MP Board Class 9th Special Hindi भाषा-बोध

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1. उपसर्ग – प्रत्यय

(क) उपसर्ग –
उपसर्ग वे शब्दांश होते हैं जो यौगिक शब्द बनाते समय पहले प्रयुक्त होते हैं,
जैसे –
अनु + भव = अनुभव।

(ख) प्रत्यय –
प्रत्यय वे शब्दांश होते हैं जिन्हें यौगिक शब्द बनाते समय बाद में प्रयुक्त किया जाता है। बाद में जुड़कर अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं,
जैसे –
मूर्ख + ता = मूर्खता।

(क) उपसर्ग

1. संस्कृत के उपसर्ग
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2. हिन्दी के उपसर्ग
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3. उर्दू – फारसी के उपसर्ग
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(ख) प्रत्यय प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं –

  • कृत् प्रत्यय,
  • तद्धित प्रत्यय।

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(1) कृत प्रत्यय – कृत् प्रत्यय क्रिया के धातु रूप में जुड़ते हैं, जैसे – कृपा + आलु = कृपालु।
इसके पाँच भेद होते हैं –

  • कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय,
  • कर्मवाचक कृत् प्रत्यय,
  • करणवाचक कृत् प्रत्यय,
  • भाववाचक कृत् प्रत्यय,
  • क्रियार्थक कृत् प्रत्यय।

(2) तद्धित प्रत्यय – जिन शब्दांशों का प्रयोग संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण या अव्यय शब्दों के अन्त में किया जाता है उन्हें तद्धित प्रत्यय कहते हैं। जैसे – लोहा से लोहार, सोना से सुनार, पंजाब से पंजाबी आदि।

तद्धित प्रत्यय के भेद निम्नलिखित हैं –

  • अपत्यवाचक तद्धित प्रत्यय,
  • सम्बन्धवाचक तद्धित प्रत्यय,
  • भाववाचक तद्धित प्रत्यय,
  • कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय,
  • लघुतावाचक तद्धित प्रत्यय,
  • क्रमवाचक तद्धित प्रत्यय,
  • गुणवाचक तद्धित प्रत्यय,
  • स्त्रीलिंग वाचक तद्धित प्रत्यय,
  • बहुवचन तद्धित प्रत्यय।

प्रत्यय – प्रत्यय युक्त शब्द

  • हार – पालनहार, हौनहार।
  • वाला – रखवाला। क पालक, चालक।
  • औना – खिलौना।
  • हुआ – लिखा हुआ।
  • अन – बेलन।
  • नी – कतरनी।
  • आवट – लिखावट।
  • इय – कौन्तेय, राधेय।
  • ई – लिखाई, पढ़ई, गुजराती।
  • आल – ननिहाल।
  • इक – धार्मिक।
  • आहट – कड़वाहट।
  • ता – सुन्दरता।
  • त्व – लघुत्व।
  • पन – बचपन।
  • एरा – चचेरा, ममेरा।
  • ड़ा, री – बछड़ा कोठरी।
  • वाँ – पाँचवाँ।
  • सरा – दूसरा।
  • री – आखिरी
  • आ – सूखा, भूखा।
  • ऊ – बाजारू
  • वी – मेधावी।
  • आलु – दयालु।
  • एँ – वस्तुएँ, कन्याएँ।
  • याँ – लड़कियाँ, चिड़ियाँ।

प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
उपसर्ग और प्रत्यय में क्या अन्तर है?
उत्तर-
उपसर्ग – वे शब्दांश हैं जो किसी शब्द से पूर्व जोड़ दिए जाते हैं और नये शब्द का निर्माण होता है,
जैसे –
सु (उपसर्ग) + गम (शब्द) = सुगम।

प्रत्यय – वे शब्दांश हैं जो किसी शब्द के अन्त में जोड़े जाने पर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, जैसे = मीठा + आई = मिठाई।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित सारणी में दिए गये उपसर्ग और शब्द के मेल से नया शब्द बनाइए-
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उत्तर-
उपकार, कुमार्ग, सहपाठी, प्रतिरोध, अनुराग, आकार, पराक्रम, अपराध, निर्मल, प्रहार।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित में उपसर्ग और शब्दांश अलगअलग कीजिए। प्रतिकार, अपराध, आकृति, प्रयत्न, अचल, अभिमान, दुर्लभ, उपनाम, अधमरा, प्रवचन।
उत्तर-
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प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रत्ययों के योग से दो – दो सार्थक शब्द बनाइए वान, आई, नी, आव, ईला, वाला, शील।
उत्तर-
धनवान, बलवान। लड़ाई, भलाई। चोरनी, लेखनी। पड़ाव, घुमाव। चमकीला, रसीला। पानी – वाला, गाड़ीवाला। सुशील दुश्शील।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय पृथक् कीजिए
उपजाऊ, कमाई, बचपन, सुन्दरता, गवैया, दिखावट, मिठास, कलाकार, दयालु, लिखना।
उत्तर-
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2. तत्सम तद्भव शब्द

तत्सम शब्द – वे शब्द जो संस्कृत से अपरिवर्तित रूप में ग्रहण किये गये हैं और उनमें संस्कृत प्रत्यय जोड़े गए हैं, तत्सम कहलाते हैं। जैसे – कण्टक, धैर्य आदि।
तद्भव शब्द – संस्कृत के वे शब्द जो प्राकृत, अपभ्रंश तथा पुरानी हिन्दी से परिवर्तित हो गए हैं, उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं। जैसे – काम, काँटा, साँप आदि।

