Students get through the MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 11 द्रव्य के तापीय गुण which are most likely to be asked in the exam.
MP Board Class 11th Physics Important QuestionsChapter 11 द्रव्य के तापीय गुण
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
बर्फ छूने पर ठण्डा क्यों लगता है ?
उत्तर:
इसका कारण है कि बर्फ का ताप हमारे शरीर के ताप से कम होता है अत: बर्फ को छूने पर हमारे . हाथ से ऊष्मा बर्फ में जाती है जिससे वह ठण्डी प्रतीत होती है।
प्रश्न 2.
ताप किसे कहते हैं ?
उत्तर:
किसी वस्तु का ताप उसकी गर्माहट अथवा ठंडेपन की माप है अथवा अन्य शब्दों में किसी वस्तु का ताप वह भौतिक राशि है जिससे दो वस्तुओं को संपर्क में रखने पर उसमें ऊष्मा के प्रवाह की दिशा का ज्ञान होता है।
प्रश्न 3.
कैलोरी की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
एक ग्राम शुद्ध पानी का ताप 14.5°C से 15.5°C तक बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को एक कैलोरी कहते हैं।
प्रश्न 4.
तापमापन के भिन्न पैमाने कौन से हैं ? इनमें सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर:
ताप नापने के निम्न पैमाने हैं-
- सेण्टीग्रेड या सेल्सियस पैमाना,
- फॉरेनहाइट पैमाना,
- केल्विन पैमाना,
- रियूमर पैमाना।
इनमें निम्नलिखित संबंध हैं- \(\frac{C}{5}=\frac{F-32}{9}=\frac{R}{4}=\frac{K-273}{5}\)
प्रश्न 5.
आदर्श गैस मापक्रम क्या है ?
उत्तर:
आदर्श गैस मापक्रम वह ताप मापक्रम है जिसका शून्य वह ताप है जिस पर गैस का दाब शून्य होता है तथा जिसके 1 डिग्री का मान 1°C के बराबर होता है।
प्रश्न 6.
परमशून्य ताप क्या है ? उसका वास्तविक मान बताइये।
उत्तर:
वह ताप जिस पर गैस का आयतन तथा दाब शून्य होता है, परमताप कहलाता है। इसका मान – 273.15 °C होता है।
प्रश्न 7.
क्या कारण है कि टेलीफोन के तार कसकर नहीं लगाये जाते?
उत्तर:
टेलीफोन के तार कसकर इसलिये नहीं लगाये जाते हैं जिससे कि वे ठण्ड के दिनों में सिकुड़कर टूट न जायें।
प्रश्न 8.
परमताप पैमाने पर शुद्ध जल का हिमांक तथा क्वथनांक लिखिए।
उत्तर:
परमताप पैमाने पर शुद्ध जल का हिमांक 273 K तथा शुद्ध जल का क्वथनांक 373 K होता है।
प्रश्न 9.
उबलते पानी की बजाय उसी ताप की भाप से जलना अधिक कष्टदायक होता है, क्यों ?
उत्तर:
इसका कारण यह है कि 100°C की 1 ग्राम भाप, 100°C के 1 ग्राम पानी की तुलना में शरीर को लगभग 540 कैलोरी अधिक ऊष्मा प्रदान करती है।
प्रश्न 10.
रेखीय प्रसार गुणांक का सूत्र एवं परिभाषा लिखिए। इसका मात्रक क्या है ?
उत्तर:
यदि L = 1 मीटर, Δt = 1°C तो α = ΔL
अत: 1 मीटर लंबी छड़ का ताप 1°C बढ़ाने पर उसकी लंबाई में जितनी वृद्धि होती है, उसे छड़ के पदार्थ का रेखीय प्रसार गुणांक कहते हैं। रेखीय प्रसार गुणांक का मात्रक प्रति °C है।
प्रश्न 11.
गैस की स्थिर दाब पर विशिष्ट ऊष्मा CP, स्थिर आयतन पर विशिष्ट ऊष्मा Cνसे अधिक होती है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि स्थिर दाब पर दी गयी ऊष्मा का कुछ भाग उसका आयतन बढ़ाने से दाब के विरुद्ध कार्य करने में भी व्यय होता है।
प्रश्न 12.
क्षेत्रीय प्रसार गुणांक का सूत्र एवं परिभाषा लिखिए। इसका मात्रक क्या है ?
क्षेत्रफल में वृद्धि AA
उत्तर:
यदि A = 1 मीटर 2, Δt = 1°C तो β = ΔA
अतः एकांक क्षेत्रफल की चादर का ताप 1°C बढ़ाने पर क्षेत्रफल में जितनी वृद्धि होती है, उसे उस चादर के पदार्थ का क्षेत्रीय प्रसार गुणांक कहते हैं। इसका मात्रक प्रति °C है।
प्रश्न 13.
आयतन प्रसार गुणांक का सूत्र एवं परिभाषा लिखिए। इसका मात्रक लिखिए।
उत्तर:
यदि V = 1 मीटर3, Δt = 1°C तो γ = ΔV
अत: एकांक आयतन के ठोस पदार्थ का ताप 1°C बढ़ाने पर उसके आयतन में जितनी वृद्धि होती है, उसे … उस ठोस पदार्थ का आयतन प्रसार गुणांक कहते हैं। इसका मात्रक प्रति °C है।
प्रश्न 14.
समुद्र के पास के स्थानों की जलवायु, मैदानों की अपेक्षा वर्ष भर एकसमान क्यों रहती है ?
उत्तर:
जल की विशिष्ट ऊष्मा, मिट्टी की विशिष्ट ऊष्मा की अपेक्षा अधिक होती है। इसलिए जल, मिट्टी की अपेक्षा देर में गर्म होता है तथा देर में ठण्डा होता है, यही कारण है कि समुद्र के पास के स्थानों की जलवायु, मैदानों की अपेक्षा वर्ष भर एकसमान रहती है।
प्रश्न 15.
आण्विक विशिष्ट ऊष्मा को परिभाषित करके उनके SI मात्रक लिखिए।
उत्तर:
गैस की दो विशिष्ट ऊष्माएँ होती हैं
- नियत आयतन पर विशिष्ट ऊष्मा – ऊष्मा की वह मात्रा है जो नियत आयतन पर 1 मोल गैस का ताप 1°C बढ़ाती है।
- नियत दाब पर गैस की विशिष्ट ऊष्मा – ऊष्मा की वह मात्रा जो नियत दाब पर 1 मोल गैस का ताप 1°C बढ़ाती है।
इनका SI मात्रक जूल / मोल / °C है।
प्रश्न 16.
गलन की गुप्त ऊष्मा से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
किसी ठोस के एकांक द्रव्यमान को निश्चित ताप पर उसी ताप के द्रव में बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को ठोस के गलन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं। इसका मात्रक कैलोरी / ग्राम है।
प्रश्न 17.
वाष्पन की गुप्त ऊष्मा से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
किसी द्रव के एकांक द्रव्यमान को नियत ताप पर उसी ताप की भाप में बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को द्रव के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं। इसका मात्रक कैलोरी/ग्राम है।
प्रश्न 18.
तापमापी का मूल सिद्धान्त क्या है ?
उत्तर:
किसी वस्तु का कोई भी ऐसा गुण जो ताप पर निर्भर करता है, तापमापन में प्रयुक्त किया जा सकता है।
प्रश्न 19.
द्रव तथा गैस तापमापी में कौन अधिक सुग्राही होता है और क्यों ?
उत्तर:
गैस तापमापी अधिक सुग्राही होता है क्योंकि ताप में निश्चित परिवर्तन के लिए गैसों का प्रसार द्रवों की अपेक्षा बहुत अधिक होता है।
प्रश्न 20.
धातुओं और मिश्र धातुओं में किनके ऊष्मीय प्रसार गुणांक अधिक होते हैं ?
उत्तर:
मिश्र धातुओं की अपेक्षा, धातुओं के ऊष्मीय प्रसार गुणांक अधिक होते हैं।
प्रश्न 21.
क्या ऊष्मीय प्रसार गुणांक का मान सदैव धनात्मक ही होता है ?
उत्तर:
नहीं, धातुओं और मिश्र धातुओं के लिए इसका मान धनात्मक होता है, अर्द्धचालकों तथा कुचालकों के लिए इसका मान ऋणात्मक होता है।
प्रश्न 22.
धातु की एक प्लेट में एक छिद्र है। प्लेट को गर्म करने पर छिद्र के आकार पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
प्लेट को गर्म करने पर छिद्र का आकार बढ़ जायेगा।
प्रश्न 23.
एक झील का ऊपर का पानी जम गया है। इसके सम्पर्क में स्थित वायु का ताप-15°C है। झील के जल का ताप क्या होगा-
(i) झील में जमी बर्फ के निचले पृष्ठ के सम्पर्क में
(ii) झील की तली में।
उत्तर:
(i) झील में जमी बर्फ के निचले पृष्ठ के सम्पर्क में जल का ताप 0°C होगा।
(ii) झील की तली में जल का ताप 4°C होगा।
प्रश्न 24.
पेण्डुलम वाली घड़ियों के पेण्डुलम इन्वार (Invar) मिश्रधातु के क्यों बनाये जाते हैं ?
उत्तर:
इन्वार मिश्रधातु का ऊष्मीय प्रसार गुणांक बहुत ही कम होता है अत: मौसम बदलने पर इन्वार के बने पेण्डुलम की लंबाई लगभग अपरिवर्तित रहती है, जिससे घड़ी शुद्ध समय देती रहती है।
प्रश्न 25.
दो एक जैसे पारे के तापमापियों में एक का बल्ब गोलकार है तथा दूसरे का बेलनाकार। ताप परिवर्तन का प्रभाव किस पर पहले पड़ेगा?
उत्तर:
दिये हुए आयतन के लिए गोलाकार पृष्ठ का क्षेत्रफल न्यूनतम होता है, अत: बेलनाकार आकृति के बल्ब वाले तापमापी पर ताप परिवर्तन का प्रभाव पहले पड़ेगा, क्योंकि इसके पृष्ठ का क्षेत्रफल अधिक होने के कारण यह पहले तापीय साम्य अवस्था में आयेगा।
प्रश्न 26.
धोबी की प्रेस की तली धातु की मोटी तथा भारी होती है, क्यों ?
उत्तर:
धातु ऊष्मा की सुचालक होती है, तली मोटी और भारी होने के कारण उसकी ऊष्माधारिता अधिक होती है। अतः प्रेस अधिक समय तक गर्म बनी रहती है।
प्रश्न 27.
अवस्था परिवर्तन के समय वस्तु को दी गई ऊष्मा किसमें व्यय होती है ?
