MP Board Class 10th Hindi Vasanti Solutions Chapter 8 अशोक का हृदय-परिवर्तन

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MP Board Class 10th Hindi Vasanti Solutions Chapter 8 अशोक का हृदय-परिवर्तन (यशपाल)

अशोक का हृदय-परिवर्तन पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

अशोक का हृदय-परिवर्तन लघु-उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कलिंग की महारानी कौन थी? वह जंजीरों से किसे बाँधना चाहती थी?
उत्तर-
कलिंग की महारानी अमिता थी। वह जंजीरों से सम्राट अशोक को बाँधना चाहती थी।

प्रश्न 2.
सम्राट अशोक के सेनापति का नाम क्या था? उसने सम्राट से क्या कहा?
उत्तर-
अशोक के सेनापति का नाम गोपाल था। उसने सम्राट से कहा कि “सम्राट अभयदान दें। प्रसाद में भय है। सम्राट प्रतीक्षा करें।”

प्रश्न 3.
अशोक क्या प्राप्त करना चाहते थे?
उत्तर-
अशोक कलिंग का सिंहासन प्राप्त करना चाहते थे।

प्रश्न 4. अशोक की राजसिंहासन.की इच्छा सुनकर अमिता सोच में क्यों पड़ गई?
उत्तर-
अशोक की राजसिंहासन की इच्छा सुनकर अमिता इसलिए सोच में पड़ गई कि इतना बड़ा सम्राट होकर भी कितना बड़ा स्वार्थी और निर्लज है।

प्रश्न 5.
अमिता के किस उत्तर ने अशोक का हृदय परिवर्तित कर दिया।
उत्तर-
“अच्छा, तुम माँगते हो तो ले जाओ।” क्या तुम्हारे पास सिंहासन नहीं है?… अच्छा, तुम इसे ले जाओ, हम दूसरा ले लेंगे। अमिता के इस उत्तर ने अशोक का हृदय परिवर्तित कर दिया।

अशोक का हृदय-परिवर्तन दीर्घ-उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अशोक के बारे में अमिता के क्या विचार थे?
उत्तर-
अशोक के बारे में अमिता के विचार थे-अशोक दुष्ट है। अशोक प्रजा से छीनता है। प्रजा को डराता है। प्रजा को मारता है।।

प्रश्न 2.
अमिता ने धन की ओर संकेत करते हुए अशोक से क्या कहा?
उत्तर-
अमिता ने धन की ओर संकेत करते हुए अशोक से कहा, “बोलो, तुम्हें क्या चाहिए? फल चाहिए, मिष्ठान चाहिए या खिलौने चाहिए। जो चाहिए लो। यहाँ सब कुछ है। हम तुम्हें सब कुछ देंगे। तुम किसी से छीनो मत। किसी को डराओ मत। किसी को मारो मत। तुम्हें क्या चाहिए बोलो।”

प्रश्न 3.
अमिता ने अशोक को क्या आदेश दिया?
उत्तर-
अमिता ने अशोक को आदेश दिया कि किसी से छीनो मत। किसी को डराओ मत। किसी को मारो मत।

प्रश्न 4.
अशोक ने क्या प्रतिज्ञा की?
उत्तर-
अशोक ने प्रतिज्ञा की कि वह किसी से छीनेगा नहीं, किसी को डराएगा नहीं किसी को मारेगा नहीं। वह हिंसा और युद्ध से विजय की कामना नहीं करेगा। वह कलिंग की विजयी महारानी की भाँति निश्छल प्रेम से संसार के हृदयों पर विजय करेगा।

प्रश्न 5.
सम्राट अशोक के चरित्र की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
सम्राट अशोक के चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
1. वह परम वीर और परमयोद्धा था।
2. वह गुणग्राही था।
3. वह स्त्री का सम्मानकर्ता था।
4. वह विनम्र और उदार था।
5. वह दृढ़ निश्चयी था।

अशोक का हृदय-परिवर्तन भाषा-अनुशीलन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
उत्तर-
MP Board Class 10th Hindi Vasanti Solutions Chapter 8 अशोक का हृदय-परिवर्तन img-1

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिएस्वीकृति, विजय, भय, प्रवेश।
उत्तर-
MP Board Class 10th Hindi Vasanti Solutions Chapter 8 अशोक का हृदय-परिवर्तन img-2

प्रश्न 3.
संधि-विच्छेद कर प्रकार बताइए
निश्चल, निरुत्तर, सम्मोहन, अहंकार
उत्तर-
MP Board Class 10th Hindi Vasanti Solutions Chapter 8 अशोक का हृदय-परिवर्तन img-3