  • तत्सम – तद्भव
  • अक्षि – आँख
  • अज्ञान – अजान
  • उलूक – বুলু
  • कोकिल – कोयल
  • कृषक – किसान
  • कदली – केला
  • कर्पट – कपड़ा
  • कार्तिक – कातिक
  • अग्नि – आग
  • उच्च – ऊँचा
  • अमूल्य – अमोल
  • अंक – आंक
  • अनार्य – अनाड़ी
  • अन्न – अनाज
  • आलस्य – आलस
  • उल्लास – हुलास
  • कंटक – काँटा
  • कर्पूर – कपूर
  • कार्य – काज
  • काक – कौआ
  • कोटि – करोड़
  • ग्राम – गाँव
  • गुण – गुन
  • घृत – घि
  • चित्रक – चीता
  • दुग्ध – दु्ध
  • धरित्री – धरती
  • गृह – घर
  • गोपाल – ग्वाल
  • चूर्ण – चूरन
  • तृण – तिनका
  • दुर्बल – दुबला
  • धूम्र – धुआँ
  • नग्न – नंगा
  • पुत्र – पूत

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3. देशज, आगत, रूढ़, यौगिक एवं योगरूढ़ शब्द

देशज शब्द

देशज शब्द – भारतीय ग्रामीण अंचलों में अथवा जनजातियों में बोले जाने वाले शब्द देशज शब्द कहे जाते हैं। ये शब्द संस्कृत भाषा परिवार से अलग होते हैं। जैसे – कपास, बेटा, डिबिया, तेंदुआ, झोला, टाँग, रोटी, लकड़ी, लुटिया आदि।

आगत शब्द –
विदेशी लोगों के सम्पर्क से सीखे गये शब्दों का प्रयोग हिन्दी में होने लगा, उन्हें आगत शब्द कहते हैं।

  • अरबी भाषा से आगत शब्द – फकीर, नजर, अदालत, कलम, काजी, कसूर, किताब, किस्सा, ऐनक, औलाद, बाजार, बेगम, बर्फ, खत, खजाना आदि।
  • फारसी भाषा से आगत शब्द – आदमी, कसीदा, खाना, खासी, कारीगरी, चमन, चादर, जबान, जिंदा, अनार, जबान, नालायकी आदि।
  • अंग्रेजी भाषा से आगत शब्द – अफसर, ड्राइवर, ड्रामा, टिफिन, मैनेजर, मिनट, स्टेशन, मोटर, कम्पनी, कमेटी, चिमनी, एक्स – रे, प्लेटफॉर्म, मास्टर, सरकस, हाइड्रोजन, कमिश्नर, हाईकोर्ट, होस्टल, ड्यूटी आदि।
  • पुर्तगाली भाषा से आगत शब्द – आलू, आलपीन, अचार, अलमारी, काजू, गमला, तौलिया, तम्बाकू, नीलाम, बाल्टी, फीता आदि।
  • चीनी भाषा से आगत शब्द – चाय, तूफान, पटाखा, लीची आदि।
  • यूनानी भाषा से आगत शब्द – टेलीफोन, टेलीग्राम, डेल्टा, ऐटम आदि।
  • फ्रांसीसी भाषा से आगत शब्द – कार्टून, कप!, इंजन, बिगुल, पुलिस आदि। जापानी भाषा से आगत शब्द – रिक्शा आदि।

रूढ़ शब्द
जिन शब्दों का निर्माण अन्य शब्दों के योग से नहीं हुआ हो और न उन शब्दों का कोई खण्ड हो सकता है, उन्हें रूढ़ शब्द कहते हैं, जैसे – मुँह, हाथ, रथ, घर, दिन आदि।

यौगिक शब्द
यौगिक शब्द वे शब्द होते हैं जिनका निर्माण अन्य शब्दों के योग से हुआ हो तथा उनके खण्ड सार्थक हो सकते हैं, जैसेबुढ़ापा, सुन्दरता, नम्रता, हिमालय, अभिनेता आदि।

योगरूढ़ शब्द
योगरूढ़ शब्द वे शब्द होते हैं जो अपने खण्डों से प्राप्त अर्थ को छोड़कर कोई विशेष अर्थ ग्रहण कर लेते हैं,
जैसे –
पंकज। पंकज के खण्ड पंक + ज (कीचड़ से जो पैदा हो) – कीचड़ से कमल, मछली, मच्छर, शंख आदि की उत्पत्ति होती है।

परन्तु इसका सामान्य अर्थ ग्रहण नहीं किया गया है। एक विशिष्ट अर्थ ग्रहण करने पर इसका अर्थ ‘कमल’ होगा। अत: ‘पंकज’ योगरूढ़ शब्द है।

अन्य उदाहरण–
पीताम्बर, नीलाम्बर, श्वेताम्बर, लम्बोदार, वृकोदर आदि।

प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों में से तत्सम, तद्भव, देशज और आगत शब्दों को छाँटिए
कार्य, अफसर, कपास, खिड़की, चैत्र, फागुन, कोष्ठ, गृह, फरवरी, मीनार, चूर्ण, कपड़ा, घी, काजल।
उत्तर-

  • तत्सम – कार्य, चैत्र, कोष्ठ, गृह, चूर्ण।।
  • तद्भव – कपड़ा, घी, काजल, फागुन।
  • देशज – कपास, खिड़की।।
  • आगत – अफसर, फरवरी, मीनार।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में से रूढ़, यौगिक, योगरूढ़ शब्दों को अलग – अलग लिखिए
किताब, जलज, अभिनय, रात, दिन, नम्रता, भद्रता, श्वेताम्बर, बल, विन्ध्याचल, रवि, लम्बोदर।
उत्तर-

  • रूढ़ शब्द – किताब, रात, दिन, बल, रवि।
  • यौगिक शब्द – अभिनय, विन्ध्याचल, नम्रता, भद्रता।
  • योगरूढ़ शब्द – जलज, श्वेताम्बर, लम्बोदर।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए
रात, मुंह, लोहा, साँप, तेल, दाँत, हाथी, धीरज, छाता, घिन, मोर, कोयल, ऊँट, आज।
उत्तर-
रात्रि, मुख, लौह, सर्प, तैल, दन्त, हस्ती, धैर्य, छत्र, घृणा, मयूर, कोकिल, उष्ट्र, अद्य।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के तदभव शब्द लिखिएआश्रय, आलस्य, ग्राम, सूर्य।
उत्तर-
आसरा, आलस, गाँव, सूरज।

