Students get through the MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 4 समतल में गति which are most likely to be asked in the exam.
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 4 समतल में गति
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित भौतिक राशियों में बतलाइये कि कौन-सी सदिश है और कौन-सी अदिशआयतन, द्रव्यमान, चाल, त्वरण, घनत्व, मोल संख्या, वेग, कोणीय आवृत्ति, विस्थापन, कोणीय
उत्तर:
अदिश राशियाँ-आयतन, द्रव्यमान, चाल, घनत्व, मोल संख्या, कोणीय आवृत्ति। सदिश राशियाँ-त्वरण, वेग, विस्थापन, कोणीय वेग।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित सूची में एकमात्र सदिश राशि को छाँटियेताप, दाब, आवेग, समय, शक्ति, पूरीपथ लम्बाई, ऊर्जा, गुरुत्वीय विभव, घर्षण गुणांक, आवेश।
उत्तर:
आवेग।
प्रश्न 3.
सदिश के परिमाण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
किसी सदिश के मापांक को व्यक्त करने वाली धनात्मक संख्या को उस सदिश का परिमाण कहते हैं। इसे \(\overrightarrow{\mid a}\) | द्वारा व्यक्त करते हैं।
प्रश्न 4.
क्या दो सदिशों का योग इस बात पर निर्भर करता है कि राशियों को किस क्रम में रखा जाये?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि सदिशों का योग क्रम-विनिमेय नियम का पालन करता है जिसके अनुसार \(\vec{a}+\vec{b}=\vec{b}+\vec{a}\).
प्रश्न 5.
क्या असमान विमाओं वाले सदिशों को जोड़ा जा सकता है ?
उत्तर:
नहीं, केवल समान विमाओं वाले सदिशों को ही जोड़ा जा सकता है।
प्रश्न 6.
एक सदिश तथा एक अदिश को किस प्रकार जोड़ा जा सकता है ?
उत्तर:
एक अदिश तथा सदिश को जोड़ा नहीं जा सकता।
प्रश्न 7.
तीन या अधिक सदिशों को किस प्रकार जोड़ा जाये कि उनका परिणामी शून्य हो?
उत्तर:
ऐसा तभी संभव हो सकता है जबकि उन्हें परिमाण तथा दिशा में त्रिभुज के अथवा बहुभुज की भुजाओं द्वारा चक्रीय क्रम में प्रदर्शित किया जा सके।
प्रश्न 8.
एकांक सदिश तथा शून्य सदिश से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
जिस सदिश का परिमाण एक हो उसे एकांक सदिश तथा जिस सदिश का परिमाण शून्य हो परन्तु दिशा निश्चित नहीं होती उसे शून्य सदिश कहते हैं।
एकांक सदिश \(\hat{a}=\frac{\vec{a}}{|\vec{a}|}\)
प्रश्न 9.
किसी सदिश के वियोजन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
किसी दिये गये सदिश को दो या दो से अधिक ऐसे सदिशों में वियोजित करना जिनका परिणामी दिये गये सदिश के बराबर होता है। . . .
किसी सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) का कोण पर क्षैतिज घटक = Ax cos θ
एवं ऊर्ध्वाधर घटक = Ay sin θ
प्रश्न 10.
क्या किसी घटक का परिमाण उसके मूल सदिश के परिमाण से अधिक हो सकता है ?
उत्तर:
नहीं हो सकता।
प्रश्न 11.
क्या एक अदिश का एक सदिश से गुणन संभव है ? उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर:
हाँ, \(\overrightarrow{\mathrm{F}}=m \cdot \vec{a}\)
प्रश्न 12.
किस स्थिति में दो सदिशों का अदिश गणनफल अधिकतम होता है ?
उत्तर:
जब दोनों सदिश परस्पर समान्तर होते हैं तब उनके बीच का कोण 0° अथवा 180° होता है तब उनका अदिश गुणनफल अधिकतम होता है।
प्रश्न 13.
एक पृष्ठ का क्षेत्रफल कैसी राशि है ?
उत्तर:
किसी पृष्ठ का क्षेत्रफल एक सदिश राशि है, क्योंकि इसकी दिशा पृष्ठ के लंबवत् होती है।
प्रश्न 14.
किसी सदिश का मापांक कैसी राशि होता है ?
उत्तर:
सदिश का मापांक एक अदिश राशि होता है।
प्रश्न 15.
विस्थापन सदिश से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
वह सदिश जो यह बतलाता है कि समय t1 से t2 तक वस्तु में कितना तथा किस दिशा में विस्थापन हुआ।
विस्थापन सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{AB}}=\overrightarrow{\mathrm{OB}}-\overrightarrow{\mathrm{OA}}\).
प्रश्न 16.
समान सदिश से क्या समझते हो?
उत्तर:
यदि दो सदिशों के परिमाण तथा दिशा समान हों तो सदिश समान सदिश कहलाते हैं।
प्रश्न 17.
ऋण या विपरीत सदिश से आप क्या समझते हों ?
उत्तर:
वह सदिश जिसका मापांक \(\vec{a}\) के बराबर हो किन्तु दिशा \(\vec{a}\) की दिशा के विपरीत हो, सदिश \(\vec{a}\) का विपरीत या ऋण सदिश कहलाता है। इसे – \(\vec{a}\) से प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 18.
सदिशों के योग का त्रिभुज नियम क्या है ?
उत्तर-
इस नियमानुसार यदि दो सदिश परिमाण एवं दिशा में एक त्रिभुज की दो संलग्न भुजाओं द्वारा एक क्रम में प्रदर्शित किये जायें तो उनका परिणामी सदिश, परिमाण तथा दिशा में त्रिभुज की तीसरी भुजा द्वारा विपरीत क्रम में प्रदर्शित होता है।
\(\overrightarrow{\mathrm{AB}}=\overrightarrow{\mathrm{OB}}-\overrightarrow{\mathrm{OA}}\).
प्रश्न 19.
10 न्यूटन के सदिश में 15 डाइन के सदिश को क्या जोड़ा जा सकता है ?
उत्तर:
चूँकि दोनों भौतिक राशियों की विमाएँ समान हैं अतः दोनों को जोड़ा जा सकता है।
प्रश्न 20.
विस्थापन सदिश तथा वेग सदिश को क्यों नहीं जोड़ा जा सकता?
उत्तर:
क्योंकि दोनों सदिशों की विमाएँ अलग-अलग हैं।
प्रश्न 21. किसी सदिश को उसके समान्तर दिशा में आगे बढ़ाने पर क्या होगा?
उत्तर:
सदिश में कोई परिवर्तन नहीं होगा।
प्रश्न 22.
दो सदिशों का योग कब अधिकतम और कब न्यूनतम होता है ?
उत्तर:
जब दोनों सदिश समान्तर हों तो उनका योग अधिकतम एवं जब दोनों सदिश विपरीत हों तो उनका योग न्यूनतम होता है।
प्रश्न 23.
शून्य सदिश क्या है ? इसकी आवश्यकता एवं गुण बताइये।
उत्तर:
वह सदिश जिसका मापांक शून्य होता है, शून्य सदिश कहलाता है । शून्य सदिश के पाद तथा शीर्ष संपाती होते हैं। इसकी दिशा अनिश्चित या स्वेच्छ होती है। इसे \(\vec{0}\) से प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 24.
सदिशों का योग क्या उनको रखने के क्रम पर निर्भर करता है ?
उत्तर:
नहीं।
प्रश्न 25.
यदि P एक अदिश तथा Q एक सदिश राशि है तो PQ किस प्रकार की राशि होगी?
उत्तर:
यह एक सदिश राशि होगी।
प्रश्न 26.
सदिशों का सदिश गुणनफल कब अधिकतम होता है ?
उत्तर:
जब दोनों सदिश परस्पर लंबवत् होते हैं।
प्रश्न 27.
यदि किसी सदिश का एक घटक शून्य हो परन्तु अन्य घटक शून्य न हो तो क्या उस सदिश का मान शून्य होगा?
उत्तर:
नहीं, उस सदिश का मान अन्य घटकों के योग के बराबर होगा।
प्रश्न 28.
यदि दो सदिशों के परिमाण समान रखते हुए उनके बीच का कोण बदल दिया जाये तो उनके परिणामी सदिश पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
परिणामी सदिश का परिमाण एवं दिशा दोनों बदल जायेंगे।
प्रश्न 29.
दो सदिशों का योग एवं अन्तर किस स्थिति में बराबर होगा?
उत्तर:
जब दोनों सदिश परिमाण में बराबर एवं एक-दूसरे के लंबवत् होंगे।
प्रश्न 30.
यदि \(\overrightarrow{\mathbf{A}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{C}}=\overrightarrow{\mathbf{B}} \cdot \overrightarrow{\mathbf{C}}\) तो क्या \(\overrightarrow{\mathbf{A}}\) तथा \(\overrightarrow{\mathbf{B}}\) हमेशा बराबर हैं ?
