MP Board Class 6th Sanskrit Solutions Chapter 9 उज्जयिनीदर्शनम्

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MP Board Class 6th Sanskrit Solutions Surbhi Chapter 9 उज्जयिनीदर्शनम्

MP Board Class 6th Sanskrit Chapter 9 अभ्यासः

Mp Board Class 6 Sanskrit Chapter 9 प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं लिखत (एक शब्द में उत्तर लिखो)
(क) सर्वदा कस्मात् घण्टानादः श्रूयते? (सदा ही कहाँ से घण्टों की ध्वनि सुनाई देती है?)
उत्तर:
मन्दिरात् (मन्दिर से)

(ख) यात्रिकाः कस्मात् स्थानानां महत्वं जानन्ति? (यात्रीगण कहाँ से स्थानों के महत्व को जानते हैं?)
उत्तर:
मार्गदर्शकात् (मार्गदर्शकों से)

(ग) केभ्यः जयघोषः निःसरति? (किनके द्वारा जयघोष निकलते हैं?)
उत्तर:
भक्तजनमुखेभ्य (भक्तजनों के मुख से)।

Mp Board Solution Class 6 Sanskrit प्रश्न 2.
एकवाक्येन उत्तरं लिखत (एक वाक्य में उत्तर लिखो)
(क) उज्जयनी कस्मात् नगरात् पश्चिमदिशि अस्ति? (उज्जियिनी किस नगर के पश्चिम दिशा में है?)
उत्तर:
उज्जयिनी भोपालनगरात् पश्चिमदिशि अस्ति। (उज्जयिनी भोपालनगर से पश्चिम दिशा में है)

(ख) उज्जयिन्याः मुख्यं दर्शनीयस्थानं किम् अस्ति? (उज्जयिनी का मुख्य दर्शनीय स्थान कौन-सा है?)
उत्तर:
उज्जयिन्याः मुख्यं दर्शनीय स्थानं-महाकालमन्दिरम्, महागणेशमन्दिरं,हरिसिद्धिमन्दिरम्, चिन्तामणिगणपति मन्दिरं, मङ्गलनाथमन्दिरं, कालभैरवमन्दिरम् च सन्ति। (उज्जयिनी के मुख्य दर्शनीय स्थान-महाकाल मन्दिर, महागणेश मन्दिर, हरिसिद्ध मन्दिर, चिन्तामणिगणपति मन्दिर, मङ्गलनाथ मन्दिर और काल भैरव मन्दिर हैं।)

(ग) कस्मात् जनाः श्रीकृष्णस्य इतिहासं जानन्ति? (लोग श्रीकृष्ण के इतिहास को किससे जानते हैं?)
उत्तर:
सान्दीपनि आश्रमात् जनाः श्रीकृष्णस्य इतिहास जानन्ति। (सान्दीपनि आश्रम से लोग श्रीकृष्ण के इतिहास को जानते हैं।)

(घ) महाकालमन्दिरात् जनाः कुत्र गच्छन्ति? (महाकाल मन्दिर से लोग कहाँ जाते हैं)
उत्तर:
महाकालमन्दिरात् जनाः महागणेशमन्दिरम्, हरिसिद्धि मन्दिरम् च गच्छन्ति। (महाकाल मन्दिर से लोग महागणेश मन्दिर और हरिसिद्ध मन्दिर जाते हैं।

(ङ) कस्मात् विक्रमसंवत्सरस्य गणना भवति? (विक्रमसंवत्सर की किससे गणना होती है?)
उत्तर:
उज्जयिन्याः राजा विक्रमादित्यस्य कालात् विक्रम संवत्सरस्य गणना भवति। (उज्जयिनी के राजा विक्रमादित्य के काल से विक्रमसंवत्सर की गणना होती है।)

Class 6 Sanskrit Mp Board Solution  प्रश्न 3.
चित्रं दृष्टवा पञ्चमीविभक्तिरूपाणि लिखत (चित्र देखकर पञ्चमी विभक्ति के रूप लिखो)
Mp Board Class 6 Sanskrit Chapter 9
(क) (देवालयः) अर्चकः………… आगच्छति

Mp Board Solution Class 6 Sanskrit
(ख) (वाटिका) बालिका…………. आगच्छति।

Class 6 Sanskrit Mp Board Solution
(ग) (नदी) मुनिः………….. आगच्छति।

Mp Board Solution Class 6th Sanskrit
(घ) (क्षेत्रम्) कृषकः…………. आगच्छति।
उत्तर:
(क) देवालयात्
(ख) वाटिकायाः
(ग) नद्याः
(घ) क्षेत्रात्।