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4. वर्तनी परिचय एवं सुधार

भाषा का लिखित स्वरूप स्थायी और सशक्त होता है जिसके लिए आवश्यकता है, वर्तनी और लिपि चिन्हों में शुद्धता की।
वर्तनी – शब्दों अथवा वर्गों के मेल को वर्तनी कहते हैं।

नोट – विद्यार्थियों को शुद्ध शब्दों के लिखने की आदत विकसित करनी चाहिए।

  • अशुद्ध – शुद्ध
  • तिथी – तिथि
  • नराज – नाराज
  • विरहणी – विरहिणी
  • रचयता – रचयिता
  • निरिक्षण – निरीक्षण
  • शताब्दि – शताब्दी
  • तिरिस्कार – तिरस्कार
  • तुफान – तूफान
  • नुपुर – नूपुर
  • त्रितीय – तृतीय
  • बृज – ब्रज
  • प्रथक – पृथक
  • सेनिक – सैनिक
  • मिठायी – मिठाई
  • सम्बाद – संवाद
  • आर्शीवाद – आशीर्वाद
  • कालीदास – कालिदास
  • नीत – नीति
  • लिखत – लिखित
  • युधिष्ठर – युधिष्ठिर
  • सरोजनी – सरोजिनी
  • महिना – महीना
  • श्रीमति – श्रीमती
  • परिक्षा – परीक्षा
  • द्वारिका – द्वारका
  • ऊत्थान – उत्थान
  • अनुदित – अनूदित
  • द्रश्य – दृश्य
  • नैन – नयन
  • स्थाई – स्थायी
  • गंवार – गँवार
  • राधेशाम – राधेश्याम
  • रनभूमि – रणभूमि
  • श्राप – शाप
  • विकाश – विकास
  • श्रीमान – श्रीमान
  • छमा – क्षमा
  • कार्यकर्म – कार्यक्रम
  • स्र्वगीय – स्वर्गीय
  • सहास – साहस
  • मरन – मरण
  • घबड़ाना – घबराना
  • रजिष्ठर – रजिस्टर
  • प्रतिष्टा – प्रतिष्ठा
  • स्वालम्बन – स्वावलम्बन
  • पन्खा – पंखा
  • अन्ताक्षरी – अन्त्याक्षरी
  • वितीत – व्यतीत
  • निष्टा – निष्ठा

प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों की मानक वर्तनी के शुद्ध रूप लिखिए
लक्ष, लड़ायी, पैतिक, स्वास्थ, बारात, सुर्य, माहन, चहिए।
उत्तर-
लक्ष्य, लड़ाई, पैत्रिक, स्वास्थ्य, बरात, सूर्य, महान् चाहिए।

प्रश्न 2.
‘र’ के प्रचलित रूप लिखिए।
उत्तर-
‘र’ के प्रचलित रूप देखिए. प्रकृति, राष्ट्र, कर्म।

5. पर्यायवाची, विलोम और अनेकार्थी शब्द

पर्यायवाची शब्द
पर्यायवाची शब्द से तात्पर्य – समान अर्थ प्रकट करने वाले शब्द एक – दूसरे के पर्यायवाची या समानार्थक कहलाते हैं।

