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MP Board Class 12th General Hindi Important Questions Chapter 17 हंसिनी की भविष्यवाणी
ससंदर्भ व्याख्या कीजिए – मनमोहन मदरिया
1. “देश में एक विचारसभा कायम की गई। उनमें तीन सौ आदमी थे। ये आदमी प्रजा ने चुने थे। देश की आबादी तीन करोड़ थी। एक लाख आबादी में से एक आदमी चुना गया था।
इस तरह विचारसभा में प्रजा के जाने-माने आदमी थे। विचारसभा के तीन सौ आदमियों ने अपना एक नेता चुना। वह आदमी देश का मुखिया हुआ। उसने ही पुराने राजा का काम संभाला। अपनी मदद के लिए उसने विचारसभा में से ही चार आदमी और चुन लिए। वे पाँच लोग मिल-जुलकर राज-काज चलाने लगे। उनके कामों पर विचारसभा की निगरानी रहती थी।
विचारसभा राज चलाने के कानून भी बनाती थी। इस तरह देश में नए ढंग से राज होने लगा। यह बंदोबस्त प्रजा के लिए बड़ा हितकारी हुआ। प्रजा पहले कभी उतनी सुखी और धनी नहीं रही थी जितनी इस नए ढंग के राज में सुखी रही।”
शब्दार्थ:
प्रजा = जनता, आबादी = जनसंख्या, मुखिया = प्रमुख, राज-काज = राजा का कार्य, निगरानी = देखभाल, बंदोबस्त = प्रबंध, हितकारी = लाभदायक।
संदर्भ:
प्रस्तुत गद्यांश ‘हंसिनी की भविष्यवाणी’ नामक लोककथा से उद्धृत किया गया है, जिसके लेखक मनमोहन मदरिया हैं।
प्रसंग:
राजा की मृत्यु के बाद स्थापित किए गए प्रजातंत्र का वर्णन किया गया है।
व्याख्या:
हंस:
हंसिनी के परामर्श के अनुसार देश में विचारसभा का गठन किया गया। तीन सौ लोग विचारसभा में थे। प्रति एक लाख के पीछे एक प्रतिनिधि चुना गया। देश की जनसंख्या तीन करोड़ थी। चुने हुए लोग प्रतिष्ठित व्यक्ति थे।
सभी तीन सौ प्रतिनिधियों ने अपना एक नेता चुन लिया। उसे देश का प्रमुख मान लिया गया। उसने मृत राजा के सारे दायित्वों को संभाल लिया। उसने अपनी सहायता के लिए विचारसभा से चार आदमियों को और चुन लिया। इस प्रकार पाँच लोग मिलकर राजा के अधूरे कार्य को पूरा करने में लग गए। एक देखभाल समिति पाँचों सदस्य के क्रियाकलाप पर गौर करती थी। नई शासन व्यवस्था सबको अच्छी लगी। जनता के लिए भी यह शासन प्रबंध लाभदायक साबित हुआ। राजतंत्र की अपेक्षा प्रजातंत्र अधिक सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला था।
विशेष:
- प्रजातंत्र में आस्था व्यक्त की गई है।
- भाषा अत्यंत सहज एवं सरल है।
- विवरणात्मक शैली है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मंत्री ने राजा को क्या सलाह दी? (म. प्र. 2011)
उत्तर:
मंत्री ने नि:संतान राजा को एक बालक गोद लेने की सलाह दी।
प्रश्न 2.
राजा का चुनाव करना क्यों आवश्यक था? (म. प्र. 2017)
उत्तर:
राजा की मृत्यु हो चुकी थी और कोई राज-काज चलाने वाला नहीं था।
प्रश्न 3.
मंत्री जी सरोवर क्यों जाते थे?
उत्तर:
सरोवर के किनारे एकांत में वे प्रश्नों का समाधान ढूँढ़ते थे।
प्रश्न 4.
हंसिनी ने प्रजा का राज स्थापित करने का कौन-सा उपाय बताया? (म. प्र. 2012)
उत्तर:
हंसिनी ने जिसका देश है, उसी प्रजा को राज-काज सौंपने का उपाय बताया।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मंत्री जी क्यों उदास थे? (म. प्र. 2014, 15, 18)
उत्तर:
राजा बिना उत्तराधिकारी चुने ही स्वर्ग सिधार चुके थे। उत्तराधिकारी की फिक्र में मंत्री जी उदास रहा करते थे।
प्रश्न 2.
मंत्री जी ने देश का राजा चुनने की समस्या किस प्रकार हल की?
उत्तर:
मंत्री जी ने हंस-हंसिनी की सलाह मानने में भलाई समझी। देश में एक विचार सभा बुलाई जिसमें तीन सौ प्रतिनिधि थे। इन प्रतिनिधियों को प्रजा ने चुना था। एक लाख की आबादी पर एक प्रतिनिधि था। 300 प्रतिनिधियों ने मिलकर अपना नेता चुना। उसने राज कार्य सम्हाल लिया। देश को राजा के रूप में प्रजा का मुखिया मिल गया था।
प्रश्न 3.
नए ढंग के राज्य से क्या लाभ हुआ? (महत्वपूर्ण)
उत्तर:
नए ढंग के राज्य से देश का राज-काज ठीक-ठाक चलने लगा। प्रजा के लिए यह व्यवस्था हितकर थी। प्रजा पहले से अधिक सुखी और धनी हो गई। जिसका देश था उसी को राज्य मिल गया।
प्रश्न 4.
मंत्री की उदासी किस तरह खत्म हुई? (म. प्र. 2013)
उत्तर:
मंत्री की उदासी इसलिए दूर हुई क्योंकि राज्य के संचालन के लिए उन्हें योग्य व्यक्ति के चुनाव का कारण मिल गया एवं उनकी उदासी खत्म हुई।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
किसने किससे कहा –
- “भगवान नहीं चाहते कि इस देश के सिंहासन पर मेरे वंश का राज रहे।”
- अरे! तुझे नहीं मालूम? देश के राजा नहीं रहे।
- हाँ, यही न्याय की बात है। मंत्री जी को चाहिए कि वह प्रजा के हाथ में राज-काज सौंप दे।
- अरे तूने सुना, अपने देश में प्रजा का ही राज कायम हो गया है।
उत्तर:
- राजा ने मंत्री से कहा।
- हंस ने हंसिनी से कहा।
- हंसिनी ने हंस से कहा।
- हंस ने हंसिनी से कहा।
प्रश्न 2.
मंत्री स्वयं राजकाज नहीं सँभालना चाहते थे क्योंकि –
(क) राज काज में उनकी रुचि नहीं थी।
(ख) वे राजा के उत्तराधिकारी नहीं थे।
(ग) प्रजा उन्हें पसंद नहीं करती थी।
(घ) वे स्वयं बहुत वृद्ध थे।
उत्तर:
(घ) वे स्वयं बहुत वृद्ध थे।
प्रश्न 3.
एक शब्द/वाक्य में उत्तर दीजिए –
- हंसिनी ने राजकाज किसे सौंपने का सुझाव दिया? (म. प्र. 2009)
- मंत्री ने राजा को क्या सलाह दी? (म. प्र. 2011)
उत्तर:
- प्रजा को
- योग्य व्यक्ति का चुनाव।