MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

Students get through the MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें which are most likely to be asked in the exam.

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15  तरंगें

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
तरंग गति से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
ऊर्जा स्थानान्तरण की वह विधि जिसमें विक्षोभ अपना रूप बदले बिना एक नियत चाल से आगे बढ़ता रहता है, तरंग गति कहलाती है।

प्रश्न 2.
प्रगामी तरंग किसे कहते हैं ? धनात्मक X-अक्ष की ओर v वेग से गतिमान प्रगामी तरंग का विस्थापन समीकरण लिखिए।
उत्तर:
वह तरंग जिसके किसी माध्यम में संचरित होने पर माध्यम के कण सरल आवर्त गति में कम्पन करते हैं, प्रगामी तरंग कहलाती है। धनात्मक X-अक्ष की ओर ν वेग से संचरित प्रगामी तरंग का विस्थापन समीकरण निम्न है-
y = a sin \(\frac{2 \pi}{\lambda}\) (νt – x).

प्रश्न 3.
तरंगों के अध्यारोपण का सिद्धांत क्या है ? यह कब लागू नहीं होता है ?
उत्तर:
इस सिद्धांतानुसार जब दो तरंगें माध्यम के किसी बिन्दु पर एक साथ पहुँचती हैं तो उस बिन्दु पर परिणामी विस्थापन उन तरंगों के अलग-अलग विस्थापनों का बीजगणितीय योग होता है। यह सिद्धांत बहुत बड़े आयाम की तरंगों पर लागू नहीं होता है।

प्रश्न 4.
ध्वनि तरंगों के अध्यारोपण से उत्पन्न तीन प्रकार की घटनाओं के नाम बताइये।
उत्तर:

  1. ध्वनि या व्यतिकरण (Interference),
  2. ध्वनि का विस्पन्द (Beats),
  3. अप्रगामी तरंगें (Stationary waves)।

प्रश्न 5.
अप्रगामी तरंगें किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जब समान आयाम तथा समान आवृत्ति वाली दो तरंगें माध्यम में एक ही चाल से एक ही रेखा में विपरीत दिशा में गमन करती हैं तो उनके अध्यारोपण के फलस्वरूप परिणामी तरंग समय के साथ आगे नहीं बढ़ती है, इसे अप्रगामी तरंग कहते हैं।
इस प्रकार की तरंग द्वारा माध्यम में ऊर्जा का स्थानान्तरण नहीं होता।

प्रश्न 6.
अप्रगामी तरंगें कितने प्रकार की होती हैं ? प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिये।
उत्तर:
अप्रगामी तरंगें दो प्रकार की होती हैं-

  • अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें – यदि अध्यारोपित होने वाली तरंगें अनुप्रस्थ हैं तो उनके द्वारा उत्पन्न तरंगें अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें होती हैं।
    उदाहरण – सितार, गिटार इत्यादि के तने हुए तारों में अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें होती हैं।
  • अनुदैर्ध्य अप्रगामी तरंगें – अनुदैर्ध्य तरंगों के अध्यारोपण से उत्पन्न तरंगें अनुदैर्ध्य अप्रगामी तरंगें कहलाती हैं।
    उदाहरण – ढोलक, तबला, बांसुरी के वायु स्तम्भ में अनुदैर्ध्य अप्रगामी तरंग बनती हैं।

प्रश्न 7.
निस्पन्द तथा प्रस्पन्द क्या होते हैं ? दो क्रमागत प्रस्पन्दों के बीच की दूरी कितनी होती
उत्तर:
अप्रगामी तरंग में माध्यम के कुछ बिन्दुओं का कम्पन, आयाम तथा वेग शून्य होता है, इन बिन्दुओं को निस्पन्द कहते हैं। इसके विपरीत माध्यम के कुछ बिन्दुओं का कम्पन, आयाम तथा वेग अधिकतम होता है, इन बिन्दुओं को प्रस्पन्द कहते हैं। दो क्रमागत प्रस्पन्दों के बीच की दूरी \(\frac{\lambda}{2}\) होती है। जहाँ λ तरंग का तरंगदैर्घ्य है।

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 8.
विस्पन्द किसे कहते हैं ? स्पष्ट विस्पन्द सुनने की आवश्यक शर्ते क्या हैं ?
उत्तर:
जब किसी माध्यम में लगभग समान आवृत्ति की दो ध्वनि तरंगें एक साथ एक ही दिशा में चलती हैं तो उनके अध्यारोपण के फलस्वरूप माध्यम के किसी बिन्दु पर ध्वनि की तीव्रता एकान्तर क्रम में घटती-बढ़ती रहती है। ध्वनि की तीव्रता में होने वाले इस क्रमिक उतार-चढ़ाव को विस्पंद कहते हैं। इसके लिए निम्न शर्ते आवश्यक हैं-

  1. दोनों तरंगों को एक ही दिशा में और एक ही रेखा में समान चाल से चलना चाहिये।
  2. दोनों तरंगों की आवृत्ति में थोड़ा-सा अन्तर होना चाहिये।
  3. दोनों तरंगों के आयाम लगभग बराबर होना चाहिये।

प्रश्न 9.
यदि तनिक भिन्न आवृत्तियों n1 तथा n2 के दो स्वरित्र एक साथ बजाये जाते हैं तो प्रति सेकण्ड कितने विस्पन्द उत्पन्न होंगे?
उत्तर:
प्रति सेकण्ड विस्पन्दों की संख्या = n1 ~ n2.

प्रश्न 10.
विस्पन्द के कोई तीन अनुप्रयोग लिखिये।
उत्तर:

  1. किसी स्वरित्र की अज्ञात आवृत्ति ज्ञात करना।
  2. किसी वाद्य यंत्र को समस्वरित करना।
  3. खानों में हानिकारक गैसों का पता लगाना।

प्रश्न 11.
किसी तनी हुई डोरी में उत्पन्न अनुप्रस्थ तरंग का वेग किन-किन कारकों पर निर्भर करता है ? क्या यह डोरी की लंबाई पर निर्भर करता है ?
उत्तर:

  1. डोरी में तनाव पर,
  2. डोरी की एकांक लंबाई के द्रव्यमान पर। यह डोरी की लंबाई पर निर्भर नहीं करता है।

प्रश्न 12.
एक तनी हुई डोरी में मूल कम्पन की आवृत्ति का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
n = \(\frac{1}{2 l} \sqrt{\frac{T}{m}}\)
l तनी हुई डोरी की लंबाई, T डोरी में तनाव, m डोरी की एकांक लंबाई का द्रव्यमान है।

प्रश्न 13.
तनी डोरी में मूल कम्पन की आवृत्ति किन-किन कारकों पर निर्भर करती है तथा किस प्रकार? .
उत्तर:

  1. डोरी की लंबाई \(\left(n \propto \frac{1}{l}\right)\)
  2. डोरी में तनाव पर (n ∝ √T )
  3. डोरी की त्रिज्या पर \(\left(n \propto \frac{1}{r}\right)\)
  4. डोरी के घनत्व पर \(\left(n \propto \frac{1}{\sqrt{d}}\right)\)

प्रश्न 14.
समान लंबाई तथा समान त्रिज्या के लोहे तथा ऐल्युमिनियम के दो तार समान तनाव पर खींचे जाते हैं। किसमें अनुप्रस्थ तरंग का वेग अधिक होगा?
उत्तर:
ऐल्युमिनियम के तार में अनुप्रस्थ.तरंग का वेग अधिक होगा, क्योंकि ऐल्युमिनियम का घनत्व, लोहे की अपेक्षा कम होता है तथा अनुप्रस्थ तरंग का वेग ν ∝ \(\frac{1}{\sqrt{d}}\)

प्रश्न 15.
संनादी किसे कहते हैं ? तनी हुई डोरी में कौन-कौन से संनादी उत्पन्न किये जा सकते हैं ?
उत्तर:
वे कम्पन जिनकी आवृत्तियाँ, मूल कम्पन की आवृत्ति की सरल गुणक होती हैं, संनादी कहलाते हैं, तनी डोरी में सभी (सम तथा विषम) संनादी उत्पन्न किये जा सकते हैं।

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 4 समतल में गति

प्रश्न 16.
आर्गन नलिका किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वह नली जिसमें वायु या गैस भरकर उसमें कम्पन कराके ध्वनि उत्पन्न की जाती है, आर्गन नलिका कहलाती है।

प्रश्न 17.
आर्गन नलिका द्वारा उत्पन्न स्वर की आवृत्ति, उसकी लंबाई पर किस प्रकार निर्भर करती है ?
उत्तर:
बन्द अथवा खुली आर्गन नलिका द्वारा उत्पन्न स्वर की आवृत्ति, उसकी लंबाई के व्युत्क्रमानुपाती होती है अर्थात् नलिका की लंबाई कम करते जाने पर मूल स्वर की आवृत्ति बढ़ती जाती है जिससे आवाज पतली होती जाती है।

प्रश्न 18:
क्या कारण है कि नल के नीचे घड़े के भरने का अनुमान दूर बैठा मनुष्य उसकी अवाज सुनकर लगा लेता है ?
उत्तर:
जैसे-जैसे पानी का तल घड़े में ऊपर उठता जाता है, वायु स्तंभ की लंबाई कम होती जाती है जिससे उत्पन्न होने वाली ध्वनि की आवृत्ति बढ़ती जाती है अर्थात् आवाज पतली होती जाती है।

प्रश्न 19.
किसी आर्गन नलिका से निकले स्वर की आवृत्ति पर ताप का क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
ताप बढ़ने से चूँकि वायु में ध्वनि का वेग बढ़ जाता है अत: आर्गन नलिका से निकले स्वर की आवृत्ति भी बढ़ जाती हैं चूँकि ν ∝ √T अत: n ∝ √T.
इसी प्रकार, आर्द्रता बढ़ने से वायु में ध्वनि का वेग बढ़ जाता है अत: आर्गन नलिका से निकले स्वर की आवृत्ति भी बढ़ जाती है।

प्रश्न 20.
अन्त्य संशोधन से क्या अभिप्राय है ? इसका लगभग मान कितना होता है ?
उत्तर:
आर्गन नलिका में प्रस्पन्द नलिका के ठीक खुले सिरे पर नहीं बनता है बल्कि थोड़ा बाहर बनता है क्योंकि जड़त्व के कारण वायु के कम्पित कण नलिका के खुले सिरे से कुछ बाहर आ जाते हैं। खुले सिरे से प्रस्पन्द की दूरी को अन्त्य संशोधन कहते हैं।
यदि नलिका की आन्तरिक त्रिज्या r है तो इसका लगभग मान 0.6r होता है।

