-स्थायी उपग्रह भी कहते हैं।
प्रश्न 28.
पार्किंग कक्षा से क्या समझते हो?
उत्तर-
जिस कक्षा में भू-स्थायी उपग्रह परिक्रमा करते हैं, उसे भू-स्थायी कक्षा या पार्किंग कक्षा कहते हैं।
प्रश्न 29.
पृथ्वी तल से तुल्यकाली उपग्रह की ऊँचाई कितनी होती है ?
उत्तर-
पृथ्वी तल से तुल्यकाली उपग्रह की ऊँचाई लगभग 36,000 किमी होती है।
प्रश्न 30.
भारहीनता की स्थिति से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
किसी वस्तु का भार अन्य वस्तु द्वारा उस पर लगाये गये प्रतिक्रिया बल के कारण होता है। यदि किसी विशेष परिस्थिति में प्रतिक्रिया बल का मान शून्य हो जाये तो व्यक्ति को अपना भार शून्य प्रतीत होगा, यही भारहीनता की स्थिति होती है।
प्रश्न 31.
चन्द्रमा पर भारहीनता का अनुभव क्यों नहीं होता ?
उत्तर-
चन्द्रमा पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह है। पृथ्वी के सापेक्ष तो चन्द्रमा या उस पर स्थापित प्रत्येक वस्तु भारहीनता की स्थिति में है, किन्तु चन्द्रमा पर उसके स्वयं के गुरुत्व के कारण प्रत्येक वस्तु का भार होता है, अतः चन्द्रमा पर भारहीनता का अनुभव नहीं होता।
प्रश्न 32.
जब कोई उपग्रह किसी ग्रह की परिक्रमा करता है तो उसके द्वारा किया गया कार्य कितना होता है ?
उत्तर-
शून्य।
प्रश्न 33.
अन्तरिक्ष में स्थापित उपग्रह की ऊँचाई बढ़ाने पर उसकी कक्षीय चाल घटती क्यों है ?
उत्तर-
चूँकि कक्षीय चाल vc = R\(\sqrt{\frac{g}{R+h}}\),
अत: R,g के नियत होने पर,
vc ∝ \(\frac{1}{\sqrt{h}}\)
अर्थात् कक्षीय चाल ऊँचाई के वर्गमूल के व्युत्क्रमानुपांती होती है अतः ऊँचाई बढ़ाने पर उसकी कक्षीय चाल घटती है। –
प्रश्न 34.
कृत्रिम उपग्रह की कक्षा को वायुमंडल से बाहर क्यों रखा जाता है ?
उत्तर-
कृत्रिम उपग्रह की कक्षा को वायुमंडल से बाहर रखा जाता है अन्यथा वह वायुमंडल के घर्षण से उत्पन्न ऊष्मा के कारण जलकर नष्ट हो जायेगा।
प्रश्न 35.
क्या किसी द्रव्य कण का वेग प्रकाश के वेग.के तुल्य हो सकता है ? कारण समझाइये।
उत्तर-
जब वस्तु का वेग प्रकाश के वेग के तुल्य हो जाता है तो उसका द्रव्यमान अनन्त हो जाता है, जो कि संभव नहीं है, अतः किसी भी द्रव्य कण का वेग प्रकाश के वेग के तुल्य नहीं हो सकता।
प्रश्न 36.
कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी के चारों ओर अपनी कक्षा में बिना कोई ईंधन खर्च किये परिक्रमा करता है, किन्तु एक वायुयान को एक निश्चित ऊँचाई पर ही उड़ते रहने के लिए ईंधन की आवश्यकता होती है, क्यों?
उत्तर-
कृत्रिम उपग्रह वायुमंडल के वाहर परिक्रमा करता है, जिससे वायु का घर्षण नगण्य होता है, अतः ईंधन की आवश्यकता नहीं होती किन्तु वायुयान, वायुमंडल के भीतर ही उड़ता है। अत: वायु के घर्षण बल के विरुद्ध गति करने के लिए ईंधन की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 37.
किसी उपग्रह में समय ज्ञात करने के लिए किसका उपयोग करेंगे, लोलक घड़ी या स्प्रिंग घड़ी ?
उत्तर-
स्प्रिंग घड़ी क्योंकि लोलक घड़ी वहाँ बन्द हो जायेगी।
प्रश्न 38.
एक कृत्रिम उपग्रह में एक स्प्रिंग तुला पर 2 किग्रा द्रव्यमान की एक वस्तु रखी है। स्प्रिंग तुला का पाठ्यांक क्या होगा?
उत्तर-
शून्य।
प्रश्न 39.
एक कृत्रिम उपग्रह में पानी से भरे गिलास को टेढ़ा करने पर क्या होगा?
उत्तर-
पानी बूंदों के रूप में कृत्रिम उपग्रह के अन्दर तैरने लगेगा, भारहीनता की स्थिति के कारण।
प्रश्न 40.
कृत्रिम उपग्रह के अन्दर एक किलोग्राम के एक पिण्ड को डोरी से लटकाया गया है। डोरी में तनाव कितना होगा?
उत्तर-
शून्य।
प्रश्न 41.
पृथ्वी तल पर 5 ग्राम द्रव्यमान की वस्तु के लिए पलायन वेग 11.2 किमी/सेकण्ड है। 10 ग्राम द्रव्यमान की वस्तु के लिए पलायन वेग का मान कितना होगा?
उत्तर-
चूंकि पलायन वेग द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता, अत: 10 ग्राम द्रव्यमान की वस्तु के लिए पलायन वेग का मान 11.2 किमी/ सेकण्ड होगा।
प्रश्न 42.
किसी उपग्रह को ग्रह के चारों ओर परिक्रमा करने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्र बल कहाँ से प्राप्त होता है?
उत्तर-
उपग्रह को किसी ग्रह के चारों ओर परिक्रमा करने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्र बल ग्रह द्वारा लगाये गये गुरुत्वाकर्षण बल से प्राप्त होता है।
प्रश्न 43.
सूर्य हमारी पृथ्वी को गुरुत्वाकर्षण बल से अपनी ओर खींचता है, लेकिन पृथ्वी, सूर्य की ओर गति नहीं करती है ? कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पृथ्वी स्थिर नहीं है, बल्कि वह सूर्य के चारों ओर लगभग वृत्ताकार कक्षा में चक्कर लगाती है जिसके लिए आवश्यक अभिकेन्द्री बल सूर्य के कारण पृथ्वी पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल से प्राप्त होता है, इस प्रकार पृथ्वी गतिक संतुलन में रहती है।
प्रश्न 44.
भू-उपग्रह का परिक्रमण काल किन-किन कारकों पर निर्भर करता है ?
उत्तर-
भू-उपग्रह का परिक्रमण काल, पृथ्वी तल से उसकी दूरी पर निर्भर करता है। पृथ्वी तल से उपग्रह की दूरी बढ़ने पर उसका परिक्रमण काल बढ़ता है।
प्रश्न 45.
उपग्रह की कक्षीय चाल, उपग्रह की पृथ्वी से दूरी पर किस प्रकार निर्भर करती है ?
उत्तर-
उपग्रह की पृथ्वी से दूरी बढ़ने पर उसकी कक्षीय चाल घटती है।
प्रश्न 46.
भू-स्थिर उपग्रह के परिक्रमण की दिशा क्या होती है ?
उत्तर-
भू-स्थिर उपग्रह पृथ्वी की घूर्णन अक्ष के लंबवत् विषुवत् रेखीय तल में पृथ्वी की दैनिक गति की दिशा में अर्थात् पश्चिम से पूर्व की ओर परिक्रमा करता है।
प्रश्न 47.
किसी उपग्रह की संपूर्ण ऊर्जा ऋणात्मक क्यों होती है ?
उत्तर-
चूँकि उपग्रह को अनन्त तक भेजने के लिए अर्थात् उसकी कुल ऊर्जा को शून्य करने के लिए उपग्रह को ऊर्जा देनी होती है अत: उपग्रह की संपूर्ण ऊर्जा ऋणात्मक होती है।
प्रश्न 48.
“पृथ्वी तल पर किसी पिण्ड की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा -6.4 × 106 जूल है” इस कथन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
इस कथन का अर्थ है कि पृथ्वी तल से किसी पिण्ड को पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र से बाहर भेजने के लिए 6.4 × 106 जूल ऊर्जा चाहिए।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियम समझाइये।
उत्तर-
सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियम-अति लघु उत्तरीय प्रश्न क्रमांक 2 देखिये।
इस नियमानुसार यदि m तथा ma द्रव्यमान के दो पिण्ड एक-दूसरे से d दूरी पर स्थित हैं तथा उनके बीच लगने वाला बल F हो तो
(i) F∝m1m2
(ii) F∝\(\frac{1}{d^{2}}\) दोनों को मिलाकर लिखने पर,
F ∝\(\frac{m_{1} m_{2}}{d^{2}}\)
या F = \(\frac{G \cdot m_{1} m_{2}}{d^{2}}\)
जहाँ G = नियतांक है, जिसे सार्वत्रिक गुरुत्वीय नियतांक कहते हैं।
प्रश्न 2.
g तथा G में संबंध समझाइये तथा सिद्ध कीजिये कि गुरुत्वीय त्वरण का मान वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता? .