उत्तर:
अवस्था परिवर्तन के समय वस्तु को दी गई ऊष्मा वस्तु के अणुओं की अन्तर-आण्विक स्थितिज ऊर्जा में व्यय होती है।
प्रश्न 28.
रोगियों की सिंकाई के लिए गर्म पानी की बोतल का ही प्रयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर:
क्योंकि पानी की विशिष्ट ऊष्मा अधिक होती है अतः इसके ठण्डे होने की दर कम होती है और यह अन्य वस्तुओं की अपेक्षा अधिक ऊष्मा देता है।
प्रश्न 29.
0°C के जल की अपेक्षा 0°C की बर्फ अधिक ठण्डी प्रतीत होती है, क्यों?
उत्तर:
बर्फ के गलने के समय, गलने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा हमारे शरीर से ही ली जाती है, अत: 0°C के जल की अपेक्षा 0°C की बर्फ अधिक ठण्डी प्रतीत होती है।
प्रश्न 30.
पहाड़ों पर बर्फ पड़ते समय वायुमण्डलीय ताप बढ़ जाती है जबकि बर्फ पिघलते समय ताप अत्यन्त कम हो जाता है, क्यों?
उत्तर:
बर्फ गिरते समय पानी जमता है तथा इस क्रिया में अपनी गुप्त ऊष्मा वायुमण्डल को दे देता है जिसमें वायुमण्डल का ताप कुछ बढ़ जाता है, जबकि बर्फ के पिघलने के समय गलन की गुप्त ऊष्मा वह वायुमण्डल से लेता है, जिससे वायुमण्डल का ताप गिर जाता है।
प्रश्न 31.
ओले गिरने के बाद वायुमण्डल का ताप कम क्यों हो जाता है ?
उत्तर:
बर्फ की गुप्त ऊष्मा अधिक होने के कारण जब ओलों की बर्फ पिघलती है तो वह वायुमण्डल से ऊष्मा लेती है। फलस्वरूप वायुमण्डल का ताप कम हो जाता है।
प्रश्न 32.
रासायनिक या नाभिकीय संयंत्र में प्रयुक्त शीतलक की विशिष्ट ऊष्मा अधिक क्यों होती है ?
उत्तर:
क्योंकि विशिष्ट ऊष्मा अधिक होने के कारण शीतलक संयंत्र से अधिक ऊष्मा अवशोषित करता है।
प्रश्न 33.
पतले पेंदे वाले तवे पर सेंकी जाने वाली रोटी जल जाती है, जबकि मोटे पेंदे वाले तवे पर नहीं, क्यों?
उत्तर:
पतले पेंदे वाले तवे की ऊष्माधारिता अधिक होती है। अतः पतले पेंदे वाले तवे पर रोटी को अधिक ऊष्मा मिलती है जिससे रोटी जल जाती है जबकि मोटे पेंदे वाले तवे पर रोटी को कम ऊष्मा मिलती है जिससे रोटी नहीं जल पाती।
प्रश्न 34.
द्रव के क्वथनांक पर उसकी विशिष्ट ऊष्मा कितनी होती है ?
उत्तर:
ΔQ = m.s.ΔT से,
s = \(\frac{\Delta \mathrm{Q}}{m \cdot \Delta \mathrm{T}}\)
चूँकि क्वथनांक पर ताप नियत रहता है अतः ताप में परिवर्तन
ΔT = 0
अतः s = \(\frac{\Delta \mathrm{Q}}{m \times 0}=\frac{\Delta \mathrm{Q}}{0}\) = ∞
अतः द्रव के क्वथनांक पर उसकी विशिष्ट ऊष्मा अनन्त होती है।
प्रश्न 35.
ऊष्मा संचरण की कौन-कौन-सी विधियाँ हैं ?
उत्तर:
ऊष्मा संचरण की निम्नलिखित तीन विधियाँ हैं-
- चालन
- संवहन
- विकिरण।
प्रश्न 36.
चालन के विषय में समझाइये।
उत्तर:
ऊष्मा संचरण की वह विधि जिसमें पदार्थ का प्रत्येक अणु अपनी ऊष्मा को केवल संपर्क या टक्कर द्वारा अपने स्थान से हटे बिना समीपवर्ती दूसरे अणु को दे देता है, और इस प्रकार ऊष्मा पदार्थ के एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुँच जाती है।
प्रश्न 37.
ठोसों में ऊष्मा संचरण किस विधि द्वारा होता है ?
उत्तर:
चालन विधि द्वारा।
प्रश्न 38.
संवहन विधि से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
ऊष्मा संचरण की वह विधि जिसमें द्रव या गैस के कण ऊष्मा स्रोत से ऊष्मा लेकर स्वयं तरल के ठण्डे भागों की ओर विस्थापित हो जाते हैं संवहन विधि कहलाती है।
प्रश्न 39.
तरल में ऊष्मा किस विधि से संचरित होती है ?
उत्तर:
संवहन विधि से।
प्रश्न 40.
विकिरण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
ऊष्मा संचरण की वह विधि जिसमें ऊष्मा एक स्थान से दूसरे स्थान तक बीच के माध्यम को बिना प्रभावित किये पहुँच जाती है विकिरण कहलाती है।
प्रश्न 41.
सूर्य से पृथ्वी तक ऊष्मा किस विधि से पहुँचती है ?
उत्तर:
विकिरण विधि द्वारा।
प्रश्न 42.
ऊष्मा प्रवाह की परिवर्ती अवस्था से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
जब किसी चालक छड़ के एक सिरे को गर्म किया जाता है तो धीरे-धीरे उसके प्रत्येक भाग का ताप बढ़ने लगता है। इसे ताप की परिवर्ती दशा कहते हैं।
प्रश्न 43.
ताप की स्थायी दशा से क्या तात्पर्य हैं ?
उत्तर:
जब चालक छड़ के एक सिरे को गर्म किया जाता है तो प्रारम्भ में उसके प्रत्येक भाग का ताप बढ़ने लगता है, किन्तु एक स्थिति आती है जबकि उसके प्रत्येक भाग का ताप स्थिर हो जाता है। यद्यपि भिन्नभिन्न भागों का ताप भिन्न-भिन्न होता है। इसे ताप की स्थायी दशा कहते हैं।
प्रश्न 44.
समतापीय पृष्ठ किसे कहते हैं ?
उत्तर:
स्थायी अवस्था में ऊष्मा प्रवाह के लंबवत् ऐसा पृष्ठ जिसके प्रत्येक बिन्दु पर ताप समान होता है, समतापी पृष्ठ कहलाता है। किसी बिन्दु पर ऊष्मा चालन की दिशा, उस बिन्दु से गुजरने वाले समतापीय पृष्ठ के लंबवत् होती है।
प्रश्न 45.
ताप प्रवणता किसे कहते हैं ? इसका मात्रक लिखिए।
उत्तर:
दो समतापी पृष्ठों के मध्य दूरी के साथ ताप परिवर्तन की दर को ताप प्रवणता कहते हैं। इसका मात्रक °C/ मीटर है।
प्रश्न 46.
स्थायी अवस्था में छड़ की सम्पूर्ण लंबाई का ताप समान क्यों नहीं रहता ? कारण सहित समझाइये।
उत्तर:
स्थायी अवस्था में छड़ की सम्पूर्ण लंबाई का ताप समान नहीं रहता क्योंकि छड़ के पदार्थ का कुछ न कुछ ऊष्मीय प्रतिरोध होता है। गर्म सिरे से ठण्डे सिरे की ओर जाने पर छड़ का ताप गिरता है।
प्रश्न 47.
ताँबा, ऐल्युमीनियम, चाँदी में से किसकी ऊष्मा चालकता अधिक है तथा किसकी सबसे कम?
उत्तर:
चाँदी की ऊष्मा चालकता सर्वाधिक तथा ऐल्युमीनियम की ऊष्मा चालकता न्यूनतम होती है।
प्रश्न 48.
ऊष्मा चालकता गुणांक को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी पदार्थ का ऊष्मा चालकता गुणांक, ऊष्मा की वह मात्रा है जो ताप की स्थायी दशा में 1 मीटर अनुप्रस्थ काट वाली 1 मीटर लंबी छड़ के आमने-सामने के फलकों से प्रति सेकण्ड प्रवाहित होती है,जबकि फलकों का तापान्तर 1°C या 1 K हो।
प्रश्न 49.
ऊष्मा चालकता गुणांक का मात्रक लिखिए।
उत्तर:
ऊष्मा चालकता गुणांक का SI मात्रक जूल/मीटर/सेकण्ड/K अथवा वाट/मीटर/K तथा व्यावहारिक मात्रक कैलोरी/सेमी/सेकण्ड/ °C है। इसका विमीय सूत्र [M1L1T-3θ-1] है।
प्रश्न 50.
ऊष्मीय विसरणशीलता से क्या समझते हैं ?
उत्तर:
किसी पदार्थ के ऊष्मा चालकता गुणांक तथा उसके एकांक आयतन की ऊष्माधारिता की निष्पत्ति को उस पदार्थ की ऊष्मीय विसरणशीलता कहते हैं । अर्थात् ऊष्मीय विसरणशीलता = \(\frac{\mathrm{K}}{\rho \mathrm{S}}\)
प्रश्न 51.
परिवर्ती अवस्था में छड़ के किसी भी भाग के ताप परिवर्तन की दर किन-किन कारकों पर निर्भर करती है ?
उत्तर:
- छड़ के पदार्थ की ऊष्मा चालकता पर
- छड़ के एकांक. आयतन की ऊष्माधारिता पर।
प्रश्न 52.
स्थायी अवस्था में किसी धात्विक छड़ से प्रवाहित होने वाली ऊष्मा किन-किन कारकों कर निर्भर करती हैं ?
उत्तर:
- छड़ के ऊष्मा प्रवाह के लंबवत् पृष्ठ के क्षेत्रफल पर
- छड़ की लंबाई पर
- छड़ के दोनों सिरों के बीच तापान्तर पर।
- समय पर।
प्रश्न 53.
किसी सुचालक छड़ में स्थायी अवस्था में ऊष्मा प्रवाह की दर का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
ऊष्मा प्रवाह की दर \(\frac{\mathrm{Q}}{t}=\frac{\mathrm{KA}\left(\theta_{1}-\theta_{2}\right)}{l}\)
जहाँ K = छड़ के पदार्थ का ऊष्मा चालकता गुणांक
A = छड़ के सिरे का क्षेत्रफल
(θ1 – θ2) = छड़ के सिरों का तापान्तर
l = छड़ की लंबाई है।
प्रश्न 54.