प्रश्न 21.
खुली नली में बन्द नली की अपेक्षा मधुर स्वर उत्पन्न होते हैं, क्यों?
उत्तर:
स्वर, उसी समय मधुर होता है जबकि उसमें सम तथा विषम दोनों प्रकार के संनादी उपस्थित हों। खुली नली में सम और विषम दोनों प्रकार के संनादी उत्पन्न होते हैं जबकि बन्द नली में केवल विषम संनादी ही उत्पन्न होते हैं यही कारण है कि खुली नली में बन्द नली की अपेक्षा मधुर स्वर उत्पन्न होते हैं।

प्रश्न 22.
क्या कारण है कि अनुनाद नली के प्रयोग में प्रथम अनुनाद, द्वितीय अनुनाद की अपेक्षा तीव्र होता है ?
उत्तर:
अनुनाद नली के वायु स्तम्भ में प्रथम अनुनाद तब उत्पन्न होता है जबकि स्वरित्र की आवृत्ति, वायु स्तम्भ के मूल स्वर की आवृत्ति के बराबर होती है, अतः ध्वनि अधिक तीव्र होती है, इसके विपरीत द्वितीय अनुनाद की स्थिति में स्वरित्र की आवृत्ति, वायुस्तंभ के प्रथम अधिस्वरक (या तृतीय संनादी) की आवृत्ति के बराबर होती है अतः ध्वनि अपेक्षाकृत कम तीव्र होती है।

प्रश्न 23.
डॉप्लर प्रभाव क्या है ? इसके लागू होने की क्या सीमा है ?
उत्तर:
डॉप्लर प्रभाव के अनुसार जब ध्वनि स्रोत तथा श्रव्य के बीच सापेक्ष गति होती है तो ध्वनि स्रोत की वास्तविक आवृत्ति श्रोता को परावर्तित होती हुई प्रतीत होती है।
डॉप्लर प्रभाव लागू होने की सीमा – यह केवल तभी लागू होता है जबकि ध्वनि स्रोत या प्रेक्षक का वेग, ध्वनि के वेग के बराबर या उससे कम होता है।

प्रश्न 24.
हॉल में प्रतिध्वनि कम करने के लिए क्या किया जाता है ?
उत्तर:
हॉल में प्रतिध्वनि कम करने के लिए हॉल की दीवारों तथा छत को ध्वनि शोषकों से ढंक दिया जाता है जिससे ध्वनि का परावर्तन नहीं हो पाता। इसके लिए प्रायः सरन्ध्र ऐस्बेस्टॉस टाइल्स का प्रयोग किया जाता है।

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 4 समतल में गति

प्रश्न 25.
सुपरसोनिक विमानों की ध्वनि पृथ्वी पर सुनायी नहीं देती, क्यों?
उत्तर:
सुपरसोनिक विमानों का वेग, ध्वनि के वेग के बराबर या उससे अधिक होता है अत: डॉप्लर प्रभाव के अनुसार विमान द्वारा उत्पन्न ध्वनि की आभासी आवृत्ति श्रव्यता की सीमा के बाहर हो जाती है, अतः ध्वनि पृथ्वी पर सुनायी नहीं पड़ती है।

प्रश्न 26.
ध्वनि के तारत्व (या पिच) से क्या तात्पर्य है ? यह किस भौतिक राशि पर निर्भर करता है?
उत्तर:
तारत्व, ध्वनि का वह लक्षण है जिससे ध्वनि को मोटा या तीक्ष्ण कहा जाता है। तारत्व का सम्बन्ध आवृत्ति से होता है। जैसे-जैसे ध्वनि की आवृत्ति बढ़ती जाती है वैसे-वैसे ध्वनि का तारत्व बढ़ता जाता है तथा ध्वनि तीक्ष्ण या पतली होती जाती है। ध्वनि की आवृत्ति कम होने पर उसका तारत्व कम होता है तथा ध्वनि मोटी या सपाट प्रतीत होती है।

प्रश्न 27.
ध्वनि की प्रबलता से क्या तात्पर्य है ? यह किन-किन कारकों पर निर्भर करती है ?
उत्तर:
प्रबलता, ध्वनि का वह लक्षण है जिससे ध्वनि कान को धीमी या तीव्र प्रतीत होती है। ध्वनि की प्रबलता, ध्वनि की तीव्रता, ध्वनि स्रोत से श्रोता की दूरी तथा श्रोता के कान की संवेदिता पर निर्भर करती है।

प्रश्न 28.
चर्च एवं मंदिरों में बजने वाले घंटे बड़े आकार के क्यों होते हैं ?
उत्तर:
इससे ध्वनि की प्रबलता बढ़ जाती है।

प्रश्न 29.
ठोस अनुदैर्ध्य एवं अनुप्रस्थ दोनों प्रकार के तरंगों का पोषण कर सकते हैं जबकि गैसों में केवल अनुदैर्ध्य तरंगें ही संचरित हो सकती हैं क्यों ?
उत्तर:
ठोस माध्यम में अनुप्रस्थ एवं अनुदैर्ध्य दोनों प्रकार के तरंगों का संचरण होता है क्योंकि इसमें आयतन प्रत्यास्थता के साथ अपरूपण प्रत्यास्थता भी होती है जबकि गैसों में केवल आयतन प्रत्यास्थता होती है अतः केवल अनुदैर्ध्य तरंगें ही संचरित हो सकती हैं।

प्रश्न 30.
आँख न होने पर भी चमगादड़ अवरोधकों की दिशा, प्रकृति तथा आकार सुनिश्चित कर लेते हैं क्यों?
उत्तर:
चमगादड़ पराश्रव्य तरंगें (Ultrasonic waves) उत्पन्न करते हैं जो अवरोध से परावर्तित होकर अपने पथ पर वापस लौटती है जिन्हें चमगादड़ सुनता है, ये प्राप्त तरंगें ही चमगादड़ को अवरोध की दिशा, प्रकृति तथा आकार सुनिश्चित करने में मदद करती हैं।

प्रश्न 31.
एक सितार, तबला तथा हारमोनियम तीनों एक ही आवृत्ति पर समस्वरित किये हुए हैं फिर भी उन तीनों की ध्वनि अलग-अलग पहचानी जा सकती है, समझाइये ऐसा कैसे होता है ?
उत्तर:
सितार, तबला, हारमोनियम यदि एक ही आवृत्ति पर समस्वरित हैं तब भी चूँकि उनसे उत्पन्न ध्वनि में विभिन्न संनादी उपस्थित होंगे तथा उनकी आपेक्षिक तीव्रता भिन्न-भिन्न होगी अतः उनसे उत्पन्न ध्वनि की गुणता अलग-अलग होगी जिससे उनमें पहचान की जा सकती है।

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 4 समतल में गति

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रगामी तरंग किसे कहते हैं ? एक प्रगामी तरंग के समीकरण की स्थापना कीजिये।
उत्तर:
वह तरंग जिसके किसी माध्यम में संचरित होने पर माध्यम के कण सरल आवर्त गति में कम्पन करते हैं, प्रगामी तरंग कहलाती है।

माना किसी माध्यम में समतल प्रगामी तरंग धनात्मक X-अक्ष की ओर संचरित हो रही है। चित्र में माध्यम के कणों 1, 2, 3, …. की मध्यमान स्थितियाँ प्रदर्शित हैं। तरंग के संचरित होने पर किसी क्षण । पर कणों की स्थितियाँ चित्र में प्रदर्शित हैं। यदि हम उस समय उस क्षण से नापना प्रारंभ करें जबकि मूलबिन्दु O पर स्थित कण 1 अपना कम्पन करना प्रारंभ करता है तो t सेकण्ड के बाद कण का विस्थापन y होगा जहाँ
y = a sin ωt
a = कण का कम्पन आयाम, ω = कोणीय आवृत्ति = 2πυ है।
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 1
जैसे-जैसे तरंग, कण 1 से आगे बढ़ती जाती है, अन्य कण भी कम्पन करना प्रारंभ कर देते हैं । यदि तरंग की चाल ν है तो कण 1 से x दूरी पर स्थित कण 6, तक तरंग को पहुँचने में \(\frac{x}{v}\) सेकण्ड का समय लगेगा। अतः मूलबिन्दु से x दूरी पर स्थित कण 6, कण 1 से \(\frac{x}{v}\) सेकण्ड पश्चात् कम्पन करना प्रारंभ करेगा। अर्थात् किसी क्षण t पर कण 6 का विस्थापन वही होगा जो उस क्षण से \(\frac{x}{v}\) सेकण्ड पहले क्षण \(\left[t-\frac{x}{v}\right]\) पर कण 1 का था। अतः
मूलबिन्दु (कण 1) से x दूरी पर स्थित कण 6 का समय t पर विस्थापन
y = a sin ω\(\left[t-\frac{x}{v}\right]\)
या y = a sin\(\frac{2 \pi}{T}\left(t-\frac{x}{v}\right)\) (∵ ω = \(\frac{2 \pi}{T}\))
चूँकि λ = \(\frac{v}{υ}\) = ν.T
∴ y = a sin \(\frac{2 \pi}{v T}\)(νt – x)= asin\(\frac{2 \pi}{\lambda}\) (νt – x).

प्रश्न 2.
वायु में ध्वनि की चाल के लिए न्यूटन का सूत्र लिखकर समझाइए।
उत्तर:
न्यूटन के अनुसार जब किसी गैसीय माध्यम में ध्वनि तरंगें संचरित होती हैं तो संपीडन एवं । विरलन धीरे-धीरे बनते हैं एवं माध्यम का ताप नियत रहता है। इस प्रकार किसी गैसीय माध्यम में ध्वनि की तरंगों के संचरण की घटना एक समतापीय घटना है।
ताप नियत रहने पर
PV = k
या PdV+VdP = 0
या P = \(\frac{-d P}{\frac{d V}{V}}\) = आयतन प्रत्यास्थता गुणांक (E)
∵ किसी माध्यम में ध्वनि का वेग ν = \(\sqrt{\frac{E}{\rho}}\)
E = आयतन प्रत्यार
p = माध्यम का घनत्व
अत: न्यूटन के अनुसार गैसीय माध्यम में आयतन प्रत्यास्थता गुणांक दाब के बराबर होता है।
अर्थात् ν = \(\sqrt{\frac{P}{\rho}}\)
न्यूटन के सूत्र से 0°C पर ध्वनि का वेग वास्तविक मान से कम प्राप्त होता है अतः यह सूत्र त्रुटिपूर्ण है।

प्रश्न 3.
प्रगामी तरंगों की विशेषताएँ लिखिये।
उत्तर:

  1. इन तरंगों के संचरण में माध्यम के कण अपनी माध्य स्थिति के दोनों ओर सरल आवर्त गति में कम्पन करते हैं, लेकिन वे अपना स्थान नहीं छोड़ते हैं।
  2. ये तरंगें माध्यम में एक निश्चित वेग से आगे बढ़ती हैं।
  3. इन तरंगों द्वारा माध्यम में ऊर्जा का संचरण होता है।
  4. इन तरंगों में किसी क्षण पर यदि माध्यम के किसी बिन्दु पर शीर्ष या संपीडन बनता है तो \(\frac{T}{2}\) समय पश्चात् उस स्थान पर गर्त या विरलन बनता है जहाँ तरंग का आवर्तकाल है।
  5. इन तरंगों में किसी भी क्षण माध्यम के सभी कण एक साथ अपनी साम्य स्थिति में नहीं होते हैं।
  6. इन तरंगों में किसी भी क्षण माध्यम के विभिन्न कणों की कला भिन्न-भिन्न होती हैं।

