MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 1 प्रार्थना
MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 1 प्रश्न-अभ्यास
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Mp Board Class 7th Hindi प्रश्न 1.
उत्तर:
1. (ख), 2. (क), 3. (घ), 4. (ग)
(ख) दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर काव्य पंक्तियाँ पूर्ण कीजिए
1. अपने सुख-दुख को ……………. सहें हम। (चुपचाप/सहष)
2. थके हुए के लिए ……………. सदा बहे हम। (दवा की तरह/हवा की तरह)
3. बैठे आँखों में ……………. भरने को। (आशा/आँसू)
4. माँ! इन नन्हें हाथों को बस यह ……………. दो अपना। (प्रभार/प्रसाद)
उत्तर
1. चुपचाप
2. दवा की तरह
3. आँसू
4. प्रसाद।
MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 1 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
Mp Board Class 7th Hindi Chapter 1 प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए
(क) कवि अपनी मुट्ठी में क्या बाँधना चाहता है?
उत्तर
कवि अपनी मुट्ठी में तकदीर बाँधना चाहता है।
(ख) हम सीना तानकर किस प्रकार खड़े हों?
उत्तर
हम पर्वत की तरह सीना तानकर खड़े हों।
(ग) कवि नन्हें हाथों में किस प्रसाद को चाहता है?
उत्तर
कवि नन्हें हाथों में ऐसा प्रसाद चाहता है जिससे वह यो कार्य कर सके जिसको लोग सपना मानते हैं।
(घ) इस कविता में ‘माँ’ का संबोधन किसके लिए है?
उत्तर
कवित में ‘माँ’ का संबोधन भारत माता के लिए है।
MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्न
Sugam Bharti Class 7 प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में लिखिए
(क) कबि माँ से क्या-क्या प्रार्थना करता है?
उत्तर
कवि माँ से प्रार्थना करता है कि वह बुद्धि और बल से श्रेष्ठ बने। उनका सिर पर्वत सा ऊँचा हो ताकि वे सभी मुसीबतों का डटकर मुकाबला करे। हममें इतनी शक्ति हो कि हम जरूरतमंदों की सेवा कर सकें। हम अपने दुःखों का चुपचाप सहें। वह कार्य भी कर सकें जिसे सब सपना समझते हैं।
(ख) ‘सावन से घिर आएँ’ का क्या तात्पर्य है?
उत्तर
‘सावन से घिर आएँ’ पंक्ति में कवि का तात्पर्य है कि माँ हमें इतनी शक्ति और बुद्धि प्रदान करे कि हम सभी प्यासों की प्यास बुझा सकें तथा हर सूखी और बंजर भूमि को तृप्त कर सकें।
(ग) कवि नन्हें हार्यों को कहाँ तक पहुँचाना चाहता है?
उत्तर
कवि नन्हें हाथों को वहाँ तक पहुँचाना चाहता है जहाँ तक लोग मात्र सपना समझते हैं अर्थात हर समय उनके हाथ दूसरों की मदद के लिए उठे।
(घ) इस कविता का भावार्थ लिखिए।
उत्तर
संपूर्ण कविता में कवि ने बच्चों को प्रार्थना के माध्यम परिपूर्ण बनने का आहान किया है। बच्चे माँ के सामने प्रार्थना करते हैं कि उनकी बुद्धि और बल दोनों श्रेष्ठ हो ताकि वे उन व्यक्तियों की सेवा कर सके जो दुबल एवं क्षीण हैं। अपने दुःखों को सहने तथा दीन-दुखियों की सहायता करने पर बल दिया गया है।
भाषा की बात
Mp Board Solution Class 7 Hindi प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के सही उच्चारण कीजिए
बुद्धि, आँधी, मुसीबत, तकबीर, लौ, अँधियारे
उत्तर
छात्र स्वयं करें।
Mp Board Class 7th Hindi Solution प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
साबन, बुद्धि, पिरसाद, सदेव, परबत, पियासे
उत्तर
शुद्ध-साबुन, बुद्धि, प्रसाद, सदैव, पर्वत, प्यास।
Class 7 Hindi Chapter 1 Prathna प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए
