MP Board Class 7th Social Science Solutions Chapter 11 दिल्ली सल्तनत
MP Board Class 7th Social Science Chapter 11 अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए –
(1) आगरा को राजधानी बनाया था
(अ) कुतुबुद्दीन ऐबक ने
(ब) सिकन्दर लोदी ने
(स) बलबन ने
(द) फिरोज शाह ने।
उत्तर:
(ब) सिकन्दर लोदी ने
(2) इब्नबतूता किसके शासनकाल में आया था ?
(अ) मोहम्मद बिन तुगलक
(ब) रजिया
(स) अलाउद्दीन खिलजी
(द) इब्राहिम लोदी।
उत्तर:
(अ) मोहम्मद बिन तुगलक
(3) मोहम्मद तुगलक ने सिक्के चलवाये
(अ) चाँदी के
(ब) सोने के
(स) जस्ते के
(द) ताँबे के।
उत्तर:
(द) ताँबे के
(4) बलबन ने वजीर के रूप में शासन किया
(अ) 10 वर्ष
(ब) 20 वर्ष
(स) 30 वर्ष
(द) 40 वर्ष।
उत्तर:
(द) 40 वर्ष।
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(1) गुलाम वंश का संस्थापक……….था।
(2) जौनपुर नगर ………..’ने बसाया था।
(3) तैमूर लंग ने सन् ………… में दिल्ली पर आक्रमण किया।
(4) अलाउद्दीन ने दक्षिण भारत की विजय का कार्य …………. सेनापति को सौंपा।
उत्तर:
(1) कुतुबुद्दीन ऐबक
(2) फिरोजशाह तुगलक
(3) 1398 ई
(4) मलिक काफूर।
MP Board Class 7th Social Science Chapter 11 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 3.
(1) तुर्की सरदारों ने रजिया सुल्तान का क्यों विरोध किया ?
उत्तर:
रजिया पुरुषों के समान वस्त्र पहनकर दरबार में बैठती थी तथा युद्धों का नेतृत्व करती थी। तुर्की सरदारों को ये बर्दाश्त नहीं था। अतः उन्होंने रजिया सुल्तान का विरोध किया।
(2) बलबन की “लौह और रक्त” की नीति को समझाइए।
उत्तर:
बलबन ने अनेक विद्रोहों का दमन, भीषण नरसंहार बड़ी क्रूरता से किया। विद्रोहियों के प्रति अमानुषिक कठोर नीति के कारण उसे ‘लौह और रक्त’ नीति का सुल्तान कहा जाता है।
(3) फिरोज तुगलक के किन्हीं दो सुधारों को लिखिए।
उत्तर:
फिरोज तुगलक के दो सुधार –
- उसने इस्लाम के नियमों के अनुसार शासन चलाया।
- उसने जजिया को एक अलग कर बनाया तथा उसे ब्राह्मणों पर भी लागू किया।
(4) विजयनगर राज्य के प्रमुख शासकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
विजयनगर राज्य के प्रमुख शासक देवराय प्रथम, देवराय द्वितीय तथा कृष्णदेव राय थे।
MP Board Class 7th Social Science Chapter 11 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 4.
(1) अलाउद्दीन खिलजी के सुधारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अलाउद्दीन खिलजी ने अपने शासनकाल में निम्नलिखित सुधार किए –
(i) सैनिक सुधार – सैनिकों की नियुक्ति उनकी योग्यता के आधार पर की जाती थी, उनके रंग-रूप, कद-काठी का विवरण रखा जाता था, सैनिकों को नकद वेतन देने की प्रथा को अपनाया, घोड़ों को दागने की व्यवस्था की तथा पुराने किलों की मरम्मत तथा नए किलों का निर्माण करवाया।
(ii) बाजार नियन्त्रण – धन की पूर्ति हेतु उसने बाजार नियन्त्रण लागू किया। वस्तुओं की कीमत निश्चित कर दी गई। कुशल तथा ईमानदार कर्मचारियों की नियुक्ति की। बाजार भाव पर निगरानी के लिए गुप्तचरों की व्यवस्था की। सरकारी गोदाम स्थापित किये तथा नियमों का उल्लंघन करने पर दंड दिया जाता था।
(iii) राजस्व नीति – उसने लगान का निर्धारण भूमि के माप के आधार पर किया। उपज का आधा हिस्सा भूमि राजस्व के रूप में तय किया तथा चारागाह कर, आयात निर्यात, जजिया, खम्स, जकात आदि करों में वृद्धि की।
(2) मोहम्मद बिन तुगलक की महत्वाकांक्षी योजनाएँ क्या थीं ? उसमें वह क्यों असफल रहा ?