प्रश्न 4.
अप्रगामी तरंगों के गुण लिखिये।

अथवा

अप्रगामी तरंगों की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:

  1. ये तरंगें माध्यम में आगे नहीं बढ़ती हैं बल्कि अपने स्थान पर रहकर फैलती तथा सिकड़ती रहती हैं ।
  2. इन तरंगों द्वारा ऊर्जा का स्थानान्तरण नहीं होता है।
  3. इनकी उत्पत्ति के लिए बध्य माध्यम का होना आवश्यक है। असीमित माध्यम अथवा निर्वात में अप्रगामी तरंगें उत्पन्न नहीं हो सकती हैं।
  4. इन तरंगों में माध्यम के कुछ बिन्दु सदैव विरामावस्था में होते हैं अर्थात् उनका विस्थापन शून्य होता है। इन बिन्दुओं को निस्पन्द कहते हैं।
  5. किन्हीं दो क्रमागत निस्पदों के बीच के बिन्दु का विस्थापन अन्य बिन्दुओं की अपेक्षा अधिकतम् होता है, इन बिन्दुओं को प्रस्पन्द कहते हैं ।
  6. दो क्रमागत निस्पन्दों अथवा दो क्रमागत प्रस्पन्दों के बीच की दूरी \(\frac{\lambda}{2}\) होती है एक निस्पन्द तथा उसके निकटवर्ती प्रस्पन्द के बीच की दूरी \(\frac{\lambda}{4}\) होती है।
  7. दो क्रमागत निस्पन्दों के बीच के सभी कण समान कला में कम्पन करते हैं अर्थात् सभी कण साथ-साथ अपनीअपनी अधिकतम विस्थापन की स्थिति में पहुँचते हैं तथा साथ-साथ ही अपनी-अपनी साम्यावस्था से गुजरते हैं।
  8. एक ही आवर्तकाल में दो बार माध्यम के सभी कण एक साथ अपनी-अपनी साम्य स्थितियों से गुजरते हैं।

प्रश्न 5.
प्रगामी तथा अप्रगामी तरंगों में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
प्रगामी तथा अप्रगामी तरंगों में अन्तर-

प्रगामी तरंग अप्रगामी तरंग
1. ये तरंगें माध्यम में एक निश्चित वेग से आगे बढ़ती हैं। 1. ये तरंगें माध्यम में दो परिस्थितियों के बीच अपने स्थानों पर ही बनी रहती हैं।
2. इन तरंगों द्वारा माध्यम में ऊर्जा संचरित होती है। 2. इन तरंगों द्वारा माध्यम में ऊर्जा संचरित नहीं होती है।
3. इन तरंगों में माध्यम के समीकरण किसी भी क्षण एक साथ अपनी साम्य स्थितियों से नहीं गुजरते हैं। 3. इन तरंगों में एक आवर्तकाल में दो बार माध्यम के सभी कण अपनी-अपनी साम्य स्थितियों से गुजरते हैं।
4. ये तरंगें किसी ध्वनि उत्पादक स्रोत द्वारा उत्पन्न की जाती हैं। 4. ये तरंगें विपरीत दिशा में संचरित समान आयाम एवं समान आवृत्ति की प्रगामी तरंगों के अध्या रोपण से उत्पन्न होती हैं।
5. अनुदैर्ध्य प्रगामी तरंगों के माध्यम में उत्पन्न होने पर प्रत्येक स्थान पर दाब और घनत्व में परिवर्तन समान होता है। 5. इनमें निस्पन्दों पर दाब और घनत्व में परिवर्तन सबसे अधिक होता है तथा प्रस्पन्दों पर सबसे कम शून्य होता है।

प्रश्न 6.
वायु में ध्वनि की चाल के लिए न्यूटन के सूत्र में लाप्लास ने क्या संशोधन किया और क्यों ?
उत्तर:
न्यूटन के अनुसार गैसीय माध्यम में ध्वनि तरंगों का संचरण एक समतापी घटना है किन्तु लाप्लास के अनुसार संपीडन एवं विरलन बनने की प्रक्रिया शीघ्रता से होती है एवं ऊष्मा के आदान-प्रदान के लिए समय नहीं मिलता अत: माध्यम का ताप नियत नहीं हो सकता एवं यह एक रुद्धोष्म परिवर्तन है। लाप्लास के अनुसार आयतन प्रत्यास्थता गुणांक का मान P न होकर γp होता है।
रुद्धोष्म परिवर्तन के लिए PVγ = K
या Vγ-1dV + VγdP = 0
γPVγ\(\frac{d V}{V}\) = -Vγdp
या γp = \(\frac{-d P}{\frac{d V}{V}}\) = आयतन प्रत्यास्थता गुणांक
अत: लाप्लास के अनुसार ध्वनि के वेग का गैसीय माध्यम में सूत्र निम्न होगा-
ν = \(\sqrt{\frac{E}{\rho}}\)
\(=\sqrt{\frac{\gamma P}{\rho}}\)

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 4 समतल में गति

प्रश्न 7.
अप्रगामी तरंग का समीकरण ज्ञात कीजिए जबकि परावर्तन दृढ़ सीमा से होता है ?
उत्तर:
जब कोई प्रगामी तरंग दृढ़ सीमा से परावर्तित होती है तो उसमें ग का कलान्तर उत्पन्न होता है। माना X-अक्ष की धनात्मक दिशा में चलने वाली एक तरंग किसी दृढ़ सीमा पर आपतित होती है। इस तरंग का समीकरण होगा
y1 = a sin \(\frac{2 \pi}{\lambda}\)(υt-x) …(1)
परिसीमा से टकराने के बाद यह तरंग X-अक्ष के ऋण दिशा में परावर्तित हो जाती है तब परावर्तित तरंग का समीकरण होगा
y2 = -a sin \(\frac{2 \pi}{\lambda}\) (υt+x) …(2)
जब विपरीत दिशा में चलने वाली ये दोनों सर्वसम तरंगें अध्यारोपित होती हैं तो अप्रगामी तरंगें उत्पन्न होती हैं तथा अध्यारोपण के सिद्धांत से,
y = y1 + y2
या y = a sin \(\frac{2 \pi}{\lambda}\)(υt-x) – a sin \(\frac{2 \pi}{\lambda}\) (υt+x)
या y = \(a\left[\sin \frac{2 \pi}{\lambda}(u t-x)-\sin \frac{2 \pi}{\lambda}(u t+x)\right]\)
या y = a \(\left[2 \cos \frac{2 \pi u t}{\lambda} \sin \left(\frac{-2 \pi x}{\lambda}\right)\right]\)
या y = -2a sin\(\frac{2 \pi x}{\lambda} \cos \frac{2 \pi t}{\lambda}\)

प्रश्न 8.
अप्रगामी तरंग का समीकरण ज्ञात कीजिए जबकि परावर्तन मुख्य सिरे से होता है।
उत्तर:
जब कोई तरंग मुख्य सिरे से परावर्तित होती है तो उसके कला में कोई परावर्तन नहीं होता है।
मानलो आपतित तरंग का समी. y1 = a sin \(\frac{2 \pi}{\lambda}\)(υt-x)
तथा परावर्तित तरंग का समी. y2 = a sin \(\frac{2 \pi}{\lambda}\) (υt+x) है
अतः अध्यारोपण के सिद्धांत से,
y = y1 + y2 = a sin \(\frac{2 \pi}{\lambda}\)(υt-x) + a sin \(\frac{2 \pi}{\lambda}\) (υt+x)
अब चूँकि sinC+sin D = 2sin \(\frac{C+D}{2} \cdot \cos \frac{C-D}{2}\)
अतः y = 2a cos\(\frac{2 \pi x}{\lambda} \sin \frac{2 \pi}{\lambda}\).υt.

प्रश्न 9.
विस्पन्द काल और विस्पन्द आवृत्ति को समझाइये।
उत्तर:
एक चढ़ाव या एक उतार को मिलाकर एक विस्पन्द कहते हैं । दो क्रमिक तीव्र ध्वनियों के बीच समयान्तराल को विस्पन्द काल कहते हैं। एक सेकण्ड में जितनी बार ध्वनि की तीव्रता में चढ़ाव या उतार होता है (अर्थात् एक सेकण्ड में जितने विस्पन्द सुनाई देते हैं) उस संख्या को विस्पन्द आवृत्ति कहते हैं।
यदि ध्वनि तरंगों की आवृत्तियाँ क्रमशः υ1 तथा υ2 हैं तो
विस्पन्द आवृत्ति = υ1 – υ2
तथा विस्पन्द काल = \(\frac{1}{v_{1}-v_{2}}\)

प्रश्न 10.
विस्पन्द का एक अनुप्रयोग लिखिये।
उत्तर:
वाद्य यंत्रों का स्वर मिलाना – संगीतज्ञ दो वाद्य यंत्रों का स्वर मिलाने के लिए अर्थात् उनकी आवृत्तियों को समान करने के लिए विस्पन्द की घटना का उपयोग करते हैं । यदि दोनों वाद्य यंत्रों की आवृत्तियों में थोड़ा-सा अन्तर है तो उन्हें अलग-अलग बजाकर समस्वरित नहीं किया जा सकता परन्तु यदि दोनों वाद्य यंत्रों को साथ-साथ बजाया जाये तो उनकी आवृत्तियों में थोड़ा-सा अन्तर होने पर विस्पन्द सुनाई देंगे इस स्थिति में एक वाद्य यंत्र को इस प्रकार समायोजित करते हैं कि विस्पन्दों की संख्या धीरे-धीरे कम होने लगे और अन्त में वे सुनाई देने बन्द हो जायें। इस प्रकार वाद्य यंत्र समस्वरित हो जायेंगे।

प्रश्न 11.
सूत्र ν = \(\sqrt{\frac{\gamma P}{\rho}}\) का उपयोग कर स्पष्ट कीजिए कि वायु में ध्वनि की चाल क्यों-
(a) दाब पर निर्भर नहीं करती,
(b) ताप के साथ बढ़ जाती है,
(c) आर्द्रता के साथ बढ़ जाती है ?
उत्तर:
∴ गैसीय माध्यम में ν = \(\sqrt{\frac{\gamma P}{\rho}}\)
आदर्श गैस के लिए PV = nRT
या P = \(\frac{n R T}{V}\)
या P = \(\frac{M}{m} \frac{R T}{V}\), (M = गैस का कुल द्रव्यमान, m = मोलर द्रव्यमान)
या P = \(\frac{\rho}{m}\) RT (p = गैसीय माध्यम का घनत्व)
\(\frac{P}{\rho}=\frac{R T}{m}\)