पर्वत, सिर, सागर, हवा, धरती, आँख
उत्तर
पर्यायवाची-नग, अचल; समुद्र, जलधि; समुद्र, जलधि, नीर, पवन; धरा, भूमि; नेत्र, लोचन।
Class 7th Hindi Mp Board प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए
ऊँचा, कठिन, अँधियारा, सुख, बड़े, बिखराना
उत्तर
विलोम-नीचा, उजियारा/ उजाला, दुःख, छोटे, समेटना।
प्रार्थना कविता का परिचय
1. में कवि ने हमें जागरूक बन कर देश की रक्षा करने के लिए कहा है। हम अपनी शक्ति और बुद्धि का सदुपयोग करें ताकि जीवन में आने वाली प्रत्येक मुसीबत का सामना निर्भय होकर कर सकें। हमें किस्मत के सहारे नहीं बैठना चाहिए बल्कि मेहनत और बल से स्वयं का विकास करना चाहिए।
प्रार्थना संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या
1. तन से, मन से और बुद्धि से
हम सब बहुत बड़े हो
पवर्त-से हो, सिर ऊँचा कर
सीना तान खड़े हो
कोई कठिन काम हो भारी
हम करके दिखला दें ।
आँधी से हों, मुसीबतों को
बादल-सा बिखरा दें।
शब्दार्थ
मुसीबत= कठिनाई,संकट; कठिन = मुश्किल; भारी =बहुत बड़ा, गंभीर; आंधी से हो=आंधी के समान, भयानक।
संदर्भ – प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम भारती’ (हिंदी सामान्य) भाग-7 के पाठ-1 ‘प्रार्थना’ से ली गई हैं। इसके रचयिता डॉ. जयकुमार जलज हैं
प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने हमें चेताया है कि हम अपनी बुद्धि और बल का प्रयोग करके जीवन में ,उत्पन्न मुसीबतों का मुकाबला करें।
व्याख्या- हम सब को अपनी बुद्धि और बल का सदुप्रयोग करके स्वयं का विकास करना चाहिए। फिर चाहे जीवन में किसी भी प्रकार की कठिनाई.या मुसीबत उत्पन्न हो, हम उनका मुकाबला डट कर करें।
विशेष – जीवन की कठिनाइयों से लड़ने और उनसे मुकाबला करने के लिए प्रेरित किया गया है।
2. मुट्ठी में तकदीरें बाँये
हँस कर चलने वाले
अँधियारे में किसी-दिए की
लौ-से जलने वाले
प्यासे को देखें तो हम सब
सावन-से घिर आएँ
सागर में ही नहीं
हयेली गागर में भर जाएँ।
शब्दार्थ – तकदीर=भाग्य, किस्मत; दिए=दीपक।
संदर्भ-पूर्ववत्।
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने किस्मत को स्वयं | बनाने और सबके लिए मार्गदर्शक बनने के लिए आहान किया है।
व्याख्या-हमें अपना भाग्य खुद बनाना चाहिए और स्वयं को इतना मजबूत बना लेना चाहिए कि कमजोर |हमारा सहारा ले सके। प्यासे अपनी प्यास बुझा सके | तथा दूसरों पर निर्भर न होना पड़े।
3. बके हुए के लिए
हवा की तरह सदैव बहें हम
धरती-से हां
अपने सुख-दुख को चुपचाप सहें हम
उठे हमारा हाथ
दीन दुखियों का दुख हरने को
रहे न फुरसत ।
बैठें आँखों में आँसू भरने को।
शब्दार्थ
आँखों में आँसू भरना=रोना, निराश होना।
संदर्भ-पूर्ववत्।
प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने कमजोर और दीन-दुखियों की रक्षा के लिए जागृत किया है।
व्याख्या-जो व्यक्ति समाज की मुसीबतों से डर जाते हैं, धक जाते हैं, उनको सही राह सुझाएँ। हमें निस्वार्थ होकर दीन-दुखियों की सेवा करनी चाहिए। हमें अपने घावों की चिंता न करके दूसरों के आँसू पोछने चाहिए।
4. माँ! इन नन्हें हाथों को
बस यह प्रसाद दो अपना
ये उस तक भी पहुंचे
जिसको सब कहते हो सपना। .
शब्दार्थ-सपना=स्वप्न, कल्पित लक्ष्य।
संदर्भ-पूर्ववत्
प्रसंग-इसमें बच्चे माँ से आशीर्वाद माँग रहे हैं।
व्याख्या-बच्चे माँ के समक्ष प्रार्थना कर रहे हैं कि वे तन-मन और बुद्धि से इतने पूर्ण हो जाएँ कि सबकी | रक्षा कर सकें।