उत्तर:
नहीं, \(\overrightarrow{\mathbf{A}}\) तथा \(\overrightarrow{\mathbf{B}}\) तभी बराबर होंगे जबकि वे दोनों \(\overrightarrow{\mathbf{C}}\)के साथ बराबर कोण बनायेंगे।
प्रश्न 31.
प्रक्षेप्य किसे कहते हैं ?
उत्तर:
ऊर्ध्वाधर दिशा से भिन्न किसी अन्य दिशा में फेंकी जाने वाली वस्तु को प्रक्षेप्य कहते हैं।
प्रश्न 32.
प्रक्षेपण के किस कोण के लिए क्षैतिज परास अधिकतम होगा।
उत्तर:
θ = 45°,Rmax = \(\frac{u^{2}}{g}\)
प्रश्न 33.
एक मीनार की चोटी से एक ही क्षण पर दो गोलियाँ अलग-अलग वेगों से ठीक क्षैतिज दिशा में दागी जाती है। कौन-सी गोली पृथ्वी पर पहले पहुँचेगी? .
उत्तर:
दोनों गोलियाँ पृथ्वी पर एक साथ पहुंचेगी, क्योंकि ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर उनका प्रारंभिक वेग शून्य है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित असमिकाओं का ज्यामिति या अन्य विधि द्वारा स्थापना कीजिए –
(i) \(|\vec{a}+\vec{b}| \leq|\vec{a}|+|\vec{b}|^{-}\)
(ii) \(|\vec{a}+\vec{b}| \geq|\vec{a}|-|\vec{b}|\)
उत्तर-
(i) ΔPQR के दो भुजाओं PQ एवं QR से सदिश \(\vec{a}\) तथा \(\vec{b}\) को क्रम से प्रदर्शित किया गया है, भुजा PR इन दोनों सदिशों के योग को प्रदर्शित करता है।
किसी त्रिभुज में एक भुजा की लम्बाई अन्य दो भुजाओं के योग से कम होती हैPR < PQ + QR
या \(|\vec{a}+\vec{b}|<|\vec{a}|+|\vec{b}|\) ………..(1)
यदि सदिश \(\vec{a}\) तथा \(\vec{b}\) एक ही दिशा में कार्य करें तो उनके मध्य का कोण 0° होगा अर्थात् दोनों सदिशों का परिणामी. \(|\vec{a}+\vec{b}|\) = \(|\overrightarrow{\mathrm{R}}|\) = \(\sqrt{a^{2}+b^{2}+2 a b \cos 0^{\circ}} \) = \(\sqrt{a^{2}+b^{2}+2 a b}\) (cos0° = 1) \(|\vec{a}+\vec{b}|\) = \(\sqrt{(a+b)^{2}}\) = a + b …………………. (2)
समी. (1) एवं (2) से, \(|\vec{a}+\vec{b}|\) \(\leq|\vec{a}|+|\vec{b}|\) सिद्ध हुआ।
(ii) किसी त्रिभुज में एक भुजा, अन्य दोनों भुजाओं के अन्तर से अधिक होता है PR > PQ – QR
या \(|\vec{a}+\vec{b}|>|\vec{a}|-|\vec{b}|\) ……………. (1)
यदि सदिश \(\vec{a}\) तथा \(\vec{b}\) एक-दूसरे के विपरीत हो, तो ( θ = 180° ) इस स्थिति में दोनों सदिशों का परिणामी –
समी. (1) एवं (2) से,
\(|\vec{a}+\vec{b}| \geq|\vec{a}|-|\vec{b}|\)
सिद्ध हुआ।
प्रश्न 2.
दो सदिशों का अदिश गुणनफल क्या है ? समझाइये।
उत्तर-
दो सदिशों का अदिश गुणनफल एक अदिश राशि होता है। इसका परिमाण दोनों सदिशों के परिमाण तथा उनके बीच के कोण की कोज्या के गुणनफल के बराबर होता है। चित्र में, \(\overrightarrow{\mathrm{OA}}\) = \(|\vec{A}\) तथा \(\overrightarrow{\mathrm{OB}}\) = \(|\vec{B}\) हैं जिसके बीच का कोण θ है तब
\(\overrightarrow{\mathrm{A}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{B}}\) = \(|\overrightarrow{\mathrm{A}} \| \overrightarrow{\mathrm{B}}|\) cos θ.
प्रश्न 3.
कार्य, कौन-सी राशि है ?
उत्तर-
चूँकि कार्य = बल × विस्थापन
W=\(\overrightarrow{\mathrm{F}} \cdot \vec{d}\) और चूँकि दो सदिशों का अदिश गुणनफल एक अदिश होता है। अतः कार्य एक अदिश राशि है।
प्रश्न 4.
गतिज ऊर्जा कैसी राशि है ?
उत्तर-
गतिज ऊर्जा = \(\frac{1}{2}\)mv2 = \(\frac{1}{2}\) m (\(\overrightarrow{(v} \cdot \vec{v})\))
चूँकि \(\overrightarrow{(v} \cdot \vec{v})\) एक अदिश गुणनफल होने के कारण अदिश राशि है। अतः गतिज ऊर्जा =\(\frac{1}{2}\)mv2 भी एक अदिश राशि होगी।
प्रश्न 5.
सिद्ध कीजिए कि सदिशों का योग क्रम-विनिमेय नियम का पालन करता है।
हल-
चित्र में समान्तर चतुर्भुज PQRS की भुजा \(\overrightarrow{\mathrm{PQ}}\) = A तथा \(\overrightarrow{\mathrm{QR}}\) = B को व्यक्त करती है। तब ΔPQR में योग के त्रिभुज नियम से,
\(\overrightarrow{\mathrm{PQ}}\)+ \(\overrightarrow{\mathrm{QR}}\) = \(\overrightarrow{\mathrm{PR}}\)
∴ \(|\vec{A}\) + \(|\vec{B}\) = \(|\vec{R}\) ……………… (1)
तथा ΔPSR में पुनः योग के त्रिभुज नियम से,
\(\overrightarrow{\mathrm{PS}}\) + \(\overrightarrow{\mathrm{SR}}\) = \(\overrightarrow{\mathrm{PR}}\)
\(|\vec{B}\)+\(|\vec{A}\) =\(|\vec{R}\) …………….. (2)
समी. (1) तथा (2) से,
\(|\vec{A}\) +\(|\vec{B}\) = \(|\vec{B}\)+\(|\vec{A}\).
यही क्रम-विनिमेय नियम है।
प्रश्न 6.
सिद्ध कीजिए कि सदिशों का योग साहचर्य नियम का पालन करता है।
हल-
माना तीन सदिशों \(|\vec{A}\),\(|\vec{A}\) तथा: को \(\overrightarrow{\mathrm{AB}}\) , \(\overrightarrow{\mathrm{BC}}\) तथा \(\overrightarrow{\mathrm{CD}}\) द्वारा दिखाया गया है।
अतः \(|\vec{A}\)+\(|\vec{B}\) = \(\overrightarrow{\mathrm{AB}}\)+ \(\overrightarrow{\mathrm{BC}}\) = \(\overrightarrow{\mathrm{AC}}\)
एवं \((\overrightarrow{\mathrm{A}}+\overrightarrow{\mathrm{B}})+\overrightarrow{\mathrm{C}}\) = \(\overrightarrow{\mathrm{AB}}\)+\(\overrightarrow{\mathrm{Bd}}\)= \(\overrightarrow{\mathrm{AD}}\)
प्रश्न 7.
सदिशों के योग का समान्तर चतर्भज नियम समझाइये।
उत्तर-
इस नियमानुसार, “यदि दो सदिशों को किसी समान्तर चतुर्भुज की संलग्न भुजाओं द्वारा व्यक्त किया जाये तो उनका परिणामी सदिश उस विकर्ण से निरूपित होता है जो इन भुजाओं के कटान बिन्दु से होकर जाता है।
माना दो सदिश \(\vec{a}\) तथा \(\vec{b}\) हैं जो OA तथा OB से निरूपित हैं।
OA||BC तथा AC||OB खींचकर चतुर्भुज पूरा किया।
अब चतुर्भुज OABC में, AOAC में त्रिभुजं नियम से,
\(\overrightarrow{\mathrm{OC}}\)= \(\overrightarrow{\mathrm{OA}}\)+ \(\overrightarrow{\mathrm{AC}}\)
\(\vec{R}\)=\(\vec{a}\)+ \(\vec{b}\)
एवं AOBC में त्रिभुज नियम से,
\(\overrightarrow{\mathrm{OC}}\) = \(\overrightarrow{\mathrm{OB}}\)+ \(\overrightarrow{\mathrm{BC}}\)
\(\vec{R}\)=\(\vec{b}\)+\(\vec{a}\)
यही सदिशों का योग का समान्तर चतुर्भुज नियम है।
प्रश्न 8.