(a) यदि ताप स्थिर हो, तो P (दाब) में परिवर्तन करने पर ρ में भी उतना ही परिवर्तन होता है।
अत: नियत \(\frac{P}{\rho}\) बना रहता है एवं ध्वनि का वेग दाब परिवर्तन पर निर्भर नहीं करता।
(b) ∵ ν = \(\sqrt{\frac{\gamma P}{\rho}}=\sqrt{\frac{\gamma R T}{m}}\)
या ν ∝√T
ताप बढ़ने पर ध्वनि का वेग बढ़ता है।
(c) आर्द्र वायु का घनत्व कम होता है अतः स ν ∝ \(\frac{1}{\sqrt{\rho}}\) के अनुसार ध्वनि का वेग बढ़ता है।

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 4 समतल में गति

प्रश्न 12.
संनादी किसे कहते हैं ? तनी हुई डोरी में कौन-कौन से संनादी उत्पन्न किये जा सकते हैं ? चित्र खींचकर समझाइये।
उत्तर:
वे स्वरक जिनकी आवृत्ति, मूल स्वरक की आवृत्ति की पूर्णगुणज होती है संनादी कहलाते हैं । वे संनादी जिनकी आवृत्तियाँ मूल स्वरक की आवृत्ति को दो गुनी, चार गुनी, छ: गुनी …….. होती है सम संनादी कहलाते हैं तथा वे संनादी जिनकी आवृत्तियाँ, मूल स्वरक की आवृत्ति की तिगुनी, पाँच गुनी, सात गुनी ……होती है विषम संनादी कहलाते हैं। तनी डोरी में सम तथा विषम सभी प्रकार के संनादी उत्पन्न किये जा सकते हैं। चित्र (a), (b) तथा (c) में क्रमशः मूल स्वरक, द्वितीय संनादी तथा तृतीय संनादी प्रदर्शित हैं जिनकी आवृत्तियों का अनुपात n:nn:ng = 1:2:3 हैं।
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 2

प्रश्न 13.
क्या कारण है कि खुली नलिका के मूल स्वरक की आवृत्ति उतनी ही लंबाई की बंद नलिका के मूल स्वरक की आवृत्ति की ठीक दोगुनी न होकर दोगुने से कुछ कम होती है ?
उत्तर:
इसका कारण अन्त्य संशोधन है। चित्र से स्पष्ट है कि यदि नलिका की लंबाई । है तथा अन्त्य संशोधन e है तो बन्द नलिका में वायु स्तम्भ की लंबाई (1+ e) होगी तथा खुली नलिका में वायु स्तंभ की लंबाई (1+2e) होगी। अतः अन्त्य संशोधन लगाने के बाद बंद नलिका में मूल स्वरक की आवृत्ति
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 3
n1 = \(\frac{v}{4(l+e)}\) … (1)
तथा खुली नलिका में मूल स्वरक की आवृत्ति
n’1 = \(\frac{v}{2(l+2 e)}\) … (2)

स्पष्ट है कि n’1<<n1 अर्थात् खुली नलिका के मूल स्वरक की आवृत्ति उतनी ही लंबाई की बन्द नलिका के मूल स्वरक की आवृत्ति की ठीक दोगुनी न होकर दोगुने से कुछ कम होती है।

प्रश्न 14.
विस्पन्दों द्वारा अज्ञात आवृत्ति वाले स्वरित्र द्विभुज की आवृत्ति कैसे ज्ञात की जाती है ?
उत्तर:
माना कि हमें किसी स्वरित्र की आवृत्ति n1 ज्ञात करनी है। इसके लिए ज्ञात आवृत्ति n2 वाला एक ऐसा स्वरित्र लेते हैं जिसकी आवृत्ति तथा अज्ञात आवृत्ति n1 में थोड़ा-सा अन्तर हो। अब दोनों स्वरित्रों को एक साथ बजाते हैं तथा प्रति सेकण्ड सुनाई देने वाली विस्पन्दों की संख्या गिन लेते हैं। मानाकि प्रति सेकण्ड विस्पन्दों की संख्या x है तब n1 = n2 +x अथवा n1 = n2 – x.

दोनों मानों में से कौन-सा मान सही है, इसका पता लगाने के लिए अज्ञात आवृत्ति n1 वाले स्वरित्र की भुजाओं पर थोड़ा-सा मोम लगा देते हैं जिससे उसकी आवृत्ति n1से कुछ कम हो जाती है। फिर दोनों स्वरित्रों को एक साथ बजाकर विस्पन्द सुनते हैं यदि प्रति सेकण्ड विस्पन्दों की संख्या बढ़ जाती है तो पहले स्वरित्र की आवृत्ति n1= (n2 – x) होगी क्योंकि (n2 -n1) = x के अनुसार , का मान कम होने पर x का मान बढ़ जायेगा।

यदि प्रति सेकण्ड विस्पन्दों की संख्या कम हो जाती है तो पहले स्वरित्र की आवृत्ति n1 = (n2 + x) होगी क्योंकि (n1 – n2) = x के अनुसार n1 का मान कम होने पर x का मान घट जायेगा। अब यदि मोम लगाने पर प्रति सेकण्ड विस्पन्दों की संख्या उतनी ही रहती है तो n1 = (n2 + x) होगी क्योंकि (n1 – n2) = x के अनुसार प्रारंभ में n1 का मान n2 से जितना अधिक होगा, मोम लगाने पर n1 का मान n2 से उतना ही कम हो जायेगा। अत: x का मान वही रहेगा।

प्रश्न 15.
सिद्ध कीजिए कि खुले आर्गन पाइप में मूल स्वरक की आवृत्ति समान लंबाई के बन्द आर्गन पाइप में उत्पन्न मूल स्वरक की आवृत्ति की दोगुनी होती है?
उत्तर:
खुले आर्गन पाइप में मूल स्वरक उस समय उत्पन्न होता है जबकि दोनों खुले सिरों पर प्रस्पन्द एवं उनके मध्य एक निस्पन्द बने। यदि उत्पन्न तरंग का तरंगदैर्घ्य λ1 हो तो
l = \(\frac{\lambda_{1}}{2}\), जहाँ l पाइप की लंबाई है।
∴ λ1 = 2l
अतः मूल स्वरक की आवृत्ति n1 = \(\frac{v}{\lambda_{1}}=\frac{v}{2 l}\) … (1)
बन्द आर्गन पाइप में मूल स्वरक उस समय उत्पन्न होता है जब खुले सिरे पर एक प्रस्पन्द तथा बन्द सिरे पर निस्पन्द बने यदि उत्पन्न तरंग का तरंगदैर्घ्य λ2 हो तो
l = \(\frac{\lambda_{2}}{4}\)
∴ λ2 = 4l
∴ मूल स्वरक की आवृत्ति n2 = \(\frac{v}{\lambda_{2}}=\frac{v}{4 l}\) …(2)
समी. (1) में समी. (2) का भाग देने पर,
\(\frac{n_{1}}{n_{2}}=\frac{v / 2 l}{v / 4 l}=\frac{2}{1}\)
∴ n1= 2n2
अर्थात् खुले आर्गन पाइप में उत्पन्न मूल स्वरक की आवृत्ति समान लंबाई की बन्द आर्गन पाइप में उत्पन्न मूल स्वरक की आवृत्ति की दोगुनी होती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सिद्ध कीजिए कि दो ध्वनि स्रोतों द्वारा उत्पन्न विस्पन्दों की प्रति सेकण्ड संख्या, दोनों ध्वनि स्रोतों की आवृत्तियों के अन्तर के बराबर होती है ?
उत्तर:
मानाकि n1 तथा n2 आवृत्ति वाली तथा समान आयाम (= a) की दो ध्वनि तरंगें एक साथ माध्यम में एक ही दिशा में चल रही हैं (n1 तथा n2 में अन्तर बहुत कम है ) माना कि एक तरंग के कारण माध्यम के किसी कण का किसी क्षण t पर विस्थापन y1 तथा इसकी तरंग के कारण उसी कण का क्षण ! पर विस्थापन y2 है। जब

y1 = a sinω1 t = a sin2πn1t
तथा y2 = a sinω2t = a sin2πn2t
अध्यारोपण के सिद्धांतानुसार,
y = y1 + y2 = a sin 2πn1t +a sin2 πn2t
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 4

या y = 2a cos[ π(n1 – n2)t]sin[(n1 +n2)t]
माना 2acos[π(n1 – n2)t] = A तो
y = A sin[π(n1 + n2)t]
जहाँ A परिणामी तरंग का आयाम है। उपर्युक्त समीकरण से स्पष्ट है कि परिणामी तरंग का आयाम A, समय t के साथ बदलता है। इससे निम्न निष्कर्ष निकाल सकते हैं-

(1) यदि cos[π(n1 – n2)t] = ±1 हो अर्थात् यदि π(n1 – n2)t = 0,π,2π,……. हो, तो t = 0, \(\frac{1}{\left(n_{1}-n_{2}\right)}, \frac{2}{\left(n_{1}-n_{2}\right)}, \frac{3}{\left(n_{1}-n_{2}\right)}\) ………..हा, तब परिणामी तरंग का आयाम अधिकतम होगा अर्थात Amax = ±2a अतः स्पष्ट है कि दो क्रमिक अधिकतम तीव्रता के लिए समयान्तराल = \(=\frac{1}{\left(n_{1}-n_{2}\right)}\) होगा।

(2) यदि cos[π(n1 – n2)t] = 0 हो या π(n1 – n2)t = \(\frac{\pi}{2}, \frac{3 \pi}{2}, \frac{5 \pi}{2}\) …..हो, तो t = \(\frac{1}{\left(n_{1}-n_{2}\right)}\), \(\frac{3}{2\left(n_{1}-n_{2}\right)}, \frac{5}{2\left(n_{1}-n_{2}\right)}\)
….. हो, तब परिणामी तरंग का आयाम न्यूनतम (अर्थात् शून्य) होगा या Amin = 0
अतः स्पष्ट है कि दो क्रमिक न्यूनतम तीव्रता के लिए समयान्तराल \(=\frac{1}{n_{1}-n_{2}}\)होगा।
अत: दो क्रमिक तीव्रतम ध्वनियों के बीच समयान्तराल \(=\frac{1}{n_{1}-n_{2}}\)
∴ 1 सेकण्ड में अधिकतम ध्वनि तीव्रता की संख्या = (n1 – n2) = दोनों आवृत्तियों का अन्तर
इसी प्रकार दो क्रमिक न्यूनतम ध्वनियों के बीच समयान्तराल \(=\frac{1}{n_{1}-n_{2}}\)
∴ 1 सेकण्ड में न्यूनतम ध्वनि तीव्रता की संख्या = (n1 – n2) = दोनों आवृत्तियों का अन्तर
अत: 1 सेकण्ड में (n1 – n2) बार ध्वनि की तीव्रता अधिकतम तथा (n1 – n2) बार ध्वनि की तीव्रता न्यूनतम होगी। इसलिए 1 सेकण्ड में उत्पन्न होने वाले विस्पन्दों की संख्या = (n1 – n2) = दोनों तरंगों की आवृत्तियों का अंतर।