Mp Board Solution Class 6th Sanskrit प्रश्न 4.
रेखाङ्कितपदस्य पञ्चमी-विभक्तौ परिवर्तनं कृत्वा वाक्यं लिखत (रेखाङ्कित शब्द का पञ्चमी विभक्ति में परिवर्तन करके वाक्य में लिखो)
(क) हिमालयः गङ्गा प्रवहति।
(ख) बालकः सिंहः विभेति।
(ग) वानरः शाखा कूर्दति।
(घ) छात्रः शाला आगच्छति।
(ङ) धार्मिकः काशी आगच्छति।
(च) महिला नदी जलम् आनयति।
(छ) प्रद्युम्न: गुरुकुलं प्रत्यागच्छति।
(ज) सज्जनः असत्यं विभेति।
(झ) सुरेशः रुग्णं शीतम् रक्षति।
उत्तर:
(क) हिमालयात्
(ख) सिंहात्
(ग) शाखायाः
(घ) शालयाः
(ङ) काश्याः
(च) नद्याः
(छ) गुरुकुलात्
(ज) असत्यात्
(झ) शैत्यात्।

Sanskrit Class 6 Chapter 9 Mp Board प्रश्न 5.
उचितपरिवर्तनेन पञ्चमीविभक्तिरूपाणि लिखत (उचित परिवर्तन से पञ्चमी विभक्ति के रूप लिखो)
(अ)-
Sanskrit Class 6 Chapter 9 Mp Board
(ब)-
Class 6th Sanskrit Chapter 9 Solution Mp Board
(स)-
Class 6 Sanskrit Lesson 9 Mp Board
(द)-
Class 6 Sanskrit Chapter 9 Question Answer Mp Board

Class 6th Sanskrit Chapter 9 Solution Mp Board योग्यताविस्तारः
1. तसिल’ (तः) प्रत्ययस्य प्रयोगेण सरलरूपेण एकवचने पञ्चमीविभक्तिप्रयोगः सम्भवति। (तसिल तः प्रत्यय के प्रयोग से सरल रूप में एकवचन में पंचमी विभक्ति का प्रयोग हो सकता है।)
यथा-
विद्यालय – विद्यालयात् – विद्यालयतः
वाटिका – वाटिकायाः – वातिकातः
काशी – काश्याः – काशीतः
उद्यानम् – उद्यानात् – उद्यानतः

2. अधोलिखितं श्लोकं कण्ठस्थीकुरुत। अथ च श्लोकात् पञ्चमीविभक्तिशब्दान् चिनुत (निम्नलिखित श्लोक को कण्ठाग्र करो और इसके बाद श्लोक से पंचमी विभक्ति के शब्दों को चुनो)-

वात्सल्यात् अभयप्रदानसमयात् आार्तिनिर्वाणपणात
औदार्यात् अघशोषणात् अगणितश्रेयः पदप्रापणात्।
सेव्यः श्रीपतिरेक एव जगतामेतेऽभवन्साक्षिणः,
प्रह्लादश्च विभीषणश्च करिराट् पाञ्चाल्यहल्याधुवः॥
उत्तर:
ऊपर दिये गये श्लोक को कण्ठस्थ करो। उच्चारण की शुद्धता बनी रहने से श्लोक शीघ्र स्मृति में धारण हो जायेगा।
पंचमी विभक्ति के शब्द निम्नलिखित हैं-

  1. वात्सल्यात्
  2. अभयप्रदानसमयात्
  3. निर्वापणात्
  4. औदार्यात्
  5. अघशोषणात्
  6. प्रापणात्।

Class 6 Sanskrit Lesson 9 Mp Board उज्जयिनीदर्शनम् हिन्दी अनुवाद :

उज्जयिनी मध्यप्रदेशस्य प्रसिद्धं दर्शनीयस्थानम् अस्ति। उज्जयिनी भोपालात् पश्चिमदिशि अस्ति। विविधेभ्यः प्रदेशेभ्यः जनाः उज्जयिनीम् आगच्छन्ति। कुम्भपर्वणि विदेशेभ्यः अपि बहवः जनाः आगच्छन्ति।

Class 6 Sanskrit Chapter 9 Question Answer Mp Board अनुवाद :
उज्जियनी (उज्जैन) मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है। उज्जयिनी भोपाल से पश्चिम दिशा में है। अनेक प्रदेशों से लोग उज्जयिनी को आया करते हैं। कुम्भ पर्व पर (कुम्भ के उत्सव पर) विदेशों से भी बहुत से लोग आया करते हैं।