समतलीय गति के लिए स्थिति सदिश, वेग सदिश एवं त्वरण सदिश के लिए व्यंजक लिखिए।
उत्तर-
माना कोई वस्तु (x -y) तल में गतिशील है तथा किसी समय । पर उसकी स्थिति सदिश img है। वस्तु का निर्देशांक (x, y) है।
प्रश्न 9.
प्रक्षेप्य गति क्या है ? प्रगमन पथ परवलय कब होता है ?
अथवा
प्रक्षेप्य गति क्या होती है ?
उत्तर:
जब किसी वस्तु को ऊर्ध्वाधर दिशा से भिन्न किसी अन्य दिशा में फेंका जाय तो वह ऊर्ध्वाधर तल में एक वक्र पथ पर गति करती हुई पृथ्वी पर किसी अन्य स्थान पर गिरती है। वस्तु की इस गति को प्रक्षेप्य गति कहते हैं।
उदाहरण-तोप से छोड़े गये गोले की गति, क्षैतिज तल में उड़ते हुए वायुयान से गिराई गई वस्तु की गति आदि। वायु का घर्षण नगण्य होने पर प्रगमन पथ परवलय होता है।
प्रश्न 10.
वायु के प्रतिरोध का प्रक्षेप्य के उड्डयन काल व परास पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
वायु के प्रतिरोध से प्रक्षेप्य का वेग (u) कम हो जाता है। अत: उड्डयन काल तथा परास के सूत्र T = \(\frac{2 u \sin \theta}{g}\) एवं \(\frac{u^{2} \sin 2 \theta}{g} \) से T तथा R दोनों के मान कम हो जाते हैं।
प्रश्न 11.
क्षैतिज तल में नियत वेग से 100 मीटर की ऊँचाई पर उड़ते हुए वायुयान से खाने का एक पैकेट गिराया जाता है। वायुयान से देखने पर पैकेट का प्रगमन पथ क्या होगा? कोई पूछे कि सही प्रगमन पथ क्या है, तो आप क्या उत्तर देंगे?
उत्तर:
वायुयान से देखने पर पैकेट का प्रगमन पथ ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर ऋजुरेखीय गति होगी, क्योंकि वायुयान और पैकेट दोनों का क्षैतिज वेग समान है। किन्तु पैकेट में क्षैतिज वेग के साथ-साथ ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर वेग भी है। पृथ्वी से देखने पर पैकेट का प्रगमन पथ परवलयाकार होगा। प्रगमन पथ आपेक्षिक होता है। अतः दोनों प्रगमन पथ सही हैं।
प्रश्न 12.
एक वायुयान, जो क्षैतिज दिशा में एकसमान वेग से उड़ रहा है, से एक बम गिराया जाता है। जब बम पृथ्वी से टकरायेगा तब वायुयान कहाँ होगा?
उत्तर:
यदि माध्यम का घर्षण बल शून्य है, तो बम के पृथ्वी पर टकराते समय वायुयान ठीक उसके ऊपर होगा, क्योंकि दोनों का क्षैतिज वेग एकसमान है।
प्रश्न 13.
साइकिल में मडगार्ड क्यों लगाये जाते हैं ?
उत्तर:
वृत्तीय गति करने वाले कण के रेखीय वेग की दिशा सदैव वृत्तीय मार्ग की स्पर्श रेखा के अनुदिश होती है, अत: यदि वृत्तीय गति करने वाली वस्तु को मुक्त कर दिया जाये तो वह स्पर्श रेखा की दिशा में चली जाती है। साइकिल के पहिए को घुमाने पर टायर पर लगा कीचड़ टायर की स्पर्श रेखा की दिशा में छिटक जाता है। अतः कपड़ों की सुरक्षा के लिए साइकिल में मडगार्ड लगाया जाता है।
प्रश्न 14.
एक कण वृत्तीय पथ पर एकसमान चाल से चल रहा है। कारण सहित बताइये कि इसकी गति में त्वरण है या नहीं।
उत्तर:
एकसमान चाल से यदि कोई कण वृत्तीय पथ पर चल रहा है, तो इसकी गति में त्वरण होगा क्योंकि गति की दिशा निरन्तर बदलते रहने से वेग बदलता है और त्वरण की दिशा पिण्ड की गति की दिशा के लंबवत होती है। .
प्रश्न 15.
वृत्तीय गति करते पिण्ड की चाल तथा पथ की त्रिज्या दोनों को दोगुना कर देने पर अभिकेन्द्री बल में कितना परिवर्तन हो जायेगा?
उत्तर:
अभिकेन्द्री बल F = \(\frac{m v^{2}}{r} \)
यदि v1 = 2v तथा r1 = 2r
तब F1 = \(\frac{m(2 v)^{2}}{2 r}\) = \(\frac{4 m v^{2}}{2 r}\)
F1 = \(\frac{2 m v^{2}}{r}\)
F1 = 2F अर्थात् अभिकेन्द्री बल दोगुना हो जायेगा।
प्रश्न 16.
एकसमान वृत्तीय गति से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
जब कोई कण किसी अक्ष के चारों ओर अथवा किसी निश्चित बिन्दु को केन्द्र मानकर उसके चारों ओर एक क्षैतिज वृत्ताकार मार्ग में नियत चाल से गति करता है तो उसकी गति एकसमान वृत्तीय गति कहलाती है। इस गति में वेग का परिमाण तो अचर रहता है परन्तु गति की दिशा लगातार बदलती रहती है अर्थात् वेग परिवर्ती होता है या गति में त्वरण होता है। त्वरण का परिमाण तो अचर होता है परन्तु त्वरण की दिशा लगातार बदलती रहती है अर्थात् त्वरण परिवर्ती होता है। उदाहरण-अपनी कक्षा में सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की गति।
प्रश्न 17.
कोणीय विस्थापन से क्या समझते हैं ?
उत्तर:
जिस प्रकार रेखीय गति में कण द्वारा किसी निर्दिष्ट दिशा में तय की गई दूरी को विस्थापन कहते हैं, उसी प्रकार वृत्तीय गति में कण द्वारा तय किया गया कोण, कोणीय विस्थापन कहलाता है अर्थात् कोणीय विस्थापन वह कोण है जो कण और वृत्त के केन्द्र को जोड़ने वाली रेखा किसी निश्चित रेखा से बनाती है। इसे θ से प्रदर्शित करते हैं।
अर्थात् θ= \(\frac{\Delta s}{r}\)
प्रश्न 18.
किसी प्रक्षेप्य का प्रक्षेपण वेग दोगुना करने पर उसकी क्षैतिज परास पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
चूँकि क्षैतिज परास R = \(\frac{u^{2} \sin 2 \theta}{g}\)
अर्थात् R∝u2 अतः प्रक्षेप्य का प्रक्षेपण वेग दोगुना करने पर उसकी क्षैतिज परास चार गुनी हो जायेगी।
प्रश्न 19.
तोप से छूटे गोले का पथ तो परवलयाकार होता है किन्तु दूर तक मार करने वाली अन्तर्महाद्वीपीय मिसाइलों (Inter Continental Ballistic Missile) का पथ परवलयाकार नहीं होता, क्यों?
उत्तर:
प्रक्षेप्य का पथ परवलयाकार तभी होता है जबकि त्वरण अचर हो तथा प्रक्षेप्य के वेग की दिशा त्वरण की दिशा से भिन्न हो। पृथ्वी तल पर प्रक्षेप्य गति में गुरुत्वीय त्वरण g कार्यरत होता है। अतः प्रक्षेप्य का पथ निम्न परिस्थितियों में ही परवलयाकार हो सकता है
(a) प्रक्षेप्य अधिक ऊँचाई तक न जाये क्योंकि ऊँचाई पर जाने पर g का मान घटने लगता है।
(b) प्रक्षेप्य का क्षैतिज परास अधिक न हो।
(c) प्रक्षेप्य का वेग अधिक न हो अन्यथा वायु का घर्षण नगण्य नहीं होगा। अत: उपर्युक्त कारणों से मिसाइलों का पथ परवलयाकार नहीं होता है।
प्रश्न 20.
फायरिंग करते समय गोली को ठीक लक्ष्य पर दागने की बजाय उससे थोड़ा-सा ऊपर दागना चाहिये, क्यों?
उत्तर:
यदि गोली को ठीक लक्ष्य पर दागा जाये तो गोली को जितने समय में लक्ष्य पर पहुँचना चाहिये उतने समय में गुरुत्वीय त्वरण g के कारण वह कुछ नीचे आ जाती है। फलस्वरूप गोली ठीक लक्ष्य पर नहीं टकराती । अतः गोली को लक्ष्य से थोड़ा-सा ऊपर दागना चाहिये।
प्रश्न 21.