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में से तत्सम् और तद्भव शब्द छाँटिएस्नेह, पत्थर, अप्रतिम, निर्वाक, पाषाण, पूँछ, गज, निषेध, धर्म, दर्प।
उत्तर-
तत्सम शब्द-स्नेह, अप्रतिम, निर्वाक, पाषाण, निषेध तद्भव शब्द-पत्थर, पूँछ, गज, धर्म, दर्प

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखिए
जिसे जीता न जा सके, जिसे कोई शोक न हो, कठिनाई से दमन करने योग्य, चारों ओर से ढका हुआ।
उत्तर-
MP Board Class 10th Hindi Vasanti Solutions Chapter 8 अशोक का हृदय-परिवर्तन img-4
प्रश्न 6.
नीचे दिए वाक्यों को ध्यान से पढ़िए और निर्देशानुसार परिवर्तन कीजिए-
(क) मगध सेनापति गोपाल सतर्क हो गया वह अपने सैनिकों को द्वार पर छोड़ उलटे पाँव लौट पड़ा। (संयुक्त वाक्य में)
(ख) अशोक ने पुकार सुनी। वह विस्मय से मौन खड़ा हो गया। (मिश्र वाक्य में)
(ग) कलिंग की महारानी सम्राट अशोक बँध गया और वह तुम्हारा बंदी है। (सरल वाक्य में)
उत्तर-
(क) मगध सेनापति गोपाल सतर्क हो गया और वह अपने सैनिकों को द्वार पर छोड़ उलटे पाँव लौट पड़ा।
(ख) अशोक की पुकार सुनकर विस्मय से मौन खड़ा हो गया।
(ग) कलिंग की महारानी से सम्राट अशोक बँध गया। वह तुम्हारा बंदी है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित वाक्यों के प्रकार लिखिए
(क) क्या अभी कलिंग की रानी का अहंकार शेष है?
(ख) अशोक किसी से छीनेगा नहीं।
(ग) सम्राट अभयदान नहीं दें।
(घ) यदि किसी को मारोगे तो हम तुम्हें बभ्र की भाँति बाँधकर रखेंगे।
उत्तर-
(क) प्रश्नवाचक वाक्य,
(ख) सरल वाक्य,
(ग) नकारात्मक वाक्य,
(घ) आज्ञासूचक वाक्य,
(ङ) शर्तसूचक वाक्य।

अशोक का हृदय-परिवर्तन योग्यता-विस्तार

प्रश्न 1.
अपने देश के प्रसिद्ध शासकों के नाम लिखिए तथा यथासंभव उनके चित्र एकत्रित कीजिए।
प्रश्न 2.
हृदय परिवर्तित करने वाली अन्य घटनाएँ पढ़िए और कक्षा में सुनाइए।
उत्तर-
उपर्युक्त प्रश्नों का छात्र/छात्रा अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से हल करें।

अशोक का हृदय-परिवर्तन परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

अशोक का हृदय-परिवर्तन अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘अशोक का हृदय-परिवर्तन’ का केंद्रीय भाव लिखिए।
उत्तर-
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखे गए इस उपन्यास में कलिंग विजय के उन्माद से ग्रस्त सम्राट अशोक की हिंसक वृत्ति को दर्शाया गया है। बालिका द्वारा किए गए अबोध तथा मर्मस्पर्शी प्रश्न अशोक को उद्वेलित कर देते हैं जिससे अंततः वह अहिंसक . होने का संकल्प लेता है। कलिंग की रानी अमिता की सरलता सम्राट अशोक का हृदय परिवर्तन कर देती है।

प्रश्न 2.
अशोक ने तिरस्कार के स्वर में क्या प्रश्न किया?
उत्तर-
अशोक ने तिरस्कार के स्वर में प्रश्न किया- “क्या अभी कलिंग की रानी का अहंकार शेष है? अजेय अशोक ऐसी दुस्साहसी रानी का दर्प अपने पाँव तले रौंद कर चूर्ण करेगा।”

प्रश्न 3.
अमिता ने खिन्नतापूर्वक अशोक से क्या कहा?
उत्तर-
अमिता ने खिन्नतापूर्वक अशोक से कहा, “तुम हमारा आदेश नहीं मानोगे? हमारा आदेश सबको मानना चाहिए। हम कलिंग की राजेश्वरी हैं। हम प्रजा की माता हैं। तुम हमारे साथ आओ, हम अशोक को बाँधकर लाएँ!”

