MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 2 ब्रिटिश प्रशासन, नीतियाँ और प्रभाव

MP Board Class 8th Social Science Solutions Chapter 2 ब्रिटिश प्रशासन, नीतियाँ और प्रभाव

MP Board Class 8th Social Science Chapter 2 अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) ब्रिटिश संसद ने रेग्यूलेटिंग एक्ट कब पारित किया था?
(क) 1750 ई.
(ख) 1773 ई.
(ग) 1857 ई.
(घ) 1940 ई.
उत्तर:
(ख) 1773 ई.

(2) एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल की स्थापना कब हुई थी ?
(क) 1784 ई. में
(ख) 1790 ई. में
(ग) 1801 ई. में
(घ) 1901 ई. में
उत्तर:
(क) 1784 ई.

(3) सन् 1793 ई. में स्थाई बन्दोबस्त व्यवस्था किसके द्वारा लागू की गई थी?
(क) विलियम पिट के द्वारा
(ख) राबर्ट क्लाइव के द्वारा
(ग) वारेन हेस्टिंग्ज के द्वारा
(घ) लॉर्ड कॉर्नवालिस द्वारा
उत्तर:
(घ) लॉर्ड कॉर्नवालिस द्वारा

(4) सन् 1813 ई. में कौन-सा एक्ट पारित किया गया ?
(क) चार्टर एक्ट
(ख) पिट इण्डिया एक्ट
(ग) रेग्यूलेटिंग एक्ट
(घ) सिविल सर्विस एक्ट
उत्तर:
(क) चार्टर एक्ट

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) क्लाइव ने निजामत का कार्य ……………. पर छोड़ दिया था।
(2) सन् 1772 ई. में …………… बंगाल का गवर्नर नियुक्त किया गया था।
(3) भारत में सिविल सर्विस की स्थापना …………….. ने की थी।
(4) रैयतवाड़ी व्यवस्था सर्वप्रथम ……………… और बम्बई (मुम्बई) में शुरू की गई।
(5) आधुनिक डाकतार (संचार) व्यवस्था को ………………. ने शुरू किया था।
उत्तर:

  1. बंगाल के नवाब
  2. वारेन हेस्टिंग्ज को
  3. लॉर्ड कार्नवालिस
  4. चेन्नई
  5. डलहौजी।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 2 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3.
(1) भूमिकर वसूल करने के लिए कम्पनी द्वारा किसे नियुक्त किया गया था ?
उत्तर:
भूमिकर वसूल करने के लिए कम्पनी द्वारा जमींदारों को नियुक्त किया गया था।

(2) कॉर्नवालिस द्वारा किये गये सुधारों को किस पुस्तक में संग्रहीत किया गया है ?
उत्तर:
कॉर्नवालिस द्वारा किये गये सुधारों को कॉर्नवालिस संहिता’ नामक पुस्तक में संग्रहीत किया गया है।

(3) किसान का भूमि पर अधिकार किस व्यवस्था के अन्तर्गत समाप्त कर दिया गया था ?
उत्तर:
महालवाड़ी व्यवस्था के अन्तर्गत किसान का भूमि पर से अधिकार समाप्त कर दिया गया था।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 4.
(1) दोहरी शासन व्यवस्था का बंगाल की जनता पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
बंगाल के नवाब के पास शासन का सम्पूर्ण दायित्व था, परन्तु उसके पास न तो शक्ति थी और न ही धन था। कम्पनी के पास सेना और कोष दोनों थे, किन्तु शासन और सुरक्षा के प्रति उसकी जिम्मेदारी नहीं थी। परिणामस्वरूप बंगाल की दोहरी शासन व्यवस्था ने बंगाल की जनता को अपार कष्टों में डाल दिया।

(2) रेग्यूलेटिंग एक्ट के प्रमुख उद्देश्य क्या थे?
उत्तर:
कम्पनी की गतिविधियों पर नियन्त्रण रखने के लिए ब्रिटिश संसद ने सन् 1773 ई. में रेग्यूलेटिंग एक्ट पारित किया।
इस एक्ट के दो प्रमुख उद्देश्य थे –

  • कम्पनी के संगठन के दोषों को दूर करना, और
  • भारत में कम्पनी के शासन के दोषों का निराकरण करना।

(3) पिट इण्डिया एक्ट की मुख्य विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर:
इस एक्ट ने कम्पनी के मामलों और भारत में उसके प्रशासन पर ब्रिटिश सरकार को अधिकाधिक नियन्त्रण का अधिकार दे दिया था। इस एक्ट की विशेष बात यह थी कि इसके द्वारा भारत में कम्पनी के आक्रामक युद्धों को नियन्त्रित कर दिया तथा गवर्नर जनरल एक शासक की भूमिका में आ गया था। इस एक्ट में कहा गया कि भारत में साम्राज्य का विस्तार इस राष्ट्र की इच्छा, सम्मान तथा नीति के विरुद्ध है।