विभिन्न पदार्थों की ऊष्मा चालकता की तुलना करने के लिए पहले उन्हें ताप की स्थायी दशा में लाना आवश्यक होता है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि ताप की स्थायी दशा में छड़ के किसी भी भाग द्वारा ऊष्मा का अवशोषण नहीं होता। किसी भी भाग को प्राप्त सम्पूर्ण ऊष्मा आगे प्रवाहित हो जाती है। अतः विभिन्न पदार्थों की ऊष्मा चालकता की तुलना करने के लिए उन्हें ताप की स्थायी दशा में लाना आवश्यक होता है।
प्रश्न 55.
क्या कारण है कि गर्मियों में कुँओं का पानी ठण्डा तथा सर्दियों में गरम रहता है ?
उत्तर:
पृथ्वी ऊष्मा की कुचालक होने के कारण गर्मियों में वायुमंडलीय ऊष्मा पृथ्वी के अन्दर नहीं जा पाती जबकि सर्दियों में पृथ्वी की ऊष्मा बाहर नहीं आ पाती इस कारण गर्मियों में कुँओं का पानी ठण्डा तथा सर्दियों में गरम रहता है।
प्रश्न 56.
एस्किमों लोग बर्फ की दोहरी दीवारों के मकान में रहते हैं, क्यों?
उत्तर:
बर्फ की दोहरी दीवारों के बीच हवा भरी होती है जो ऊष्मा की कुचालक होने के कारण अन्दर की ऊष्मा को बाहर या बाहर की ऊष्मा को अन्दर नहीं आने देती, इस प्रकार मकान के अन्दर का तापमान अधिक बना रहता है।
प्रश्न 57.
जो कम्बल शरीर को गर्म रखता है वही बर्फ को पिघलने से भी बचाता है, कैसे?
उत्तर:
कम्बल के रेशों के बीच भरी हवा ऊष्मा की कुचालक है, अत: कम्बल न तो शरीर की ऊष्मा को बाहर जाने देता है और न बाहर की ठण्डक को अन्दर आने देता है, जिससे शरीर गर्म बना रहता है और इसी प्रकार बर्फ पिघलने से बची रहती है।
प्रश्न 58.
ठोस लकड़ी की तुलना में बुरादा अच्छा कुचालक होता है, क्यों?
उत्तर:
लकड़ी के बुरादे में उसके कणों के बीच वायु मौजूद होती है जो ऊष्मा की अच्छी कुचालक है इसी कारण बर्फ को पिघलने से बचाने के लिए उस पर बुरादा लपेटा जाता है।
प्रश्न 59.
एक आदर्श सुचालक तथा आदर्श कुचालक की ऊष्मा चालकता कितनी होती है ?
उत्तर:
आदर्श सुचालक की ऊष्मा चालकता अनन्त होती है जबकि आदर्श कुचालक की ऊष्मा चालकता शून्य होती है।
प्रश्न 60.
ऊष्मीय प्रतिरोध से क्या तात्पर्य है ? SI में इसका मात्रक लिखिए।
उत्तर:
स्थायी अवस्था में किसी सुचालक छड़ से ऊष्मा प्रवाह में छड़ द्वारा डाली गयी रुकावट को उस छड़ का ऊष्मीय प्रतिरोधं कहते हैं। SI में इसका मात्रक °C × सेकण्ड/जूल है।
प्रश्न 61.
मोटे काँच के गिलास में गर्म चाय डालने पर गिलास टूट जाता है, क्यों?
उत्तर:
इसका कारण यह है कि काँच के गिलास में जब गर्म चाय डाली जाती है, तो गिलास की भीतरी सतह गर्म हो जाती है जिससे उसका प्रसार होने लगता है, चूँकि काँच ऊष्मा का कुचालक होता है इसलिए गिलास के भीतर की ऊष्मा बाहरी सतह तक नहीं पहुँच पाती है और बाहरी सतह का प्रसार नहीं हो पाता है, अतः अन्दर तथा बाहर की सतह का असमान प्रसार होता है, जिससे गिलास टूट जाता है।
प्रश्न 62.
चीनी मिट्टी के प्याले में चाय पीना, धातु के प्याले में चाय पीने से आसान होता है, क्यों?
उत्तर:
इसका कारण यह है कि धातु, ऊष्मा की सुचालक होने के कारण, चाय की ऊष्मा धातु से होकर होंठों तक पहुँच जाती है जिससे होंठ जलने लगते हैं जबकि चीनी मिट्टी ऊष्मा की कुचालक होने के कारण, ऊष्मा चीनी मिट्टी से होकर होठों तक नहीं पहुँच पाती है जिससे चाय पीना आसान होता है।
प्रश्न 63.
कमरों में रोशन दान क्यों बनाये जाते हैं ?
उत्तर:
कमरों में रोशनदान इसलिए बनाये जाते हैं जिससे कि श्वांस द्वारा छोड़ी गयी गरम एवं दूषित वायु ऊपर उठकर बाहर निकल जाती है तथा उसका स्थान लेने के लिए शुद्ध वायु नीचे लगे दरवाजों एवं खिड़कियों से अन्दर आ जाती है।
प्रश्न 64.
किसी गर्म वस्तु द्वारा उत्सर्जित ऊष्मा की दर किन-किन कारकों पर निर्भर करती है ?
उत्तर:
- वस्तु तथा वातावरण के ताप पर,
- पृष्ठ की प्रकृति पर,
- पृष्ठ के क्षेत्रफल पर,
- विकिरण की तरंगदैर्ध्य पर।
प्रश्न 65.
कृष्णिका से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
जो पिण्ड अपने ऊपर आपतित संपूर्ण विकिरण को पूर्णत: अवशोषित कर लेता है, पूर्ण कृष्णिका कहलाता है। चूँकि किरचॉफ के नियमानुसार अच्छे अवशोषक, अच्छे उत्सर्जक तथा बुरे अवशोषक, बुरे उत्सर्जक होते हैं, अतः आदर्श कृष्णिका एक पूर्ण उत्सर्जक भी होता है।
प्रश्न 66.
पालिशदार धातु की गेंद पर प्लेटिनम का एक काला धब्बा है, उच्च ताप तक गर्म करके अंधेरे कमरे में देखने से काला धब्बा कैसा दिखायी देगा?
उत्तर:
उच्च ताप तक गर्म करके अंधेरे कमरे में देखने पर काला धब्बा श्वेत दिखाई देगा। इसका कारण यह है कि काला धब्बा, ऊष्मा का पूर्ण अवशोषक तथा पूर्ण उत्सर्जक होता है । अर्थात् ठण्डी अवस्था में यह अपने ऊपर आपतित सभी तरंगदैर्घ्य की ऊर्जा पूर्णतः अवशोषित कर लेता है तथा गर्म करने पर सभी तरंगदैर्घ्य की ऊर्जा उत्सर्जित कर देता है।
प्रश्न 67.
रेगिस्तान दिन में बहुत गर्म तथा रात में बहुत ठण्डे होते हैं, क्यों?
उत्तर:
हम जानते हैं कि अच्छे अवशोषक अच्छे विकिरक भी होते हैं। दिन के समय रेत, ऊष्मा अवशोषित करके जल्दी गर्म हो जाती है तथा रात के समय ऊष्मा विकिरित करके बहुत जल्दी ठण्डी हो जाती है। यही कारण है कि रेगिस्तान दिन में गर्म तथा रात में ठण्डे होते हैं।
प्रश्न 68.
पौधा-घर की दीवारें तथा छतें काँच की बनायी जाती हैं, क्यों ?
उत्तर:
पौधा-घर की दीवारें तथा छतें ऊष्मीय विकिरण को तो अवशोषित कर लेती हैं लेकिन दृश्य विकिरणों को अपने में से पार जाने देती हैं, अतः सूर्य से आने वाले विकिरणों में से केवल दृश्य प्रकाश ही पौधा-घर में अन्दर जा पाता है तथा पौधों से उत्सर्जित ऊष्मीय विकिरण अन्दर से बाहर नहीं जा पाते हैं जिससे पौधाघर अन्दर से गर्म बना रहता है।
प्रश्न 69.
लाल रंग के काँच के टुकड़े को बहुत उच्चताप तक गर्म करके अंधेरे में रखने पर वह हरे रंग का दिखाई देता है, क्यों?
उत्तर:
कोई वस्तु लाल दिखाई देती है इसका कारण यह है कि वह लाल रंग को परावर्तित करती है तथा शेष रंगों को अवशोषित पर लेती है। लाल रंग को छोड़कर दृश्य प्रकाश में शेष रंगों का प्रभाव हरे रंग जैसा होता है, अतः लाल रंग की वस्तु की उत्सर्जन क्षमता हरे रंग के लिए सबसे अधिक होती है। यही कारण है कि लाल रंग के काँच को उच्च ताप तक गर्म करके अंधेरे कमरे में रखने पर वह हरे रंग का दिखाई देता है।
प्रश्न 70.
न्यूटन का शीतलन नियम लिखिए।
उत्तर:
इस नियमानुसार, किसी वस्तु के शीतलन की दर, उस वस्तु तथा बाह्य वातावरण के तापान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है।
प्रश्न 71.
शीतलन वक्र क्या है ?
उत्तर:
किसी वस्तु के शीतलन की दर तथा वस्तु व माध्यम के तापों के अन्तर के बीच खींचा गया ग्राफ शीतलन वक्र कहलाता है।
प्रश्न 72.
ज्यादा ठण्ड पड़ने पर जन्तु अपने आपको समेटकर गोलाकार बना लेते हैं, क्यों?
उत्तर:
किसी वस्तु से उत्सर्जित ऊष्मा की दर उसकी सतह के क्षेत्रफल के अनुक्रमानुपाती होती है। किसी दिये हुए आयतन के लिए गोले का क्षेत्रफल न्यूनतम होता है। अत: जन्तु अपने आपको समेटकर गोलाकार बना लेते हैं जिससे ऊष्मा की न्युनतम हानि होती है। इस प्रकार वे ठण्ड से बच जाते हैं।
प्रश्न 73.
गर्म जल, गुनगुने जल की अपेक्षा जल्दी ठण्डा होता है, क्यों?
उत्तर:
किसी वस्तु के शीतलन की दर वस्तु के मध्यमान तरल ताप और वातावरण के तापान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है। गर्म जल के लिए तापान्तर अधिक एवं गुनगुने जल के लिए तापान्तर कम होता है । अतः गर्म जल, गुनगुने जल की अपेक्षा जल्दी ठण्डा होता है।
प्रश्न 74.
सर्दियों में गर्म पानी से नहाने के बाद ठण्ड लगती है, क्यों?