उत्तर–माना पृथ्वी गोल है जिसका द्रव्यमान M तथा त्रिज्या R है। इसकी सतह पर m द्रव्यमान की कोई वस्तु रखी है। माना पृथ्वी का संपूर्ण द्रव्यमान उसके केन्द्र पर केन्द्रित है अत: न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम से पृथ्वी द्वारा वस्तु पर लगाया गया बल
F=\(\frac{G M \cdot m}{R^{2}}\) ………………………. (1)
परन्तु न्यूटन के द्वितीय नियमानुसार,
बल = द्रव्यमान × त्वरण से,
पृथ्वी द्वारा m द्रव्यमान की वस्तु पर लगाया गया बल
F = mg ……………………………………… (2)
अब समी. (1) तथा (2) से,
mg = \(\frac{G M m}{R^{2}}\)
अतः g = \(\frac{G M}{R^{2}}\) …………………………………. (3)
यही G तथा g में अभीष्ट संबंध है। इससे स्पष्ट है कि गुरुत्वीय त्वरण का मान वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता।
प्रश्न 3.
पृथ्वी की सतह से ऊँचाई पर जाने पर गुरुत्वीय त्वरण के मान में परिवर्तन की गणना कीजिए।
अथवा
g का मान पृथ्वी तल से ऊपर जाने पर किस प्रकार बदलता है ? आवश्यक सूत्र स्थापित कीजिए।
उत्तर-
माना पृथ्वी का द्रव्यमान M तथा त्रिज्या R है तथा इसकी सतह पर गुरुत्वीय त्वरण का मान g है।
तब g = \(\frac{G M}{R^{2}}\) …………………….. (1)
यदि पृथ्वी सतह से : ऊँचाई पर m द्रव्यमान की वस्तु स्थित है जिसकी पृथ्वी के केन्द्र से दूरी (R + h) है। यदि इस ऊँचाई पर गुरुत्वीय त्वरण g’ हो तो
g’ = \(\frac{G M}{(R+h)^{2}}\) ……………………….. (2)
समी. (2) में समी. (1) का भाग देने पर,
\(\frac{g^{\prime}}{g}\) = \(\frac{R^{2}}{(R+h)^{2}}\) = \(\frac{R^{2}}{R^{2}\left(1+\frac{h}{R}\right)^{2}}\) ……………………………….. (3)
∴ \(\frac{g^{\prime}}{g}\) = \(\left(1+\frac{h}{R}\right)^{-2}\) = \(\left(1-\frac{2 h}{R}\right)\), (द्विपद प्रमेय से प्रसार करने पर)
या \(\frac{g^{\prime}}{g}\) = \(\left(1-\frac{2 h}{R}\right)\) ………………………… (4)
समी. (3) तथा (4) से स्पष्ट है कि g'<g अतः h का मान बढ़ने पर अर्थात् पृथ्वी सतह से ऊपर जाने पर g का मान कम होने लगता है।
प्रश्न 4.
पृथ्वी सतह से गहराई में जाने पर गुरुत्वीय त्वरण के मान में परिवर्तन की गणना कीजिए।
उत्तर-
माना पृथ्वी का द्रव्यमान M तथा त्रिज्या R है। यदि पृथ्वी सतह पर गुरुत्वीय त्वरण का मान g हो, तो
g = \(\frac{G M}{R^{2}}\) ………………………………….. (1)
अतः . द्रव्यमान = आयतन × घनत्व
∴ M =\(\frac{4}{3}\)πR3D,
समी. (1) में M का मान रखने पर,
g = \(\frac{G \cdot \frac{4}{3} \pi R^{3} D}{R^{2}}\)
(जहाँ D = पृथ्वी का औसत घनत्व है)
अतः g = \(\frac{4}{3}\)πGRD …………………………….. (2)
माना पृथ्वी सतह से १ गहराई पर m द्रव्यमान की वस्तु रखी है। अतः पृथ्वी के केन्द्र से वस्तु की दूरी (R -h) होगी। अतः इस गहराई पर गुरुत्वीय त्वरण यदि g’ हो तो
g’=\(\frac{4}{3}\)πG(R-h)D …………………………………. (3)
समी. (3) में समी. (2) का भाग देने पर,
\(\frac{g^{\prime}}{g}\) = \(\frac{R-h}{R}\) = \(\left(1-\frac{h}{R}\right) \)
या g’ = g\(\left(1-\frac{h}{R}\right) \)
समी. (4) से स्पष्ट है कि g’ <g
अत: h का मान बढ़ने अर्थात् पृथ्वी सतह से नीचे जाने पर g का मान कम होने लगता है।
पृथ्वी के केन्द्र 0 पर h = R
अतः समी. (4) में मान रखने पर,
g’ = g(1-1) = 0
अतः पृथ्वी के केन्द्र पर गुरुत्वीय त्वरण का मान शून्य होता है।
प्रश्न 5.
ध्रुवों परg का मान अधिकतम तथा विषुवत रेखा परg का मान न्यूनतम होता है, समझाइये कैसे?
उत्तर-
माना पृथ्वी का द्रव्यमान M तथा त्रिज्या R है।
अत: पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण g = \(\frac{G M}{R^{2}}\)
चूँकि G तथा M नियत हैं।
अतः g ∝\(\frac{1}{R^{2}}\)
चूँकि पृथ्वी पूर्णत: गोलाकार न होकर ध्रुवों पर कुछ चपटी है। पृथ्वी की ध्रुवीय त्रिज्या विषुवत् रेखीय त्रिज्या से कम है। अतः ध्रुवों पर g का मान अधिकतम तथा विषुवत् रेखा पर न्यूनतम होता है।
प्रश्न 6.
गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा को परिभाषित कर पृथ्वी तल पर रखे ॥ द्रव्यमान की वस्तु की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का व्यंजक स्थापित कीजिए।
उत्तर-
गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा-अति लघु उत्तरीय प्रश्न क्रमांक 18 देखें।
व्यंजक-माना पृथ्वी का द्रव्यमान M है। पृथ्वी के कारण x दूरी पर m द्रव्यमान पर लगने वाला बल
F = \(\frac{G M m}{x^{2}}\) (पृथ्वी के केन्द्र की ओर )
अतः m द्रव्यमान को x से (x-dx) तक विस्थापित करने में (बल की दिशा में) किया गया कार्य
dW = F.dx = \(\frac{G M m}{x^{2}}\)dx
चूँकि m द्रव्यमान को अनन्त से दूरी तक लाने में किया गया कार्य w = वस्तु की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा U
अतः U =w = \(\int_{\infty}^{r} \frac{G M m}{x^{2}}\) dx
∴ U = –\(\frac{G M m}{r}\)
यह पृथ्वी के केन्द्र से r दूरी पर स्थित m द्रव्यमान की वस्तु की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा है। ___ यदि । = R (पृथ्वी की त्रिज्या) हो तो पृथ्वी की सतह पर स्थित m द्रव्यमान की वस्तु की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा
U = –\(\frac{G M m}{R}\)
परन्त GM = gR2
अतः U = –\(\frac{g R^{2} m}{R}\) = – mgR.
प्रश्न 7.
सिद्ध कीजिए कि पृथ्वी तल के समीप किसी पिण्ड की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा mgh होती है।
उत्तर-
यदि m द्रव्यमान के पिण्ड को r1 से r2, दूरी तक विस्थापित किया जाये तो उसकी गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि
ΔU = –\(\frac{G M m}{r_{2}}\) – \(\left(-\frac{G M m}{r_{1}}\right)\)
या ΔU = GMm\(\left(\frac{1}{r_{1}}, \frac{1}{r_{2}}\right)\) ………………….. (1)
माना पृथ्वी का द्रव्यमान M तथा त्रिज्या R है। यदि m द्रव्यमान के पिण्ड को पृथ्वी सतह से 1 ऊँचाई तक ऊपर ले जायें तो
r1 = R, r2= (R + h)
अतः समी. (1) में मान रखने पर,
ΔU = GMm\(\left(\frac{1}{R}-\frac{1}{R+h}\right)\) = \(\frac{G M m}{R}\) \(\left(1-\frac{R}{R+h}\right) \)
⇒ ΔU = \(\frac{G M m}{R}\) \(\left(1-\frac{1}{1+\frac{h}{R}}\right)\)
चूँकि \(\frac{G M}{R^{2}}\) =g
∴ ΔU = mgh.
यही सिद्ध करना था।
प्रश्न 8.
गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता से आप क्या समझते हैं ? गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता और गुरुत्वीय त्वरण में संबंध स्थापित कीजिए।
उत्तर-
गुरुत्वीय क्षेत्र-किसी पिण्ड के चारों ओर का वह क्षेत्र जहाँ तक दूसरा पिण्ड गुरुत्वाकर्षण बल का अनुभव करता है, गुरुत्वीय क्षेत्र कहलाता है।
– गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता-गुरुत्वीय क्षेत्र के किसी बिन्दु पर रखा एकांक द्रव्यमान का पिण्ड जितने बल का अनुभव करता है उसे उस बिन्दु पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता कहते हैं। – यदि किसी बिन्दु पर n द्रव्यमान का पिण्ड रखने पर उस पर F बल कार्य करे तो उस बिन्दु पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता
E = \(\frac{F}{m}\) ………………… (1)
माना बिन्दु O पर M द्रव्यमान का एक पिण्ड स्थित है, जिससे । दूरी पर स्थित बिन्दु P पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करनी है। कल्पना कीजिए कि बिन्दु P पर एकांक द्रव्यमान (m = 1) का एक पिण्ड रखा गया है। अत: M द्रव्यमान के पिण्ड द्वारा बिन्दु P पर रखे एकांक द्रव्यमान के पिण्ड पर आरोपित आकर्षण बल
F = \(\frac{G M \cdot 1}{r^{2}}\) = \(\frac{G M}{r^{2}}\) ……………………… (2)
∴ बिन्दु पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता
E = \(\frac{F}{m}\) = \(\frac{G M / r^{2}}{\mathrm{I}}\) = \(\frac{G M}{r^{2}}\) …………………….. (3)
यदि पृथ्वी के केन्द्र से दूरी पर स्थित किसी बिन्दु पर गुरुत्वीय त्वरण g हो तो
g = \(\frac{G M}{r^{2}}\) ……………….. (4)
अतः समी. (3) तथा (4) से,
g= E …………………………… (5)
अर्थात् किसी बिन्दु पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता उस बिन्दु पर गुरुत्वीय त्वरण के बराबर होती है।
प्रश्न 9.
