MP Board Class 9th Special Hindi Sahayak Vachan Solutions Chapter 6 सिपाही का पत्र

MP Board Class 9th Special Hindi सहायक वाचन Solutions Chapter 6 सिपाही का पत्र (कविता, शिवमंगल सिंह ‘सुमन’)

सिपाही का पत्र अभ्यास

बोध प्रश्न

प्रश्न 1.
सिपाही ने अपना पत्र किसको सम्बोधित करते हुए लिखा है?
उत्तर:
सिपाही ने अपना पत्र देशवासियों को सम्बोधित करते हुए लिखा है।

प्रश्न 2.
पंचायत का रेडियो किसका सहारा है?
उत्तर:
पंचायत का रेडियो सैनिक की माता का सहारा है।

प्रश्न 3.
सिपाही अपना पत्र कहाँ से लिख रहा है?
उत्तर:
सिपाही अपना पत्र गंगा, यमुना और ब्रहापुत्र के मुहाने से लिख रहा है। वह वहाँ अपने देश की सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात है।

प्रश्न 4.
सिपाही युद्ध को राम-राज के रूप में क्यों स्वीकार करता है?
उत्तर:
सिपाही युद्ध को राम-राज के रूप के रूप में इसलिए स्वीकार करता है क्योंकि वह जीवन मूल्यों तथा मानवता की रक्षा के लिए लड़ रहा है। उसका मानना है कि राम-काज की सिद्धि में यदि यह क्षणभंगुर शरीर चला भी जाए तो यह पुण्य का काम होगा।

प्रश्न 5.
अपनी माँ को विश्वास दिलाते हुए सिपाही क्या कहता है?
उत्तर:
अपनी माँ को विश्वास दिलाते हुए सिपाही कहता है कि हे माँ! तू धीरज मत खो। मेरे सिर पर तुम्हारे आशीषों की छाया है। मैं तुम्हारा ही नाम ले लेकर इन नरभक्षी दुष्टों से उलझ रहा हूँ। मैं तेरे दूध की शपथ खाकर कहता हूँ कि मैं वीरमाताओं के यश को कलंकित नहीं करूँगा और इन शत्रुओं को छठी का दूध याद दिला दूंगा। मैं जब भी युद्ध क्षेत्र से विजय प्राप्त कर लौहँगा तो अपने माथे पर तेरी चरणरज लगा-लगाकर आनन्दित हो उलूंगा। मैं किसी भी दशा में तेरी कोख को कलंकित नहीं होने दूंगा।

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प्रश्न 6.
सिपाही अपने बच्चों को क्या सिखाना चाहता है?
उत्तर:
सिपाही अपने बच्चों को यह सिखाना चाहता है कि वे अपने पिता की भाँति देशभक्त एवं कर्त्तव्यपरायण व्यक्ति बनें। नन्हें-मुन्ने आग से खेलना सीखें। वह उन बच्चों को वीरता, धैर्य एवं आत्म बलिदान का पाठ पढ़ाना चाहता है।

प्रश्न 7.
“ऐसा सौभाग्य बड़ी मुश्किल से मिलता है।”-इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ऐसा सौभाग्य बड़ी मुश्किल से मिलता है-यह कथन कवि ने मातृभूमि की सुरक्षा में तैनात सिपाही की आन्तरिक भावनाओं को व्यक्त किया है। सिपाही का कथन है कि वह अपनी मातृभूमि की आजादी की सुरक्षा के लिए बलिदान होने का इच्छुक है। मातृभूमि उसकी माँ है और वह उसका पुत्र है।

सिपाही का कथन है कि देश की सेवा के लिए समर्पण करने का अवसर सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही मिलता है। वह अपने बलिदान को कभी भी कलंकित नहीं होने देगा।

प्रश्न 8.
सिपाही अपनी उदास पत्नी के प्रति क्या भावना व्यक्त करता है?
उत्तर:
सिपाही अपनी उदास पत्नी के प्रति इस प्रकार की भावना व्यक्त करता है-“मुझे ऐसा लग रहा है कि तुम बहुत दुर्बल हो रही हो। बार-बार हिचकी भरती हुई एवं पीपल के पत्ते के समान झकझोरी-सी लग रही हो।

मुझे यह कदापि उम्मीद नहीं थी कि तुम अपने मन में कायरता के भाव उत्पन्न करोगी। इस मंगलमय बेला में चण्डी का द्वार खोल उपासना में जुट जाओ। यह अकेला मेरा प्रश्न नहीं है यह तो राष्ट्र की सुरक्षा का प्रश्न है। देश पर संकट आया हुआ है, ऐसे में देश हितार्थ अपना-अपना उत्सर्ग करने की सबमें होड़ लगी हुई है। तुम धैर्य धारण करो, अपनी सन्तानों को कर्तव्य निष्ठा एवं देश प्रेम का पाठ पढ़ाओ। बलिदान ही मानव का गौरव है। मातृभूमि स्वर्ग से बढ़कर है।

प्रश्न 9.
इस कविता के आधार पर युद्ध क्षेत्र का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
सीमा पार से शत्रु सेना ने देश पर आक्रमण कर दिया है। देश के वीर सैनिक सीमाओं की रक्षा के लिए बहुत ऊँचे दुर्गम पर्वतों पर अपनी जान की बाजी लगाकर शत्रु से संघर्ष कर रहे हैं। देश के सैनिकों का एकमात्र लक्ष्य अपने देश की सुरक्षा करना है। वे सरहदों पर रहकर न माँ की चिन्ता करते हैं, न पत्नी की और न बच्चों की। वे तो देश की रक्षा हेतु अपने प्राणों को बलिदान करने को तैयार हैं। वे यह मानते हैं कि युद्ध क्षेत्र में बलिदान देने से भारत माता की अनुपम सेवा होगी।

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