उत्तर:
सर्दियों में गर्म पानी से नहाने पर शरीर और वातावरण के ताप का अंतर अधिक होता है, जिससे शरीर से ऊष्मा क्षय की दर अधिक होती है, अतः सर्दियों में गर्म पानी से नहाने के बाद ठण्ड लगती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सिद्ध कीजिए कि क्षेत्रीय प्रसार गुणांक, रेखीय प्रसार गुणांक का दोगुना होता है।
उत्तर:
माना किसी पदार्थ के एक वर्गाकार समतल की प्रत्येक भुजा की लंबाई l है। उसके ताप को ΔT से बढ़ाने पर उसकी प्रत्येक भुजा की लंबाई (l + Δl) हो जाती है।
अतः प्रारंभिक क्षेत्रफल A = l2
एवं अन्तिम क्षेत्रफल (A + ΔA) = (l + Δl)2
∴ क्षेत्रफल में वृद्धि A + ΔA – A = (l + Δl)2 – l2
∴ ΔA = l2 + Δl2 + 2l Δl- l2 = 2lΔl + Δl2
Δl छोटी राशि है। अत: Δl2 का मान बहुत कम होगा अतः इसकी उपेक्षा करने पर,
ΔA = 2l Δl
∴ क्षेत्रीय प्रसार गुणांक β = \(\frac{\Delta \mathrm{A}}{\mathrm{A} \cdot \Delta \mathrm{T}}\)
∴ β = \(\frac{2 l \cdot \Delta l}{l^{2} \cdot \Delta \mathrm{T}}=2 \cdot \frac{\Delta l}{l \cdot \Delta \mathrm{T}}\) = 2α.
अर्थात् क्षेत्रीय प्रसार गुणांक, रेखीय प्रसार गुणांक का दो गुना होता है।
प्रश्न 2.
सिद्ध कीजिए कि आयतन प्रसार गुणांक, रेखीय प्रसार गुणांक का तिगुना होता है।
उत्तर:
माना किसी पदार्थ के एक घन की प्रत्येक भुजा की लंबाई l है। उसके ताप को ΔT से बढ़ाने पर उसकी भुजा की लंबाई (l + Δl) हो जाती है।
अतः घन का प्रारंभिक आयतन V = l3
घन का अंतिम आयतन V + ΔV = (l + Δl)3
अत: आयतन में वृद्धि ΔV = (l+ Δl)3 – l3
= l3 + 3l2Δl+3l.Δl2 + Δl3 – l3
या ΔV = 3l2Δl + 3lΔl2+Δl3
Δl छोटी राशि है अतः इसकी उच्च घातों की उपेक्षा करने पर आयतन में वृद्धि
ΔV = 3l2Δl
अब आयतन प्रसार गुणांक γ = \(\frac{\Delta \mathrm{V}}{\mathrm{V} \cdot \Delta \mathrm{T}}=\frac{3 l^{2} \Delta l}{l^{3} \cdot \Delta \mathrm{T}}\)
या γ = 3.\(\frac{\Delta l}{l \cdot \Delta \mathrm{T}}\)
अतः सिद्ध होता है कि आयतन प्रसार गुणांक रेखीय प्रसार गुणांक का तिगुना होता है।
प्रश्न 3.
ऊष्माधारिता तथा विशिष्ट ऊष्मा में अंतर लिखिए।
उत्तर:
ऊष्माधारिता तथा विशिष्ट ऊष्मा में अंतर-
ऊष्माधारिता | विशिष्ट ऊष्मा |
1. किसी पदार्थ के ताप को 1°C या (1K) बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को उस पदार्थ की ऊष्माधारिता कहते हैं। | 1. किसी पदार्थ के एकांक द्रव्यमान के ताप को 1°C या (IK) बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा को उस पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा कहते हैं। |
2. इसका SI मात्रक जूल/केल्विन है। | 2. इसका SI मात्रक जूल/किग्रा/केल्विन है। |
3. इसका विमीय सूत्र [M1L2T-2θ-1] है। | 3. इसका विमीय सूत्र [M0L2T-2θ-1] है। |
प्रश्न 4.
जल की विशिष्ट ऊष्मा का मान लिखिए तथा जल की विशिष्ट ऊष्मा के दैनिक जीवन में तीन उपयोग (या लाभ) लिखिए।
उत्तर:
जल की विशिष्ट ऊष्मा 1 कैलोरी/ग्राम °C या 4.18 × 103 जूल/किग्रा °C है। जल की विशिष्ट ऊष्मा अधिक होने के निम्न तीन लाभ हैं-
- रोगी की सिंकाई गर्म जल की बोतलों से की जाती है क्योंकि इसमें ऊष्मा की बहुत अधिक मात्रा निहित रहती है जिससे यह देर से ठण्डा और देर से गर्म होता है।
- मशीनों की गरमी दूर करने के लिए उनके चारों ओर पाइपों में ठण्डा जल प्रवाहित करते हैं जिससे जल बहुत अधिक ऊष्मा ले लेता है और मशीन बहुत अधिक गरम नहीं हो पाती है।
- ठण्डे देशों में फलों के रस तथा शराब को जमने से बचाने के लिए उन्हें बोतलों में भरकर पानी में डुबाकर रखा जाता है जिससे कि फलों का रस तथा शराब का ताप अधिक नहीं गिर पाता है।
प्रश्न 5.
कैलोरीमिति में मिश्रण विधि के सिद्धान्त को समझाइए।
उत्तर:
जब भिन्न-भिन्न ताप पर रखी दो वस्तुएँ एक-दूसरे के सम्पर्क में लायी जाती हैं या मिलायी जाती हैं तो ऊष्मा अधिक ताप वाली वस्तु से कम ताप वाली वस्तु की ओर तब तक जाती है जब तक कि दोनों वस्तुओं का ताप समान न हो जाये। यदि ऊष्मा क्षय नगण्य हो, तो
गर्म वस्तु द्वारा दी गयी ऊष्मा = ठण्डी वस्तु द्वारा ली गयी ऊष्मा।
माना दो वस्तुएँ A तथा B के द्रव्यमान क्रमशः m1 तथा m2 हैं और ताप क्रमशः t1°C एवं t2°C हैं (t1 >t2)। उन्हें मिलाने पर यदि मिश्रण का ताप t°C हो जाता है, तो
वस्तु A द्वारा दी गयी ऊष्मा = m1S1 x ताप में कमी = m1S1 (t1 – t)
वस्तु B द्वारा ली गयी ऊष्मा = m2S2 x ताप में वृद्धि = m2S2 (t – t2)
अब मिश्रण के सिद्धांत से,
वस्तु A द्वारा दी गयी ऊष्मा = वस्तु B द्वारा ली गयी ऊष्मा
∴ m1S1 (t1 – t) = m2S2(t – t2).
प्रश्न 6.
ऊष्मा तथा ताप में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मा तथा ताप में अंतर-
ऊष्मा | ताप |
1. ऊष्मा एक प्रकार की ऊर्जा है जो पदार्थ के अणुओं के गति से प्राप्त होती है। | 1. ताप वह भौतिक राशि है जो दो वस्तुओं को सम्पर्क में रखने पर और ऊष्मा प्रवाह की दिशा बताती है। |
2. इसका व्यावहारिक मात्रक कैलोरी है। | 2. इसका व्यावहारिक मात्रक °C है। |
3. किसी वस्तु में निहित ऊष्मा उसके ताप, द्रव्यमान तथा प्रकृति पर निर्भर करती है। | 3. किसी वस्तु का ताप उसमें निहित ऊष्मा पर निर्भर करता है। |
4. इसका मापन कैलोरीमिति के सिद्धांत से करते हैं। | 4. इसका मापन तापमापी द्वारा करते हैं। |
5. यह अदिश राशि है। | 5. यह भी अदिश राशि है। |
6. दो वस्तुओं में ऊष्मा समान किन्तु ताप भिन्न हो सकते हैं। | 6. दो वस्तुओं के ताप समान किन्तु ऊष्मा भिन्न हो सकती हैं। |
प्रश्न 7.
पानी के विलक्षण प्रसार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
प्रायः सभी द्रवों का आयतन गर्म करने पर बढ़ता है, परन्तु पानी 0°C से 4°C तक गर्म करने पर आयतन में घटता है तथा 4°C के पश्चात् गर्म करने पर पुनः बढ़ने लगता है। इसी प्रकार पानी को कमरे के ताप पर लेकर ठण्डा करें तो उसका आयतन 4°C ताप तक घटता है किन्तु 4°C के नीचे ठण्डा करने पर बढ़ता है। स्पष्ट है कि 4°C पर पानी का घनत्व अधिकतम होता है। पानी के इस प्रकार के प्रसार को विलक्षण प्रसार कहते हैं।
पानी के इस विलक्षण प्रसार के कारण जाड़े के दिनों में (या ठण्डे प्रदेशों में) अधिक ठण्ड के कारण समुद्र, झील या तालाब की सतहें तो बर्फ से ढंक जाती हैं परन्तु 4°C के पानी का घनत्व अधिकतम् होने से तली का पानी 4°C ताप पर ही बना रहता है, जिससे पानी के सभी जीव-जन्तु उसमें जीवित बने रहते हैं।
प्रश्न 8.
बादलों वाली रात, स्वच्छ आकाश वाली रात की अपेक्षा गर्म होती है, क्यों?
उत्तर:
बादलों वाली रात, स्वच्छ आकाश वाली रात की अपेक्षा गर्म होती है। इसका कारण यह है कि दिन में सूर्य की गर्मी से पृथ्वी गर्म हो जाती है और रात में पृथ्वी विकिरण द्वारा ऊष्मा उत्सर्जित करके ठण्डी हो जाती है। आकाश स्वच्छ रहने पर पृथ्वी से उत्सर्जित ऊष्मा आकाश में शीघ्रता से चली जाती है जिससे वायुमंडलीय ताप कम हो जाता है और हमें ठण्ड महसूस होती है। लेकिन बादलों से घिरे आकाश की रात में पृथ्वी से उत्सर्जित ऊष्मा आकाश में नहीं जा पाती है, बल्कि बादलों से परावर्तित होकर पृथ्वी पर वापस लौट आती है (क्योंकि बादल ऊष्मा के कुचालक हैं) जिससे बादलों वाली रात गर्म महसूस होती है।
प्रश्न 9.