आवृत्ति एवं आवर्तकाल से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
आवर्तकाल-वृत्तीय गति करते हुए कण द्वारा एक पूर्ण चक्कर लगाने में लगा समय, कण का आवर्तकाल कहलाता है, इसे T से प्रदर्शित करते हैं। इसका मात्रक सेकण्ड है। यदि कण का कोणीय वेग ω है तो चूँकि एक पूर्ण चक्कर में कण 2π रेडियन कोण से घूमता है, अतः
आवर्तकाल T = \(\frac{2 \pi}{\omega}\)
या ω = \(\frac{2 \pi}{\mathrm{T}}\)
आवृत्ति-किसी कण द्वारा एक सेकण्ड में लगाये गये चक्करों की कुल संख्या को आवृत्ति कहते हैं । इसे अक्षर F या n या u द्वारा व्यक्त करते हैं। इसका मात्रक प्रति सेकण्ड या हल है।
यदि कण का आवर्तकाल T है तो आवृत्ति n = \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\) = प्रति सेकण्ड चूँकि एक पूर्ण चक्कर में कण 2π रेडियन कोण से घूमता है।
अतः कण की आवृत्ति n = \(\frac{\omega}{2 \pi}\)
या ω =2π स्पष्ट है कि यदि कोई कण एकसमान कोणीय वेग ω से वृत्तीय मार्ग में घूम रहा है तो कण t सेकण्ड में ωt कोण से घूम जायेगा अर्थात् t सेकण्ड में कण का कोणीय विस्थापन θ= ω.t होगा।
प्रश्न 22.
वृत्तीय गति करने वाली वस्तु के रेखीय वेग एवं कोणीय वेग की परिभाषा लिखकर उनमें सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
उत्तर-
रेखीय वेग- वृत्तीय गति करने वाली वस्तु इकाई समय में वृत्त की परिधि पर जितनी दूरी तय करती है, उसे उस वस्तु का रेखीय वेग कहते हैं।
कोणीय वेग- वृत्तीय गति में समय के साथ कोणीय विस्थापन में परिवर्तन की दर को कोणीय वेग कहते हैं । इसे ω से प्रदर्शित करते हैं।
रेखीय वेग तथा कोणीय वेग में सम्बन्ध-मानलो कोई कण O केन्द्र और r त्रिज्या के वृत्तीय मार्ग में कोणीय वेग ω से एकसमान वृत्तीय गति कर रहा है। कण सूक्ष्म समयान्तराल Δt में वृत्त की परिधि पर Δs दूरी तय करके P से Q तक चला जाता है।
मानलो
∠POQ = Δθ
तब कोणीय वेग ω = \(\frac{\Delta \theta}{\Delta t}\) …………… (1)
तथा रेखीय वेग v= \(\frac{\Delta s}{\Delta t}\) ……………….. (2)
Δθ = \(\frac{\Delta s}{r}\)
समी. (1) में Δθ का मान रखने पर,
यही अभीष्ट सम्बन्ध है। समी. (4) से स्पष्ट है कि एकसमान वृत्तीय गति करने वाले कण का रेखीय वेग, उसके कोणीय वेग और वृत्तीय मार्ग की त्रिज्या के गुणनफल के बराबर होता है।
प्रश्न 23.
एकसमान वृत्तीय गति के लिए अभिकेन्द्रीय त्वरण का व्यंजक ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
मानलो कोई कण r त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर एकसमान कोणीय वेग ω से गति कर रहा है। समयान्तराल t पर जब वह बिन्दु P से Q तक जाता है तो उसका वेग \(\vec{v}_{1} \) से \(\overrightarrow{v_{2}} \) हो जाता है।
कण की चाल नियत है, अर्थात् \(\left|\overrightarrow{v_{1}}\right|\) = \(\left|\overrightarrow{v_{2}}\right| \) =v
। समयान्तराल में केन्द्र ‘0’ पर अंतरित कोण एवं स्पर्शी रेखाओं के मध्य । का कोण θ है।
कोणीय वेग ω = \(\frac{\theta}{t} \)
B = ωt ………………… (1)
t सेकण्ड में वेग परिवर्तन \(|\Delta \vec{v}|\) =\(\left|\overrightarrow{v_{2}}-\overrightarrow{v_{1}}\right|\)
θ = \(\frac{|\overrightarrow{\Delta v}|}{\left|\vec{v}_{1}\right|} \) = \(\frac{|\overrightarrow{\Delta v}|}{\left|\overrightarrow{v_{2}}\right|}\)
या θ = \(\frac{\Delta v}{v}\) ………………. (2)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
दो सदिशों के योग के समान्तर चतुर्भुज नियम को लिखिए तथा परिणामी सदिश के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
सदिशों के योग का समान्तर चतुर्भुज नियम-इस नियम के अनुसार यदि किन्हीं दो सदिशों को परिमाण एवं दिशा में किसी समान्तर चतुर्भुज के आसन्न भुजाओं द्वारा प्रदर्शित किया जाये तो उनके परिणामी को परिमाण एवं दिशा में विकर्ण के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
परिणामी सदिश के लिए गणितीय सूत्र-समकोण ΔCDA में,
sin θ = \(\frac{\mathrm{CD}}{\mathrm{AC}}\)
या CD = AC sin θ
= b sin θ,
(∵ AC = OB = b)
तथा
cos θ= \(\frac{\mathrm{AD}}{\mathrm{AC}}\)
⇒ AD = AC cosθ = b cos θ
अब समकोण ΔCDO में पाइथागोरस.प्रमेय से,
OC2 = OD2 + CD2
= (OA + AD)2 +CD2
या r2= (a + bcos θ)2 + (bsin θ)2
= a2 +b2cos2θ +2 abcos θ + b2sin2θ
= a2+2abcosθ + b2(cos2 θ+ sin2θ)
या r2 = a2 +b2+2abcosθ ( ∵ cos2 θ+ sin2θ = 1)
∵ r = \(\sqrt{a^{2}+b^{2}+2 a b \cos \theta}\)
यही परिणामी सदिश के लिए व्यंजक है।
यदि परिणामी \(\vec{r}\), \(\vec{a}\) के साथ कोण α बनाता हो, तो समकोण ΔCDO में,
tan α = \(\frac{\mathrm{CD}}{\mathrm{OD}} \) = \(\frac{\mathrm{CD}}{\mathrm{OA}+\mathrm{AD}} \) = \(\frac{b \sin \theta}{a+b \cos \theta} \)
या α = tan–(\(\frac{b \sin \theta}{a+b \cos \theta} \) )
यही परिणामी \(\vec{r}\) की दिशा के लिए व्यंजक है।
प्रश्न 2.
समतलीय गति में विस्थापन समीकरण का व्यंजक ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
माना समय t = 0 पर वस्तु का स्थिति सदिश \(\vec{r}\)(0) एवं t = 1 पर वस्तु का स्थिति सदिश \(\vec{r(t)}\) है। तब,
वस्तु का औसत वेग \(\vec{av}\) = \(\frac{\vec{r}(t)-\vec{r}(0)}{t-0}\)
या \(\vec{r}(t)-\vec{r}(0)=\overrightarrow{v_{a v}}\). t
या \(\vec{r}(t)=\vec{r}(0)+v_{u v} \cdot l\) ………………. (1)
अब यदि समय t = 0 पर वस्तु का वेग \(\vec{v}(0)\) एवं t = t पर वस्तु का वेग \(\vec{v}(t)\) हो, तो
औसत वेग v\(\vec{av} \) = \(\frac{\vec{v}(0)+\vec{v}(t)}{2}\)
परन्तु ) \(\vec{v}(t)\) = \(\vec{v}(0)\) +\(\vec{a}(t)\)
∴ \(\overrightarrow{v_{a v}}\) = \(\frac{\vec{v}(0)+\vec{v}(0)+\vec{a} \cdot t}{2}\) = \(\vec{v}(0)+\frac{1}{2} \vec{a} \cdot t\)
समी. (1) में यह मान रखने पर,
समी. (2) में यह मान रखने पर,
\(\hat{i}\) तथा \(\hat{j} \) के गुणांकों की तुलना करने पर,
x(t) = x(0)+\(v_{x}(0).t \) +\(\frac{1}{2} \overrightarrow{a_{x} \cdot t^{2}}\) ……………… (3)
y(t) = y(0) +\(\vec{v}_{y}(0) . t \) +\(\frac{1}{2} a_{y} \cdot t^{2}\) ………………….. (4)
यदि वस्तु प्रारंभ में मूलबिन्दु (t = 0) पर हो, तो x(0) = 0, y(0) = 0
अत: समी. (3) तथा (4) से,
x(t) = \(\overrightarrow{v_{x}}(0) \cdot t\) + \(\frac{1}{2} a_{x} \cdot t^{2}\) ……………………. (5)
y(t) = \(\vec{v}_{y}(0) \cdot t\) +\(\frac{1}{2} \vec{a}_{y} \cdot t^{2}\) …………………… (6)
प्रश्न 3.