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MP Board Class 8th Social Science Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
(1) ब्रिटिश शासन की आर्थिक नीतियों का भारतीय उद्योगों पर क्या प्रभाव पड़ा ? समझाइए।
उत्तर:
भारतमें कम्पनीकीआर्थिकनीतियों के कारणव्यापारवाणिज्य, उद्योग-धन्धों तथा भू-राजस्व प्रणाली और कृषि व्यवस्था में अनेक बदलाव आये थे। अंग्रेजों ने अपने हितों में जो नीतियाँ अपनाई थीं, उनसे भारतीय अर्थव्यवस्था का परम्परागत ढाँचा चरमरा गया। भारतीय कृषि, उद्योग तथा व्यापार पर ब्रिटिश शासन की आर्थिक नीतियों का अत्यन्त बुरा प्रभाव पड़ा।

(2) स्थाई बंदोबस्त से क्या तात्पर्य है ? उसके क्या दुष्परिणाम हुए ?
उत्तर:
इस व्यवस्था में जींदारों को भू-स्वामी मान लिया गया। भूमि पर उनका वंशानुगत अधिकार हो गया था। चेन्नई और मुम्बई क्षेत्र में रैयतवाड़ी व्यवस्था लागू की गई। इसमें भूमि जोतने वाले को भू – स्वामी माना गया। इनसे कम्पनी सीधे कर लेती थी। लगान न देने पर किसानों का भूमि पर से अधिकार समाप्त कर दिया जाता था। इस व्यवस्था से कृषि का उत्पादन बहुत घट गया, किसानों पर अत्याचार बढ़ गए, किन्तु सरकारी राजस्व में भारी वृद्धि हुई। इसके चलते कुटीर उद्योग, दस्तकार और शिल्पकार पतन के गर्त में चले गये।

(3) 18वीं सदी में भारतीय समाज में कौन-कौन सी कुरीतियाँ व्याप्त थीं एवं सरकार द्वारा उनके सुधार हेतु क्या प्रयास किए गए ?
उत्तर:
18वीं सदी में भारतीय समाज में कन्यावध की कुप्रथा कुछ क्षेत्रों में प्रचलित थी। कन्या को जन्म लेते ही मार दिया जाता था। इन कुरीतियों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने अनेक कानूनों का निर्माण किया। भारतीय समाज में स्त्रियों की स्थिति भी दयनीय थी। पर्दा प्रथा, बाल विवाह, सती प्रथा, स्त्री अशिक्षा आदि के कारण स्त्रियों की स्थिति शोचनीय होती गई। सरकार ने सन् 1829 ई. के एक कानून द्वारा सती प्रथा पर रोक लगाई समाज में दास प्रथा के रूप में एक अन्य कुरीति पनप रही थी। गरीबी के कारण लोग अपने बच्चों को बेचने पर विवश थे। सरकार ने सन् 1843 ई. में कानून बनाकर दास प्रथा पर रोक लगाई

(4) ब्रिटिश प्रशासन द्वारा शिक्षा व्यवस्था में क्या सुधार किए गए और उसके क्या परिणाम हुए ?
उत्तर:
ब्रिटिश प्रशासन द्वारा आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में अपने स्तर पर शुरूआत की गई। कुछ भारतीयों ने इस प्रयास में उनका सहयोग भी किया। सन् 1781 ई. में कलकत्ता मदरसा की स्थापना की गई। इसमें अरबी और फारसी की शिक्षा दी जाती थी। इसी क्रम में सन् 1784 ई. में सर विलियम जोंस ने एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल की स्थापना की। इसके माध्यम से प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति के अध्ययन के लिए महत्त्वपूर्ण प्रयास किए गए। सन् 1791 ई. में वाराणसी में हिन्दू विधि (कानून) और दर्शन के लिए संस्कृत कॉलेज की स्थापना की गई।

इसी तरह सन् 1800 ई. में कलकत्ता में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की गई। सरकार द्वारा खोले गए कुछ स्कूलों में अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाया गया। धीरे-धीरे शिक्षा का प्रसार भारत में बढ़ता गया। अंग्रेजी के सम्पर्क में आने से भारतीय आधुनिक शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान, स्वतन्त्रता, समानता, जनतन्त्र, राष्ट्रीयता, विशिष्ट क्रान्तियाँ और आधुनिक विचारों के सम्पर्क में आने से उनमें जागृति पैदा हुई।

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