  • हवा – वायु, समीर, पवन, अनिल, वात।
  • मेहमान – अतिथि, पाहुन।
  • अमृत – मधु, अमिय, सुधा, पीयूष।
  • बादल – घन, पयोद, जलद, अम्बुद।
  • पर्वत – नग, महीधर, भू – धर, पहाड़।
  • पक्षी – चिड़िया, पतंग, परिंदा, पखेरू।
  • अश्व – तुरंग, वाजि, घोटक, घोड़ा।
  • आकाश – अम्बर, नभ, गगन, आसमान, अन्तरिक्ष, शून्य।
  • वृक्ष – तरू, द्रुम, विटप, अगम, पेड़, पादप।
  • नदी – सरिता, तटिनी, तरंगिणी, आपगा, कूल, कषा।
  • पत्थर – पाषाण, अश्म, प्रस्तर, पाहन।
  • समुद्र – रत्नाकर, नीरधि, सिन्धु, सागर।
  • अरण्य – विपिन, कानन, जंगल, वन।
  • संसार – विश्व, लोक, जगत्।
  • तालाब – जलाशय, पद्माकर, सरोवर, तड़ाग।
  • गज – कुंजर, गयंद, करि, हाथी।
  • कमल – नीरज, पंकज, शतदल, सरोज, जलज, अरविंद।
  • पुष्प – फूल, सुमन, प्रसून, कुसुम।
  • राजा – नृप, भूप, नरेश, महीप।
  • किरण – कर, मरीचि, रश्मि, अंशु, मयूख।
  • पुत्री – तनया, सुता, दुहिता, तनुजा।
  • स्वर्ग – देवलोक, सुरलोक, ब्रह्मलोक।
  • रात्रि – रजनी, निशा, तमी, क्षपा।
  • चन्द्रमा – राकेश, शशि, हिमकर, शशांक, विधु।
  • जल – नीर, अम्बु, पय, वारि।
  • अग्नि – आग, पावक, ज्वाला, दहन, ज्वलन।
  • कपड़ा – चीर, वस्त्र, वसन, पट।
  • सोना – कंचन, हेमरूप, स्वर्ण, कनक।
  • शरीर – देह, तन, काया, कलेवर।
  • झण्डा – केतु, ध्वज, पताका।
  • पत्नी – गृहणी, बहू, वधू, प्राणप्रिया, जोरू।
  • आँख – नेत्र, नयन, लोचन, चक्षु, दृग।
  • पृथ्वी – भू, भूमि, वसुधा, अवनि, क्षिति।
  • आम – आम, रसाल, अतिसौरभ, फल, सहकार।
  • दास – चाकर, नौकर, अनुचर, किंकर, सेवक।
  • सूर्य – भास्कर, भानु, दिवाकर, प्रभाकर, अंशु – मालि।
  • दया – कृपा, रहम, अनुकम्पा।
  • असुर – दैत्य, दानव, राक्षस, निशिचर, दनुज।
  • कृष्ण – ब्रजेश, गोपाल, हरि, वंशीधर, मुरलीधर, कन्हैया।
  • खल – दुर्जन, दुष्ट, नीच, कुटिल, अधम, पामर, धूर्त।
  • गंगा – भागीरथी, मन्दाकिनी, सुरसरि, त्रिपथगा, देवनदी।
  • गाय – धेनु, भद्रा, गौ, सुरभि।
  • गणेश – लम्बोदर, गणपति, गजानन, विनायक, एकदन्त, गौरीसुत।
  • चतुर – योग्य, कुशल, निपुण, दक्ष, प्रवीण, पटु, विज्ञ, नागर।
  • अनुपम – अतुल, अद्भुत, अनूठा, अनोखा, अपूर्व।
  • अहंकार – मद, अहं, दम्भ, घमण्ड, अभिमान, गर्व।
  • इन्द्र – देवेन्द्र, सुरेश, देवराज, महेन्द्र, पुरन्दर, देवेश।
  • उजाला – प्रकाश, आलोक, तेज, प्रभा, दीप्ति, द्युति।
  • कामदेव – मनोज, मदन, रतिपति, अनंत, मन्मथ, मनसिजा।
  • कोयल – कोकिला, वसन्तदूत, वनप्रिय, काकपाली, परभृत।
  • क्रोध – गुस्सा, रोष, अमर्ष, कोप।
  • कौआ – काक, काग, वायस, पिशुन, अरिष्ठ।
  • घर – गृह, गेह, निकेतन।
  • मनुष्य – मानव, आदमी, नर, जन।
  • सिंह – शेर, केसरी, वनराज, केहरि।
  • इच्छा – आकांक्षा, मनोरथ, अभिलाषा, स्पृहा, इहा।
  • ईश्वर – प्रभु, परमेश्वर, जगदीश, परमात्मा, जगतपिता।
  • सरस्वती – गिरा, वीणावादिनी, शारदा।
  • पुत्र – सुत, वत्स, आत्मज, तनय, बेटा।
  • तलवार – खड्ग, करवाल, असि।
  • माता – अम्बा, धात्री, जननी।
  • बुद्धि – प्रज्ञा, मति, मेघा।
  • विष – जहर, हलाहल, गरल।
  • आनन्द – मोद, प्रमोद, उल्लास, प्रसन्नता, हर्ष।
  • यमुना – सूर्य, तनया, अर्कजा, कृष्णा, रविसुता, कालिन्दी, तरणिजा।
  • बिजली – दामिनी, चपला, विद्युत्।
  • चाँदनी – कौमुदी, ज्योत्स्ना, चन्द्रिका, चन्द्रमरीचि।

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विलोम शब्द–
जो शब्द विपरीत अथवा प्रतिकूल अर्थ के परिचायक होते हैं, उनको विलोम अथवा विपरीतार्थक शब्द के नाम से पुकारा जाता है।
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अनेकार्थी शब्द–
जो शब्द एक से अधिक अर्थ देते हैं, वे अनेकार्थी शब्द कहलाते हैं।

उदाहरण–

  • अक्षर – जल, सत्य, शिव, वर्ण, गगन, धर्म, तपस्या।
  • अर्थ – धन, प्रयोजन, ऐश्वर्य, हेतु।
  • अनन्त – आकाश, अन्तहीन, ब्रह्म, विष्णु।
  • अरुण – सूर्य, लाल, रंग, सूर्य का सारथी।
  • अशोक – एक वृक्ष, सम्राट अशोक, शोक रहित।
  • अमृत – जल, अन्न, स्वर्ण, दूध।
  • अलि – भौंरा, कोयल, सखी।
  • उत्तर- हल, जवाब, उत्तर दिशा।
  • कल – अगला दिन, बीता हुआ दिन, मधुर ध्वनि, मशीन।
  • काल – मौत, समय, यमराज।
  • कनक – सोना, धतूरा, गेहूँ।
  • काम – कार्य, धन्धा, पेशा, कामदेव।
  • कुल – योग, सब, वंश, केवल, संघ।
  • कंज – चरण, कमल, ब्रह्मा।
  • कक्ष – कमरा, श्रेणी, कांख, बंगला, भूमि।
  • गुण – स्वभाव, कौशल, शील, सत्, धनुष की डोरी।
  • गुरु – बड़ा, भारी, शिक्षक, दो मात्राओं वाला वर्ण।
  • गौ – गाय, पृथ्वी, भूमि, स्वर्ग, दिशा, कण।
  • घन – हथौड़ा, भारी, बादल, संख्या का संख्या से गुणा।
  • घट – घड़ा, कम, देह, मन, हृदय।
  • चन्द्र – चन्द्रमा, मोर पंख की चन्द्रिका, सोना।
  • जलज – मछली, कमल, मोती, शंख, चन्द्रमा।
  • ज्येष्ठ – गर्मी का महीना, बड़ा, पति का बड़ा भाई, श्रेष्ठ।
  • तनु – छोटा, शरीर, कृश।
  • तात – पिता, भाई, पूज्य, प्यारा, बड़ा, मित्र।
  • दल – सेना, समूह, पक्ष, पत्ता।
  • दक्ष – चतुर, चन्द्र, दाँत, वैश्य, ब्राह्मण।
  • नग – पर्वत, वृक्ष, नगीना।
  • नाक – नासिका, इज्जत, स्वर्ग।
  • पयोधर – बादल, गन्ना, स्तन, पर्वत।
  • पानी – जल, कान्ति, इज्जत।
  • बाल – केश, बालक, बाला, गेहूँ आदि की बाल।
  • भास्कर – सूर्य, सोना, शिव, अग्नि।
  • भारत – भारतवर्ष, अर्जुन।
  • भूत – प्राणी, प्रेत, पंचभूत, अतीत काल, मरा हुआ शरीर।
  • मधु – शहद, मदिरा, वसन्त, चैत्र का मास।
  • माधव – श्रीकृष्ण, वसन्त ऋतु, बैसाख, महुआ।
  • मित्र – दोस्त, सहयोगी, प्रिय।
  • मान – सम्मान, इज्जत, अभिमान, नाप – तोल, रूठना।
  • रस – अर्क, प्रेम, जल, खाद, स्तर, आनन्द।
  • वर्ण – रंग, अक्षर, अन्य, जातियाँ।
  • विधि – तरीका, भाग्य, विधाता, रीति।
  • सर – बाण, तालाब, चिन्ता।।
  • सुधा – अमृत, गंगा, पृथ्वी, जल, दूध, फूलों का रस।
  • सारंग – भौंरा, हिरन, मेघ, साँप, मोर, जल, शंख, फूल।
  • हरि – हाथी, श्रीकृष्ण, चन्द्र, कामदेव, पहाड़, साँप, शिव।
  • हार – पराजय, माला।