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 4 समतल में गति

प्रश्न 2.
एक सिरे पर बन्द आर्गन नलिका में तरंग की विभिन्न विधाओं का वर्णन कीजिए तथा सिद्ध कीजिए कि (1) मूल स्वर की आवृत्ति नलिका की लंबाई के व्युत्क्रमानुपाती होती है, (2) इसमें केवल विषम संनादी ही उत्पन्न किये जा सकते हैं।
उत्तर:
जब बन्द आर्गन पाइप के खुले सिरे के पास किसी ध्वनि स्रोत को रखते हैं तो उत्पन्न तरंग बन्द सिरे की ओर चलने लगती है। यह तरंग बन्द सिरे से परावर्तित होकर वापस लौटती है। आपतित तथा परावर्तित तरंग के अध्यारोपण के फलस्वरूप बन्द आर्गन पाइप में अप्रगामी अनुदैर्ध्य तरंग उत्पन्न हो जाती है। खुले सिरे पर सदैव प्रस्पन्द बनता है क्योंकि वहाँ पर वायु कण कम्पन करने के लिए स्वतंत्र होते हैं। जबकि बन्द सिरे पर निस्पन्द बनता है क्योंकि बन्द सिरे पर वायु कण कम्पन के लिए स्वतन्त्र नहीं होते।

चूँकि बन्द आर्गन पाइप में बन्द सिरे (दृढ़ सीमा) से परावर्तन होता है अत: अप्रगामी तरंग का समीकरण निम्न होगा
y = -2a sin \(\frac{2 \pi x}{\lambda} \cdot \cos \frac{2 \pi v t}{\lambda}\) …(1)
माना बन्द आर्गन पाइप का बन्द सिरा x = 0 तथा खुला सिरा x = l पर है। जहाँ l आर्गन पाइप की लंबाई है।
तब x = 0 पर समी. (1) से,
y = 0
तथा x = l पर समी. (1) से,
y = -2a sin \(\frac{2 \pi l}{\lambda} \cos \frac{2 \pi v t}{\lambda}\)
x = l पर विस्थापन y का मान अधिकतम होता है। अत: sin\(\frac{2 \pi l}{\lambda}\) के मान को अधिकतम होना चाहिये अर्थात्
\(\left|\sin \frac{2 \pi l}{\lambda}\right|\) = 1
या \(\frac{2 \pi l}{\lambda}=(2 K-1) \frac{\pi}{2}\)

जहाँ K = 1, 2, 3, 4…….
उपर्युक्त समी. से,
λ = \(\frac{4 l}{2 K-1}\)… (2)
K = 1, 2, 3, 4……. इत्यादि कम्पन की पहली, दूसरी, ……… विधाओं के संगत हैं।
कम्पन की पहली विधि – यदि K = 1 के संगत वायु स्तम्भ में उत्पन्न तरंग का तरंगदैर्घ्य λ , हो, तो समी. (2) से,
λ1 = 4l
अतः उत्पन्न तरंग की आवृत्ति
n1 = \(\frac{v}{\lambda_{1}}=\frac{v}{4 l}\)
इसे मूल स्वरक या प्रथम संनादी कहते हैं।
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 5

स्पष्ट है, कि n1 ∝ \(\frac{1}{l}\)
अतः बन्द आर्गन पाइप में मूल स्वरक की आवृत्ति पाइप की लंबाई के व्युत्क्रमानुपाती होती है। कम्पन की दूसरी विधा-यदि K= 2 के संगत वायुस्तम्भ में उत्पन्न तरंग का तरंगदैर्घ्य λ2 हो तो समी. (2)
λ2 = \(\frac{4 l}{3}\)
अतः उत्पन्न तरंग की आवृत्ति n2 = \(\frac{v}{\lambda_{2}}=\frac{v}{4 l / 3}\)
n2= 3. \(\frac{v}{4 l}\) = 3n1
अतः इस स्थिति में उत्पन्न स्वरक की आवृत्ति, मूल स्वरक की आवृत्ति की तिगुनी होती है, इसे तृतीय संनादी या प्रथम अधिस्वरक कहते हैं।
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 6
कम्पन की तृतीय विधा-यदि K = 3 के संगत उत्पन्न तरंग का तरंगदैर्घ्य λ3 हो तो समी. (2) से
λ3 = \(\frac{4 l}{5}\)
अतः उत्पन्न तरंग की आवृत्ति n3 = \(\frac{v}{\lambda_{3}}\)
n3 = \(\frac{v}{4 l / 5}\) = 5.\(\frac{v}{4 l}\) = 5n1
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 7
कम्पन की इस विधा में उत्पन्न तरंग की आवृत्ति, मूल स्वरक की आवृत्ति की पाँच । गुनी होती है। इसे पंचम संनादी या द्वितीय अधिस्वरक कहते हैं।

व्यापक रूप में कम्पन की P वीं विधा में उत्पन्न तरंग की आवृत्ति np = (2K +1)P इसे (2p + 1) वाँ, संनादी कहते हैं।
स्पष्ट है कि बन्द आर्गन पाइप में केवल विषम संनादी ही उत्पन्न होते हैं।

प्रश्न 3.
सिद्ध कीजिए कि तनी हुई डोरी में सम तथा विषम दोनों प्रकार के संनादी उत्पन्न होते हैं ?
उत्तर:
जब दोनों सिरों पर कसी हुई डोरी को उसकी लंबाई के लंबवत् थोड़ा-सा खींचकर छोड़ दिया जाता है तो डोरी में अनुप्रस्थ तरंगें उत्पन्न हो जाती हैं । तरंगें दोनों सिरों से परावर्तित हो जाती हैं इस प्रकार आपतित तथा परावर्तित तरंगों के अध्यारोपण के कारण तार में अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें उत्पन्न हो जाती हैं।

चूँकि डोरी कसी हुई है, उसके दोनों सिरे कम्पनावस्था में स्थायी रूप से विराम में होते हैं। अतः उसके दोनों सिरों पर निस्पन्द बनते हैं।

चूँकि तरंग का परावर्तन दृढ़ सीमा से होता है। अतः डोरी में उत्पन्न अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंग का समी. होगा-
y = -2a sin\(\frac{2 \pi x}{\lambda} \cos \frac{2 \pi v t}{\lambda}\) ….(1)
माना डोरी का एक सिरा x = 0 पर तथा दूसरा सिरा x = l पर है जहाँ l = डोरी की लंबाई, तब x = 0 पर समी. (1) से,
y = -2a sin0cos\(\frac{2 \pi v t}{\lambda}\) = 0                                      (∵ sin0° = 0)
तथा x = l पर समी. (1) से,
y = -2asin\(\frac{2 \pi l}{\lambda} \cos \frac{2 \pi v t}{\lambda}\)
स्पष्ट है कि x = l पर y = 0 होगा यदि
sin \(\frac{2 \pi l}{\lambda}\) = 0
या \(\frac{2 \pi l}{\lambda}\) Kπ, जहाँ K = 1, 2, 3, 4…….
या λ = \(\frac{2 l}{K}\) …(2)
K = 1, 2, 3, 4….. कम्पन की प्रथम, द्वितीय, तृतीय ……… विधाएँ हैं।

कम्पन की पहली विधा – यदि K = l के संगत डोरी में उत्पन्न अप्रगामी तरंग का तरंगदैर्ध्य λ1 हो तो समी. (2) से,
λ1 = 2l
या l = \(\frac{\lambda_{1}}{2}\)
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 8
इस स्थिति में डोरी एक खण्ड में कम्पन करती है। कम्पन की इस विधा में डोरी के दोनों सिरों पर निस्पन्द तथा मध्य में प्रस्पन्द बनते हैं। यदि डोरी में तरंग की चाल ν तथा कम्पनों की आवृत्ति n1 हो, तो
n1 = \(\frac{v}{\lambda_{1}}=\frac{v}{2 l}\) … (3)
यही सबसे कम आवृत्ति का स्वरक है जो डोरी में उत्पन्न होता है। इस स्वरक को मूल स्वरक या प्रथम संनादी कहते हैं।

कम्पन की दूसरी विधा – यदि K = 2 के संगत तरंग का तरंगदैर्घ्य λ2 हो तो समी. (2) से λ2 = l.
इस स्थिति में डोरी दो खण्डों में कम्पन करती है। कम्पन की इस विधा में तीन निस्पन्द तथा दो प्रस्पन्द बनते हैं।
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 9
यदि उत्पन्न तरंग की आवृत्ति n2 हो, तो
n2 = \(\frac{v}{\lambda_{2}}=\frac{v}{l}\) = 2 × \(\frac{v}{2 l}\) = 2n1
∴ n2 = 2n1
इस प्रकार इस स्थिति में उत्पन्न स्वरक की आवृत्ति मूल स्वरक की आवृत्ति की दोगुनी होती है। इस आवृत्ति के स्वरक को द्वितीय संनादी कहते हैं।

कम्पन की तृतीय विधा – यदि K = 3 के संगत उत्पन्न तरंग का तरंगदैर्घ्य λ3 हो तो समी. (2) से,
λ3 = \(\frac{2 l}{3}\)
इस स्थिति में डोरी तीन खण्डों में कम्पन्न करती है। कम्पन की इस विधा में चार निस्पन्द तथा तीन प्रस्पन्द बनते हैं।
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 10
यदि उत्पन्न तरंग की आवृत्ति n3 हो,
n3 \(=\frac{v}{\lambda_{3}}=\frac{v}{2 l / 3}\)
n3 = 3.\(\frac{v}{2 l}\) = 3n1

इस प्रकार इस स्थिति में उत्पन्न स्वरक की आवृत्ति, मूल स्वरक की आवृत्ति की तीन गुनी होती है। इस आवृत्ति के स्वरक को तृतीय संनादी या द्वितीय अधिस्वरक कहते हैं।
व्यापक रूप में कम्पन की P वीं विधा में उत्पन्न तरंग का तरंगदैर्घ्य
λp = \(\frac{2 l}{P}\)
इस स्थिति में डोरी P खण्डों में कम्पन करती है। उत्पन्न तरंग की आवृत्ति np =\(\frac{v}{\lambda_{n}}\)
np = \(=\frac{v}{2 l / P}=P \cdot \frac{v}{2 l}=P . n_{1}\)
इस आवृत्ति के स्वरक को Pवाँ संनादी कहते हैं।
स्पष्ट है कि तनी हुई डोरी में सम तथा विषम दोनों प्रकार के संनादी उत्पन्न होते हैं।