उत्तर:
मोहम्मद बिन तुगलक की मुख्य योजनाएँ इस प्रकार थीं –
(i) राजधानी परिवर्तन – उसने दिल्ली के स्थान पर, दक्षिण में देवगिरि को अपनी राजधानी बनाया जिसका नाम दौलताबाद रखा। दिल्ली निवासियों को दौलताबाद जाने के कठोर आदेश दिए। रास्ते के कष्ट और वहाँ की जलवायु दिल्लीवासियों को रास नहीं आई अतः राजधानी को पुनः दिल्ली स्थानान्तरित करना पड़ा।
(ii) ताँबे की मुद्रा का प्रचलन – सुल्तान ने चाँदी की कमी के कारण चाँदी के सिक्कों के स्थान पर ताँबे के सिक्कों को चलाने का आदेश दिया। परिणामस्वरूप बाजार में भारी मात्रा में जाली सिक्के आ गये जिससे व्यापार और वाणिज्य में अव्यवस्था फैल गई और उसे पुनः चाँदी के सिक्के चलवाने पड़े।
(iii) दोआब में कर वृद्धि – राज्य की आय बढ़ाने के लिए सुल्तान ने गंगा और यमुना के बीच समृद्ध और उर्वर भूमि ‘दोआब’ में कर बढ़ा दिया। जिस समय कर लगाया गया वहाँ अकाल पड़ा हुआ था, जिससे लोगों में भारी असन्तोष फैल गया। सुल्तान की सभी योजनाएँ उचित क्रियान्वयन के अभाव में असफल रहीं।
(3) दिल्ली सल्तनत के पतन के कारणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
दिल्ली सल्तनत के पतन के कारण निम्न हैं –
- शासन व्यवस्था की दुर्बलता – दिल्ली सल्तनत में योग्य शासकों का अभाव था। उनका शासन सैनिक शक्ति तथा लूटमार पर टिका हुआ था तथा प्रान्तीय शासकों पर केन्द्रीय सरकार का नियंत्रण मजबूत नहीं था।
- उत्तराधिकारी के निश्चित नियम का अभाव। उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए कोई नियम नहीं था। एक सुल्तान की मृत्यु के पश्चात गद्दी के लिए झगड़ा शुरू हो जाता था। जो व्यक्ति शक्तिशाली होता था वह सल्तान बन जाता था।
- आपसी फूट – मुसलमानों में धार्मिक एकता तो थी किन्तु वे विभिन्न नस्लों, धर्मों, जातियों और कबीलों के थे, इसलिए उनमें आपस में प्रतिस्पर्धा रहती थी।
- हिन्दुओं के साथ अत्याचार व स्थानीय शासकों का विरोध – अधिकांश शासकों ने धार्मिक असहिष्णुता की नीति का अनुसरण किया। स्थानीय शासक इनको सहन न कर सके और वे सुल्तानों के विरुद्ध लगातार विद्रोह करते रहे।
- मोहम्मद बिन तुगलक की भूलें – मोहम्मद बिन तुगलक की योजनाओं की असफलता ने साम्राज्य को कमजोर कर दिया। जनता में असन्तोष फैल गया।
- तैमूर का आक्रमण – तैमूर के आक्रमण से दिल्ली को धक्का लगा। उसने चारों ओर लूटपाट तथा कत्लेआम मचा दिया। सल्तनत की सैनिक व आर्थिक व्यवस्था बिगड़ गई।