पृथ्वी के समीप परिक्रमण करने वाले उपग्रह का कक्षीय वेग ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
कक्षीय वेग v = R\(\sqrt{\frac{g}{R+h}}\)
जहाँ R पृथ्वी की त्रिज्या, h पृथ्वी तल से उपग्रह की ऊँचाई तथा g गुरुत्वीय त्वरण है।
यदि उपग्रह पृथ्वी की सतह के निकट हो अर्थात्
h< अतः उपर्युक्त समीकरण से,
v = R\(\sqrt{\frac{g}{R}}\)
या v= \(\sqrt{g \mathrm{R}}\)
इस समीकरण में यदि g = 9. 8 मीटर/सेकण्ड तथा R = 6.38 x 106 मीटर रखें तो .
v=\(\sqrt{9 \cdot 8 \times 6 \cdot 38 \times 10^{6}}\)
= 8 किमी/सेकण्ड।
नोट : पृथ्वी तल के समीप परिक्रमा कर रहे उपग्रह के लिए h << R अतः समीकरण
प्रश्न 10.
कृत्रिम उपग्रह के परिक्रमण काल से आप क्या समझते हैं ? इसके लिए व्यंजक व्युत्पन्न कीजिए।
उत्तर-
परिक्रमण काल-कृत्रिम उपग्रह को पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करने में जितना समय लगता है, उसे उसका परिक्रमण काल कहते हैं।
व्यंजक-यदि उपग्रह का परिक्रमण काल T तथा वृत्तीय कक्षा की त्रिज्या r हो, तो
v= \(\frac{2 \pi r}{\mathrm{~T}}\)
या T = \(\frac{2 \pi r}{v}\)
परन्तु
r= R+h तथा v = R\(\sqrt{\frac{g}{R+h}}\)
∴ T= \(\frac{2 \pi(\mathrm{R}+h)}{\mathrm{R} \sqrt{g /(\mathrm{R}+h)}}\)
या T= \(\frac{2 \pi}{R}\) \(\sqrt{\frac{(\mathrm{R}+h)^{3}}{g}}\)
यही अभीष्ट व्यंजक है।
प्रश्न 11.
पृथ्वी के समीप परिक्रमण करने वाले उपग्रह का परिक्रमण काल ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
यदि पृथ्वी की त्रिज्या R तथा गुरुत्वीय त्वरण g हो, तो पृथ्वी तल के समीप परिक्रमा करने वाले
उपग्रह का परिक्रमण काल T =\(\frac{2 \pi}{R}\).\(\sqrt{\frac{(R+h)^{3}}{g}}\) ………………………. (1)
यदि उपग्रह पृथ्वी की सतह के निकट हो अर्थात् h < < R तो समी. (1) से,
T = \(\frac{2 \pi}{R}\)\(\sqrt{\frac{\mathrm{R}}{g}}\) …………………… (2)
समी. (2) में R = 6.38 × 106 मीटर तथा g = 9.8 मीटर/सेकण्ड2 रखने पर,
T=2 × 3.14\(\sqrt{\frac{6 \cdot 38 \times 10^{6}}{9 \cdot 8}}\)
9.8 = 84.4 मिनट (लगभग)। …
प्रश्न 12.
ग्रह A, ग्रह B से भारी है, किस पर पलायन वेग अधिक होगा ? मानलो दोनों की त्रिज्याएँ समान हैं।
उत्तर-
सूत्र v = \(\sqrt{\frac{2 G M}{R}}\) से,
G नियतांक है तथा R समान है।
∴ v ∝\(\sqrt{\mathrm{M}}\)
∴ \(\frac{v_{\mathrm{A}}}{v_{\mathrm{B}}}\) = \(\sqrt{\frac{\mathrm{M}_{\mathrm{A}}}{\mathrm{M}_{\mathrm{B}}}}\)
जहाँ MA और MB क्रमशः A और B के द्रव्यमान हैं।
∴MA > MB.
∴ vA > vB
अतः ग्रह A पर पलायन चेग अधिक होगा।
प्रश्न 13.
पृथ्वी तल के समीप परिक्रमा करने वाले कृत्रिम उपग्रह के कक्षीय चाल और पलायन वेग के लिए व्यंजक लिखिए एवं उनमें सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
अथवा
पृथ्वी तल के समीप परिक्रमा करने वाले कृत्रिम उपग्रह की कक्षीय चाल और पलायन वेग में क्या सम्बन्ध होता है ?
उत्तर-
कक्षीय वेग v0= \(\sqrt{\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}}}\) ………………………. (1)
पलायन वेग ve = \(\sqrt{\frac{2 \mathrm{GM}}{\mathrm{R}}}\) …………………….. (2)
समी. (2) में समी. (1) का भाग देने पर,
\(\frac{v_{e}}{v_{\mathrm{o}}}\) = \(\frac{\sqrt{\frac{2 G M}{R}}{R}}{\sqrt{\frac{G M}{R}}}\)
या \(\frac{V_{e}}{v_{o}}\) = \(\sqrt{2}\)
∴ ve = \(\sqrt{2}\) v0
शब्दों में,
पलायन वेग = \(\sqrt{2}\) x कक्षीय वेग।
यही अभीष्ट सम्बन्ध है।
प्रश्न 14. तुल्यकाली उपग्रह की विशेषताएँ तथा उपयोग लिखिए।
उत्तर-
विशेषताएँ-
1. यह उपग्रह पृथ्वी की अक्ष के लम्बवत् विषुवत् रेखीय तल में परिक्रमण करता
2. यह पश्चिम से पूर्व की ओर अपनी कक्षा में परिक्रमा करता है।
3. इसका परिक्रमण काल पृथ्वी के अपनी अक्ष पर घूर्णन काल अर्थात् 24 घण्टे के तुल्य होता है। अतः यह उपग्रह स्थिर न होते हुए भी पृथ्वी के सापेक्ष स्थिर दिखाई देता है। अतः इस उपग्रह को भू-स्थायी उपग्रह भी कहते हैं।
उपयोग-
तुल्यकाली उपग्रह को सम्प्रेषण उपग्रह या संचार उपग्रह भी कहते हैं। इसकी सहायता से दूरदर्शन या रेडियो सिग्नलों को इच्छित दिशा में भेजा जाता है। पृथ्वी की सतह वक्राकार है, अतः केवल एक तुल्यकाली उपग्रह की सहायता से सिग्नलों का पृथ्वी के समस्त स्थानों पर सम्प्रेषण सम्भव नहीं है। इसके लिए तीन तुल्यकाली उपग्रह तुल्यकाली कक्षा में समान दूरी पर स्थापित किये जाते हैं। ये उपग्रह रेडियो ट्रान्सपोर्टरों से युक्त होते हैं।
प्रश्न 15.
तुल्यकाली तथा ध्रुवीय उपग्रह के दो-दो उपयोग लिखिए।
उत्तर
तुल्यकाली उपग्रह के उपयोग-
1. वायुमण्डल के ऊपरी क्षेत्रों का अध्ययन करने में।
2. मौसम के बारे में पूर्व सूचना प्राप्त करने के लिये।
ध्रुवीय उपग्रह के उपयोग-
1. सुदूर संवेदन के लिये।
2. पर्यावरणीय जानकारी प्राप्त करने के लिये।
प्रश्न 16.
तुल्यकाली उपग्रह क्या है ? सिद्ध कीजिए कि पृथ्वी सतह से उसकी ऊँचाई लगभग 36,000 किमी होती है।
उत्तर-
तुल्यकाली उपग्रह-ऐसा उपग्रह जो पृथ्वी के अक्ष के लम्बवत् तल में पश्चिम से पूर्व की ओर पृथ्वी की परिक्रमा करता है तथा जिसका परिक्रमण काल (24 घण्टे) के बराबर होता है, तुल्यकाली उपग्रह कहलाता है।
सूत्र : T = \(\frac{2 \pi}{\mathrm{R}}\) \(\sqrt{\frac{(R+h)^{3}}{g}}\) से.