ताप की परिवर्ती तथा स्थायी दशा में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
ताप की परिवर्ती तथा स्थायी दशा में अन्तर-
परिवर्ती दशा | स्थायी दशा |
1. जब सुचालक छड़ के एक सिरे को गर्म किया जाता है तो उसके प्रत्येक भाग का ताप धीरे-धीरे बढ़ने लगता है, इसे ताप की परिवर्ती दशा कहते हैं। | 1. सुचालक छड़ के एक सिरे को गर्म किया जाता है तो उसके प्रत्येक भाग का ताप धीरे-धीरे बढ़ने लगता है और एक स्थिति ऐसी आती है जबकि ताप बढ़ना रुक जाता है, इसे ताप की स्थायी दशा कहते हैं। |
2. इस दशा में छड़ के प्रत्येक भाग द्वारा ऊष्मा का अवशोषण होता है। | 2. इस दशा में छड़ के किसी भी भाग द्वारा ऊष्मा का अवशोषण नहीं होता है। |
3. इस दशा में ऊष्मा प्रवाह की दर छड़ की ऊष्मा चालकता तथा उसकी ऊष्माधारिता पर निर्भर करती है। | 3. इस दशा में ऊष्मा प्रवाह की दर छड़ की ऊष्मा चालकता उसकी ऊष्माधारिता पर नहीं। |
प्रश्न 10.
ताप की स्थायी दशा में किसी छड़ में गमन करने वाली ऊष्मा की मात्रा हेतु व्यंजक प्रतिपादित कीजिए।
उत्तर:
ताप की स्थायी दशा में किसी छड़ के एक फलक से दूसरे फलक की ओर प्रवाहित होने वाली ऊष्मा की मात्रा Q निम्न बातों पर निर्भर करती है-
(1) छड़ के फलक के क्षेत्रफल A के अनुक्रमानुपाती होती है। अर्थात् Q ∝ A.
(2) छड़ के फलकों के तापान्तर (θ1 – θ2) के अनुक्रमानुपाती होती है।
अर्थात् Q ∝ (θ1 – θ2).
(3) गर्म किये जाने वाले समय t के अनुक्रमानुपाती होती है। अर्थात्
Q ∝ t.
(4) दोनों फलकों के बीच की दूरी (छड़ की लंबाई) d के व्युत्क्रमानुपाती होती है-
अर्थात् Q ∝ \(\frac{1}{d}\).
इन सबको मिलाकर लिखने पर,
Q ∝ \(\frac{\mathrm{A}\left(\theta_{1}-\theta_{2}\right) t}{d}\)
या Q = \(\frac{K A\left(\theta_{1}-\theta_{2}\right) t}{d}\)
जहाँ K = नियतांक है जिसे छड़ के पदार्थ का ऊष्मा चालकता गुणांक कहते हैं।
प्रश्न 11.
ऊष्मीय विकिरण और प्रकाश विकिरण में तीन समानताएँ और तीन असमानताएँ लिखिए।
उत्तर:
समानताएँ-
- दोनों निर्वात में गमन कर सकते हैं।
- दोनों का वेग समान (3 × 108 मी./ सेकण्ड) होता है।
- दोनों में परावर्तन, अपवर्तन, व्यतिकरण, विवर्तन, ध्रुवण आदि की घटनाएं होती हैं।
असमानताएँ-
- प्रकाश का तरंगदैर्ध्य कम (4 × 10-5 सेमी से 8 × 10-5सेमी) होता है जबकि ऊष्मीय विकिरण का तरंगदैर्घ्य अधिक (8 × 10-5सेमी से 0.04 सेमी) होता है।
- प्रकाश, विद्युत्-चुम्बकीय वर्णक्रम के दृश्य क्षेत्र में होता है जबकि ऊष्मीय विकिरण विद्युत्-चुंबकीय क्षेत्र के अदृश्य क्षेत्र में होता है।
- प्रकाश में ऊष्मीय प्रभाव नगण्य होता है जबकि ऊष्मीय विकिरण में अधिक प्रकाश प्रभाव होता है।
प्रश्न 12.
उत्सर्जन क्षमता तथा अवशोषण क्षमता की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
उत्सर्जन क्षमता – किसी वस्तु के एकांक क्षेत्रफल से प्रति सेकण्ड उत्सर्जित होने वाले ऊष्मीय विकिरण की मात्रा को उस वस्तु की उत्सर्जन क्षमता कहते हैं। इसे e से व्यक्त करते हैं।
यदि वस्तु के पृष्ठ का क्षेत्रफल A हो तथा : सेकण्ड में उससे उत्सर्जित ऊष्मीय विकिरण की मात्रा Q हो
तो वस्तु की उत्सर्जन क्षमता e = \(\frac{\mathrm{Q}}{\mathrm{A} \times t}\)
SI में उत्सर्जन क्षमता का मात्रक जूल/मीटर2 × सेकण्ड या वाट/मीटर2 है।
अवशोषण क्षमता – किसी वस्तु द्वारा निश्चित समय में अवशोषित ऊष्मा विकिरण की मात्रा और उतने ही समय में उस पर आपतित ऊष्मा विकिरण की मात्रा के अनुपात को उस वस्तु की अवशोषण क्षमता कहते हैं।
यदि वस्तु पर आपतित ऊष्मा विकिरण की मात्रा Q तथा उसके द्वारा अवशोषित ऊष्मा विकिरण की मात्रा q हो, तो
वस्तु की अवशोषण क्षमता a = \(\frac{q}{Q}\)
प्रश्न 13.
स्टीफन-बोल्ट्जमैन के नियम से न्यूटन के शीतलन नियम का सूत्र स्थापित कीजिए।
उत्तर:
माना कि गर्म कृष्ण पिण्ड का पैरमताप T तथा वातावरण का परमताप T0 है तो इसका तापान्तर t = (T – T0) होगा जो अत्यन्त कम है।
स्टीफन के नियमानुसार तप्त पिण्ड के पृष्ठ के इकाई क्षेत्रफल से प्रति सेकण्ड विकिरित होने वाली ऊष्मीय ऊर्जा
E = σ(T4 -T04)
E = σ(T + t)4 – T04]
या E = \(\sigma \mathrm{T}_{0}^{4}\left[\left(1+\frac{t}{T_{0}}\right)^{4}-1\right]\)
द्विपद प्रमेय से लगभग प्रसार करने पर,
E = \(\sigma \mathrm{T}_{0}^{4}\left(1+\frac{4 t}{\mathrm{~T}_{0}}-1\right)\)
या E = 4σT03t.
∵ T0 व σ नियतांक हैं
अत: E ∝ t.
अर्थात् तप्त पिण्ड से ऊष्मीय ऊर्जा के उत्सर्जन की दर, पिण्ड तथा वातावरण के तापान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है जो कि न्यूटन का शीतलन नियम है।
प्रश्न 14.
किसी धातु की छड़ का ऊष्मा चालकता गुणांक ज्ञात करने का सूत्र लिखिए। इसके आधार पर ऊष्मा चालकता गुणांक की परिभाषा, मात्रक एवं विमीय सूत्र स्थापित कीजिए।
उत्तर:
माना किसी छड़ का अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल A, फलकों के बीच की दूरी (अर्थात् लंबाई) तथा गर्म सिरे का ताप θ1°C एवं ठण्डे सिरे का ताप θ2°C है। स्थायी अवस्था में छड़ से ऊष्मा चालन की दर
\(\frac{Q}{t}=\frac{\mathrm{KA}\left(\theta_{1}-\theta_{2}\right)}{l}\)
या Q = \(\frac{\mathrm{KA}\left(\theta_{1}-\theta_{2}\right) t}{l}\)
या ऊष्मा चालकता गुणांक K = \(\frac{Q I}{\mathrm{~A}\left(\theta_{1}-\theta_{2}\right) t}\)
यदि A = 1 मीटर2 θ1 – θ2 1°C, l = 1 मीटर तथा t = 1 सेकण्ड हो, तो Q = K.
अतः किसी पदार्थ का ऊष्मा चालकता गुणांक, ऊष्मा की वह मात्रा है जो उस पदार्थ की बनी एकांक लंबाई की छड़ में जिसके परिच्छेद का क्षेत्रफल एकांक हो, प्रति सेकण्ड एक सिरे से दूसरे सिरे की ओर प्रवाहित होती है, जबकि इन सिरों का तापान्तर 1°C हो।
SI में इसका मात्रक जूल/मीटर °C सेकण्ड है।
K का विमीय सत्र = \(\frac{\left[\mathrm{M}^{1} \mathrm{~L}^{2} \mathrm{~T}^{-2}\right][\mathrm{L}]}{\left[\mathrm{L}^{2}\right][\theta][\mathrm{T}]}\)
= [M1L1T-3θ-1]
प्रश्न 15.
ऊष्मीय प्रतिरोध से आप क्या समझते हैं ? इसका सूत्र स्थापित कीजिए तथा SI में इसका मात्रक लिखिए।
उत्तर:
स्थायी अवस्था में किसी सुचालक छड़ से ऊष्मा प्रवाह में छड़ द्वारा डाली गयी रुकावट को उस छड़ का ऊष्मीय प्रतिरोध कहते हैं।
माना l लंबाई तथा A अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल की छड़ के गर्म सिरे का ताप θ1°C तथा ठण्डे सिरे का ताप θ2°C है तो स्थायी अवस्था में छड़ से ऊष्मा प्रवाह की दर
\(\frac{Q}{t}=\frac{\mathrm{KA}\left(\theta_{1}-\theta_{2}\right)}{l}\)
जहाँ K= छड़ के पदार्थ का ऊष्मा चालकता गुणांक है।
या तापान्तर (θ1 – θ2) = \(\frac{l}{\mathrm{KA}}\) × ऊष्मा प्रवाह की दर \(\left(\frac{Q}{t}\right)\)
इस समीकरण की ओम के नियम V = R.I या
विभवान्तर = प्रतिरोध × धारा (या आवेश प्रवाह की दर) से तुलना करने पर, यदि तापान्तर (θ1 – θ2)
को विभवान्तर V के तुल्य मानें तथा ऊष्मा प्रवाह की दर \(\left(\frac{Q}{t}\right)\) को आवेश प्रवाह की दर या धारा I के तुल्य मानें तो राशि l/KA को प्रतिरोध R के तुल्य माना जा सकता है। अत: राशि l/KA को ऊष्मीय प्रतिरोध कहते हैं।
अतः
ऊष्मीय प्रतिरोध R = \(\frac{l}{K A}=\frac{\theta_{1}-\theta_{2}}{(Q / t)}\)
ऊष्मीय प्रतिरोध का SI मात्रक °C × सेकण्ड / जूल है।
प्रश्न 16.