समतलीय गति में त्वरण तथा वेग सदिश में संबंध ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
वेग और त्वरण में व्यापक सम्बन्ध-
मानलो समय t पर किसी गतिमान वस्तु का वेग \(\vec{v}\) तथा t+Δt पर वस्तु का वेग \(\vec{v}\)+Δ\(\vec{v}\) है, जहाँ Δt अल्प समयान्तराल है।
तब वस्तु का औसत त्वरण =
इस प्रकार समय t पर किसी वस्तु का तात्क्षणिक त्वरण समय के सापेक्ष उसके वेग के अवकल गुणांक के बराबर होता है।
प्रश्न 4.
प्रक्षेप्य गति से आप क्या समझते हो ? सिद्ध कीजिए कि प्रक्षेप्य का पथ परवलयाकार होता है जबकि
(i) जब किसी ऊँचाई से प्रक्षेप्य को क्षैतिज दिशा में फेंका जाये।
(ii) जब पृथ्वी तल से क्षैतिज दिशा के साथ किसी कोण पर प्रक्षेप्य को फेंका जाये।
उत्तर:
जब किसी वस्तु को किसी प्रारंभिक वेग से ऊर्ध्वाधर के अलावा अन्य दिशा में फेंका जाता है तो वह वस्तु ऊर्ध्वाधर तल में गति करती हुई पृथ्वी पर किसी अन्य स्थान पर गिरती है तो वस्तु की इस गति को प्रक्षेप्य गति कहते हैं। इसका अध्ययन निम्न दो स्थितियों में किया जाता है
(i) जब किसी ऊँचाई से प्रक्षेप्य को क्षैतिज दिशा में फेंका जायेमाना किसी पिण्ड को क्षैतिज दिशा में किसी प्रारंभिक वेग से फेंका जाता है।
तब vx(0) =u तथा vy(0) = 0
चूँकि गुरुत्वीय त्वरण हमेशा ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर कार्य करता है। . .
अत: ax = 0 तथा ay = g.
माना वस्तु को पृथ्वी तल तक आने में है समय लगता है तथा । वस्तु मीनार के तल से x दूरी पर पृथ्वी सतह से टकराती है।
अतः ऊर्ध्वाधर दिशा में गति के लिए vy(0) = 0,ay = g तथा y(t) =y
अत: समीकरण y(t) = vy(0)t+\(\frac{1}{2} a_{y} . t^{2}\) से,
y = \(\frac{1}{2} g t^{2}\) …………………….. (1)
.तथा क्षैतिज दिशा में गति के लिए
vx(0) = u,ax = 0, x(t) =x
अतः समीकरण x(t) = vx (0)t+\(\frac{1}{2} a_{x} \cdot t^{2}\) से,
x= u+\(\frac{1}{2}\) ×t2 × 0 = ut
t = \(\frac{x}{u}\)
t का मान समी. (1) में रखने पर,
y = \(\frac{1}{2}\) g \(\left(\frac{x}{u}\right)^{2}\) = \(\frac{1}{2}\)\(\frac{g x^{2}}{u^{2}} \) = bx2
जहाँ b =\(\frac{1}{2} \cdot \frac{g}{u^{2}} \) = नियतांक है।
समी. (2) एक परवलय का समीकरण है। अतः समी. (2) से स्पष्ट है कि जब किसी ऊँचाई से किसी वस्तु को क्षैतिज दिशा में फेंका जाता है तो उसका पथ परवलयाकार होता है।
(ii) जब पृथ्वी तल से क्षैतिज दिशा के साथ किसी कोण पर प्रक्षेप्य को फेंका जाये
माना कोई वस्तु मूलबिन्दु O से क्षैतिज के साथ θ कोण बनाते हुए प्रारंभिक वेग u से फेंकी जाती है। तब वेग u को दो समकोणिक घटकों में वियोजित किया जा सकता है
(i) u cos θ -क्षैतिज घटक
(ii) u sin θ -ऊर्ध्वाधर घटक
ऊर्ध्वाधर दिशा में गति के लिए-माना वस्तु द्वारा । सेकण्ड में चली गई ऊर्ध्वाधर दूरी y है। तब प्रारंभिक वेग = usinθ तथा त्वरण –g होगी।
अत: समीकरण s = ut +\(\frac{1}{2}\) at2 से,
y= usin θ.t – \(\frac{1}{2}\) gt2 ………………. (1)
क्षैतिज दिशा में गति के लिए-माना वस्तु द्वारा : सेकण्ड में चली गई क्षैतिज दूरी x है। क्षैतिज दिशा में वेग नियत है। अत: s = ut से,
x = ucos θ.t
∴ t = \(\frac{x}{u \cos \theta}\)
y = u sin θ.\(\frac{x}{u \cos \theta}\) – \(\frac{1}{2} g \frac{x^{2}}{u^{2} \cos ^{2} \theta}\)
या y = x tan θ – \(\frac{g x^{2}}{2 u^{2} \cos ^{2} \theta}\) ……………………. (2)
यही प्रक्षेप्य पथ का समीकरण है।
प्रश्न 5.
प्रक्षेप्य का उड्डयन काल एवं क्षैतिज परास तथा अधिकतम ऊँचाई का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
अधिकतम ऊँचाई-प्रक्षेप्य बिन्दु से अधिकतम ऊँचाई तक जाने तथा पुनः उसी तल में स्थित अन्य बिन्दु तक लौटकर आने में लगे समय को प्रक्षेप्य का उड्डयन काल कहते हैं।
जब प्रक्षेप्य पुनः फेंके जाने वाले बिन्दु के क्षैतिज तल में आ जाता है तो y = 0 अतः समीकरण y = usin θ t.\(\frac{1}{2} g t^{2}\) से,
0 = usin θt – \(\frac{1}{2}\) gt2
या \(\frac{1}{2}\) gt2 = u sin θ t
t = \(\frac{2 u \sin \theta}{g}\)
यही प्रक्षेप्य का उड्डयन काल है। क्षैतिज परास-अपने उड्डयन काल में प्रक्षेप्य द्वारा तय की गई क्षैतिज दूरी को क्षैतिज परास कहते हैं।
अतः क्षैतिज परास = क्षैतिज वेग × उड्डयन काल
R=ucosθ. \(\frac{2 u \sin \theta}{g}\)
या R = \(\frac{2 u^{2} \sin \theta \cdot \cos \theta}{g}\)
∴ R = \(\frac{u^{2} \sin 2 \theta}{g}\)
अधिकतम क्षैतिज परास के लिए sin2θ= 1, अतः θ = 45°
∴ अधिकतम क्षैतिज परास Rmax = \(\frac{u^{2}}{g}\)
प्रक्षेप्य की अधिकतम ऊँचाई-अधिकतम ऊँचाई पर ऊर्ध्वाधर वेग शून्य हो जाता है। ,
अतः vy (t) = 0,vy(0) = usinθ
ay = -g तथा अधिकतम ऊँचाई y(t) = H
तब समीकरण vy(t) = vy(0) +ay.t से,
0 = usinθ-gt
∴ t = \(\frac{u \sin \theta}{g}\)
अब समीकरण y(t) = vy(0)t + \(\frac{1}{2}\) at2 से,
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1.
सदिश \(\vec{a}=\hat{i}-2 \hat{j}+\hat{k}\) का मापांक, इकाई सदिश ज्ञात कीजिए।
हल-मापांक = \(|\vec{a}|\) = \(\sqrt{(1)^{2}+(-2)^{2}+(1)^{2}}\)
⇒ \(|\vec{a}|\) = \(\sqrt{1+4+1}\) = \(\sqrt{6}\)
इकाई सदिश \(|\vec{a}|\) = \(\frac{a}{|\vec{a}|}\)
∴\(|\vec{a}|\) = \(\frac{1}{\sqrt{6}} \hat{i}\) – \(\frac{2}{\sqrt{6}} \hat{j}\) + \(\frac{1}{\sqrt{6}} \hat{k}\)
प्रश्न 2.
सदिश \(\vec{a}=\hat{i}+3 \hat{j}-4 \hat{k}\) तथा \(\vec{b}=2 \hat{i}-3 \hat{j}+4 \hat{k}\) का परिणामी, अदिश गुणन तथा . सदिश गुणन ज्ञात कीजिए।
हल-परिणामी \(\vec{a} \cdot \vec{b}\) =\((\hat{i}+3 \hat{j}-4 \hat{k}) \) + \((2 \hat{i}-3 \hat{j}+4 \hat{k}) \)
∴ \(\vec{a} \cdot \vec{b}\) = \(3 \hat{i}+0 \hat{j}+0 \hat{k}\).
अदिश गुणनफल
प्रश्न 3.