T2 = \(\frac{4 \pi^{2}}{\mathrm{R}^{2}} \frac{(\mathrm{R}+h)^{3}}{g}\)
∴ (R+h)3 = \(\frac{\mathrm{T}^{2} g \mathrm{R}^{2}}{4 \pi^{2}}\)
या R+h = \(\left(\frac{\mathrm{T}^{2} g \mathrm{R}^{2}}{4 \pi^{2}}\right)^{1 / 3}\)
T= 24 घण्टे = 24 × 60 × 60 सेकण्ड, g= 9.8 मीटर/सेकण्ड और R = 6.38 × 106 मीटर का मान समी. (1) में रखने पर,
R+h = \(=\left[\frac{(24 \times 60 \times 60)^{2} \times 9 \cdot 8 \times\left(6 \cdot 38 \times 10^{6}\right)^{2}}{4 \times\left(\frac{22}{7}\right)^{2}}\right]^{1 / 3}\)
या R+h = 42 .22 × 106 मीटर = 42220 किमी (लगभग)
अतः पृथ्वी की सतह से इस उपग्रह की कक्षा की ऊँचाई
h = (R+ h)-R
= 42.22 ×106 – 6.38 × 106
= 35.84 × 106 मीटर
= 35,840 किमी = 36,000 किमी (लगभग)
अतः तुल्यकाली उपग्रह की ऊँचाई पृथ्वी की सतह से लगभग 36,000 किमी होती है।
प्रश्न 17.
चन्द्रमा पर वायुमण्डल की अनुपस्थिति का कारण बताइए।
अथवा
चन्द्रमा पर वायुमण्डल क्यों नहीं है, जबकि बृहस्पति तथा शनि पर सघन वायुमण्डल है।
उत्तर-
किसी ग्रह पर कोई गैस ठहर सकती है या नहीं यह बात उस ग्रह के पलायन वेग पर निर्भर करती है। यदि ग्रह का पलायन वेग किसी गैस के माध्य तापीय वेग से कम है तो उस ग्रह में वह गैस ठहर नहीं पाती, पलायन कर जाती है। बड़े ग्रहों जैसे-बृहस्पति, शनि आदि पर पलायन वेग का मान गैसों के हर सम्भव ताप पर माध्य तापीय चाल से अधिक होता है। अत: इन ग्रहों पर सघन वायुमण्डल होता है।
चन्द्रमा पर वायुमण्डल नहीं है-
पृथ्वी के वायुमण्डल में उपस्थित सभी गैसों के अणुओं का माध्य तापीय वेग पृथ्वी तल से पलायन वेग 11.2 किमी/सेकण्ड से कम होता है। अत: गैसें पृथ्वी से पलायन नहीं कर पाती हैं । चन्द्र तल से पलायन वेग का मान 24 किमी/सेकण्ड है। सभी गैसों से अणुओं का माध्य तापीय वेग 2.4 किमी/सेकण्ड से अधिक है। अतः गैसें चन्द्रमा पर ब ठहरकर उसके वातावरण से पलायन कर जाती हैं। फलस्वरूप चन्द्रमा पर वायुमण्डल नहीं है।
प्रश्न 18.
ग्रहों की गति सम्बन्धी केपलर के नियमों को लिखिए तथा समझाइए।
उत्तर-
ग्रहों की गति सम्बन्धी केपलर के नियम निम्नलिखित हैं
प्रथम नियम-
“प्रत्येक ग्रह सूर्य के चारों ओर एक दीर्घवृत्तीय कक्ष में परिभ्रमण करता है। सूर्य दीर्घवृत्त के एक फोकस पर स्थित रहता है।” इस नियम को कक्षों का नियम कहते हैं।
द्वितीय नियम- “ग्रह को सूर्य से मिलाने वाली रेखा समान समय अन्तरालों में समान क्षेत्रफल तय करती है। दूसरे शब्दों में, ग्रहों की क्षेत्रीय चाल सदैव नियत रहती है। इस नियम को क्षेत्रफल का नियम कहते हैं।
यदि कोई ग्रह दिये गये समयान्तराल में A से B तक जाता है तथा उतने ही समयान्तराल में C से D तक जाता हो, तो इस नियम के अनुसार,
क्षेत्रफल ASB = क्षेत्रफल CSD जहाँ S सूर्य की स्थिति है।
तृतीय नियम–“सूर्य के चारों ओर किसी ग्रह के परिभ्रमण काल का वर्ग सूर्य से उस ग्रह की औसत दूरी के घन के अनुक्रमानुपाती होता है।” ..
इस नियम को परिभ्रमण काल का नियम कहते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
पृथ्वी की सतह से गहराई के साथ g के मान में क्या परिवर्तन होता है ? गणितीय गणना के आधार पर समझाइए।
अथवा
सिद्ध कीजिए कि पृथ्वी के केन्द्र पर का मान शून्य होता है।
उत्तर-
मानलो पृथ्वी का द्रव्यमान M तथा त्रिज्या R है। यदि पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण का मान
g हो, तो
g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}\) ………………….. (1)
परन्तु, द्रव्यमान = आयतन × घनत्व
M =\(\frac{4}{3}\)πR3D
जहाँ, D = पृथ्वी का औसत घनत्व
समी. (1) में M का मान रखने पर,
g = \(\frac{G \frac{4}{3} \pi R^{3} D}{R^{2}}\)
∴ g= \(\frac{4}{3}\)πrGRD ……………………. (2)
मानलो पृथ्वी की सतह से h गहराई पर कोई वस्तु रखी गई है। अतः पृथ्वी के केन्द्र से वस्तु की दूरी (R-h) होगी। इस वस्तु पर केवल (R-h) त्रिज्या के गोले (छायांकित भाग) के कारण आकर्षण बल कार्य करेगा, शेष बाहरी खोखले गोलीय कवच के कारण आकर्षण बल शून्य होता है।
∴ h गहराई पर गुरुत्वीय त्वरण ।
g’ = \(\frac{G M^{\prime}}{(R-h)^{2}}\) ……………………. (3)
जहाँ M’ = (R-h) त्रिज्या के गोले का द्रव्यमान = \(\frac{4}{3}\) π(R-h)3 D.
समी. (3) में M’ का मान रखने पर,
g’ = \(\frac{\mathrm{G} \frac{4}{3} \pi(\mathrm{R}-h)^{3} \mathrm{D}}{(\mathrm{R}-h)^{2}} \)
या g’ = \(\frac{4}{3}\)πG(R-h)D ……………………… (4)
समी. (4) में समी. (2) का भाग देने पर,
\(\frac{g^{\prime}}{g}\) = \(\frac{\frac{4}{3} \pi \mathrm{G}(\mathrm{R}-h) \mathrm{D}}{\frac{4}{3} \pi \mathrm{GRD}}\)
या \(\frac{g^{\prime}}{g}\) = \(\frac{\mathrm{R}-h}{\mathrm{R}}\) = 1 – \(\frac{h}{\mathrm{R}}\)
……………………. (5)
समी. (5) से स्पष्ट है कि g <g
अत: h का मान बढ़ने अर्थात् पृथ्वी की सतह से नीचे जाने परg का मान कम होने लगता है।
प्रश्न 2.
कृत्रिम उपग्रह की कक्षीय चाल से आप क्या समझते हैं ? इसके लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए।
अथवा
कृत्रिम उपग्रह की कक्षीय चाल हेतु व्यंजक स्थापित कीजिए।
उत्तर-
कक्षीय चाल-किसी उपग्रह को किसी कक्षा में स्थापित करने के लिए आवश्यक चाल को उस उपग्रह की कक्षीय चाल कहते हैं।
व्यंजक-जब कोई उपग्रह पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता है तो उसे अभिकेन्द्र बल पृथ्वी द्वारा उपग्रह पर आरोपित गुरुत्वाकर्षण बल से प्राप्त होता है। उपग्रह की कक्षा के किसी भी बिन्दु पर गुरुत्वाकर्षण बल सदैव अभिकेन्द्र बल के बराबर होता है। यही किसी उपग्रह के पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करने का सिद्धान्त है। मानलो m द्रव्यमान का एक उपग्रह पृथ्वी की सतह से h दूरी पर वृत्तीय कक्षा में कक्षीय चाल v से गति कर रहा है। M पृथ्वी का द्रव्यमान है।
मानलो पृथ्वी के केन्द्र से उपग्रह की दूरी है।
∴ वृत्तीय मार्ग में गति करने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्र बल = \(\frac{m v^{2}}{r}\)
परन्तु न्यूटन के सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियम से, पृथ्वी द्वारा उपग्रह पर आरोपित बल = \(\frac{\mathrm{GMm}}{r^{2}}\)
उपग्रह के नियत कक्षा में रहने पर ये दोनों बल समान होंगे।
∴ \(\frac{m v^{2}}{r}\) = \(\frac{\mathrm{GMm}}{r^{2}}\)
या v2 = \(\frac{\mathrm{GM}}{r}\)
या v = \(\sqrt{\frac{\mathrm{GM}}{r}}\) ……………………………… (1)
यदि पृथ्वी की त्रिज्या R तथा पृथ्वी की सतह से उपग्रह की ऊंचाई h हो तो समी. (1) से,
v = \(\sqrt{\frac{G M}{R+h}}\) ……………………… (2)
परन्तु g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}\)
जहाँ g पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण है।
समी. (2) में मान रखने पर,
v = \(\sqrt{\frac{g \mathrm{R}^{2}}{\mathrm{R}+h}}\)
या v = R\(\sqrt{\frac{g}{R+h}}\)
यही अभीष्ट व्यंजक है।
यदि h< R+h =R
v=\(\sqrt{\frac{g R^{2}}{R}}\)
या v = \(\sqrt{g R}\)
प्रश्न 3.