न्यूटन का शीतलन नियम लिखिए। इसके आधार पर शीतलन दर और वातावरण के ताप में सम्बन्ध दर्शाने वाला व्यंजक ज्ञात कीजिए। इस नियम के लागू होने की शर्ते लिखिए।
उत्तर:
न्यूटन के शीतलन नियम के अनुसार – समान अवस्था रहने पर विकिरण द्वारा किसी वस्तु के ठण्डे होने की दर (अर्थात् ऊष्मा क्षय की दर) उस क्षण वस्तु और आसपास के वातावरण के तापान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है (जबकि तापान्तर बहुत अधिक न हो)।
अर्थात् शीतलन दर ∝ तापान्तर
यदि किसी वस्तु का प्रारंभिक ताप θ1°C है तथा t सेकण्ड नाद उसका ताप θ2°C है तो वस्तु के ठण्डे होने की दर = \(\left(\frac{\theta_{1}-\theta_{2}}{t}\right)\)
तथा वस्तु का माध्य ताप = \(\left(\frac{\theta_{1}+\theta_{2}}{2}\right)^{\circ} \mathrm{C}\)
अब यदि वस्तु के चारों ओर वातावरण का ताप θ°C है तो वस्तु के माध्य ताप तथा वातावरण के ताप में अन्तर = \(\left[\frac{\left(\theta_{1}+\theta_{2}\right)}{2}\right]-\theta\)
∴ न्यूटन के शीतलन नियम से,
\(\frac{\theta_{1}-\theta_{2}}{t} \propto\left[\frac{\theta_{1}+\theta_{2}}{2}-\theta\right]\)
न्यूटन का शीतलन नियम लागू होने की शर्ते-
- वस्तु तथा उसके समीपवर्ती वातावरण का तापान्तर अधिक नहीं होना चाहिए।
- वस्तु से ऊष्मा क्षय केवल विकिरण द्वारा होना चाहिये।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
ठोस में ऊष्मीय प्रसार के लिए सिद्ध कीजिए कि-
α : β : γ= 1 : 2 : 3.
उत्तर:
लघु उत्तरीय प्रश्न क्रमांक
(1) एवं
(2) देखिए।
प्रश्न 2.
प्रयोगशाला में न्यूटन के शीतलन नियम का सत्यापन करने के प्रयोग का वर्णन निम्न शीर्षकों के अन्तर्गत कीजिए-
(i) नियम का कथन,
(ii) उपकरण का नामांकित चित्र,
(iii) शीतलन वक्र तथा उसके आधार पर प्राप्त निष्कर्ष,
(iv) सावधानियाँ, (कोई दो)।
उत्तर:
(i) नियम का कथन-इस नियमानुसार, किसी वस्तु के शीतलन की दर उस वस्तु तथा बाह्य वातावरण के तापान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है।
(ii) उपकरण का नामांकित चित्र-
(iii) शीतलन वक्र तथा उसके आधार पर प्राप्त निष्कर्ष – शीतलन वक्र ऊपर के चित्र में प्रदर्शित है।
शीतलन वक्र पर कोई दो बिन्दु A तथा B लेकर इन बिन्दुओं से ताप तथा समय अक्ष पर लंब डालते हैं तथा लंब परतों के संगत ताप अक्ष पर तापान्तर (θ1 – θ2)व समय अक्ष पर θ1 से θ2 तक ताप गिरने मे लगा समय t (=EF) ज्ञात कर लेते हैं। इसी प्रकार वक्र पर अनेक बिन्दु लेकर अलग-अलग क्षणों पर तापान्तर व उतना ताप गिरने में लगा समय ज्ञात कर लेते हैं। अब यदि कमरे का ताप θ है तो प्रत्येक तापान्तर के लिए पानी के माध्य ताप = (\(\left(\frac{\theta_{1}+\theta_{2}}{2}\right)\) तथा कमरे के ताप θ का अन्तर = \(\left(\frac{\theta_{1}+\theta_{2}}{2}-\theta\right)\) एवं ताप गिरने की दर = (\(=\left(\frac{\theta_{1}-\theta_{2}}{t}\right)\) ज्ञात करके पुनः ताप गिरने की दर को Y-अक्ष पर तथा माध्य तापान्तर को X-अक्ष पर लेकर एक ग्राफ खींचते हैं जो चित्र की भाँति एक सरल रेखा प्राप्त होती है। इससे सिद्ध होता है कि पानी के ठण्डे होने की दर पानी के माध्य ताप तथा समीपवर्ती तापान्तर के अनुक्रमानुपाती है।
यही न्यूटन का शीतलन नियम है।
(iv) सावधानियाँ –
- कैलोरीमापी को दोहरी दीवार वाले बर्तन में इस प्रकार रखना चाहिए कि यह बर्तन की दीवार को स्पर्श न करे।
- कैलोरीमापी में पानी को विलोडित करते रहना चाहिये।
प्रश्न 3.
दो विभिन्न पदार्थों की छड़ों से बने संयुक्त गुटके (जिनके अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल समान हैं) के बाहरी पृष्ठों को अलग-अलरा ताप पर रखा जाता है। उनके अन्तरापृष्ठ के ताप तथा संयुक्त गुटके की ऊष्मा चालकता के लिए व्यंजक निगमित कीजिए।
उत्तर:
चित्र में एक संयुक्त गुटका दिखाया गया है जो दो पदार्थों की छड़ों से मिलकर बना है। इनकी लंबाइयाँ क्रमशः l1 तथा l2 हैं और ऊष्मा चालकता गुणांक क्रमशःK1 तथा K2 हैं दोनों छड़ों के पृष्ठों का क्षेत्रफल समान (माना A) है माना स्थायी अवस्था में पहली छड़ के बाहरी पृष्ठ का ताप θ1°C तथा दूसरी छड़ के बाहरी पृष्ठ का ताप θ2°C है (जबकि (θ1 > (θ2).
मानाकि अन्तरापृष्ठ का स्थायी ताप θ°C है। स्थायी अवस्था में प्रत्येक छड़ से बाहर ऊष्मा प्रवाह की दर समान होगी। अत: ऊष्मा प्रवाह की दर
उपर्युक्त समीकरण गुटके के अन्तरापृष्ठ का ताप बताता है।
यदि संयुक्त गुटके की ऊष्मा चालकता K है तो परिभाषानुसार,
प्रश्न 4.
चालन, संवहन और विकिरण में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
चालन, संवहन और विकिरण में अन्तर
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1.
निऑन तथा CO2 के त्रिक बिन्दु क्रमशः 24.57 K एवं 216.55 K है। इन तापों को सेल्सियस एवं फॉरेनहाइट मापक्रमों में व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
केल्विन एवं सेल्सियस पैमाना में निम्न संबंध है-
C = K – 273
निऑन के लिए,
C = 24.57 – 273
C = -248.43°C
CO2 के लिए,
C = 216.55 – 273
C = -56.45°C
केल्विन पैमाना एवं फॉरेनहाइट पैमाना में निम्न संबंध है-
\(\frac{K-273}{5}=\frac{F-32}{9}\)
या F = \(\frac{9}{5}\)(K – 273) + 32
निऑन के लिए,
F = \(\frac{9}{5}\) (24.57 – 273) + 32
F = \(\frac{9}{5}\) × (-248.43) + 32
F = -447.2 + 32
F = -415.2°.
CO2 के लिए,
F= \(\frac{9}{5}\)(K – 273) + 32
F = \(\frac{9}{5}\)(216.55 – 273) + 32
F = \(\frac{9}{5}\) × (-56.45) + 32
F = -101.61 + 32
∴ F = -69.61° .
प्रश्न 2.
दो परमताप मापक्रमों A तथा B पर जल के त्रिक बिन्दु को 200 A तथा 350 B द्वारा परिभाषित किया गया है। TA तथा TB में क्या संबंध है ?
उत्तर:
जल का त्रिक बिन्दु T = 273.16 K
प्रश्नानुसार, 200 A = 350 B = 273.16
या \(\frac{273 \cdot 16}{200}\) तथा 1B = \(\frac{273 \cdot 16}{350}\)
यदि दोनों स्केलों में ताप TA एवं TB हो, तो
\(\frac{273 \cdot 16}{200} \mathrm{~T}_{\mathrm{A}}=\frac{273 \cdot 16}{350} \mathrm{~T}_{\mathrm{B}}\)
या \(\mathrm{T}_{\mathrm{B}}=\frac{350}{200} \mathrm{~T}_{\mathrm{A}} \Rightarrow \mathrm{T}_{\mathrm{B}}=\frac{7}{4} \mathrm{~T}_{\mathrm{A}}\)
प्रश्न 3.
किसी 1 मीटर लंबे स्टील के फीते का यथार्थ अंशांकन 27°C पर किया गया है। किसी तप्तदिन जब ताप 45°C था तब इस फीते से किसी स्टील की छड़ की लम्बाई 63 सेमी मापी गई। उस दिन स्टील छड़ की वास्तविक लम्बाई क्या थी ? जिस दिन ताप 27°C होगा उस दिन इसी छड़ की लम्बाई क्या होगी? स्टील का रेखीय प्रसार गुणांक α = 1.2 x 10-5K-1.
उत्तर:
27°C पर स्टील फीते का अंशांकन सही है अर्थात् 100 सेमी लम्बी छड़ की लम्बाई 100 सेमी ही होगी
यदि ताप 27°C से 45°C बढ़ा दिया जाये तो छड़ की लम्बाई
lt = l0 + l0 αt
lt = 100 + 100 × 1.2 × 10-5 (45 – 27)
lt = 100 + 100 × 1.2 × 10-5 × 18
lt = 100 + 0.0216 = 100.0216 सेमी
45°C पर 63 सेमी लम्बी छड़ का माप
\(=\frac{100 \cdot 0216}{100}\) × 63
= 63.0136 सेमी
यदि छड़ को 27°C पर मापा जाये तो लम्बाई 63 सेमी प्राप्त होगी।
प्रश्न 4.
किसी पीतल के बॉयलर की पेंदी का क्षेत्रफल 0.15 m2 तथा मोटाई 1.0 cm है। किसी गैस स्टोव पर रखने पर इसमें 6.0 kg/min की दर से जल उबलता है। बॉयलर के संपर्क की ज्वाला के भाग का ताप आकलित कीजिए। पीतल की ऊष्मा चालकता 109 JsM, जल की वाष्यन ऊष्मा = 2256 × 103 J/kg.
उत्तर:
बॉयलर के आधार से प्रति सेकण्ड प्रवाहित ऊष्मा
Q = \(\frac{K A\left(\theta_{1}-\theta_{2}\right) t}{d}\)
Q = \(\frac{109 \times 0 \cdot 15 \times\left(\theta_{1}-100\right) \times 1}{10^{-2}}\)
Q = 1635(θ1 -100) …(1)
बॉयलर में पानी उबलने की दर = 6 kg/min
= \(\frac{6}{60}\)kg/s
= 0.1kg/s
पानी द्वारा प्रति सेकण्ड अवशोषित ऊष्मा = 0.1 × 2256 × 103J …(2)
समी. (1) एवं (2) से,
1635(θ1 – 100) = 0.1 × 2256 × 103
θ1 – 100 =\(\frac{2256 \times 100}{1635}\) = 137.98 = 138
या θ1 = 138 + 100 = 238°C.