यदि \(|\vec{a}+\vec{b}|=|\vec{a}-\vec{b}| \) हो, तो सिद्ध कीजिए कि \(\vec{a}\) तथा \(\vec{b}\) परस्पर लंबवत् हैं। हल- \(|\vec{a}+\vec{b}|=|\vec{a}-\vec{b}| \)
अतः \(|\vec{a}+\vec{b}|^{2} \) =\(|\vec{a}-\vec{b}|^{2} \)
∴\((\vec{a}+\vec{b})(\vec{a}+\vec{b})\) = \((\vec{a}-\vec{b})(\vec{a}-\vec{b})\)
हल करने पर, \(2 \vec{a} \vec{b}\) = -2\(\vec{a} \vec{b}\)
∴ 4 \(\vec{a} \vec{b}\) = 0 या \(\vec{a} \vec{b}\) = 0
अत: \(\vec{a}\) तथा \(\vec{b}\) के बीच का कोण 90° है।
अतः \(\vec{a}\) ⊥ \(\vec{b}\).
यही सिद्ध करना था।
प्रश्न 4.
दो बराबर सदिशों के परिणामी का परिमाण कब A होगा?
हल-परिणामी की परिभाषा से,
R2 = A2 + B2 + 2\(\overrightarrow{\mathrm{A}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{B}} \) cos θ में R = \(\vec{A}\) तथा \(\vec{B}\)=\(\vec{A}\) रखने पर,
A2 = A2 + A2 +2A2 cosθ
अत: cos θ = –\(\frac{1}{2}\) = cos120°
∴ θ = 120° होने पर।
प्रश्न 5.
सिद्ध कीजिए कि \(\vec{a}=2 \hat{i}+3 \hat{j}+\hat{k} \) और \(\vec{b}=2 \hat{i}-4 \hat{j}+8 \hat{k}\) परस्पर लम्बवत् हैं।
हल- \(\vec{a} \cdot \vec{b}\) = \((2 \hat{i}+3 \hat{j}+\hat{k})\) .\((2 \hat{i}-4 \hat{j}+8 \hat{k})\)
= 2(2)+3(-4)+ 1(8)
=4-12+8 = 0 .
चूँकि \(\vec{a} \cdot \vec{b}\) = 0 अत: \(\vec{a}\) और \(\vec{b}\) परस्पर लम्बवत् हैं।
यही सिद्ध करना था।
प्रश्न 6.
यदि \(\overrightarrow{\mathbf{A}}=2 \hat{i}+2 \hat{j}+p \hat{k}\) तथा \(\overrightarrow{\mathbf{B}}=2 \hat{i}-\hat{\boldsymbol{j}}+\hat{\boldsymbol{k}}\) परस्पर लम्बवत् हों, तो p का मान ज्ञात कीजिए।
हल- \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) और \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) परस्पर लम्बवत् होंगे, यदि
\(\overrightarrow{\mathrm{A}}\).\(\overrightarrow{\mathrm{B}}\)=0
∴\((2 \hat{i}+2 \hat{j}+p \hat{k})\).\((2 \hat{i}-\hat{j}+\hat{k})\) = 0
या 2.2 +2(-1) + p.1 = 0
या 4-2+ p = 0
या p = -2.
प्रश्न 7.
वर्षा का पानी 30 मीटर/सेकण्ड की चाल से ऊर्ध्वाधर नीचे गिर रहा है। कोई महिला उत्तर से दक्षिण की ओर 10 मीटर/सेकण्ड की चाल से साइकिल चला रही है। उसे अपना छाता किस दिशा में रखना चाहिए।
हल-वर्षा का पानी OA के अनुदिश v, = 30 मीटर/सेकण्ड की चाल से नीचे गिर रहा है तथा महिला OB के अनुदिश 10 मीटर/सेकण्ड की चाल से साइकिल चला रही है।
वर्षा का आपेक्षिक वेग \(\vec{v}_{n w}\) = \(\vec{v}_{r}+\left(-v_{w}\right)\)
\(\left|v_{r w}\right|\) = \(\sqrt{v_{r}^{2}+v_{w}^{2}}\) = \(\sqrt{(30)^{2}+(10)^{2}}\)
= \(\sqrt{1000}\) = \(10 \sqrt{10}\) मीटर/सेकण्ड
माना आपेक्षिक वेग की दिशा ऊर्ध्वाधर से θ कोण बनाता है। तब
ΔOAA में tan θ = \(\frac{\left|-v_{w}\right|}{\left|\vec{v}_{r}\right|}\) = \(\frac{10}{30}\) = \(\frac{1}{3}\)
या θ = tan-1\(\left(\frac{1}{3}\right)\)
θ=18°26′
महिला को वर्षा से बचने के लिए ऊर्ध्वाधर से छाता को इसी कोण पर रखना चाहिए। उत्तर
प्रश्न 8.
कोई साइकिल सवार किसी वृत्तीय पार्क के केन्द्र0से चलना शुरू करता है तथा पार्क के किनारे P पर पहुँचता है। पुनः वह पार्क के परिधि के अनुदिश साइकिल चलाता हुआ OQ के रास्ते से केन्द्र पर वापस आ जाता है। पार्क की त्रिज्या 1 किलोमीटर है, यदि पूरे चक्कर में 10 मिनट लगते हों, तो साइकिल सवार का-(a) कुल विस्थापन, (b) औसत वेग, (c) औसत चाल क्या होगी?
हल
(a) साइकिल सवार की आरंभिक एवं अंतिम स्थितियाँ समान हैं अतः कुल विस्थापन शून्य होगा।
प्रश्न 9.
एक गेंद 20 मीटर/सेकण्ड के वेग से क्षैतिज से 30° के कोण पर फेंकी जाती है। गेंद का उड्डयन काल ज्ञात कीजिए जबकि g= 10 मीटर/सेकण्ड2 ।
हल-दिया है-u = 20 मीटर/सेकण्ड, e= 30°, g = 10 मीटर/सेकण्ड2
उड्डयन काल T= \(\frac{2 u \sin \theta}{g}\)
T = \(\frac{2 \times 20 \times \sin 30^{\circ}}{10}\) = \(\frac{2 \times 20 \times 1}{10 \times 2}\)
= 2 सेकण्ड।
प्रश्न 10.
एक क्रिकेट खिलाड़ी गेंद को 100 मीटर की दूरी तक फेंक सकता है। वही खिलाड़ी उसी गेंद को कितनी ऊँचाई तक फेंक सकेगा ?
(NCERT) हल-क्षैतिज परास R = 100 मीटर
R = \(\frac{u^{2}}{g}\) = 100
∴ अधिकतम ऊँचाई H=\(\frac{u^{2}}{2 g}[latex] =[latex]\frac{100}{2}\) = 50 मीटर |
प्रश्न 11.
एक कण 15 सेमी त्रिज्या के वृत्ताकार मार्ग पर प्रति सेकण्ड 3 चक्कर लगाता है। कण के कोणीय वेग एवं रेखीय वेग के मान ज्ञात कीजिए।
हल-दिया है- r= 15 सेमी, आवृत्ति n = 3 चक्कर प्रति सेकण्ड। . .
ω = 2 πn में मान रखने पर,
ω = 2 π × 3 = 6π रेडियन/सेकण्ड।
एवं v = ωr में मान रखने पर,
v= 6π ×15 = 90 π सेमी/सेकण्ड।
प्रश्न 12.
15° के प्रक्षेप्य कोण पर फेंके गये एक प्रक्षेप्य का क्षैतिज परास 50 मीटर है, यदि उसे उतनी ही चाल से 45° के कोण पर प्रक्षेपित किया जाये तो उसका परास कितना होगा?
हल-सूत्र R = \(\frac{u^{2} \sin 2 \theta}{g}\)
R ∝ sin2θ
∴ \(\frac{\mathrm{R}_{1}}{\mathrm{R}_{2}}\) = \(\frac{\sin 2 \theta_{1}}{\sin 2 \theta_{2}}\)
दिया है- R1 = 50 मीटर, θ1 = 15°, θ2 = 45°
मान रखने पर,
\(\frac{50}{\mathrm{R}_{2}}\) = \(\frac{\sin 2\left(15^{\circ}\right)}{\sin 2\left(45^{\circ}\right)}\) = \( \frac{\sin 30^{\circ}}{\sin 90^{\circ}} \)
R2 = 50 ×2 = 100 मीटर |
प्रश्न 13.
एक गेंद 20 मीटर/सेकण्ड के वेग से क्षैतिज से 30° के कोण पर फेंकी जाती है। गेंद कितनी देर तक आकाश में रहती है ? क्षैतिज परास भी ज्ञात कीजिए। (g = 10 m/sec’)
हल-दिया है-u= 20 मीटर/सेकण्ड, θ = 30°, g = 10 मीटर/सेकण्ड2
सत्र-T=\(\frac{2 u \sin \theta}{g}\) में मान रखने पर.