प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नांकित शब्दों के दो – दो पर्यायवाची शब्द लिखिए
कमल, पानी, आकाश, अमृत, घर, बादल, चन्द्रमा।
उत्तर-

  • कमल = पंकज, जलज।
  • पानी = जल, नीर।
  • आकाश = गगन, व्योम।
  • अमृत = सुधा, पीयूष।
  • घर = गृह, सदन।
  • बादल = घन, मेघ।
  • चन्द्रमा = मयंक, शशि।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए
(क) सदाचार,
(ख) आदान,
(ग) पतिव्रता,
(घ) आशा,
(ङ) सरस।
उत्तर-
(क) कदाचार,
(ख) प्रदान,
(ग) कुलटा,
(घ) निराशा,
(ङ) विरस या नीरस।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के दो – दो अर्थ बताइए
(क) अशोक,
(ख) कनक,
(ग) जलज,
(घ) दल,
(ङ) पय,
(च) भाग,
(छ) लाल,
(ज) सूर।
उत्तर-
(क) अशोक – एक प्रकार का वृक्ष, एक राजा का नाम।
(ख) कनक – स्वर्ण, धतूरा।
(ग) जलज – कमल, मछली।
(घ) दल – समूह, सेना।
(ङ) पय – दूध, जल।
(च) भाग – हिस्सा, भाग्य।
(छ) लाल – पुत्र, प्यार का सम्बोधन।
(ज) सूर – सूर्य, अंधा।

प्रश्न 4.
निम्नांकित वाक्यों में प्रयुक्त काले शब्दों से एक – एक अन्य वाक्य जो भिन्न (अलग) अर्थ वाला हो, बनाइए
(क) पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती है।
(ख) आपके आगमन का क्या अर्थ है।
(ग) मेरा भाई उत्तर दिशा में गया है।
(घ) वर्षा काल शुरू हो चुका है।
(ङ) उसने घन से प्रहार किया।
उत्तर-
(क) अर्जुन ने मछली की अक्ष में बाण मारा।
(ख) आज का युग अर्थ प्रधान है।
(ग) उसका उत्तर अनुचित था।
(घ) उसका काल आ गया है, ऐसा लगता है।
(ङ) आकाश में घन गर्जना कर रहे हैं।

6. मुहावरे और लोकोक्तियाँ एवं उनका प्रयोग

मुहावरे–

परिभाषा – मुहावरे वे वाक्यांश होते हैं जिनमें प्रवाह, सरसता, क्षमता एवं रोचकता से भाषा परिपूर्ण हो जाती है। मुहावरों के द्वारा संक्षेप रूप से विस्तृत भाव व्यक्त करने की क्षमता विद्यमान रहती है।

1. आकाश पाताल एक करना – (कठिन परिश्रम करना)
प्रयोग – दिनेश जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए आकाश पाताल एक कर देता है।

2. अपना उल्लू सीधा करना – (स्वार्थ सिद्ध करना)
प्रयोग – राजनीति में प्रत्येक व्यक्ति अपना उल्लू सीधा करने में लगा है।

3. अन्धे की लाठी – (एकमात्र सहारा होना)
प्रयोग – सोहन अपने माता – पिता की अन्धे की लाठी है।

4. नौ दो ग्यारह होना – (भाग जाना)
प्रयोग – पुलिस को देखकर चोर नौ दो ग्यारह हो गये।

5. गागर में सागर भरना – (अल्प में अधिक)
प्रयोग – बिहारी ने अपने दोहों में गागर में सागर भर दिया।

6. श्री गणेश करना – (प्रारम्भ करना)
प्रयोग – राहुल ने अपने कार्यालय का श्रीगणेश कर दिया

7. कमर कसना – (तैयार करना)
प्रयोग – भारत ने पाकिस्तान को पराजित करने के लिए कमर कस ली है।

8. ईंट से ईंट बजाना – (यथासम्भव बदला लेना)
प्रयोग – भारत के सैनिकों ने पाकिस्तान की ईंट से ईंट बजा दी।

9. गले का हार होना – (अत्यधिक प्रिय होना)
प्रयोग – राशि चंचल होने के कारण सबके गले का हार बनी हुई है।

10. आस्तीन का साँप – (विश्वासघाती मित्र)
प्रयोग – मेरे शत्रु को अपने घर में स्थान देकर मेरे पड़ोसी। ने यह प्रमाणित कर दिया है कि वह मेरे लिए आस्तीन का साँप है।

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11. कलई खुलना – (पोल खुलना)
प्रयोग – रीना की काली करतूतों की कलई खुल गई तब उसकी सूरत देखने लायक थी।

12. जले पर नमक छिड़कना – (दु:खी व्यक्ति को और दुःख देना)
प्रयोग – श्याम की कार चोरी हो जाने पर उसका मित्र उसकी हँसी उड़ाकर जले पर नमक छिड़क रहा था।

13. चार चाँद लगाना – (सौन्दर्य में वृद्धि करना)
प्रयोग – माला पहले ही सुन्दर थी, ऊपर से हीरे का हार पहन लिया तो उसकी सुन्दरता में चार चाँद लग गये।