प्रश्न 5.
किसी पिण्ड का ताप 5 मिनट में 80°C से 50°C हो जाता है। यदि परिवेश का ताप 20°C है, तो उस समय का परिकलन कीजिए जिसमें उसका ताप 60°C से 30°C हो जाएगा।
उत्तर:
न्यूटन के शीतलन नियमानुसार,
द्वितीय स्थिति में,
प्रश्न 6.
किस ताप पर °C तथा °F के ताप समान होते हैं ?
उत्तर:
माना x ताप पर °C तथा °F के ताप समान होते हैं, तो
सूत्र – \(\frac{C}{5}=\frac{F-32}{9}\)मे,
\(\frac{x}{5}=\frac{x-32}{9}\)
∴ 9x = 5x – 160
∴ 9x – 5x = -160
या 4x = -160
∴ x = \(\frac{-160}{4}\) = -40
अर्थात् -40°C = -40° F.
प्रश्न 7.
पीतल की एक गेंद का आयतन 0°C पर 50 सेमी तथा 100°C पर 50.25 सेमी 3 है। पीतल का रेखीय प्रसार गुणांक ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार, V0 = 50 सेमी3, V100 = 50.25 सेमी3
आयतन में वृद्धिΔV = 50.25 – 50
ΔV = 0.25 सेमी3
ताप में वृद्धि Δt = 100°C
\(=\frac{0 \cdot 25}{50 \times 100}\) = 5 × 10-5 प्रति °C
लेकिन आयतन प्रसार गुणांक = 3 × रेखीय प्रसार गुणांक
∴ रेखीय प्रसार गुणांक = \(\frac{5 \times 10^{-5}}{3}\)
या रेखीय प्रसार गुणांक = 1.7 × 10-5 प्रति °C (लगभग)।
प्रश्न 8.
दो धातुओं A तथा B के घनत्व का अनुपात 1 : 3 है। इनके समान आयतनों को समान ऊष्मा देने पर उनके ताप में वृद्धि का अनुपात 2 : 1 है। इनकी विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार, d1 : d2 = 1 : 3, V1 = V2, Q1 = Q2, θ1: θ2 = 2 : 1
धातु A को दी गयी ऊष्मा Q1 = द्रव्यमान × विशिष्ट ऊष्मा × ताप में वृद्धि
Q1 = V1d1s1θ1
धातु B को दी गई ऊष्मा Q2 = द्रव्यमान × विशिष्ट ऊष्मा × ताप में वृद्धि
Q2 = V2d2s2θ2
चूँकि Q1 = Q2
∴ V1d1s1θ1 = V2d2s2θ2
अत: \(\frac{s_{1}}{s_{2}}=\frac{V_{2}}{V_{1}} \times \frac{d_{2}}{d_{1}} \times \frac{\theta_{2}}{\theta_{1}}\)
\(=1 \times \frac{3}{1} \times \frac{1}{2}=\frac{3}{2}\)
प्रश्न 9.
1 किग्रा जल का ताप 60°C है। इसे 40°C वाले एक किग्रा जल में मिश्रित कर दें तो मिश्रण का ताप क्या होगा ? जल की विशिष्ट ऊष्मा = 1 कैलोरी/ग्राम °C है।
उत्तर:
माना मिश्रण का ताप t°C है।
गर्म जल द्वारा दी गयी ऊष्मा = msΔt = 1000 × 1 × (60 – t)कैलोरी
ठण्डे जल द्वारा ली गयी ऊष्मा = msΔt = 1000 × 1 × (t – 40) कैलोरी
मिश्रण के सिद्धान्त से, दी गयी ऊष्मा = ली गयी ऊष्मा
1000 × 1 × (60 – t) = 1000 × 1 × (t – 40)
∴ 60 – t = t – 40
या 2t = 100
या t = 50°C.
प्रश्न 10.
0°C की 5 ग्राम बर्फ को 30°C पर 50 ग्राम पानी में मिलाने पर परिणाम क्या होगा? बर्फ की गुप्त ऊष्मा 80 कैलोरी/ग्राम है।
उत्तर:
माना परिणामी ताप t°C है, तो
बर्फ द्वारा दी गयी ऊष्मा = पानी द्वारा ली गयी ऊष्मा
5 x 80 + 5 x 1 x (t – 0) = 50 x 1 x (30 – t)
या 400 + 5t = 1500 – 50t
या 55t = 1500-400 = 1100
∴ t = \(\frac{1100}{55}\) = 20°C.
प्रश्न 11.
0°C वाली 10 ग्राम बर्फ को 100°C वाली भाप में परिवर्तित करने के लिए आवश्यक ऊष्मा का मान ज्ञात कीजिए। बर्फ एवं भाप की गुप्त ऊष्माएँ क्रमशः 80 एवं 540 कैलोरी/ग्राम है।
उत्तर:
(i) 0°C वाली 10 ग्राम बर्फ को 0°C के पानी में बदलने के लिए
आवश्यक ऊष्मा Q1 = mLबर्फबर्फ = 10 × 80 = 800 कैलोरी।
(ii) 0°C के 10 ग्राम पानी को 100°C तक गर्म करने के लिए आवश्यक ऊष्मा
Q2 = msΔt = 10 × 1 × (100 – 0)
Q2 = 1000 कैलोरी।
(iii) 100°C के 10 ग्राम पानी को भाप में बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा
Q3 =m.Lभापभाप 10 × 540 = 5400 कैलोरी।
अतः कुल आवश्यक ऊष्मा
Q = Q1 + Q2 +Q3
= 800 + 1000+ 5400 = 7200 कैलोरी।
प्रश्न 12.
-15°C पर 15 ग्राम बर्फ को 100°C की भाप में बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा की गणना कीजिए। दिया है-बर्फ के गलन की गुप्त ऊष्मा = 80 कैलोरी/ग्राम, बर्फ की विशिष्ट ऊष्मा = 0.5 कैलोरी/ग्राम°C, जल की विशिष्ट ऊष्मा:1 कैलोरी/ग्राम°C, भाप की गुप्त ऊष्मा = 536 कैलोरी/ग्राम।
उत्तर:
-15°C पर 15 ग्राम बर्फ को 100°C के भाप में बदलने के लिए निम्नलिखित चार चरणों में ऊष्मा आवश्यक होगी-
(i) -15°C पर 15 ग्राम बर्फ को 0°C पर करने में आवश्यक ऊष्मा
Q1 = द्रव्यमान × विशिष्ट ऊष्मा × ताप में वृद्धि
या Q1 = 15 × 0.5 × [0 – (- 15)]
या Q1 = 112.5 कैलोरी।
(ii) 0°C पर 15 ग्राम बर्फ को 0°C पर जल में बदलने में आवश्यक ऊष्मा
Q2 = m.L = 15 × 80
∴ Q2 = 1200 कैलोरी।
(iii) 0°C पर 15 ग्राम जल को 100°C पर जल में बदलने में आवश्यक ऊष्मा
या Q3 = द्रव्यमान × विशिष्ट ऊष्मा × ताप में वृद्धि या
या Q3 = 15 × 1 × (100 – 0)
∴ Q3 = 1500 कैलोरी।
(iv) 100°C पर 15 ग्राम जल को 100°C पर भाप में बदलने में आवश्यक ऊष्मा
Q4 = m.L = 15 × 536
∴ Q4 = 8040 कैलोरी।
अत: कुल आवश्यक ऊष्मा
Q = Q1 + Q2 + Q3 + Q4
या Q = 112.5 + 1200 + 1500 + 8040
∴ Q = 10852.5 कैलोरी।
प्रश्न 13.
ताँबे की छड़ की लंबाई 80 सेमी है। इसके ताप को 15°C से 35°C तक करने में इसकी लंबाई में कितनी वृद्धि होगी ? (ताँबे का रेखीय प्रसार गुणांक = 1.7 × 10-5 प्रति °C है।)
उत्तर:
सूत्र – Δl = α.l.ΔT से,
दिया है- l = 80 सेमी.
α = 1.7 × 10-5 /°C, ΔT = 35 – 15 = 20°C
सूत्र में मान रखने पर,
Δl = 1.7 × 10-5 × 80 × 20
∴ Δl = 27.2 × 10-3 सेमी।
प्रश्न 14.
धातु के 50 ग्राम टुकड़े को 200°C तक गर्म करके एक बीकर में रखे हुए 400 ग्राम जल में डुबाया गया। जल के प्रारंभिक ताप तथा अंतिम ताप क्रमश: 20°C तथा 22.4°C हैं, तो धातु की विशिष्ट ऊष्मा ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
धातु के टुकड़े द्वारा दी गई ऊष्मा = जल द्वारा ली गयी ऊष्मा
50 × s ×(200 – 22.4) = 400 × 1 ×(22.4 – 20)
या 50s × 177 × 6 = 400 × 2.4
या s = \(\frac{960}{8880}\)
∵ s = 0.108 कैलोरी/ग्राम/°C.
प्रश्न 15.
एक मनुष्य के शरीर का ताप 37°C है।वह 0.5 मिमी मोटी चादर लपेटे है। कमरे का ताप 27° हो, तो वह शरीर से प्रति वर्ग सेमी प्रति सेकण्ड कितनी ऊष्मा छोड़ेगा? चादर की ऊष्मा चालकता 1.2 × 10-4 कैलोरी/सेमी °C सेकण्ड है।
उत्तर:
ज्ञात है- θ = 37°C, θ = 27°C, A= 1 सेमी’, l = 0.5 मिमी = 0.05 सेमी, t = l सेकण्ड, K = 1.2 × 10-4 कैलोरी/सेमी °C सेकण्ड
सूत्र Q = \(\frac{0 \cdot 00012 \times 1 \times(37-27) \times 1}{0 \cdot 05}\) से,
⇒ Q = \(\frac{0 \cdot 00012 \times 1 \times(37-27) \times 1}{0 \cdot 05}\)
⇒ Q = 0.024 कैलोरी।
प्रश्न 16.
समान आकार लंबाई, चौड़ाई एवं ऊँचाई के दो बर्तन दो विभिन्न धातुओं के बने हैं। उनमें समान मात्रा में बर्फ भरी है जिसे पूर्णतः पिघलने में क्रमश: 25 मिनट और 20 मिनट लगते हैं, धातुओं के ऊष्मा चालकता गुणांक की तुलना कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार, A1 = A2,l1 = l2 दोनों बर्तनों के लिए तापान्तर (θ1 – θ2) समान हैं, t1 = 25 मिनट, t1 = 20 मिनट
चूँकि प्रत्येक बर्तन में प्रवाहित होने वाली ऊष्मा की मात्रा समान होगी
प्रश्न 17.