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 4 समतल में गति

प्रश्न 4.
सिद्ध कीजिए कि खुले आर्गन पाइप में सम और विषम दोनों प्रकार के संनादी उत्पन्न होते हैं ?
उत्तर:
जब खुले आर्गन पाइप के एक सिरे के पास ध्वनि स्रोत को रखते हैं तो उसके अन्दर वायु स्तम्भ कम्पनं करने लगता है तथा संपीडन व विरलन की तरंगें दूसरे सिरे की ओर चलने लगती हैं तथा दूसरे सिरे से परावर्तित हो जाती हैं। इस प्रकार आपतित तरंगों एवं परावर्तित तरंगों के अध्यारोपण के कारण पाइप में अप्रगामी तरंगें उत्पन्न हो जाती हैं। पाइप के दोनों सिरों पर वायु कण कम्पन करने के लिए स्वतंत्र होते हैं, अतः खुले सिरों पर प्रस्पन्द बनते हैं।

परावर्तन मुख्य सिरे से होता है। अतः अप्रगामी तरंग का समीकरण होगा
y = 2acos\(\frac{2 \pi x}{\lambda} \sin \frac{2 \pi v t}{\lambda}\) …(1)
माना खुले आर्गन पाइप का एक सिरा x = 0 पर तथा दूसरा सिरा x = l पर है। जहाँ । पाइप की लंबाई है।
x = 0 तथा x = l पर y का मान अधिकतम होगा
समी. (1) में x = 0 रखने पर,
y = 2a cososin ent = \(\frac{2 \pi v t}{\lambda}=2 a \sin \frac{2 \pi v t}{\lambda}\), (∵ cos0 = 1 = अधिकतम)
पुनः समी. (1) में x = l रखने पर,
y = 2a cos \(\frac{2 \pi l}{\lambda} \sin \frac{2 \pi v t}{\lambda}\)
y के मान को अधिकतम होने के लिए cos \(\frac{2 \pi l}{\lambda}\)के मान को अधिकतम होना चाहिये
∴ \(\left|\cos \frac{2 \pi l}{\lambda}\right|\) = 1
∴ \(\frac{2 \pi l}{\lambda}\) = Kπ
या  λ = \(\frac{2 l}{K}\) …(2)
जहाँ K = 1, 2, 3, 4……. इत्यादि क्रमशः कम्पन की पहली, दूसरी, तीसरी विधाओं के संगत हैं।

कम्पन की पहली विधा – यदि K = 1 के संगत वायु स्तम्भ में उत्पन्न तरंग का तरंगदैर्घ्य λ1 हो तो समी. (2) से,
λ1 = 2l
अत: उत्पन्न तरंग की आवृत्ति n1 = \(\frac{v}{\lambda_{1}}=\frac{v}{2 l}\)
यह सबसे कम आवृत्ति का स्वरक है जो खुले आर्गन पाइप में होता है इसे मूल स्वरक या प्रथम संनादी कहते हैं।
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 11
कम्पन की दूसरी विधा – यदि K = 2 के संगत वायु स्तम्भ में उत्पन्न तरंग का तरंगदैर्घ्य λ2 हो तो समी. (2) से,
λ2 = \(\frac{2 l}{2}\) = l
अत: उत्पन्न तरंग की आवृत्ति n2 = \(\frac{v}{\lambda_{2}}\)
n2 = \(\frac{v}{l}=\frac{2 v}{2 l}\) = 2n1
इस प्रकार इस स्थिति में उत्पन्न तरंग की आवृत्ति, मूल स्वरक की आवृत्ति की दोगुनी होती है, इसे द्वितीय संनादी कहते हैं।
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 12

कम्पन की तीसरी विधा – यदि K = 3 के संगत वायु स्तम्भ में उत्पन्न तरंग का तरंगदैर्घ्य λ3 हो तो समी. (2) से,
λ3 = \(\frac{2 l}{3}\)
अत: उत्पन्न तरंग की आवृत्ति n3 = \(\frac{v}{\lambda_{3}}=\frac{v}{2 l / 3}\)
n3 = \(\frac{3 v}{2 l}\) = 3n1
इस प्रकार इस स्थिति में उत्पन्न तरंग की आवृत्ति मूल स्वरक की आवृत्ति की तिगुनी होती है। इसे तृतीय संनादी कहते हैं।
अतः स्पष्ट है कि खुले आर्गन पाइप में सम तथा विषम दोनों संनादी उत्पन्न होते हैं।
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 13

प्रश्न 5.
यदि ध्वनि स्रोत, श्रोता की ओर गतिशील हो तो श्रोता द्वारा ग्रहण की गई आभासी आवृत्ति के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
माना कि S एक ध्वनि स्रोत है तथा O एक श्रोता है। मानाकि ध्वनि स्रोत की वास्तविक आवृत्ति n है तथा ध्वनि का वेग u है। स्पष्ट है कि ध्वनि स्रोत से 1 सेकण्ड में n तरंगें निकलेंगी ध्वनि स्रोत से निकली पहली तरंग 1 सेकण्ड में u दूरी तय कर लेती है। अत: यदि ध्वनि स्रोत स्थिर है तो 1 सेकण्ड में उत्सर्जित n तरंगें u दूरी में फैल जायेंगी अतः वास्तविक तरंगदैर्घ्य
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 14
अब माना ध्वनि स्रोत S वेग us से श्रोता O की ओर गतिमान है। तब ध्वनि स्रोत 1 सेकण्ड में श्रोता की ओर u दूरी तय कर लेता है। अतः ध्वनि स्रोत से 1 सेकण्ड में उत्सर्जित n तरंगें u दूरी में न फैलकर (u – us) दूरी में सिमट जायेंगी। अतः अब तरंगदैर्घ्य छोटी हो जायेंगी। माना कि परिवर्तित तरंगदैर्ध्य λ’ है, तब
λ’ = \(\frac{u-u_{s}}{n}\) …(1)
इस प्रकार श्रोता को तरंगदैर्घ्य λ’ की तरंगें आती प्रतीत होगी जिससे उसे ध्वनि की आवृत्ति भी बदली हुई प्रतीत होगी। यदि आभासी आवृत्ति n’ हो तो
n’ = \(\frac{u}{\lambda^{\prime}}\)    (∵ ध्वनि का वेग u स्थिर है)
समी. (1) से 2′ का मान रखने पर,
n’ = \(\frac{u}{\left(u-u_{s}\right) / n}\)
या n’ = \(\left(\frac{u}{u-u_{s}}\right) n\)

प्रश्न 6.
यदि श्रोता, स्थिर ध्वनि स्त्रोत की ओर गतिशील है तो उसके द्वारा ग्रहण की गई आभासी आवृत्ति के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
माना S एक ध्वनि स्रोत है जिसकी आवृत्ति n है तथा ध्वनि का वेग u है। मानाकि O एक श्रोता है जो uo वेग से स्थिर ध्वनि स्रोत की ओर गतिमान है। यदि श्रोता स्थिर हो तो वह 1 सेकण्ड में n तरंगें ग्रहण करता, अत: वास्तविक तरंगदैर्घ्य
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 15
परन्तु श्रोता uo वेग से ध्वनि स्रोत की ओर गतिमान है अर्थात श्रोता 1 सेकण्ड में uo दूरी, ध्वनि स्रोत की ओर चल लेता है। अतः श्रोता को 1 सेकण्ड में प्राप्त होने वाली कुल तरंगें अर्थात् ध्वनि की आभासी आवृत्ति
\(n^{\prime}=n+\frac{u_{\rho}}{\lambda}=n+\frac{u_{o}}{u / n}\)
या \(n^{\prime}=n+\frac{n \cdot u_{o}}{u}=\left(1+\frac{u_{o}}{u}\right) n\)
या \(n^{\prime}=\left(\frac{u+u_{o}}{u}\right) n\)

प्रश्न 7.
ध्वनि स्रोत तथा श्रोता एक ही दिशा में गतिशील हैं। श्रोता द्वारा ग्रहण की गई आभासी आवृत्ति के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
जब ध्वनि स्रोत तथा श्रोता दोनों गतिमान हों तो ध्वनि स्रोत की आवृत्ति दो कारणों से बदली हुई प्रतीत होती है
(i) ध्वनि स्रोत की गति के कारण,
(ii) श्रोता की गति के कारण।

अतः आवृत्ति पर इन दोनों कारणों के प्रभावों को मिलाना होगा।
मानाकि ध्वनि स्रोत S तथा श्रोता O क्रमशः us तथा uo वेग से एक ही दिशा में (मानाकि ध्वनि संचरण की दिशा में) गतिमान हैं।
मानाकि यदि केवल ध्वनि स्रोत से गतिमान होता है तब श्रोता द्वारा सुनी जाने वाली आभासी आवृत्ति
n1 = \(\left(\frac{u}{u-u_{s}}\right) n\)
अब चूँकि श्रोता भी ध्वनि स्रोत से दूर जा रहा है अतः श्रोता द्वारा सुनी जाने वाली आभासी आवृत्ति
\(n^{\prime}=\left(\frac{u-u_{o}}{u}\right) n_{1}\)
n1 का मान रखने पर,
\(n^{\prime}=\left(\frac{u-u_{o}}{u}\right) \times\left(\frac{u}{u-u_{s}}\right) n\)
∴ \(n^{\prime}=\left(\frac{u-u_{o}}{u-u_{s}}\right) n .\)

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 4 समतल में गति

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
किसी माध्यम में तरंग की चाल 960 मीटर/सेकण्ड है। यदि माध्यम के किसी बिन्दु से 1 मिनट में 3600 तरंगें गुजर रही हों, तो तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 16
दिया है – ν = 960 मीटर/सेकण्ड
आवृत्ति n = \(\frac{3600}{60}\) = 60 सेकण्ड
चूँकि ν = n.λ
∴ λ = \(\frac{v}{n}\) मीटर
मान रखने पर, λ = \(\frac{960}{60}\) = 16 मीटर।

प्रश्न 2.
एक रेडियो केन्द्र से प्रसारित तरंगों की तरंगदैर्घ्य 300 मीटर है। यदि तरंग चाल 3 × 108 मी /सेकण्ड हो तो तरंग आवृत्ति ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
दिया है – तरंगदैर्घ्य λ = 300 मीटर, तरंग चाल v = 3 × 108 मी./से., आवृत्ति n = ?
ν = n.λ
सूत्र n = \(\frac{v}{\lambda}\) से,
n = \(\frac{3 \times 10^{8}}{300}\) = 106 हल।