पृथ्वी तल से पलायन वेग के लिए सूत्र की स्थापना कीजिए।
अथवा
पलायन वेग किसे कहते हैं ? पृथ्वी तल से किसी पिण्ड के पलायन वेग के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
अथवा
सिद्ध कीजिए कि पलायन वेग का मान पिण्ड के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता।
उत्तर-
पलायन वेग-पलायन वेग वह न्यूनतम वेग है जिससे किसी पिण्ड को पृथ्वी की सतह के ऊपर की ओर फेंके जाने पर वह गुरुत्वीय क्षेत्र को पार कर जाता है, पृथ्वी पर वापस नहीं आता।
मानलो पृथ्वी का द्रव्यमान M तथा त्रिज्या R है। किसी क्षण पर m द्रव्यमान का एक पिण्ड पृथ्वी के केन्द्र से x दूरी पर स्थित है।
पृथ्वी द्वारा m द्रव्यमान के पिण्ड पर आरोपित बल
F=\(\frac{\mathrm{GMm}}{x^{2}}\)
इस गुरुत्वीय बल के विरुद्ध पिण्ड को dx दूरी तक ले जाने में किया गया कार्य
dW = Fdx = \(\frac{\mathrm{GMm}}{x^{2}}\) dx
अतः पिण्ड को पृथ्वी की सतह (x = R) से अनन्त दूरी (x = ∞) तक ले जाने में किया गया कुल कार्य
W=\(\int_{\mathrm{R}}^{\infty}\) Fdx
यदि पिण्ड का पलायन वेग v हो, तो
पिण्ड की प्रारम्भिक गतिज ऊर्जा =\(\frac{1}{2}\)mv2
अब पलायन वेग-जनित गतिज ऊर्जा = वस्तु को गुरुत्वीय क्षेत्र से बाहर ले जाने में किया गया कार्य
∴ \(\frac{1}{2}\)mv2 = \(\frac{\mathrm{GMm}}{\mathrm{R}}\)
या v2 = \(\frac{2 \mathrm{GM}}{\mathrm{R}}\)
∴ v = \(\sqrt{\frac{2 G M}{R}}\) …………………… (1)
किन्तु g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}\)
या GM = gR2
समी. (1) में मान रखने पर,
v = \(\sqrt{\frac{2 g \mathrm{R}^{2}}{\mathrm{R}}}\)
v = \(\sqrt{2 g R}\) यही अभीष्ट व्यंजक है। ………………………… (2)
समी. (2) में m नहीं है। अतः पलायन वेग का मान पिण्ड के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता।
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1.
दो पिण्ड जिनमें से प्रत्येक का द्रव्यमान 10 किलोग्राम है, एक-दूसरे से 5 मीटर की दूरी पर रखे हैं। वे एक-दूसरे को कितने बल से आकर्षित करेंगे ? (G = 6.6 × 10-11 न्यूटन मी2 /किग्रा2)
उत्तर-
हल-दिया है-m1 = m2 = 10 किग्रा, d = 5 मीटर, G = 6.6 × 10-11 न्यूटन मी2/किग्रा2
सूत्र F = \(\frac{G m_{1} m_{2}}{d^{2}}\) से,
F = \(\frac{6 \cdot 6 \times 10^{-11} \times 10 \times 10}{5 \times 5}\)
= 26.4× 10-11 = 2.64 × 10-10 न्यूटन।
प्रश्न 2.
पृथ्वी तल से कितना नीचे जाने पर गुरुत्वीय त्वरण, पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण का
(i) आधा रह जायेगा,
(ii) एक चौथाई रह जायेगा ? जबकि पृथ्वी की त्रिज्या 6400 किमी है।
उत्तर-
हल- पृथ्वी सतह से नीचे जाने पर,
(i) \(\frac{g^{\prime}}{g}\) = \(\left(1-\frac{h}{R}\right)\)
यहाँ \(\frac{g^{\prime}}{g}\) = \(\frac{1}{2}\) एवं R = 6400 किमी ·
∴ \(\frac{1}{2}\) = \(\left(1-\frac{h}{6400}\right)\)
या \(\frac{h}{6400}\) = 1 – \(\frac{1}{2}\) = \(\frac{1}{2}\)
∴ h = 6400 × \(\frac{1}{2}\) =3200 किलोमीटर नीचे जाने पर।
(ii) \(\frac{g^{\prime}}{g}\) = \(\frac{1}{4}\)
अत: \(\frac{1}{4}\) = \(\left(1-\frac{h}{6400}\right)\)
∴ \(\frac{h}{6400}\) = 1 – \(\frac{1}{4}\) = \(\frac{3}{4}\)
⇒ h=\(\frac{3}{4}\) × 6400 = 3 × 1600 = 4800 किमी नीचे जाने पर। उत्तर
प्रश्न 3.
दो एकसमान गोलों के केन्द्रों के बीच की दूरी 1 मीटर है। यदि इनके बीच 1 न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण बल लगता हो तो प्रत्येक का द्रव्यमान ज्ञात कीजिए। (G = 6.67 × 10-11 MKS मात्रक)
उत्तर-
हल-दिया है-F = 1 न्यूटन, m1 = m2 = m (माना), d = 1 मीटर , G = 6.67 x 10-11MKS मात्रक
सूत्र- F =\(\frac{G m_{1} m_{2}}{d^{2}}\) से,
∴ 1= \(\frac{6 \cdot 67 \times 10^{-11} \times m^{2}}{1}\)
⇒ m2 = \(\frac{1}{6 \cdot 67 \times 10^{-11}}\) = \(\frac{1}{6 \cdot 67} \times 10^{11}\)
⇒ m = \(\sqrt{\frac{10^{11}}{6 \cdot 67}}\) = 1.225 × 105
किग्रा प्रत्येक का द्रव्यमान। उत्तर
प्रश्न 4.
पृथ्वी की सतह से 10 किलोमीटर ऊपर तथा 10 किलोमीटर नीचे गुरुत्वीय त्वरण के मानों का अनुपात ज्ञात कीजिए जबकि पृथ्वी की त्रिया 6400 किमी है।
उत्तर-
हल-पृथ्वी सतह से नीचे जाने पर गुरुत्वीय त्वरण gd = g\(\left(1-\frac{h}{R}\right)\)
पृथ्वी सतह से ऊपर जाने पर गुरुत्वीय त्वरण gh = \(g\left(1-\frac{2 h}{R}\right)\)
∴ \(\frac{g_{h}}{g_{d}}\) = \(\frac{g\left(1-\frac{2 h}{R}\right)}{g\left(1-\frac{h}{R}\right)}\)
h = 10 किमी तथा R = 6400 किमी रखने पर,
\(\frac{g_{h}}{g_{d}}\) = \(\frac{1-\frac{2 \times 10}{6400}}{1-\frac{10}{6400}}\)
= \(\frac{6400-20}{6400-10}\) =\(\frac{6380}{6390}\)
⇒ \(\frac{g_{h}}{g_{d}}\) = \(\frac{638}{639}\)
∴ gh:ga = 638: 639.
प्रश्न 5.
कितनी ऊँचाई पर गुरुत्वीय त्वरण का मान पृथ्वी सतह पर गुरुत्वीय त्वरण का एक चौथाई रह जायेगा?
उत्तर-
हल-ऊँचाई पर जाने पर,
\(\frac{g^{\prime}}{g}\) = \(\frac{R^{2}}{(R+h)^{2}}\)
प्रश्नानुसार,
∴ \(\frac{g}{4 g}\) = \(\left(\frac{R}{R+h}\right)^{2} \)
⇒ \(\frac{1}{4}\) = \(\left(\frac{R}{R+h}\right)^{2}\)
∴ \(\frac{R}{R+h}\) = \(\frac{1}{2}\) ⇒ 2R = R+h
⇒ 2R – R = h
∴ h = R
अतः पृथ्वी की त्रिज्या के बराबर ऊँचाई पर गुरुत्वीय त्वरण एक चौथाई रह जायेगा।
प्रश्न 6.
पृथ्वी की अपेक्षा चन्द्रमा पर g का मान \(\frac{1}{6}\) है । यदि किसी पिण्ड को पृथ्वी से चन्द्रमा पर ले जायें तो उसके भार में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर-
अतः चन्द्रमा पर भार; पृथ्वी पर भार का \(\frac{1}{6}\) गुना होगा।
प्रश्न 7. पृथ्वी का द्रव्यमान, चन्द्रमा के द्रव्यमान का 100 गुना तथा त्रिज्या 5 गुनी है। यदि चन्द्रमा की सतह पर किसी वस्तु का भार W हो तो पृथ्वी की सतह पर उसका भार कितना होगा?
उत्तर-
हल ge = \(\frac{G M_{e}}{R_{e}^{2}}\) ए्व gm = \(\frac{G M_{m}}{R_{m}^{2}}\)
अतः \(\frac{g_{m}}{g_{e}}\) = \(\frac{G M_{m}}{R_{m}^{2}} \div \frac{G M_{e}}{R_{e}^{2}}\)
⇒ \(\frac{g_{m}}{g_{e}}\) = \(\frac{M_{m}}{M_{e}} \times\left(\frac{R_{e}}{R_{m}}\right)^{2}\) = \( \frac{M_{m}}{100 M_{m}} \times\left(\frac{5 R_{m}}{R_{m}}\right)^{2}\)
= \(\frac{1}{100}\) × 25 = \(\frac{1}{4}\)
प्रश्न 8.