एक बॉक्स का क्षेत्रफल 5000 सेमी2 तथा मोटाई 6 मिमी है। इसमें 0°C की बर्फ भरकर इसे 20°C ताप वाले कमरे में रख दिया जाता है यदि 20 मिनट में 1 किलोग्राम बर्फ पिघल जाती हो तो बर्फ का ऊष्मा चालकता गुणांक ज्ञात कीजिए।(बर्फ की गुप्त ऊष्मा = 80 कैलोरी/ग्राम)
उत्तर:
सूत्र Q = \(\frac{K A\left(\theta_{1}-\theta_{2}\right) t}{d}\)
परन्तु Q =m.L
∴ mL = \(\frac{K A\left(\theta_{1}-\theta_{2}\right) t}{d}\)
या K = \(\frac{m L d}{A\left(\theta_{1}-\theta_{2}\right) t}\)
दिया है – m = 1 किग्रा = 100 ग्राम, L= 80 कैलोरी/ग्राम, d = 6 मिमी = 0.6 सेमी, A = 5000 सेमी2, (θ1 – θ2) = 20 – 0 = 20°C, t= 20 मिनट = 20 x 60 सेकण्ड।
मान रखने पर, K = \(\frac{1000 \times 80 \times 0 \cdot 6}{5000 \times 20 \times 20 \times 60}{ }^{\circ} \mathrm{C}\) सेकण्ड
∴ K= 0.0004 CGS मात्रक।
प्रश्न 18.
निकिल की चादर की मोटाई 0.4 सेमी है। उसके दोनों फलकों के बीच तापान्तर 32°C है। यदि चादर के 5 वर्ग सेमी क्षेत्रफल से 200 किलो कैलोरी ऊष्मा प्रति घंटा संचरित होती है तो निकल का ऊष्मा चालकता गुणांक ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार, l = 4 मिमी = 0.4 सेमी = 4 × 10-3 मीटर
(θ1 – θ2) = 32°C, A = 5 सेमी = 5 × 10-4 Q = 200किलो/मीटर2, t= 1 घंटा = 60 × 60 = 3600 सेकण्ड।
K = 1.4 × 10-2 किलो कैलोरी/मीटर/सेकण्ड/C.
प्रश्न 19.
दो समान लंबाई की छड़ों A तथा B के दोनों सिरे समान ताप θ1 व θ2 पर हैं, छड़ों की ऊष्मा संचरण की समान दर के लिए शर्त ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
तापान्तर (θ1 – θ2)1 = (θ1 – θ2)2
\(\left(\frac{Q}{t}\right)_{1}=\left(\frac{Q}{t}\right)_{2}\)
\(\frac{Q}{t}=\frac{K A\left(\theta_{1}-\theta_{2}\right)}{l}\) से,
सूत्र – \(\frac{K_{1} A_{1}\left(\theta_{1}-\theta_{2}\right)_{1}}{l_{1}}=\frac{K_{2} A_{2}\left(\theta_{1}-\theta_{2}\right)_{2}}{l_{2}}\)
⇒ K1A1 = K2A2
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
सही विकल्प चुनकर लिखिए-
प्रश्न 1.
फॉरेनहाइट स्केल में परम शून्य की माप होगी
(a) 273° F
(b) – 459°F
(c) 182°F
(d) 0°E.
उत्तर:
(b) – 459°F
प्रश्न 2.
दो निकाय जिनके ताप T तथा Tहैं ऊष्मीय संतुलन में हैं तो T तथा T में संबंध होगा
(a) TA > TB
(b) TA < TB
(c) TA = TB
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) TA = TB
प्रश्न 3.
ताँबे की आयताकार प्लेट में एक छेद किया जाता है। प्लेट को गर्म करने पर छेद का आकार-
(a) उतना ही रहेगा
(b) बढ़ेगा
(c) घटेगा
(d) कुछ नहीं कहा जा सकता है।
उत्तर:
(b) बढ़ेगा
प्रश्न 4.
धातु के एक ठोस गोले के भीतर एक गोलीय गुहा है। यदि गोले को गर्म किया जाता है तो गुहा का आयतन-
(a) बढ़ेगा
(b) घटेगा
(c) अपरिवर्तित रहेगा
(d) उसका आकार बदल जायेगा।
उत्तर:
(a) बढ़ेगा
प्रश्न 5.
यदि किसी धातु का श्रेणीय प्रसार गुणांक β है तो उसका आयतन प्रसार गुणांक-
(a) \(\frac{\beta}{2}\)
(b) 3β
(c) \(\frac{3 \beta}{2}\)
(d) \(\frac{2 \beta}{3}\)
उत्तर:
(c) \(\frac{3 \beta}{2}\)
प्रश्न 6.
यदि एक मरीज का ताप 40°C है तो फॉरेनहाइट पैमाने का ताप होगा-
(a) 72° F
(b) 96° F
(c) 100° F
(d) 104°F.
उत्तर:
(d) 104°F.
प्रश्न 7.
सूर्य का ताप मापा जाता है-
(a) गैस थर्मामीटर से
(b) पायरोमीटर से
(c) प्लेटिनम थर्मामीटर से
(d) स्थिर दाब थर्मामीटर से।
उत्तर:
(b) पायरोमीटर से
प्रश्न 8.
ऊष्मा संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती-
(a) चालन में
(b) संवहन में
(c) विकिरण में
(d) इन सभी में।
उत्तर:
(c) विकिरण में
प्रश्न 9.
आदर्श चालक के लिए ऊष्मा चालकता गुणांक का मान होता है-
(a) 0
(b) 1
(c) -1
(d) ∞
उत्तर:
(d) ∞
प्रश्न 10.
ऊष्मा चालकता गुणांक का मात्रक है-
(a) जूल-मीटर प्रति सेकण्ड °C
(b) जूल-मीटर सेकण्ड प्रति °C
(c) जूल प्रति मीटर सेकण्ड °C
(d) जूल सेकण्ड प्रति मीटर °C.
उत्तर:
(c) जूल प्रति मीटर सेकण्ड °C
प्रश्न 11.
स्थायी दशा में किसी धातु में संचरित ऊष्मा की मात्रा निर्भर नहीं करती है-
(a) ताप प्रवणता पर
(b) अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर
(c) लम्बाई पर
(d) ऊष्माधारिता पर।
उत्तर:
(d) ऊष्माधारिता पर।
प्रश्न 12.
दो समान लम्बाइयों की छड़ों को जोड़कर एक संयुक्त छड़ बनाई जाती है, छड़ों के पदार्थ की ऊष्मा चालकताएँ क्रमश: K1 व K2 हैं। संयुक्त छड़ की ऊष्मा चालकता होगी-
(a) K1 + K2
(b)K1 – K2
(c) 2K1K2/(K1 + K2)
(d) K1K2/(K1 + K2).
उत्तर:
(c) 2K1K2/(K1 + K2)
प्रश्न 13.
व्यापारिक वायु और मानसून निम्न के कारण हैं-
(a) चालन
(b) संवहन
(c) विकिरण
(d) उपर्युक्त तीनों।
उत्तर:
(b) संवहन
प्रश्न 14.
चमकीले पिण्ड ऊष्मीय विकिरण के होते हैं-
(a) अच्छे अवशोषक एवं बुरे परावर्तक
(b) अच्छे अवशोषक एवं अच्छे परावर्तक
(c) बुरे अवशोषक एवं अच्छे परावर्तक
(d) बुरे अवशोषक एवं बुरे परावर्तक।
उत्तर:
(c) बुरे अवशोषक एवं अच्छे परावर्तक
प्रश्न 15.
निम्नलिखित में किस पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा अधिक होती है
(a) लोहा
(b) पानी
(c) पीतल
(d) काँच।
उत्तर:
(b) पानी
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. …………… ताप पर पानी का घनत्व अधिकतम होता है।
उत्तर:
4°C
2. α : β : γ =…………….
उत्तर:
1 : 2 : 3
3. वह बिन्द जिस पर पदार्थ की तीनों अवस्थाओं में संतुलन रह सकता है ……………..कहलाता है।
उत्तर:
त्रिक बिन्दु
4. किसी ठोस का रेखीय प्रसार गुणांक ……………….. पर निर्भर करता है।
उत्तर:
पदार्थ की प्रकृति पर
5. ताप प्रवणता का SI मात्रक ……………….. है।
उत्तर:
जूल/ मीटर
6. प्रकाश विकिरण का तरंगदैर्घ्य ऊष्मीय विकिरण से ………….. होता है।
उत्तर:
कम
7. किसी पदार्थ का ठोस अवस्था से वाष्प अवस्था में सीधे पहुँचना …………….. कहलाता है।
उत्तर:
ऊर्ध्वपातन
8. हिमशिला का गलनांक दाब बढ़ने से ………………….. होता है।
उत्तर:
कम
3. सही जोड़ियाँ बनाइए
खण्ड ‘अ’ | खण्ड ‘ब |
1. रेखीय प्रसार गुणांक | (a) किलोग्राम |
2. आयतन प्रसार गुणांक | (b) शीतलन की दर ∝ तापान्तर |
3. विशिष्ट ऊष्मा | (c) केवल ठोस के लिए |
4. न्यूटन का शीतलन नियम | (d) किसी पदार्थ के इकाई द्रव्यमान का ताप 1°C बढ़ाने |
5. जल तुल्यांक | (e) ठोस, द्रव एवं गैस। |
उत्तर:
1. (c) केवल ठोस के लिए
2. (e) ठोस, द्रव एवं गैस,
3. (d) किसी पदार्थ के इकाई द्रव्यमान का ताप 1°C बढ़ाने
4. (b) शीतलन की दर ∝ तापान्तर
5. (a) किलोग्राम
4. सत्य / असत्य बताइए
1. 4°C पर पानी का आयतन सबसे अधिक होता है।
उत्तर:
असत्य
2. पानी के त्रिक बिन्दु के संगत ताप 273.16 K होता है।
उत्तर:
सत्य
3. धातु के एक ठोस गोले और धातु के उसी व्यास के खोखले गोले को समान ताप तक गर्म किया जाता . है तो दोनों गोलों के आयतन में समान वृद्धि होगी।
उत्तर:
सत्य
4. गैसों में दो प्रकार की विशिष्ट ऊष्मा होती है।
उत्तर:
सत्य
5. CP हमेशा Cν से छोटा होता है।
उत्तर:
असत्य
6. ठोस CO2 में ऊर्ध्वपातन होता है।
उत्तर:
सत्य
7. संवहन विधि में पदार्थ के अणु ऊष्मा स्थानांतरण के लिए अपना स्थान परिवर्तन करते हैं।
उत्तर:
सत्य
8. आदर्श कृष्णिका की अवशोषण क्षमता एक होती है।
उत्तर:
सत्य