प्रश्न 3.
एक प्रगामी तरंग का विस्थापन समीकरण निम्न है-
y = 8sin(0.628x – 12.56t)
उसमें y तथा x सेमी में तथा t सेकण्ड में है। ज्ञात कीजिए तरंग का आयाम, आवृत्ति, तरंगदैर्घ्य तथा वेग।
उत्तर:
दिया है – y = 8sin(0.628x – 12.56t)
= 8sino.628 \(\left(x-\frac{12 \cdot 56}{0 \cdot 628} t\right)\) …(1)
समी. (I) की तुलना y = a sin 2\(\frac{2 \pi}{\lambda}\) (x – νt ) से करने पर,
a = 8 सेमी, \(\frac{2 \pi}{\lambda}\) = 0.628 या λ = \(\frac{2 \times 3 \cdot 14}{0 \cdot 628}\)
= 10 सेमी.,
ν = \(\frac{12 \cdot 56}{0 \cdot 628}\) = 20 सेमी/सेकण्ड
एवं सूत्र ν = nλ से,
n = \(\frac{v}{\lambda}=\frac{20}{10}\) = 2 हज़।

प्रश्न 4.
एक ही आवृत्ति के स्रोतों के आयामों का अनुपात 1:2 है। यदि उन्हें एक साथ कम्पित कराया जाये तो व्यतिकरण क्षेत्र में कम्पनों के महत्तम तथा न्यूनतम आयामों तथा तीव्रताओं का अनुपात ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार, a1:a2= 1:2 अर्थात् यदि a1 = a माना तो a2 = 2a होगा।
व्यतिकरण होने पर महत्तम आयाम = a1 + a2 = a +2a = 3a
एवं न्यूनतम आयाम = a1 ~ a2 = a ~ 2a = a
MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें 17
प्रश्न 5.
एक स्वरित्र का कम्पन काल \(\frac{1}{512}\) सेकण्ड है। यदि किसी दूसरे स्वरित्र के साथ कम्पित करन पर यह 2 विस्पन्द प्रति सेकण्ड उत्पन्न करता है तो दूसरे स्वरित्र की आवृत्ति ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
स्वरित्र का कम्पन काल =\(\frac{1}{512}\) सेकण्ड
अतः आवृत्ति n1 = \(\frac{1}{T}\) = 512 प्रति सेकण्ड
चूँकि प्रति सेकण्ड विस्पन्दों की संख्या x = n1 ~ n2
अतः n2 =n1 – x या n1 + x
अर्थात् n2 = 512 – 2 = 510 प्रति सेकण्ड
या n2 = 512 + 2 = 514 प्रति सेकण्ड।

प्रश्न 6.
एक सीटी की आवृत्ति 256 ह है। यदि सीटी स्थिर श्रोता की ओर \(\frac{v}{3}\) वेग से गतिशील है (जहाँ ν ध्वनि का वेग है) तो उसकी आभासी आवृत्ति क्या है ?
उत्तर:
n = 256 हज, νs = \(\frac{v}{3}\)
सूत्र \(n^{\prime}=\left(\frac{v}{v-v_{s}}\right) n\) में मान रखने पर,
\(n^{\prime}=\left(\frac{v}{v-\frac{v}{3}}\right) \times 256\)
n’\(\frac{3 v}{2 v}\) = × 256 = \(\frac{3}{2}\) × 256 = 384 होगा।

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 4 समतल में गति

प्रश्न 7.
1 मीटर और 1.01 मीटर तरंगदैर्ध्य की दो ध्वनि तरंगें किसी गैस में 10 सेकण्ड में 40 विस्पन्द उत्पन्न करती हैं। गैस में ध्वनि की चाल ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
10 सेकण्ड में 40 विस्पन्द उत्पन्न होते हैं अतः प्रति सेकण्ड विस्पन्दों की संख्या =\(\frac{40}{10}\) = 4 मानलो गैस में ध्वनि की चाल ν है।
तब प्रथम तरंग की आवृत्ति = ν1 = \(\frac{v}{1}\)
तथा दूसरी तरंग की आवृत्ति = ν2 = \(\frac{v}{1 \cdot 01}\)
अब ν1 – ν2 = 4
\(\frac{v}{1}-\frac{v}{1 \cdot 01}\) = 4
या \(\frac{0 \cdot 01 v}{1 \cdot 01}\) = 4
∴ ν = \(\frac{4 \times 1 \cdot 01}{0 \cdot 01}\)= 404 मीटर/सेकण्ड।

प्रश्न 8.
दो स्वरित्र प्रति सेकण्ड 6 विस्पन्द उत्पन्न करते हैं। एक स्वरित्र की आवृत्ति 288 हर्ट्ज है। अब दूसरे स्वरित्र की भुजा पर थोड़ा-सा मोम लगा देते हैं तो विस्पन्द सुनाई ही नहीं देता है। दूसरे स्वरित्र की आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
मानलो दूसरे स्वरित्र की आवृत्ति n है, तब
n = 288 + 6 या 288 – 6
= 294 या 282 हज
दूसरे स्वरित्र की भुजा पर मोम लगाने पर उसकी आवृत्ति कम होकर 288 हो जायेगी तभी कोई विस्पन्द सुनाई नहीं देगा।
अतःn = 294 होना चाहिए।

प्रश्न 9.
100 सेमी लंबी तनी हुई डोरी में उत्पन्न मूल स्वर की आवृत्ति 200 कम्पन/सेकण्ड है। यदि डोरी की लंबाई 80 सेमी कर दी जाये तथा तनाव चार गुना कर दिया जाये तो नई आवृत्ति क्या होगी?
उत्तर:
प्रश्नानुसार, l1 = 100 सेमी, n1 = 200 कम्पन/सेकण्ड
l2 = 80 सेमी, T2 = 4T1n2 = ?
प्रथम स्थिति में, n1= \(\frac{1}{2 l_{1}} \sqrt{\frac{T_{1}}{m}}\)
तथा द्वितीय स्थिति में, n2 = \(\frac{1}{2 l_{2}} \sqrt{\frac{T_{2}}{m}}\)
अतः \(\frac{n_{2}}{n_{1}}=\frac{l_{1}}{l_{2}} \sqrt{\frac{T_{2}}{T_{1}}}\)
या \(\frac{n_{2}}{200}=\frac{100}{80} \sqrt{\frac{4 T_{1}}{T_{1}}}\)
या n2 = \(\frac{200 \times 100 \times 2}{80}\) = 500 कम्पन/सेकण्ड।

प्रश्न 10.
दो सेतुओं के मध्य समान लंबाई की दो डोरियाँ A तथा B तनी हुई हैं। डोरी B का व्यास उसके पदार्थ का घनत्व तथा उस पर लगने वाला तनाव तीनों ही डोरी A की अपेक्षा दोगुने हैं। A तथा B की आवृत्तियों की तुलना कीजिए।
उत्तर:
मूल स्वर की आवृत्ति n = \(\frac{1}{2 r l} \sqrt{\frac{T}{\pi d}}\)
यदि समान लंबाई की डोरियों A तथा B के लिए आवृत्तियाँ
क्रमश:n1तथा n2 हैं तो n1 = \(\frac{1}{2 l r_{1}} \sqrt{\frac{T_{1}}{\pi d_{1}}}\)
एवं n2 = \(\frac{1}{2 l r_{2}} \sqrt{\frac{T_{2}}{\pi d_{2}}}\)
प्रश्नानुसार, rsub>2 = 2r1,T2 = 2T1 एवं d2 = 2d1
अतः \(\frac{n_{1}}{n_{2}}=\frac{r_{2}}{r_{1}} \sqrt{\frac{T_{1}}{T_{2}} \times \frac{d_{2}}{d_{1}}}\)
\(=\frac{2}{1} \times \sqrt{\frac{1}{2} \times \frac{2}{1}}=\frac{2}{1}\)
∴ n1:n2 = 2:1.

प्रश्न 11.
यदि खुले आर्गन पाइप की मूल आवृत्ति 256 ह है तो इसी लंबाई के बन्द आर्गन पाइप की मूल आवृत्ति क्या होगी?
उत्तर:
l लम्बाई की खुली नली में उत्पन्न मूल स्वर की आवृत्ति n = \(\frac{v}{2 l}\)
समान लंबाई के बन्द सिरे वाली नली में उत्पन्न मूल स्वर की आवृत्ति n’ = \(\frac{v}{4 l}\)
∴ \(\frac{n}{n^{\prime}}=\frac{v / 2 l}{v / 4 l}=\frac{2}{1}\)
प्रश्नानुसार, n = 256 ह अतः n’ = \(\frac{n}{2}=\frac{256}{2}\)
∴ n’ = 128 हट्ज।

प्रश्न 12.
कोई चमगादड़ वायु में 1000 किलो ह आवृत्ति की पराश्रव्य ध्वनि उत्सर्जित करता है। यदि ध्वनि जल के पृष्ठ से टकराती है, तो-
(a) परावर्तित ध्वनि,
(b) पारगमित ध्वनि की तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए। वायु तथा जल में ध्वनि की चाल क्रमशः 340 मीटर/सेकण्ड एवं 1486 मीटर/सेकण्ड है।
उत्तर:
दिया है, आवृत्ति υ = 1000 किलो ह = 106 हों
वायु में ध्वनि का वेग νa = 340 मीटर/सेकण्ड
पानी में ध्वनि का वेग νw = 1486 मीटर/सेकण्ड
(a) परावर्तित तरंगों के लिए माध्यम वायु ही होगा, अतः
सूत्र ν = υλ के अनुसार
λa = \(\frac{v_{a}}{v}=\frac{340}{10^{6}}\)= 3.4 × 10-4 मीटर।

(b) जल में संचरित ध्वनि तरंगों के लिए
सूत्र ν = υλ के अनुसार
λw = \(\frac{v_{w}}{v}\),(माध्यम परिवर्तन से आवृत्ति नियत बना रहता है)
λw = \(\frac{1486}{10^{6}}\) = 1.486 x 10-3 मीटर
≈ 1.49 x 10-3 मीटर।

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 4 समतल में गति

प्रश्न 13.
2.50 किग्रा द्रव्यमान की 20 मी. लंबी तनित डोरी पर 200 न्यूटन बल का तनाव है। यदि इस डोरी के एक सिरे को अनुप्रस्थ लटका दिया जाए तो उत्पन्न विक्षोभ कितने समय में दूसरे सिरे तक पहुँचेगा?
उत्तर:
दिया है, डोरी में तनाव T= 200 न्यूटन
डोरी का द्रव्यमान m = 2.50 किग्रा
डोरी की लम्बाई l = 20 मीटर
डोरी के प्रति इकाई लम्बाई का द्रव्यमान m = \(\frac{N}{l}=\frac{2 \cdot 50}{20}\) = 0.125 किग्रा/मीटर
∴ अनुप्रस्थ तरंग का वेग ν = \(\sqrt{\frac{T}{m}}\)
ν = \(\sqrt{\frac{200}{0 \cdot 125}}=\sqrt{1600}\) = 40 मीटर/सेकण्ड
दूसरे सिरे तक पहुँचने में लगा समय =\(\frac{l}{v}=\frac{20}{40}\) = 0.5 सेकण्ड।