मान रखने पर,
T = \(\frac{2 \times 20 \times \sin 30^{\circ}}{10}\) = 4 sin30° = 2 सेकण्ड
पुनः सूत्र-R= \(\frac{u^{2} \sin 2 \theta}{g}\) में मान रखने पर,
क्षैतिज परास R = \(\frac{20^{2} \times \sin \left(2 \times 30^{\circ}\right)}{10}\)
R = \(\frac{400}{10} \times \sin 60^{\circ}\) = 40 × \(\frac{\sqrt{3}}{2}\)
R = 20\(\sqrt{3} \) मीटर।
प्रश्न 14.
किसी वस्तु की क्षैतिज परास तथा ऊर्ध्वाधर ऊँचाई समान हैं तो वस्तु का प्रक्षेप्य कोण ज्ञात कीजिये।
हल- ∵ R = H
∴ \(\frac{u^{2} \sin 2 \theta}{g}\)= \(\frac{u^{2} \sin ^{2} \theta}{2 g}\)
\(\frac{2 \sin \theta \cos \theta}{g}\) = \(\frac{\sin ^{2} \theta}{2 g}\)
या 2 cos θ = \(\frac{\sin \theta}{2}\)
या 4 = \(\frac{\sin \theta}{\cos \theta}\)
∴ tan θ = 4
या θ = tan-1(4).
प्रश्न 15.
एक समतल में गतिशील वस्तु के किसी क्षण ! पर निर्देशांक x =ct2 तथा y = bt2 है। पिण्ड का वेग ज्ञात कीजिए।
हल-दिया है-x = ct2, y = bt2
अत: vx =\(\frac{d x}{d t}\) =2ct,
vy=\(\frac{d y}{d t}\) = 2bt
अब पिण्ड का वेग v= \(\sqrt{v_{x}^{2}+v_{y}^{2}}\)
या v = \(\sqrt{(2 c t)^{2}+(2 b t)^{2}}\) = \(\sqrt{4 c^{2} t^{2}+4 b^{2} t^{2}}\)
∴ v=\(\sqrt{4 t^{2}\left(b^{2}+c^{2}\right)}\) =2t \(\sqrt{b^{2}+c^{2}}\) .
प्रश्न 16.
द्विविमीय गति करने वाली वस्तु के स्थिति निर्देशांक समय के साथ निम्नानुसार परिवर्तित होते हैं- x(t) = 10+5t+7t2,
y(t) = 12-4t+3t2, तो निम्न की गणना कीजिए- .
(i) प्रारंभ में वस्तु की मूलबिन्दु से दूरी,
(ii) प्रारंभ से 5 सेकण्ड बाद वस्तु की मूलबिन्दु से दूरी,
(iii) प्रारंभ से 10 सेकण्ड बाद वस्तु का वेग एवं त्वरण।
हल-दिया है- x(t) = 10 +5t +7t2,
y(t) = 12-4t+3t2
(i) प्रारंभ में t = 0
तब
x(0) = 10
y(0) = 12
अतः मूलबिन्दु से वस्तु की दूरी ..
r=\(\sqrt{x(0)^{2}+y(0)^{2}}\) = \(\sqrt{10^{2}+12^{2}}\)
r =\(\sqrt{100+144}\) = \(\sqrt{244}\) = 15.6 मीटर।
(ii) t= 5 सेकण्ड पर,
x(5) = 10 + 5(5) +7(5) = 10 + 25 +175 = 210 मीटर
y(5) = 12-4(5) +3(5) = 12-20+ 75 = 67 मीटर
अत: मूलबिन्दु से वस्तु की दूरी
(iii) vx(t) = \(\frac{d}{d t} x(t)\) = 5 + 14t
vy(t) =\(\frac{d}{d t} y(t)\) = – 4+6t
t = 10 सेकण्ड पर, vx(10) = 5+14(10) = 145
vy (10) = -4+6(10) = 56.
∴ वेग v = \(\sqrt{v_{x}(10)^{2}+v_{y}(10)^{2}}\)
= \(\sqrt{(145)^{2}+(56)^{2}}\)
= \(\sqrt{21025+3166}\) = 155-4 मीटर/सेकण्ड।
प्रश्न 17.
किसी प्रक्षेप्य का क्षैतिज परास उसकी अधिकतम ऊंचाई का चार गुना है। प्रक्षेपण कोण क्या होगा?
हल- क्षतिज परास R = \(\frac{2 u^{2} \sin \theta \cdot \cos \theta}{g}\)
महत्तम ऊँचाई H = \(\frac{u^{2} \sin ^{2} \theta}{2 g}\)
दिया है-
R = 4H
\(\frac{2 u^{2} \sin \theta \cdot \cos \theta}{g}\) = \(\frac{4 \times u^{2} \sin ^{2} \theta}{2 g}\)
या 4 cosθ = 4 sinθ
या tan θ = 1 = tan45°
या θ = 45°
प्रश्न 18.
तोप का एक गोला 1000 मी/से. के वेग से क्षतिज से 30° के कोण पर छोड़ा जाता है
(i) गोले से उच्चतम् बिन्दु पर पहुंचने में कितना समय लगेगा ?
(ii) उसकी गति का कुल समय क्या होगा?
(iii) गोला किस वेग से पृथ्वी पर टकरायेगा?
(iv) गोला कितनी ऊंचाई तक जायेगा ?
(v) गोला तोप से कितनी दूरी पर पृथ्वी पर टकरायेगा ?
(g = 9.8 मी/से2)
हल- u = 1000 मी/से.,
θ = 30°
∴sinθ = sin30° = \(\frac{1}{2}\) ,g = 9.8 मी/से2
(i) गोले को उच्चतम बिन्दु तक पहुँचने में लगा समय = l, उड्डयन काल = T
परन्तु T= \(\frac{2 u \sin \theta}{g}\)
परन्तु t = \(\frac{T}{2} \) = \(\frac{u \sin \theta}{g}\)
∴ t = \(\frac{1000 \times \frac{1}{2}}{9 \cdot 8}\) = \(\frac{5000}{98}\) = 51 सेकण्ड।
(ii) उसकी गति का कुल समय = T = 2t
= 2 × 51 = 102 सेकण्ड।
(iii) माना गोला v वेग से पृथ्वी पर टकराता है
v= \(\sqrt{u_{x}^{2}+u_{y}^{2}}\)
ux=u cos θ
= 1000 × \(\frac{13}{2}\) = 500\(\sqrt{3}\) मी/से.
uy= u sin θ= 1000 × \(\frac{1}{2}\) = 500 मी/से.
∴ v=\(\sqrt{(500 \sqrt{3})^{2}+(500)^{2}}\) = 500 × 2 = 1000 मी/से.।
v का क्षैतिज से कोण θ हो, तो
प्रश्न 19.
एक खिलाड़ी फुटबाल को 20 मी/से. के प्रारंभिक वेग से क्षैतिज से 30° के कोण पर फेंकता है। ज्ञात कीजिए- .
(i) उड्डयन काल,
(ii) गेंद द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई,
(iii) पृथ्वी से टकराने पर गेंद का वेग तथा उसकी दिशा,
(iv) गेंद का क्षैतिज परास (g= 10 मी/से.2)।
हल-दिया है-ux = 20 मी/से., θ = 30°, g = 10 मी/से.2
sin 0 = sin 30° = \(\frac{1}{2}\)
(i) गेंद का उड्डयन काल T = \(\frac{2 u \sin \theta}{g}\)
∴ T= \(\frac{2 \times 20 \times \frac{1}{2}}{10} \) = 2 सेकण्ड।
(ii) अधिकतम ऊँचाई H = \(\frac{u^{2} \sin ^{2} \theta}{2 g}\)
∴ H = \(\frac{\left(20 \times \frac{1}{2}\right)^{2}}{2 \times 10}\) = \(\frac{100}{20}\) = 5 मीटर।
(iii) माना पृथ्वी से टकराने पर गेंद का वेग = vy
प्रश्न 20.
एक वायुयान क्षैतिज तल में 600 किमी/घंटा के वेग से 1960 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहा है। जब यह पृथ्वी के बिन्दु A के ठीक ऊपर हो तो इससे एक वस्तु गिरायी जाती है जो पृथ्वी पर बिन्दु B पर गिरती है। A से B के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए।
हल-क्षैतिज दिशा में वायुयान का वेग
ux = 600 किमी/घण्टा = \(\frac{500}{3}\) मी/से.