2. रिक्त स्थानों की पूर्ति दिए गए विकल्पों में से चुनकर कीजिए।
1. अशोक ………. का सम्राट था। (कलिंग, मगध)
2. अमिता कलिंग की ……………. थी। (राजकुमारी, महारानी)
3. अशोक का हृदय-परिवर्तन के लेखक हैं। (उपेंद्रनाथ ‘अश्क’, यशपाल)
4. अमिता ने कहा कि अशोक …………… है। (नीच, दुष्ट)
5. अशोक ने झुककर अमिता को ………….. में उठा लिया। (बाहों, गोद)
उत्तर-
1. मगध,
2. महारानी,
3. यशपाल,
4. दुष्ट,
5. गोद।

प्रश्न 3.
दिए गए कथनों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. यशपाल का बहुचर्चित उपन्यास है-
1. दीवारें,
2. पर्दे की रानी,
3. कामदेव,
4. दादा कॉमरेड।
उत्तर-
4. दादा कॉमरेड,

2. यशपाल का जन्म हुआ था-
1. 1903 में,
2. 1900 में,
3. 1902 में,
4. 1901 में।
उत्तर-
1. 1903 में,

3. यशपाल के साहित्य में चित्रण है-
1. मध्यवर्गीय,
2. निम्नवर्गीय,
3. निम्नमध्यवर्गीय,
4. उच्चवर्गीय।
उत्तर-
1. मध्यवर्गीय,

4. अशोक ने विजय प्राप्त की थी-
1. मगध पर,
2. उज्जैन पर,
3. पाटलीपुत्र पर,
4. कलिंग पर।
उत्तर-
4. कलिंग पर।

5. यशपाल का निधन हुआ
1. 1980 में,
2. 1976 में,
3. 1990 में,
4. 1986 में।
उत्तर-
2. 1976 में,

प्रश्न 4.
सही जोड़े मिलाइए-
पर्दे की रानी – कबीरदास
गोदान – ‘निराला’
सूरसागर – प्रेमचंद्र
जूही की कली – सूरदास
सबद – उपेंद्रनाथ ‘अश्क’।
उत्तर-
पर्दे की रानी – उपेंद्रनाथ ‘अश्क’
गोदान – प्रेमचंद
सूरसागर – सूरदास
जूही की कली – ‘निराला’
सबद – कबीरदास।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य? वाक्य के आगे लिखिए।
1. सैनिकों के सबसे पहले दल के साथ सेनापति गोपाल था।
2. मगध के सैनिकों ने जयघोष किया।
3. सैनिकों ने पूछा, “तुम कौन हो?”
4. अमिता ने कहा, “हमें कलिंग का सिंहासन चाहिए।”
5. अशोक ने अमिता को आदेश दिया।
उत्तर-
1. सत्य,
2. सत्य,
3. असत्य,
4. असत्य,
5. असत्य।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित कथनों के उत्तर एक शब्द में दीजिए-
1. अशोक का सेनापित कौन था?
2. “अजेय सम्राट अशोक के लिए भय है?” यह किसने कहा?
3. “देवानां प्रिय मगध सम्राट की जय।” यह किसने जयघोष किया?
4. “तुम कलिंग की महारानी हो?” किसने पूछा?।
5. “किसी से छीनो मत। किसी को डराओ मत। किसी को मारो मत।” यह किसका आदेश था?
उत्तर-
1. गोपा,
2. अशोक ने,
3. मगध के सैनिकों ने,
4. अशोक ने,
5. अमिता का

अशोक का हृदय-परिवर्तन लघु-उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अमिता कौन थी?
उत्तर-
अमिता कलिंग की महारानी थी।

प्रश्न 2.
गोपाल ने छत से क्या सुना?
उत्तर-
गोपाल ने छत से सुना”महारानी जंजीर लेकर अशोक को बाँधने जा रही है।”

प्रश्न 3.
अशोक ने अपनी पराजय स्वीकारते क्या कहा?
उत्तर-
अशोक ने अपनी पराजय स्वीकारते हुए कहा

“कलिंग की महारानी सम्राट अशोक हार गया। तुमने विजय पायी। तुम अशोक को बाँधने जा रही थी।”

प्रश्न 4.
अमिता ने अशोक को चेतावनी देते हुए क्या कहा?
उत्तर-
अमिता ने अशोक को चेतावनी देते हुए कहा, “यदि तुम पुनः किसी से छीनोगे, किसी को डराओगे, किसी को मारोगे तो हम तुम्हें बभ्रु की भाँति बाँधकर रखेंगे।”