14. गुदड़ी का लाल – (अभावों में पला प्रतिभाशाली व्यक्ति)
प्रयोग – भारत में ऐसे अनेक गुदड़ी के लाल जन्मे हैं जिन्होंने इस देश के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।

15. अपनी करनी पार उतरनी – (प्रत्येक व्यक्ति अपनी मेहनत से ही सफलता प्राप्त करता है)
प्रयोग – हाथ पर हाथ रखकर बैठने से काम नहीं चलेगा क्योंकि अपनी करनी से ही पार उतर सकोगे।

16. ओखली में सिर डालना – (हर विपत्ति सहने के लिए तत्पर)
प्रयोग – जब नौकरी करने निकले हो तो ओखली में सिर डालकर मूसलों से क्यों डरते हो।

17. ऊँट में मुँह में जीरा – (आवश्यकता से कम सामग्री)
प्रयोग – भूकम्प में घायलों को 2000 रुपये की सहायता देना ऊँट के मुँह में जीरे के समान है।

18. आड़े हाथों लेना – (फटकारना)
प्रयोग – राकेश के निरन्तर ऑफिस देर से पहुँचने पर उसके बॉस ने उसे आड़े हाथों लिया।

19. कुत्ते की मौत मरना – (अत्यधिक कष्टों से मरना)
प्रयोग – कुकर्मी मानव कुत्ते की मौत मरते हैं।

20. खून – पसीना एक करना – (अधिक परिश्रम करना)
प्रयोग – दिनेश ने खून – पसीना एक करके बच्चों को पढ़ाया

21. तूती बोलना – (धाक जमाना)
प्रयोग – मोहन की प्रत्येक क्षेत्र में तूती बोलती है।

22. कान में तेल डालना – (किसी की बात न मानना)
प्रयोग – रोहन ने अपने छोटे भाई को अनेक बार समझाय लेकिन उसने तो कान में तेल डाल रखा था।

23. हाथ मारना – (लाभ की एकाएक प्राप्ति)
प्रयोग – इस बार मोहन ने सरसों महँगी होने पर व्यापार में खूब हाथ मारा है।

24. चिकना घड़ा – (अप्रभावी)
प्रयोग – मोहन को कितना ही डाँटो – फटकारो वह तो चिकना घड़ा है।

25. अड्डा जमाना – (हमेशा के लिए रह जाना)
प्रयोग – रोहित इंजीनियर बनने मुम्बई गया था लेकिन उसने वहीं पर अड्डा जमा लिया।

26. थूक कर चाटना – (कहकर मुकर जाना)
प्रयोग – राजेश जो कहता है वही करता है वह थूककर चाटने वाले इन्सानों में से नहीं है।

27. अपनी खिचड़ी अलग पकाना – (सबसे अलग रहना)
प्रयोग – कुछ स्वार्थी लोग निज हितों को साधने के उद्देश्य से अपनी खिचड़ी अलग पकाते हैं।

28. दूध का दूध और पानी का पानी – (सच्चा न्याय होना)
प्रयोग – न्यायाधीश ने जब फैसला सुनाया तो सब कहने लगे कि यह हुआ है दूध का दूध और पानी का पानी।

29. सौ सुनार की एक लुहार की – (मौका मिलने पर सशक्त बदला लेना)
प्रयोग – कुख्यात डाकू भूरा अनगिनत अपराधों के पश्चात् अन्ततः पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। किसी ने ठीक ही कहा है सौ सुनार की एक लुहार की।

30. घी के चिराग जलाना – (खुशियाँ मनाना)
प्रयोग – हाईस्कूल की परीक्षा में प्रथम श्रेणी अर्जित करने पर राजीव के घर – पड़ोस में घी के चिराग जलाये गये।

31. अंग – अंग टूटना – (पूरे शरीर में पीड़ा होना)
प्रयोग – मलेरिया में अंग – अंग टूटने लगता है।

32. अक्ल का दुश्मन – (मूर्ख व्यक्ति)
प्रयोग – उसने तो समस्या को उलझा दिया है, तुम अभी नहीं समझ सके कि वह अक्ल का दुश्मन है।

33. अपने मुँह मियाँ मिठूबनना – (अपनी प्रशंसा स्वयं करना)
प्रयोग – अपने मुँह मियाँ मिठू बनना अच्छी बात नहीं है।

34. आवाज बुलन्द करना – (विरोध जताना)
प्रयोग – अन्याय सहना पाप है अतः उसके विरुद्ध आवाज बुलन्द करनी चाहिए।

35. आग लगाना – (झगड़ा कराना)
प्रयोग – दो दलों में अपने – अपने पक्ष को भारी रखने के लिए अध्यक्ष ने आग लगा दी।

36. ईंट का जवाब पत्थर से देना – [करारा (कठोर) जवाब देना]
प्रयोग – उग्रवादियों को ईंट का जवाब पत्थर से देना होगा।

37. उल्टी गंगा बहाना – (अनहोनी बात करना)
प्रयोग – बहादुर लड़ाके युद्ध में हार कर उल्टी गंगा बहाते

38. कलेजे पर साँप लोटना – (ईर्ष्या से जलना)
प्रयोग – रामू ने पी.सी. एस. में पाँचवीं रैंक प्राप्त की, उसे सुनकर उसके विपक्षियों के कलेजे पर साँप लोटने लगा।

39. गिरगिट की तरह रंग बदलना – (सिद्धान्तहीन होना)
प्रयोग – आज के नेता राजनीति में प्रायः गिरगिट की तरह रंग बदलते रहते हैं।

40. घाट – घाट का पानी पीना – (अनुभवी होना)
प्रयोग – वह देखने में ही अति सरल और सहज लगता है लेकिन उसने घाट – घाट का पानी पिया हुआ है।

41. डूबते को तिनके का सहारा – (विपत्ति में थोड़ी भी सहायता बहुत मूल्यवान होती है)
प्रयोग – घायल को स्वास्थ्य केन्द्र पर दी गई औषधियाँ डूबते को तिनके के सहारे के समान थी।