बिन्दु A के ठीक ऊपर वस्तु का क्षैतिज वेग ux= \(\frac{500}{3}\) मी/से. तथा ऊर्ध्वाधर वेग uy = 0
माना कि यह वस्तु : सेकण्ड के बाद पृथ्वी पर बिन्दु B पर टकराती है। अतः
h = uyt+\(\frac{1}{2}\) gt2
चूँकि h = 1960 मीटर
uy = 0
∴ 1960 =\(\frac{1}{2}\) × 9.8 × 12
या t2 = 400
t = 20 सेकण्ड
वस्तु की क्षैतिज परास R = uxt+ \(\frac{1}{2}\) axt2
R =\(\frac{500}{3}\) × 20+0
R = \(\frac{10}{3}\) ×103 मीटर = 3.33 किमी।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
बल आपूर्ण है
(a) एक अदिश राशि
(b) सदिश राशि
(c) दोनों राशियाँ
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) सदिश राशि
प्रश्न 2.
(a) \(5 \hat{i}-\hat{j}\)
(b) \(3 \hat{i}-\hat{j} \)
(c) \(4 \hat{i}-\hat{j} \)
(d) \(3 \hat{i}-3 \hat{j}\)
उत्तर:
(c) \(4 \hat{i}-\hat{j} \)
प्रश्न 3.
सदिश \(\overrightarrow{\mathbf{A}} \) के दिशा में एकक सदिश होगा
(a) \(\hat{\mathrm{A}}=\frac{\mathrm{A}}{\overrightarrow{\mathrm{A}}}\)
(b) \(\hat{A}=\frac{\vec{A}}{A} \)
(c) \(\hat{A}=A \cdot \vec{A}\)
(d) \(\hat{\mathrm{A}}=\mathrm{A}+\overrightarrow{\mathrm{A}} \)
उत्तर:
(b) \(\hat{A}=\frac{\vec{A}}{A} \)
प्रश्न 4.
प्रक्षेप्य पथ के उच्चतम बिन्दु पर वेग एवं त्वरण के बीच कोण होता है-
(a) 30°
(b) 45°
(c) 60°
(d) 90°.
उत्तर:
(d) 90°.
प्रश्न 5.
प्रक्षेप्य का पथ होता है
(a) वृत्ताकार
(b) सरल रेखा
(c) परवलयाकार
(d) अनिश्चित ।
उत्तर:
(c) परवलयाकार
प्रश्न 6.
प्रक्षेप्य की अधिकतम क्षैतिज दूरी के लिए क्षैतिज से कोण का मान होता है
(a) 30°
(b) 45°
(c) 60°
(d) 90°.
उत्तर:
(b) 45°
प्रश्न 7.
एक प्रक्षेप्य का उड्डयन काल t1 तथा अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने का उड्डयन काल t2 है, तब निम्न में से सही सम्बन्ध है
(a) t1 = 2t2
(b) t2 = 2t1
(c) t2 = 3t1
(d) t1 = t2.
उत्तर:
(a) t1 = 2t2
प्रश्न 8.
यदि प्रक्षेप्य के वेग को दुगुना कर दिया जाये तो उसका अधिकतम परास
(a) वही रहेगा
(b) दुगुना हो जायेगा
(c) आधा हो जायेगा
(d) चार गुना हो जायेगा।
उत्तर:
(b) दुगुना हो जायेगा
प्रश्न 9.
प्रक्षेप्य पथ के उच्चतम बिन्दु पर प्रक्षेप्य की चाल होती है
(a) शून्य
(b) न्यूनतम
(c) प्रारम्भिक चाल के बराबर
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) न्यूनतम
प्रश्न 10.
एक नाव जिसकी शान्त जल में चाल 5 किमी प्रति घण्टा है, एक किलोमीटर चौड़ी नदी को सबसे छोटे सम्भव मार्ग से 15 मिनट में पार करती है। नदी के जल का किलोमीटर प्रति घण्टा में वेग है
(a) 1
(b) 3
(c) 4
(d) 4.
उत्तर:
(c) 4
प्रश्न 11.
एक वायुयान एक वृत्ताकार मार्ग पर 250 किमी प्रति घण्टा के वेग से उड़ रहा है। आधे चक्कर के पश्चात् वेग में परिवर्तन होगा
(a) 500 किमी/घण्टा
(b) 250 किमी/घण्टा
(c) 125 किमी/घण्टा
(d) शून्य।
उत्तर:
(a) 500 किमी/घण्टा
2. सही जोड़ियाँ बनाइए
(I)
खण्ड ‘अ’ | खण्ड ‘ब’ |
1. प्रक्षेप्य की अधिकतम ऊँचाई का सूत्र | (a) ucos θ |
2. प्रक्षेप्य के उड्डयन काल का सूत्र | (b) u sin θ |
3. प्रक्षेप्य की क्षैतिज परास का सूत्र | (c) \(\frac{u^{2} \sin ^{2} \theta}{2 g}\) |
4. u वेग से गतिमान तथा क्षैतिज से θ कोण बनाने वाले कण का क्षैतिज घटक | (d) \(\frac{2 u \sin \theta}{g}\) |
5. u वेग से गतिमान तथा क्षैतिज से θ कोण बनाने वाले कण का ऊर्ध्वाधर घटक | (e) \(\frac{u^{2} \sin 2 \theta}{g}\) |
उत्तर
1. (c) \(\frac{u^{2} \sin ^{2} \theta}{2 g}\)
2. (d) \(\frac{2 u \sin \theta}{g}\),
3. (e) \(\frac{u^{2} \sin 2 \theta}{g}\)
4. (a) ucos θ
5. (b) u sin θ.
(II)
खण्ड ‘अ’ | खण्ड ‘ब’ |
1. एकसमान वृत्तीय गति के कण का वेग | (a) स्पर्श रेखीय |
2. एकसमान वृत्तीय गति में कण के त्वरण की दिशा | (b) v = ωr |
3. रेखीय वेग (v) और कोणीय वेग (ω) में संबंध | (c) परिवर्तित होती है |
4. एकसमान वृत्तीय गति में वेग की दिशा | (d) अचर होती है. |
5. एकसमान वृत्तीय गति करते कण की गतिज ऊर्जा। | (e) केन्द्र की ओर। |
उत्तर:
1. (c) परिवर्तित होती है
2. (e) केन्द्र की ओर।
3. (b) v = ωr
4. (a) स्पर्श रेखीय
5. (d) अचर होती है.
3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये
1. कोणीय संवेग एक ………… राशि है।
उत्तर:
सदिश
2. सदिश 2i-j का परिमाण होगा ………. ।
उत्तर:
15
3. जब किसी ऊँचाई से किसी वस्तु को क्षैतिज दिशा में फेंका जाता है, तो उसका पथ ……… होता है।
उत्तर:
परवलयाकार
4. प्रक्षेप्य पथ के उच्चतम बिन्दु पर पिण्ड का वेग ……….. होता है।
उत्तर:
न्यूनतम
5. अपने उड्डयन काल में प्रक्षेप्य द्वारा तय की गयी दूरी को …………….. कहते हैं।
उत्तर:
क्षैतिज परास
6. एकसमान वृत्तीय गति में ……………. नियत होता है।
उत्तर:
चाल
7. प्रक्षेप्य के उच्चतम बिन्दु पर इसके त्वरण की दिशा …………. होती हैं।
उत्तर:
ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर
8. एकसमान वृत्तीय गति में कण के कोणीय वेग में ……………. परिवर्तन होगा।
उत्तर:
शून्य
9. वृत्तीय गति में कण के वेग एवं त्वरण के मध्य …………… कोण होगा।
उत्तर:
90°
10. कोणीय वेग का SI मात्रक ………….. है।
उत्तर:
रेडियन/सेकण्ड।
4. सत्य/असत्य बताइए
1. यदि \(\overrightarrow{\mathrm{A}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{B}}\) = AB हो, तो \(\overrightarrow{\mathrm{A}}\) और \(\overrightarrow{\mathrm{B}} \) के मध्य का कोण शून्य होगा।
उत्तर:
सत्य
2. किसी सदिश में शून्य सदिश जोड़ने या घटाने पर मूल सदिश प्राप्त होता है।
उत्तर:
सत्य
3. किसी अदिश को समान क्रियाओं वाले सदिश के साथ जोड़ा जा सकता है।
उत्तर:
असत्य
4. तीन समतलीय सदिशों का परिणामी शून्य हो सकता है।
उत्तर:
सत्य
5. द्विविमीय गति में एकसमान वेग से गति का पथ सरल रेखा होता है।
उत्तर:
सत्य
6. प्रक्षेप्य गति में त्वरण नियत रहता है।
उत्तर:
सत्य
7. प्रक्षेप्य गति में क्षैतिज वेग नियत रहता है।
उत्तर:
सत्य
8. किसी वस्तु को चलती ट्रेन से फेंकने पर उसका पथ परवलयाकार होता है।
उत्तर:
सत्य
9. प्रक्षेप्य के अधिकतम ऊँचाई पर गतिज ऊर्जा शून्य होती है।
उत्तर:
असत्य
10. पिण्ड को ऊर्ध्वाधर दिशा में अधिकतम ऊँचाई तक प्रक्षेपित करने के लिए प्रक्षेपण कोण 90° होना चाहिए।
उत्तर:
सत्य।