अशोक का हृदय-परिवर्तन कवि-परिचय

जीवन-परिचय-प्रसिद्ध कहानीकार यशपाल का जन्म सन् 1903 में फिरोजपुर छावनी-(पंजाब) में हुआ था। उनकी आरंभिक शिक्षा-दीक्षा गाँव में हुई थी। उन्होंने लाहौर के नेशनल कॉलेज से बी.ए. किया। कॉलेज शिक्षा के दौरान ही उनका परिचय क्रांतिकारी सरदार भगतसिंह और सुखदेव से हुआ और वे क्रांतिकारी बन गए। राजनीतिक कार्यों में सक्रिय भाग लेने लगे। वे मार्क्सवाद से प्रभावित थे। सन् 1976 ई. आपका देहांत हो गया।

साहित्यिक-परिचय-यशपाल के कथा-साहित्य में जीवन के यथार्थ का चित्रण दिखाई देता है। उन्होंने सामाजिक, आर्थिक रूढ़ियों पर तीखे व्यंग्य किए। उनका मार्क्सवादी दृष्टिकोण उनके साहित्य में दिखाई देता है। उनकी दृष्टि में समाज को उन्नत बनाने के लिए सामाजिक समानता के साथ आर्थिक समानता भी परम आवश्यक है। पात्रों के चरित्र-चित्रण में उन्होंने मनोवैज्ञानिकता को अपनाया, इसलिए कहानियों में स्वाभाविक और सजीवता आ गई।

रचनाएँ-उपन्यास-देशद्रोही, पार्टी कॉमरेड, दादा कॉमरेड, दिव्या, मनुष्य के रूप, झूठ सच आदि।

कहानी-संग्रह-ज्ञानदान, तर्क का तूफान, पिंजड़े की उड़ान, वो दुनिया, फूलों का कुर्ता, धर्म, युद्ध, उत्तराधिकारी आदि।

निबंध-संग्रह-चक्कर क्लब, बात-बात में बात, न्याय का संघर्ष। यात्रा-वृत्तांत-राह-बीती, लोहे की दीवारों के दोनों ओर। आत्मकथा-सिंहावलोकन (तीन भागों में)।

भाषा-शैली-उनकी कहानियों की भाषा-शैली में स्वाभाविकता दिखाई देती है। हिंदी, उर्दू तथा अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग भी अपने साहित्य में बिना झिझक किया है। मुहावरों ने भाषा को अलंकृत किया है। आपकी शैली प्रसाद गुण संपन्न है।

साहित्य में स्थान-यशपाल का साहित्य संपन्न साहित्य है। उनके साहित्य में विविधता है। इस प्रकार की रचनाओं से हिंदी साहित्य की श्रीवृद्धि हुई है। इसके साथ ही आने वाली पीढ़ी इससे लाभान्वित होकर लेखन-क्षेत्र में समर्थ हुई है। इस आधार पर यशपाल निःसंदेह एक महान साहित्यकार के रूप में प्रतिष्ठित-स्थापित हैं।

अशोक का हृदय-परिवर्तन पाठ का सारांश

‘अशोक का हृदय-परिवर्तन’ प्रस्तुत पाठ में महान हिंदू सम्राट अशोक द्वारा किए गए ऐतिहासिक कलिंग युद्ध के विजय का उल्लेख है। इसके साथ ही उस कलिंग युद्ध में प्राप्त हुई विजय ने अशोक के हृदय में कैसी सनक भर दी और वह पूर्वापेक्षा कितना अधिक हिंसक वृत्ति का बन गया, इसका भी उल्लेख यहाँ किया गया है। इस स्थिति में अशोक को देखकर एक अबोध बालिका उससे जो अबोध और हृदय छू लेने वाले प्रश्न करती है, उससे वह विचलित होकर गंभीर सोच में डूब जाता है। फिर वह अपनी हिंसक वृत्ति का परित्याग कर लेने का दृढ़ संकल्प ले लेता है। इस प्रकार कलिंग की रानी की सरलता, सहजता, सरसता, निश्छलता और स्पष्टता से अशोक का हृदय-परिवर्तन अहिंसक रूप में हो जाता है।

अशोक का हृदय-परिवर्तन संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

1. मगध का सम्राट निश्चल, निर्वाक था। सोने मढ़े लोहे के कवच से आवृत्त उसका पाषाण हृदय, जो एक लाख से अधिक सैनिकों के रक्त से न भीग सका था, छलछला गया। सम्राट ने अपने हाथ में थमा खड्ग भूमि पर डाल दिया। उसने झुककर अमिता को गोद में उठा लिया।

शब्दार्थ-सम्राट राजा। निश्चल-स्थिर, अटल। निर्वाक-मौन। आवृत्त=ढका हुआ। पाषाणपत्थर, कठोर। रक्त खून। खड्ग तलवार।।