42. धूप में बाल सफेद करना – (अनुभवहीन होना)
प्रयोग – घर की समस्याओं का समाधान धूप में बाल सफेद करने से नहीं होता।

43. नींव डालना – (सूत्रपात करना)
प्रयोग – ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने भारत में अंग्रेजी शासन की नींव डाली।

44. पहाड़ टूटना – (बहुत भारी कष्ट आ पड़ना)
प्रयोग – असमय उसके पिता का निधन पहाड़ टूटने के समान

45. बहती गंगा में हाथ धोना – (अवसर का लाभ लेना)
प्रयोग – श्रमदान से विद्यालय की इमारत के लिए सामान ढोया जा रहा था, मैंने भी थोड़ा सहयोग देकर बहती गंगा में हाथ धो लिए।

लोकोक्तियाँ–

परिभाषा लोकोक्तियों के द्वारा लोक जीवन के व्यापक अनुभवों को एक वाक्य के रूप में स्वतन्त्र रूप से व्यक्त करने
में सामर्थ्य होती है।

1. अंधों में काना राजा – मूों में अल्पज्ञ भी ज्ञानी होता है।
प्रयोग – मोहन पूरे गाँव में दसवीं पास व्यक्ति है। उसे ही अंधों में काना राजा माना जाता है।

2. एक पंथ दो काज – एक काम से दोहरा लाभ लेना।
प्रयोग – वह बनारस में गया था ज्योतिष सीखने, वहाँ उसने अपनी मेहनत से धन कमाया, इस तरह उसने एक पंथ दो काज किए।

3. ऊँची दुकान फीका पकवान – अधिक दिखावा।
प्रयोग – उस सेठ की दुकान की सजावट से आकर्षित होकर सामान खरीद लेने के बाद लोग कहते मिले कि ऊँची दुकान परन्तु फीका पकवान।

4. खग जाने खगही की भाषा – समानता रखने वाले परस्पर अच्छी पहचान रखते हैं।
प्रयोग – समान उम्र के बालकों को आपस में खेलते और बातें करते देखकर मैंने समझ लिया कि खग जाने खगही की भाषा।

5. चोर की दाढ़ी में तिनका – अपराधी स्वयं भयभीत रहता
प्रयोग – मेरे पैन के खो जाने पर तुम्हारे द्वारा बिना पूछे ही अपनी सफाई देना, स्पष्ट कर रहा है कि चोर की दाढ़ी में तिनका होता है।

6. एक ही थैली के चट्टे – बट्टे – समान रूप से बुरे आचरण वाले।
प्रयोग – रहीमखाँ और साहिदखाँ में अन्तर ही क्या है? एक जुआरी है, तो दूसरा जेबकट। वे दोनों ही एक थैली के चट्टे – बट्टे हैं।

7. खोदा पहाड़ निकली चूहिया – अधिक परिश्रम करने पर तुच्छ लाभ।
प्रयोग – उसने रात – दिन पढ़ाई की, अपनी पढ़ाई पर खर्च भी किया परन्तु साधारण श्रेणी से पास हुआ, इससे तो यही लगता है कि तुमने खोदा पहाड़. और निकली चुहिया।

8. निर्बल के बल राम – कमजोर का सहारा ईश्वर होता है।
प्रयोग – शीत ऋतु में खुले में रहने वाले पशु – पक्षियों का आश्रय कहाँ? उन निर्बलों के बल तो राम ही होते हैं।

9. भागते भूत की लँगोटी ही भली – कुछ भी न मिलने से तो जो भी कुछ मिल जाए, वही भला।
प्रयोग – सेठ हजारीमल दिवालिया घोषित हैं। उनसे मैंने दस हजार में से दो हजार प्राप्त कर उचित ही किया, क्योंकि भागते भूत की तो लँगोटी ही भली होती है।

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10. पंच जहाँ परमेश्वर वहाँ – पंचायत में न्याय होता है।
प्रयोग – पंचों ने जो फैसला दिया है, वही मानना पड़ेगा क्योंकि जहाँ पंच होते हैं वहाँ परमेश्वर होते हैं।

11. जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं – किसी बात को बढ़ा – चढ़ाकर करने वाला व्यक्ति उसके अनुसार काम नहीं करता।
प्रयोग – अच्छे अंक प्राप्त न कर सकने वाले छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश न देने की घोषणा करने वाले प्राचार्य जी ने सभी उत्तीर्ण छात्रों को प्रवेश देकर यह सिद्ध कर दिया कि जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं हैं।

12. अपना हाथ जगन्नाथ – अपने आप किया गया कार्य अच्छा होता है।
प्रयोग हमें अपना गृहकार्य स्वयं ही करना चाहिए, क्योंकि अपना हाथ जगन्नाथ होता है।

13. आप भला तो जग भला – अच्छे को सभी अच्छे लगते हैं।
प्रयोग – मुझे अपने सहपाठियों में कोई भी खराब नहीं लगा, क्योंकि यह कहावत ठीक ही है कि आप भला तो जग भला।

14. जैसा देश वैसा भेष – जहाँ रहो, वहाँ जैसी रीति का पालन करो।
प्रयोग – मोहन तो एकदम शहरी बाबू बन गया है। वह तो अब जैसा देश वैसा भेष रखने लगा है।

15. लेना एक न देना दो – किसी से कोई मतलब न रखना।
प्रयोग – हमारे विज्ञान के आचार्य कॉलेज में किसी से भी लेना एक न देना दो का व्यवहार रखते हैं।

प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में प्रयोग कीजिए
(1) ईद का चाँद होना,
(2) हौंसला पस्त होना,
(3) सिर आँखों पर बिठाना,
(4) हाथ मलना।
उत्तर-
(1) ईद का चाँद होना – बहुत दिन बाद दिखाई देना।
प्रयोग – तुम अपने व्यवसाय में इतने लगे रहते हो कि हमारे लिए तो ईद के चाँद हो चुके हो।