चन्द्रमा के तल पर गुरुत्वीय त्वरण का मान कितना होगा, यदि चन्द्रमा की त्रिज्या, पृथ्वी की त्रिज्या की \(\frac{1}{4}\) भाग हो तथा इसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का \(\frac{1}{80}\) वाँ भाग हो ?
उत्तर-
हल-चन्द्रमा के तल पर गुरुत्वीय त्वरण gm = \(\frac{G M_{m}}{R_{m}{ }^{2}}\)
एवं पृथ्वी तल पर गुरुत्वीय त्वरण ge = \(\frac{G M_{e}}{R_{e}^{2}}\)
∴ \(\frac{g_{m}}{g_{e}}\) = \(\frac{M_{m}}{M_{e}} \times \frac{R_{e}^{2}}{R_{m}^{2}}\)
प्रश्नानुसार, Rm = \(\frac{R_{e}}{4}\) तथा Mm = \(\frac{M_{e}}{80}\)
∴ \(\frac{g_{m}}{g_{e}}\) = \(\frac{M_{e}}{80 M_{e}} \times\left(\frac{R_{e}}{\frac{R_{e}}{4}}\right)^{2}\)
= \(\frac{1}{80}\) × 16
⇒ \(\frac{g_{m}}{g_{e}}\) = \(\frac{1}{5}\)
∴ gm = \(\frac{g_{e}}{5}\) गुना।
प्रश्न 9. यदि पृथ्वी की त्रिज्या 1% सिकुड़ जाये किन्तु उसका द्रव्यमान वही रहे तो पृथ्वी तल पर गुरुत्वीय त्वरण का मान कितना बढ़ जायेगा?
उत्तर-
हल
g = \(\frac{G M}{R^{2}}\) से,
\(\frac{\Delta g}{g}\) = \(\frac{2 \Delta R}{R}\) = \(\frac{2 \times 1}{100}\) =2%
प्रश्न 10.
गुरुत्व क्षेत्र के किसी बिन्दु पर स्थित 4 किग्रा द्रव्यमान की वस्तु पर 40 न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण बल लगता है। इस बिन्दु पर गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता कितनी होगी?
उत्तर-
हल- दिया है-m = 4 किग्रा, F = 40 न्यूटन,
∴ गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता E = \(\frac{F}{m}\) से,
E = \(\frac{40}{4}\) = 10 न्यूटन /किग्रा।
प्रश्न 11.
यदि पृथ्वी की त्रिज्या R = 6.37 × 106 मीटर, गुरुत्वीय त्वरण g= 9.8 मी/से2 तथा गुरुत्वीय नियतांक G = 6.67 ×10-11 न्यूटन मी2/ किग्रा2 है तो ज्ञात कीजिए
(i) पृथ्वी का द्रव्यमान,
(ii) पृथ्वी का माध्य घनत्व।
उत्तर-
हल-
(i) सूत्र g = \(\frac{G M}{R^{2}}\) से,
M = \(\frac{g R^{2}}{G}\) = \(\frac{9 \cdot 8 \times\left(6 \cdot 37 \times 10^{6}\right)^{2}}{6 \cdot 67 \times 10^{-11}}\) = 5.96 × 1024किग्रा।
प्रश्न 12.
40 किग्रा तथा 80 किग्रा द्रव्यमान के दो पिण्डएक-दूसरेसे 0.15 मीटर की दूरी परस्थित हैं। इनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल 1.0 मिलीग्राम भार है। गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक की गणना कीजिए, जबकि g = 10 मी/से2 है।
उत्तर-
हल-न्यूटन के सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियम से,
F = \(\frac{G \cdot m_{1} m_{2}}{r^{2}}\)
∴ G = \(\frac{F r^{2}}{m_{1} m_{2}}\)
दिया है- F = 1 मिलीग्राम भार = 10-6 किलोग्राम भार = 10-6 ×10 = 10-5 न्यूटन
m1= 40 किग्रा, m2 = 80 किग्रा तथा r = 0.15 मीटर।
∴ G = \(\frac{10^{-5} \times(0 \cdot 15)^{2}}{40 \times 80}\) = 7.0 ×10-11 न्यूटन मीटर2/किग्रा2।
प्रश्न 13.
मान लीजिए एक ऐसा ग्रह जो सूर्य के परितः पृथ्वी की तुलना में दो गुनी चाल से गति करता है, तब पृथ्वी की कक्षा की तुलना में इसका कक्षीय आमाप क्या है ?
उत्तर-
हल-पृथ्वी के लिए, केपलर के तृतीय नियम अनुसार,
T2 = kr3 …………………………. (1)
ग्रह के लिए,
T’2 = kr’3 ……………………….. (2)
या \(\left(\frac{T}{T^{\prime}}\right)^{2}\) = \(\left(\frac{r}{r^{\prime}}\right)^{3}\) …………………………. (3)
T = 1 वर्ष, r = 1
चूँकि ग्रह की चाल पृथ्वी से दोगुनी है अत: T’=\(\frac{1}{2}\) वर्ष
\(\left(\frac{1}{1 / 2}\right)^{2}\) = \(\left(\frac{1}{r^{\prime}}\right)^{3}\)
या \(\frac{1}{r^{\prime}}\) = (4)1/3
r’ = \(\frac{1}{(4)^{1 / 3}}\) = 0.63
अतः ग्रह का कक्षीय आमाप 0.63 गुना है।
प्रश्न 14.
आप सूर्य को कैसे तौलेंगे, अर्थात् उसके द्रव्यमान का आकलन कैसे करेंगे ? सूर्य के परितः पृथ्वी की औसत त्रिज्या 1.5 × 108 किलो मीटर है।
उत्तर-
हल-दिया है, सूर्य के परितः पृथ्वी की कक्षा की त्रिज्या
r = 1.5 × 108 × 103m = 1.5 × 1011m
सूर्य के परितः पृथ्वी का परिभ्रमण काल
T = 365 × 24 × 3600 सेकण्ड
∵ T = 2π\(\sqrt{\frac{r^{3}}{G M}}\)या T2 = 4π2\(\frac{r^{3}}{\mathrm{GM}}\)
या M = \(\frac{4 \pi^{2} r^{3}}{\mathrm{G} \mathrm{T}^{2}}\) = \(\frac{4 \times(3 \cdot 14)^{2} \times\left(1 \cdot 5 \times 10^{11}\right)^{3}}{6 \cdot 67 \times 10^{-11} \times(365 \times 24 \times 3600)^{2}}\)
M = 2.0 × 1030 kg.
प्रश्न 15.
यदि चन्द्रमा की त्रिज्या 1.74 × 106 मीटर तथा द्रव्यमान 7.36 × 1022 किग्रा हो, तो चन्द्रमा के तल से पलायन वेग की गणना कीजिये।
उत्तर-
हल-दिया है- R= 1.74 × 106 मीटर, M = 7.36 × 1022 किग्रा तथा G = 6.67 × 10-11 न्यूटन मीटर/किग्रा
अतः सूत्र- ve = \(\sqrt{\frac{2 G M}{R}} \) में मान रखने पर,
ve =\(\sqrt{\frac{2 \times 6 \cdot 67 \times 10^{-11} \times 7 \cdot 36 \times 10^{22}}{1 \cdot 74 \times 10^{6}}}\)
= 2.38 × 103 मीटर /सेकण्ड = 2.38 किमी/सेकण्ड।
प्रश्न 16.
एक कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी सतह से 250 किमी ऊँचाई पर परिक्रमा कर रहा है। निम्न की गणना कीजिए- .
(i) कक्षीय चाल,
(ii) परिक्रमण काल। (पृथ्वी की त्रिज्या = 6:38 × 106 मीटर, g=9.8 मीटर/सेकण्ड2)
उत्तर-
हल-दिया है-ऊँचाई h=250 किमी = 2.5 × 105 मीटर = 0.25 × 106 मीटर, R = 6:38 × 106 मीटर, g=9.8 मीटर/सेकण्ड2
(i) कक्षीय चाल v0= R\(\sqrt{\frac{g}{R+h}}\)
=6.38 × 106 \(\sqrt{\frac{9 \cdot 8}{(6 \cdot 38+0 \cdot 25) \times 10^{6}}}\) = \(\frac{6 \cdot 38 \times 10^{6}}{10^{3}} \sqrt{\frac{9 \cdot 8}{6 \cdot 63}}\)
= 6.38 × 103 \(\sqrt{1 \cdot 48}\) = 6.38 × 1.22 × 103 मीटर/सेकण्ड
= 7.76 × 103 मीटर/सेकण्ड = 7.76 किमी/सेकण्ड।
(ii) परिक्रमण काल T = \(\frac{2 \pi}{R}\) \(\sqrt{\frac{(R+h)^{3}}{g}}\)
= \(\frac{2 \times 3 \cdot 14(6 \cdot 38+0 \cdot 25) \times 10^{6}}{7 \cdot 76 \times 10^{3}}\) = \(\frac{6 \cdot 28 \times 6 \cdot 63 \times 10^{3}}{7 \cdot 76}\)
= \(\frac{41 \cdot 6364}{7 \cdot 76}\) × 103 = 5.63 × 103सेकण्ड।
प्रश्न 17.