संदर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिंदी सामान्य’ में संकलित यशपाल लिखित ‘अशोक का हृदय-परिवर्तन’ पाठ से है।

प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने कलिंग की रानी अमिता की उदारतापूर्ण बातों से सम्राट अशोक के प्रभावित होने का उल्लेख करते हुए कहा है कि

व्याख्या-कलिंग की रानी अमिता ने सम्राट अशोक को उदार होने की सीख देते हुए उसे अपनी सब कुछ धन-वैभव देने के लिए कहा तो उसे सुनकर वह चुप हो गया। वह वहाँ से टसमस नहीं हुआ। वह कुछ बोल न सका। उसका स्वर्ण जड़ित और लोहे के कवच से ढका हुआ पत्थर पिघलने लगा, जो लाखों सैनिकों को मौत के घाट उतारने पर नहीं पिघला था। इस दशा को प्राप्त करके उसने हाथ में लिए तलवार को जमीन पर आत्मसमर्पण की भावना से रख दिया। इसके बाद उसने झुक करके कलिंग की बालिका रानी अमिता को प्रेम-पूर्वक अपनी गोद में ले लिया।

विशेष-
1. सम्राट अशोक के हृदय-परिवर्तन का उल्लेख है।
2. तत्सम शब्दों की प्रधानता है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अमिता की बातों से अशोक पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
अमिता की बातों से अशोक का हृदय-परिवर्तन हो गया।

विषय-वस्तु पर आधारित बोध प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
उपर्युक्त गद्यांश का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
उपर्युक्त गद्यांश में कलिंग की रानी अमिता की उदारपूर्ण बातों से सम्राट अशोक के हृदय-परिवर्तन का उल्लेख है। इसके माध्यम से सरलता, सहजता, निःस्वार्थता और दयालुता से कठोरता, निर्ममता, स्वार्थपरता और पशता से पराजित होने के सष्ट स्वरूप को सामने लाने का प्रयास किया गया है।

2. “सम्राट अशोक प्रतिज्ञा करता है, वह किसी से छिनेगा नहीं, किसी को डराएगा नहीं, किसी को मारेगा नहीं। अब अशोक हिंसा और युद्ध से विजय की कामना नहीं करेगा। वह कलिंग की विजयी महारानी की भाँति निश्छल प्रेम से संसार के हृदयों को विजय करेगा।”

शब्दार्थ-हिंसा मारकाट, हाय-हत्या। कामना इच्छा। निश्छल पवित्र, शुद्ध।

संदर्भ-पूर्ववत्।

प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने कलिंग की महारानी अमिता के द्वारा दिए गए उच्च विचारों से सम्राट अशोक प्रभावित होकर क्या दृढ़ संकल्प करता है। इसका उल्लेख करते हुए कहा है कि

व्याख्या-कलिंग की महारानी अमिता सम्राट अशोक को स्पष्ट रूप से कहा कि यदि वह फिर कभी किसी से कुछ छिनेगा, किसी को डराएगा और किसी को मारेगा तो वह प्रभु के समान अपने पास बाँधकर रख लेगी। इसे सुनकर सम्राट अशोक ने प्रतिज्ञा की कि वह आज के बाद किसी से कुछ भी नहीं छिनेगा। वह किसी को न डराएगा-धमकाएगा और न किसी को मारेगा-पीटेगा इस प्रकार वह किसी प्रकार की हिंसा से दूर रहेगा। फिर युद्ध का तो नाम ही नहीं लेगा। इसके साथ ही वह भी दृढ़ प्रतिज्ञा करता है। कि आज से वह कलिंग की विजयी महारानी की तरह पवित्र प्रेम से संसार के लोगों के दिलों को जीत लेगा।

विशेष-
1. प्रस्तुत अंश भाववर्द्धक है।
2. वाक्य-गठन अर्थपूर्ण है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
उपर्युक्त गद्यांश में क्या उल्लेख किया गया है?
उत्तर-
उपर्युक्त गद्यांश में सम्राट अशोक की दृढ़ प्रतिज्ञा का उल्लेख किया गया है।

विषय-वस्तु पर आधारित बोध प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश का आशय लिखिए। .
उत्तर-
उपर्युक्त गद्यांश में सम्राट अशोक के संकल्पों का उल्लेख किया गया है। इसके द्वारा लेखक ने यह स्पष्ट करना चाहा है कि त्यागशीलता, उदारता, परोपकारिता और दया-दयालुता के भावों के सामने कठोर हृदय झुककर निश्छल प्रेम की धारा से संसार के लोगों को शांति और सुख पहुँचाने के लिए कमर कस लेता है।