(2) हौसला पस्त होना – उत्साह न रह जाना।
प्रयोग – व्यापार में घाटे की खबर से सेठजी के हौंसले पस्त हो गए हैं।

(3) सिर आँखों पर बिठाना – बहुत आदर देना।
प्रयोग – विद्यालय की क्रिकेट टीम ने मैच जीता, तो छात्रों ने टीम के सदस्यों को सिर आँखों पर बिठा लिया।

(4) हाथ मलना – पछताना।
प्रयोग – नौकरी के मिले अवसर को खोकर वह अब हाथ मल रहा है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित कहावतों का अर्थ बताइए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(1) जिसकी लाठी उसकी भैंस,
(2) एक अनार सौ बीमार,
(3) घर का भेदी लंका ढावे,
(4) मुँह में राम बगल में छुरी।
उत्तर-
(1) जिसकी लाठी उसकी भैंस – ताकतवर सब – कुछ कर सकता है।
प्रयोग – अराजकता में तो जिसकी लाठी होती है, भैंस भी उसी की होगी।

(2) एक अनार सौ बीमार – एक वस्तु की माँग अनेक लोगों द्वारा किया जाना।
प्रयोग – विद्यालय में अध्यापक का एक पद रिक्त है, प्रार्थना – पत्र अनेक लोगों के आये हैं। किसकी नियुक्ति होगी, यह तो कहा नहीं जा सकता क्योंकि यहाँ तो एक अनार है और बीमार सौ हैं।

(3) घर का भेदी लंका ढावे – आपसी फूट से बड़ी हानि होती है।
प्रयोग – घर के सदस्यों में तालमेल की कमी से सेठजी की कम्पनी में कर्मचारी आजादी से काम करते हैं। वे लाभ की जगह हानि पहुँचा रहे हैं। इस तरह घर का भेदी लंका ढाने का काम कर रहा है।

(4) मुँह में राम बगल में छुरी – दिखावटीपन या दोगलापन।
प्रयोग – हमें मित्रता करने में सावधान रहना चाहिए क्योंकि आजकल मित्र भी मुँह में राम बगल में छुरी रखने वाले हो गए हैं।

महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

रिक्त स्थान पूर्ति

1. अत्यन्त में ___________ है। (अति/अत)
2. भरपेट में भर’ का अर्थ ___________ है। (पूरा/खाली)
3. भलाई में प्रत्यय ___________ है। (आई, लाई)
4. मेरे पिताजी ___________। (निरिक्षक/निरीक्षक)
5. ग्रीष्म के बाद ___________ आती है। (वर्षा/ठण्ड)
उत्तर-
1.अति,
2. पूरा,
3. आई,
4. निरीक्षक,
5. वर्षा।

सही विकल्प चुनिए––

1. ‘सुन्दरता’ शब्द है
(क) देशज
(ख) आगत
(ग) यौगिक
(घ) रूढ़।
उत्तर-
(ग) यौगिक

2. ‘लक्ष’ का मानक शुद्ध रूप है
(क) लख
(ख) लक्ष्य
(ग) लाख
(घ) लाक्ष्य।
उत्तर-
(ख) लक्ष्य

3. ‘कामदेव’ का पर्यायवाची शब्द है–
(क) मनोज
(ख) कामद
(ग) मदेव
(घ) देव।
उत्तर-
(क) मनोज

4. ‘प्रवृत्ति’ का विलोम है
(क) निवृत्ति
(ख) सवृत्ति
(ग) कुवृत्ति
(घ) वृत्ति।
उत्तर-
(क) निवृत्ति

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5. ‘कनक’ के अर्थ हैं
(क) सोना – धतूरा
(ख) नींद – भोजन
(ग) खाना – पीना
(घ) काटना – पीटना।
उत्तर-
(क) सोना – धतूरा

सही जोड़ी मिलाइए––

‘अ’ – ‘आ’
(i) मेरा भाई उत्तर दिशा में – (क) ‘आग बबूला’ हो गया है। जाता है।
(ii) रमाकान्त थोड़ी – सी गलती – (ख) उसका उत्तर पर बहुत क्रोध करता है। अनुचित है।
(iii) अच्छे अंक पाने के लिए – (ग) उपसर्ग छात्रों को खून पसीना एक करना पड़ता है।
(iv) एक पंथ दो काज करना। – (घ) बहुत परिश्रम करना पड़ता है।
(v) प्रतिफल में ‘प्रति’ है। – (ङ) एक काम से दुहरा लाभ लेना
उत्तर-
(i) → (ख),
(ii) → (क),
(i) → (घ),
(iv) →(ङ),
(v) → (ग)।

सत्य/असत्य––

1. ‘परिचय’ में ‘परि’ प्रत्यय है।
2. ‘लघुत्व’ में ‘त्व’ प्रत्यय है।
3. ‘जलज’ योगरूढ़ शब्द है।
4. अनुदित की शुद्ध वर्तनी अनूदित होती है।
5. ‘गले का हार होना’ का अर्थ है बहुत प्रिय होना।
उत्तर-
1. असत्य,
2. सत्य,
3. सत्य,
4. सत्य,
5. सत्य।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर––

1. यौगिक शब्द बनाते समय पहले प्रयुक्त शब्दों को क्या ‘ कहते हैं?
उत्तर-
उपसर्ग

2. यौगिक शब्द बनाते समय बाद में प्रयुक्त हुए शब्दों को क्या कहते हैं?
उत्तर-
प्रत्यय।

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3. दिखाना + आवट के मेल से बना शब्द लिखिए।
उत्तर-
दिखावट।

4. योगरूढ़ शब्द किसे कहते हैं?
उत्तर-
योगरूढ़ शब्द अपने खण्डों से प्राप्त अर्थ को छोड़कर कोई विशेष अर्थ ग्रहण कर लेते हैं।

5. शरीर, तन, गात, वपु किसके पर्याय हैं?
उत्तर-
‘देह।

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