शनि का वर्ष पृथ्वी के वर्ष का 29.5 गुना है। यदि सूर्य से पृथ्वी की दूरी 1.50 × 108 किमी हो, तो सूर्य से शनि की दूरी ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
हल-केपलर के तृतीय नियम से,
T2 ∝r3
∴ \(\left(\frac{T_{1}}{T_{2}}\right)^{2}\) ∝\(\left(\frac{r_{1}}{r_{2}}\right)^{3}\)
दिया है- \(\frac{T_{1}}{T_{2}}\) =29.5,r2 = 1.50 × 108 किमी
∴ (25.9)2 = \(\left(\frac{r_{1}}{1 \cdot 50 \times 10^{8}}\right)^{3}\)
या r1 = 1.5 × 108 × (29.5)2/3 = 1.43 × 109 किमी।
प्रश्न 18.
पृथ्वी तल से किसी पिण्ड का पलायन वेग 11.2 किमी/सेकण्ड है। उस ग्रह पर पलायन वेग की गणना कीजिये जिसकी त्रिज्या पृथ्वी की त्रिज्या की आधी तथा द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का एक चौथाई हो।
उत्तर-
हल-सूत्र \(\frac{v_{1}}{v_{2}}\) = \(\sqrt{\frac{M_{1}}{M_{2}} \times \frac{R_{2}}{R_{1}}}\) से,
माना पृथ्वी का पलायन वेग v1 = 11.2 किमी/सेकण्ड, R1 = पृथ्वी की त्रिज्या, M1 = पृथ्वी का द्रव्यमान, v2= ग्रह का पलायन वेग, R2 = ग्रह की त्रिज्या = \(\frac{R_{1}}{2}\) (प्रश्नानुसार), M2 = ग्रह का द्रव्यमान = \( \frac{M_{1}}{4}\) (प्रश्नानुसार)।
मान रखने पर,
प्रश्न 19.
पृथ्वी के समीप परिक्रमा करने वाले एक कृत्रिम उपग्रह की कक्षीय चाल 8 किमी/ सेकण्ड है। पृथ्वी तल पर पलायन वेग का मान कितना होगा?
उत्तर-
हल- चूंकि पलायन वेग = \(\sqrt{2}\) × कक्षीय चाल
=\(\sqrt{2}\) × 8 =8 × 1.414
∴ पलायन वेग =11.3 किमी/सेकण्ड।
प्रश्न 20.
किसी पिण्डA की सूर्य से दूरी, पिण्ड B की दूरी की तीन गुनी है। यदि B का आवर्तकाल 6 महीने हो, तो A का आवर्तकाल ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
हल-दिया है-rA = 3rB तथा TB = 6 महीने।
अतः सूत्र \(\left(\frac{T_{A}}{T_{B}}\right)^{2}\) = \(\left(\frac{r_{A}}{r_{B}}\right)^{3}\) मान रखने पर,
\(\left(\frac{T_{A}}{6}\right)^{2}\) = \(\left(\frac{3 r_{B}}{r_{B}}\right)^{3}\) = 27 महीने
या \(\frac{T_{A}}{6}\) = \(\sqrt{27}\) =3\(\sqrt{3}\)
∴ TA = 18\(\sqrt{3}\) महीने।
प्रश्न 21.
500 किग्रा के पिण्ड को पृथ्वी से पलायन कराने में कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होगी? (g=10 मीटर/सेकण्ड2, R = 6.4 x 106 मीटर)
उत्तर-
हल-दिया है- द्रव्यमान m = 500 किग्रा
पिण्ड का पलायन वेग ve= \(\sqrt{2 g R}\)
∴ आवश्यक ऊर्जा E = \(\frac{1}{2}\)mve2
⇒ E =\(\frac{1}{2}\) m × 2gR = mgR
∴ E = 500 × 10 × 6.4 × 106 = 3.2 × 1010 जूल।
प्रश्न 22.
पृथ्वी के लिए पलायन वेग का मान लगभग 11 किमी/सेकण्ड है। जिस ग्रह की त्रिज्या पृथ्वी की त्रिज्या की दुगुनी और औसत घनत्व पृथ्वी के घनत्व के बराबरहो तो उसके पलायन वेग का मान क्या होगा?
उत्तर-
हल- पृथ्वी के लिए पलायन वेग v1 = 11 किमी/सेकण्ड = 11 × 103 मीटर/सेकण्ड
पृथ्वी का घनत्व = ग्रह का घनत्व
d1= d2
पृथ्वी की त्रिज्या = R1
ग्रह की त्रिज्या = R2 = 2R1
ग्रह के लिए पलायन वेग =v2
एवं पलायन वेग ve = \(\sqrt{\frac{2 G M}{R}}\) = \(\sqrt{\frac{2 G \times \frac{4}{3} \pi R^{3} d}{R}} \) = R\(\sqrt{\frac{8 \pi G d}{3}}\)
∵ d1= d2,π,G,\(\frac{8}{3}\) नियत हैं।
अतः ve ∝ R
∴ \(\frac{v_{1}}{v_{2}}\) = \(\frac{R_{1}}{R_{2}}\)
अतः \(\frac{11}{v_{2}}\) = \(\frac{R_{1}}{2 R_{1}}\)
∴ v2 = 22 किमी/सेकण्ड।
प्रश्न 23.
नेप्च्यून ग्रह की सूर्य से दूरी पृथ्वी की सूर्य से दूरी की 30 गुनी है। पृथ्वी का परिक्रमण काल 1 वर्ष है, तो नेप्च्यून के परिक्रमण काल की गणना कीजिये।
उत्तर-
हल-नेप्च्यून ग्रह की सूर्य से दूरी = 30r, पृथ्वी की सूर्य से दूरी =r, पृथ्वी का परिक्रमण काल T1 = 1 वर्ष, नेप्च्यून का परिक्रमण काल = T2
चूंकि T2 = Kr3
∴ \(\frac{T_{1}^{2}}{T_{2}^{2}}\) = \(\frac{r_{1}^{3}}{r_{2}^{3}}\)
∴ \(\frac{1}{T_{2}^{2}}\) = \(\left(\frac{r}{30 r}\right)^{3}\)
या T22 = 27000 = 164.3 वर्ष।
प्रश्न 24.
पृथ्वी के पृष्ठ पर किसी वस्तु का भार 63N है। पृथ्वी की त्रिज्या की आधी ऊँचाई पर पृथ्वी के कारण इस वस्तु पर गुरुत्वीय बल कितना है?
उत्तर-
हल-पृथ्वी सतह से ‘h’ ऊँचाई पर गुरुत्वीय त्वरण
g’ = g\(\left(\frac{R}{R+h}\right)^{2}\)
वस्तु का भार mg’ = mg \(\left(\frac{R}{R+h}\right)^{2}\)
= 63 × \(\left(\frac{R}{R+R / 2}\right)^{2}\)
= 63 × \(\frac{4}{9}\) = 25N.
प्रश्न 25.
दो भारी गोले जिनमें प्रत्येक का द्रव्यमान 100 किलोग्राम, त्रिज्या 0.01 मीटर है, किसी क्षैतिज मेज पर एक-दूसरे से 1.0-मीटर दूरी पर स्थित हैं। दोनों गोलों के केन्द्रों को मिलाने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर गुरुत्वीय बल तथा विभव क्या है ? क्या इस बिन्दु पर रखा कोई पिण्ड संतुलन में होगा? यदि हाँ, तो यह संतुलन स्थायी होगा या अस्थायी?
उत्तर-
हल-प्रत्येक गोले से मध्य बिन्दू की दूरी = 0.5 m
यदि हम मध्य बिन्दु पर एक इकाई द्रव्यमान की कल्पना करें तो इस पर दोनों गोलों के कारण कार्यरत गुरुत्वीय बल एक-दूसरे के बराबर एवं विपरीत होंगे अतः परिणामी गुरुत्वीय बल शून्य होगा।
प्रथम गोले के कारण गुरुत्वीय विभव = –\(\frac{\mathrm{GM}}{r}\)
द्वितीय गोले के कारण गुरुत्वीय विभव = – \(\frac{\mathrm{GM}}{r}\)
मध्य बिन्दु पर कुल गुरुत्वीय विभव =-2\(\frac{\mathrm{GM}}{r}\)
= \(\frac{-2 \times 6.67 \times 10^{-11} \times 100}{0.5}\)
= -2.7 × 10-8 J/kg
मध्य बिन्दु पर रखा पिण्ड अस्थायी संतुलन में होगा।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
सही विकल्प चुनकर लिखिए
प्रश्न 1.
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम सत्य है
(a) सभी पिण्डों के लिए
(b) केवल आकाशीय पिण्डों के लिए
(c) केवल छोटे पिण्डों के लिए
(d) केवल आवेशित पिण्ड के लिए।
उत्तर-
(a) सभी पिण्डों के लिए
प्रश्न 2.
चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण ‘g’ का मान पृथ्वी की तुलना में है
(a) 1/2
(b) 1/3
(c) 1/5
(d) 1/6.
उत्तर-
(d) 1/6.
प्रश्न 3.
सार्वत्रिक गुरुत्वीय नियतांक G का मान
(a) सभी जगह असमान होता है
(b) सभी जगह समान होता है
(c) सभी जगह शून्य होता है
(d) अनन्त होता है।
उत्तर-
(b) सभी जगह समान होता है
प्रश्न 4.
g और G में निम्न संबंध होता है
(a) g = GM
(b) gR2 = GM
(c) gm = GR2
(d) gm/GR2.
उत्तर-
(b) gR2 = GM
प्रश्न 5.
पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र के बाहर ‘g’ का मान है.