क्षिप्रानद्याः समीपे मुख्यदर्शनीयस्थानं महाकालमन्दिरं राजते। सर्वदा मन्दिरात् घण्टानादः श्रूयते। भक्तजनमुखेभ्यः जयघोषः निःसरति। महाकालमन्दिरात् जना: महागेणशमन्दिरं हरिसिद्धिमन्दिरं च गच्छन्ति। इतः चतुर्धाममन्दिरं समीपे एव अस्ति। ततः चिन्तामणिगणपतिमन्दिरं, मङ्गलनाथमन्दिरं, कालभैरवमन्दिरं च जनाः गच्छन्ति।

Sanskrit Class 6 Chapter 9 Solutions Mp Board अनुवाद :
क्षिप्रा नदी के पास मुख्य दर्शनीय स्थल महाकाल मन्दिर सुशोभित है। सदा ही मन्दिर से घण्टों की ध्वनि सुनाई देती है। भक्तजनों के मुख से जयघोष निकलते हैं। महाकाल मन्दिर से लोग महागणेश मन्दिर तथा हरिसिद्धि मन्दिर जाते हैं। यहाँ से चार-धाम मन्दिर पास में ही है। उसके बाद चिन्मामणिगणपति मन्दिर को, मङ्गलनाथ मन्दिर को तथा काल भैरव मन्दिर को लोग जाया करते हैं।

उज्जयिन्याः सर्वेषु भागेषु रमणीयस्थानानि सन्ति। यात्रिकामार्गदर्शकात् स्थानानां महत्वं जानन्ति। पश्चक्रोशीयात्रायां स्थानात् स्थानं गच्छति।

Class 6 Sanskrit Navam Path Mp Board अनुवाद :
उज्जयिनी के सभी भागों में रमणीय स्थान हैं। यात्रा करने वाले लोग मार्गदर्शकों से स्थानों के महत्व को जानते हैं। पञ्चकोशी यात्रा में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते हैं।
प्राचीनकालात् आरभ्य उज्जयिनीक्षेत्रं संस्कृतविद्याकेन्द्रम् अस्ति। सान्दीपनि आश्रमात् जनाः श्रीकृष्णस्य इतिहासं जानन्ति। उज्जयिन्याः राजाविक्रमादित्यस्य कालात् विक्रमसंवत्सरस्य गणना भवति। बहूनां कवीनां मुखेभ्यः एवं च कालिदासमुखात् अपि उज्जयिन्याः सौन्दर्यं वर्णितम् अस्ति। महाकालमहिमा यथा-

“आकाशे तारकं लिङ्ग, पाताले हाटकेश्वरम्।
मर्त्यलोके महाकालं लिङ्गत्रयमुपास्महे!॥”

Sanskrit Class 6th Mp Board अनुवाद :
प्राचीनकाल से उज्जयिनी का क्षेत्र संस्कृत विद्या का केन्द्र रहा है। सान्दीपनि आश्रम से लोग श्रीकृष्ण के इतिहास की जानकारी लेते हैं। उज्जयिनी के राजा विक्रमादित्य के समय से विक्रमसंवत की गणना होती है। बहुत से कवियों के मुखों से तथा इसी तरह कालिदास के मुख से भी उज्जयिनी के सौन्दर्य का वर्णन किया हुआ है। महाकाल की महिला (का वर्णन) जैसे

“आकाश में तारक लिङ्ग, पाताल में हाटकेश्वर, मृत्युलोक में महाकाल लिङ्ग-ये तीन लिङ्ग हैं। इन की (मैं) उपासना करता हूँ।”

Class 6th Sanskrit Mp Board उज्जयिनीदर्शनम् शब्दार्थाः

भोपालात् = भोपाल से। पश्चिमदिशि = पश्चिम दिशा में। विविधेभ्यः प्रदेशेभ्यः = विविध प्रदेशों से। कुम्भपर्वणि = कुम्भ पर्व में। राजते = शोभायमान है। श्रूयते = सुनाई देता है। निःसरति = निकलता है। भागेषु = भागों में। यात्रिकाः = यात्रीगण। मार्गदर्शकात् = मार्गदर्शक से। सान्दीपनि आश्रमात् = सान्दीपनि आश्रम से। उज्जयिन्याः = उज्जयिनी का। मर्त्यलोके = भूलोक में।