प्रश्न 14.
300 मीटर ऊँची मीनार के शीर्ष से गिराया गया पत्थर मीनार के आधार पर बने तालाब के पानी से टकराता है। यदि वायु में ध्वनि की चाल 340 मी/से है, तो पत्थर के टकराने की ध्वनि मीनार के शीर्ष से पत्थर गिराने के कितनी देर बाद सुनाई देगी ? (g = 9.8 मी/से2)
उत्तर:
दिया है, पत्थर का आरंभिक वेग u = 0
मीनार की ऊँचाई h = 300 मीटर
वायु में ध्वनि का वेग ν = 340 मीटर/सेकण्ड
पत्थर द्वारा मीनार के शीर्ष से तालाब के सतह से टकराने में लिया गया समय = t
h = ut + \(\frac{1}{2}\)gt2
300 = 0 × t+ \(\frac{1}{2}\)× 9.8 t2
या t = \(\sqrt{\frac{2 \times 300}{9.8}}\) = 7.82 सेकण्ड
ध्वनि द्वारा तालाब के सतह से मीनार के शीर्ष तक पहुँचने में लिया गया समय =t’
t’ = \(\frac{300}{340}\) = 0.88 सेकण्ड
कुल समय = t+t’
= 7.82 + 0.88 = 8.70 सेकण्ड।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

सही विकल्प चुनकर लिखिए –

प्रश्न 1.
निम्न आवृत्ति की कौन-सी ध्वनि तरंगें मनुष्य द्वारा सुनी जा सकती हैं-
(a) 5 कम्पन सेकण्ड-1
(b) 500 कम्पन सेकण्ड-1
(c) 27,000 कम्पन सेकण्ड-1
(d) 50,000 कम्पन सेकण्ड-1
उत्तर:
(b) 500 कम्पन सेकण्ड-1

प्रश्न 2.
चन्द्रमा की सतह पर अन्तरिक्ष यात्री अपने साथी की आवाज नहीं सुन सकते हैं क्योंकि-
(a) उत्पन्न आवृत्ति, श्रवण आवृत्तियों से ऊपर की होती है
(b) ध्वनि संचरण के लिये वहाँ कोई माध्यम नहीं है
(c) रात्रि में तापमान बहुत कम और दिन में बहुत अधिक हो जाता है
(d) चन्द्रमा पर और भी बहुत से कारण होते हैं।
उत्तर:
(b) ध्वनि संचरण के लिये वहाँ कोई माध्यम नहीं है

प्रश्न 3.
दो स्रोतों, जिनकी आवृत्तियाँ f1 और f2 हैं, की विस्पन्द आवृत्ति होगी-
(a) \(\sqrt{f_{2}}-\sqrt{f_{1}}\)
(b) f1 – f2
(c) 2(f1 – f2)
(d) \(\sqrt{\left(f_{1}^{2}-f_{2}^{2}\right)}\)
उत्तर:
(b) f1 – f2

प्रश्न 4.
ध्वनि में श्रोता व स्त्रोत के मध्य लगने वाला नियम है-
(a) डॉप्लर का नियम
(b) हाइगेन का नियम
(c) न्यूटन का नियम
(d) गैलीलियो का नियम।
उत्तर:
(a) डॉप्लर का नियम

प्रश्न 5.
दो ध्वनि तरंगों में विस्पन्द के आभास का कारण है-
(a) परावर्तन
(b) अपवर्तन
(c) विवर्तन
(d) व्यतिकरण।
उत्तर:
(d) व्यतिकरण।

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 4 समतल में गति

प्रश्न 6.
जैसे ही एक खाली बर्तन जल से भरा जाता है, उसकी आवृत्ति-
(a) बढ़ती है
(b) कम होती है
(c) वही रहती है
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) बढ़ती है

प्रश्न 7.
तरंग एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाती है-
(a) ऊर्जा
(b) आयाम
(c) तरंगदैर्घ्य
(d) पदार्थ।
उत्तर:
(a) ऊर्जा

प्रश्न 8.
सोनोमीटर के तार में उत्पन्न तरंगें होती हैं-
(a) अनुदैर्ध्य
(b) अनुप्रस्थ, अप्रगामी तथा स्थिर
(c) अनुप्रस्थ, अप्रगामी तथा ध्रुवित
(d) अनुप्रस्थ, प्रगामी तथा ध्रुवित।
उत्तर:
(c) अनुप्रस्थ, अप्रगामी तथा ध्रुवित

प्रश्न 9.
वायु में ध्वनि की चाल 350 मी/से. है। 50 सेमी लम्बे खुले पाइप की मूल आवृत्ति होगी-
(a) 175 हर्ट्ज
(b) 350 हर्ट्ज
(c) 700 हर्ट्ज
(d) 50 हर्ट्ज।
उत्तर:
(b) 350 हर्ट्ज

प्रश्न 10.
y = 0.15 sin 5x cos 300 t एक अप्रगामी तरंग को प्रदर्शित करता है। इस अप्रगामी तरंग का तरंगदैर्घ्य होगा-
(a) शून्य
(b) 1.256 मीटर
(c) 2.512 मीटर
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) 1.256 मीटर

2. सही जोड़ियाँ बनाइए-

खण्ड ‘अ’ खण्ड ‘ब
1. तरंग की चाल (a) \(\sqrt{\frac{\gamma \mathrm{P}}{\mathrm{D}}}\)
2. गैसों में ध्वनि की चाल (b) \(\frac{2 \pi}{\lambda}\) × पथान्तर
3. कलान्तर (c) Sound Navigation and Ranging
4. अध्यारोपण का सिद्धान्त (d) आवृत्ति × तरंगदैर्घ्य
5. सोनार (e) \(\vec{y}=\overrightarrow{y_{1}}+\overrightarrow{y_{2}}+\ldots+\overrightarrow{y_{n}}\)

उत्तर:
1. (d) आवृत्ति × तरंगदैर्घ्य,
2. (a) \(\sqrt{\frac{\gamma \mathrm{P}}{\mathrm{D}}}\),
3. (b) \(\frac{2 \pi}{\lambda}\) × पथान्तर,
4. (e) \(\vec{y}=\overrightarrow{y_{1}}+\overrightarrow{y_{2}}+\ldots+\overrightarrow{y_{n}}\),
5. (c) Sound Navigation and Ranging

3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. ………… तरंगों द्वारा ऊर्जा नहीं ले जाई जाती।
उत्तर:
अप्रगामी

2. यांत्रिक तरंग के संचारित होने पर माध्यम के कण तरंग के चलने की दिशा के अनुदिश कम्पन करते हैं, तो उस तरंग को ………….. तरंग कहते हैं ।
उत्तर:
अनुदैर्ध्य

3. श्रव्यता की सीमा ………….. ह से ………….. ह तक होती है।
उत्तर:
20, 20,000;

4. प्रगामी तरंगों के कलान्तर और पथान्तर में ………….. संबंध होता है।
उत्तर:
कलान्तर = \(\frac{2 \pi}{\lambda}\) पथान्तर

5. जब समान आयाम तथा समान आवृत्ति की दो तरंगें विपरीत दिशा में चलकर अध्यारोपित होती हैं तो ………….. तरंगों का निर्माण होता है।
उत्तर:
अप्रगामी

6. 500 और 512 ह आवृत्ति के दो स्वरित्रों को एक साथ बजाने पर 2 सेकण्ड में ……………………. विस्पंद सुनाई देंगे।
उत्तर:
24

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 4 समतल में गति

7. 0°C पर वायु में ध्वनि का वेग ………….. होता है।
उत्तर:
332 मी/से

8. …………… तरंगें केवल द्रव्यात्मक माध्यम में ही संचरित हो सकती हैं।
उत्तर:
यांत्रिक

9. ………….. तरंगों के संचरण के लिए द्रव्यात्मक माध्यम की उपस्थिति आवश्यक नहीं होती।
उत्तर:
विद्युत्-चुम्बकीय

10. अनुप्रस्थ तरंग में किन्हीं दो क्रमागत शृंगों अथवा गर्तों के बीच की दूरी ……….. के बराबर होती है।
उत्तर:
तरंगदैर्घ्य

11. एक ………….. के पश्चात् किसी कण के कम्पन की कला वही हो जाती है जो उस कण की प्रारम्भ में थी।
उत्तर:
आवर्तकाल

4. सत्य/असत्य बताइए-

1. दो ध्वनि श्रोत यदि लम्बवत् दिशा में गति कर रहे हैं तो डॉप्लर प्रभाव लागू होगा।
उत्तर:
असत्य

2. यान्त्रिक तरंगों द्वारा ऊर्जा का संचरण माध्यम के दो गुणों-प्रत्यास्थता तथा जड़त्व के कारण ही संभव होता है।
उत्तर:
सत्य

3. ध्वनि तरंगों का वायु में संचरण एक समतापीय परिवर्तन है।
उत्तर:
असत्य

4. यदि ध्वनि श्रोत अथवा श्रोता का वेग, ध्वनि के वेग से अधिक है तो डॉप्लर प्रभाव लागू नहीं होता है।
उत्तर:
सत्य

5. आर्द्र वायु में ध्वनि की चाल शुष्क वायु में ध्वनि की चाल से कम होती है।
उत्तर:
असत्य

6. अप्रगामी तरंग में वे बिन्दु जहाँ महत्तम विस्थापन और न्यूनतम दाब परिवर्तन होता है प्रस्पंद
कहलाता है।
उत्तर:
सत्य

MP Board Class 11th Physics Important Questions Chapter 4 समतल में गति

7. एक व्यक्ति स्थिर खड़ा है तथा एक कार तेज गति से उसकी ओर आ रही है। व्यक्ति द्वारा सुने गये हार्न की ध्वनि की आवृत्ति वास्तविक आवृत्ति से कम होगी।
उत्तर:
असत्य

8. अप्रगामी तरंगों द्वारा ऊर्जा नहीं ले जायी जाती है।
उत्तर:
सत्य

9. विस्पन्द तभी उत्पन्न होता है जब दोनों ध्वनि स्रोतों की आवृत्तियाँ लगभग समान हों।
उत्तर:
सत्य

10. एक अनुनादित वायु स्तम्भ में सदैव अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें उत्पन्न होती हैं।
उत्तर:
असत्य

11. किसी वस्तु के कम्पन की वे सभी आवृत्तियाँ जो उसकी मूल आवृत्ति से अधिक होती हैं, अधिस्वरक आवृत्तियाँ कहलाती हैं।
उत्तर:
असत्य

12. खानों में खतरनाक गैसों का पता लगाने के लिये व्यतिकरण का उपयोग किया जाता है।
उत्तर:
असत्य

13. ब्रम्हांड के प्रसार का पता प्रकाश के डॉप्लर प्रभाव से चलता है।
उत्तर:
सत्य