(a) अनन्त
(b) शून्य
(c) 9.8 मी/से2
(d) न्यूटन।
उत्तर-
(b) शून्य
प्रश्न 6.
पृथ्वी के केन्द्र पर गुरुत्वीय त्वरण का मान है
(a) शून्य
(b) अनन्त
(c) 9.8 न्यूटन
(d) 980 डाइन।
उत्तर-
(a) शून्य
प्रश्न 7.
ध्रुवों पर ‘g’ का मान
(a) कम होता है
(b) अधिक होता है
(c) शून्य होता है
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) अधिक होता है
प्रश्न 8.
विषुवत् रेखा पर g का मान
(a) अधिक होता है
(b) कम होता है
(c) अनन्त होता है
(d) शून्य होता है।
उत्तर-
(b) कम होता है
प्रश्न 9.
गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का सूत्र है
(a) \(\frac{\mathrm{GMm}}{r}\)
(b) \(\frac{\mathrm{Gm}}{r}\)
(c) \(\frac{\mathrm{R}}{\mathrm{GM}}\)
(d) gR2 = GM.
उत्तर-
(a) \(\frac{\mathrm{GMm}}{r}\)
प्रश्न 10.
पृथ्वी तल पर पलायन वेग का सूत्र होता है
(a) gR
(b) MR
(c) \(\sqrt{2 g R}\)
(d) \(\sqrt{g R}\) .
उत्तर-
(c) \(\sqrt{2 g R}\)
प्रश्न 11.
चन्द्रमा पर वायुमण्डल नहीं है
(a) यह पृथ्वी के नजदीक है
(b) यह पृथ्वी की परिक्रमा करता है
(c) सूर्य से प्रकाश प्राप्त करता है
(d) गैस अणुओं का पलायन वेग उसके वर्ग माध्य मूल वेग से कम है।
उत्तर-
(d) गैस अणुओं का पलायन वेग उसके वर्ग माध्य मूल वेग से कम है।
प्रश्न 12.
पृथ्वी की सतह से 50 कोण किसी वस्तु को प्रेक्षित करने पर उसका पलायन वेग का मान होगा
( a) 11.6 किमी/सेकण्ड
(b) 11.2 किमी/सेकण्ड
(c) 12.8 किमी/सेकण्ड
(d) 16.2 किमी/सेकण्ड।
उत्तर-
(b) 11.2 किमी/सेकण्ड
प्रश्न 13.
पृथ्वी की सतह से भू-स्थाई उपग्रह की दूरी है
(a) 6R
(b) 7R
(c)5R
(d) 3R.
उत्तर-
(a) 6R
प्रश्न 14.
केपलर का द्वितीय नियम आधारित है
(a) न्यूटन के प्रथम नियम पर
(b) सापेक्षवाद के सिद्धांत पर
(c) न्यूटन के द्वितीय नियम पर
(d) कोणीय संवेग संरक्षण नियम पर।
उत्तर-
(d) कोणीय संवेग संरक्षण नियम पर।
प्रश्न 15.
तुल्यकाली उपग्रह का परिक्रमण काल होता है
(a) 20 घंटे
(b) 22 घंटे
(c) 24 घंटे
(d) 48 घंटे।
उत्तर-
(c) 24 घंटे
प्रश्न 16.
कृत्रिम उपग्रह की कक्षीय चाल का सूत्र है
(a) gR
(b) g2R2
(c) g3R3
(d) \(\sqrt{g R} \) .
उत्तर-
(d) \(\sqrt{g R} \) .
प्रश्न 17.
ग्रहों के गति के नियम किसने सर्वप्रथम बताये थे
(a) न्यूटन ने
(b) केपलर ने
(c) गैलीलियो ने
(d) आर्यभट्ट ने।
उत्तर-
(b) केपलर ने
प्रश्न 18.
पार्किंग कक्षा की त्रिज्या होती है
(a) 36000 किमी
(b) 42309 किमी
(c) 6400 किमी
(d) 80000 किमी।
उत्तर-
(b) 42309 किमी
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. गुरुत्व के कारण त्वरण को ………………. कहते हैं।
उत्तर-
गुरुत्वीय त्वरण,
2. प्रकृति में गुरुत्वाकर्षण बल सबसे ………………. बल होता है।
उत्तर-
दुर्बल (कमजोर)
3. गुरुत्वीय त्वरण का मान वस्तु के ………………. पर निर्भर नहीं करता है।
उत्तर-
द्रव्यमान
4. पृथ्वी की सतह से ऊँचाई पर जाने पर ‘g’ का मान ………………. होता है।
उत्तर-
कम
5. पृथ्वी के केन्द्र पर ‘g’ का मान ………………. होता है।
उत्तर-
शून्य
6. G एक ………………. राशि है।
उत्तर-
अदिश
7. जड़त्वीय द्रव्यमान तथा गुरुत्वीय द्रव्यमान आपस में ……………… होते हैं।
उत्तर-
बराबर
8. गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता ………………. के बराबर होती है।
उत्तर-
गुरुत्वीय त्वरण (g)
9. अनन्त पर किसी पिण्ड की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा ………………. होती है।
उत्तर-
शून्य
10. विषुवत रेखा पर ‘g’ का मान ………………. होता है।
उत्तर-
न्यूनतम
11. पृथ्वी के ध्रुवों पर ‘g’ का मान ……………… होता है।
उत्तर-
अधिकतम
12. कक्षीय चाल वस्तु के …………. पर निर्भर नहीं करती है।
उत्तर-
द्रव्यमान
13. पलायन वेग वस्तु के …………. पर निर्भर नहीं करता।
उत्तर-
द्रव्यमान
14. पृथ्वी पर पलायन वेग का मान ………….. किलोमीटर/सेकण्ड होता है।
उत्तर-
11.2
15. भू-स्थिर उपग्रह के अक्ष का तल पृथ्वी के घूर्णन अक्ष से …………. कोण बनाता है।
उत्तर-
90°.
3. सही जोड़ियाँ बनाइए
(I)
खण्ड ‘अ’ | खण्ड ‘ब’ |
1. पृथ्वी की त्रिज्या (मीटर में) | (a) 5.5 × 103 |
2. पृथ्वी का द्रव्यमान (किलोग्राम में) | (b) 9.8 |
3. गुरुत्वीय नियतांक (SI में) | (c) 5.98 × 1024 |
4. गुरुत्वीय त्वरण (मीटर/सेकण्ड में) | (d) 6.67 × 10-11 |
5. पृथ्वी का औसत घनत्व | (e) 6.4 × 106 |
उत्तर-
1. (e) 6.4 × 106
2. (c) 5.98 × 1024
3. (d) 6.67 × 10-11
4. (b) 9.8
5. (a) 5.5 × 103.
(II)
खण्ड ‘अ’ | खण्ड ‘ब’ |
1. गुरुत्वीय त्वरण | (a) दुर्बल बल |
2. गुरुत्वीय नियतांक | (b) अदिश राशि |
3. गुरुत्वीय विभव | (c) अचर |
4. गुरुत्वाकर्षण बल | (d) E = mc2 |
5. द्रव्यमान ऊर्जा तुल्यता समीकरण | (e) सदिश। |
उत्तर-
1. (e) सदिश।
2. (c) अचर
3. (b) अदिश राशि
4. (a) दुर्बल बल
5. (d) E = mc2.
(III)
खण्ड ‘अ’ | खण्ड ‘ब’ |
1. केपलर के नियम | (a) शून्य |
2. अंतरिक्ष में यात्री का भार | (b) –\(\frac{\mathrm{GMm}}{2 r}\) |
3. पलायन वेग | (c) ग्रहों के गति से संबंधित |
4. उपग्रह की बंधन ऊर्जा | (d) परिभ्रमण काल 24 घंटे |
5. तुल्यकाली उपग्रह | (e) \(\sqrt{2 g R}\). |
उत्तर-
1. (c) ग्रहों के गति से संबंधित
2. (a) शून्य
3. (e) \(\sqrt{2 g R}\)
4. (b) –\(\frac{\mathrm{GMm}}{2 r}\)
5. (d) परिभ्रमण काल 24 घंटे.
प्रश्न 4. सत्य / असत्य बताइए
1. न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम सार्वत्रिक नियम है।
उत्तर-
सत्य
2. सार्वत्रिक गुरुत्वीय नियतांक का मान अलग-अलग स्थान पर अलग होता है।
उत्तर-
असत्य
3. ‘g’ का मान सभी स्थानों पर एकसमान होता है।
उत्तर-
असत्य
4. जड़त्वीय द्रव्यमान तथा गुरुत्वीय द्रव्यमान का अनुपात 1 होता है।
उत्तर-
सत्य
5. पृथ्वी पर प्रत्येक स्थान पर गुरुत्वीय विभव ऋणात्मक होता है।
उत्तर-
सत्य
6. गुरुत्वाकर्षण बल के लिए अध्यारोपण का सिद्धांत लागू नहीं होता है।
उत्तर-
असत्य
7. वस्तु का पलायन वेग उसके द्रव्यमान पर निर्भर करता है।
उत्तर-
असत्य
8. पृथ्वी सतह से ध्रुवीय उपग्रह की ऊँचाई 36,000 किलोमीटर होती है।
उत्तर-
असत्य
9. गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का मान अनंत में शून्य होता है।
उत्तर-
सत्य
10. गुरुत्वाकर्षण बल संरक्षी बल है।
उत्तर-
सत्य।