MP Board Class 10th Special Hindi सहायक वाचन Solutions Chapter 8 बेटियाँ पावन दुआएँ हैं (कविता, अजहर हाशमी)
बेटियाँ पावन दुआएँ हैं अभ्यास
कविता
प्रश्न 1.
कवि ने बेटियों को गौरव कथाएँ क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिये। (2009, 12, 15)
उत्तर:
कवि ने बेटियों को गौरव कथाएँ इसलिये कहा है,क्योंकि बेटियाँ संसार में ईश्वर के वरदान के समान हैं। बेटियाँ पैगम्बर और गुरु ग्रन्थ साहिब की वाणी की भाँति पवित्र हैं। बेटियाँ वेदों की ऋचाओं की भाँति ईश्वर की पवित्र वाणी हैं। बेटियाँ उन प्रार्थनाओं की भाँति हैं, जो साक्षात् ईश्वर का दर्शन कराती हैं।
शास्त्रों में भी कहा है कि नारी का सम्मान करने से ईश्वर प्रसन्न होता है-
“यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता।”
प्रश्न 2.
‘जीवन में बेटियों का महत्त्व’ विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिये।
उत्तर:
जीवन में बेटियों का महत्त्व समझाते हुए कवि ने कहा कि वे जीवन को सुन्दर आकांक्षाओं से भर देने वाली होती हैं। बेटियाँ उन प्रार्थनाओं की भाँति हैं,जो साक्षात् ईश्वर का दर्शन कराती हैं। बेटियाँ जल की घटाओं के समान हैं। वे ही मानव को दुःख की घड़ी में सांत्वना प्रदान करती हैं। बेटियाँ ईश्वर ने इस प्रकार बनाई हैं कि वे जीवन के लू-लपटों अर्थात् कष्टों से भरे दिनों में ममता व दुलार से शान्ति प्रदान करने वाली होती हैं।
जीवन के दुःख भरे कठिनाइयों के समय वे संवेदना का मरहम लगाने वाली होती हैं। जीवन राह की कठिनाइयों में वे आशीष बन जाती हैं। पतझड़ में बसन्त की आभा विकीर्ण करती हैं।
प्रश्न 3.
‘आज के बच्चे कल के नागरिक हैं’ विषय पर दस पंक्तियाँ लिखिये।
उत्तर:
- आज का बच्चा ही कल का एक संभ्रान्त नागरिक होगा, यह बात अक्षरशः सत्य है।
- हमारे देश के बच्चे ही बड़े होने के पश्चात इसकी बागडोर थामेंगे।
- वे ही देश के विकास के लिए प्रयत्नशील रहेंगे।
- मार्ग में आने वाली समस्त बाधाओं का निराकरण करके अपने पथ को प्रशस्त करेंगे।
- हम यह कदापि नहीं जानते कि आगे चलकर कौन-सा बच्चा, गाँधी, नेहरू अथवा बोस की भाँति वीर और सत्यवक्ता होगा।
- हमें इन बच्चों को उत्साहित करके आगे बढ़ने में सहायता करनी चाहिए जिससे देश का भविष्य उज्ज्वल हो।
- बीज के सृदश बालक के मन-मानस में विकास की सम्भावनाएँ निहित होती हैं।
- इतिहास साक्षी है कि बालकों ने असम्भव कार्य को भी सम्भव किया है।
- बालक अच्छे बनकर देश की फुलबगिया में पुष्प के समान पल्लवित होंगे।
- बच्चे कल के नागरिक बनकर देश की यश-सुरभि को विकीर्ण करेंगे।
प्रश्न 4.
‘बेटियाँ’ कविता का केन्द्रीय भाव स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
‘बेटियाँ पावन दुआएँ हैं’ इस कविता के रचयिता अजहर हाशमी हैं। उन्होंने इस कविता की रचना करके बेटियों को सम्मान प्रदान किया है। उन्होंने बेटियों के महत्त्व को स्वीकारा जो इस प्रकार है। कवि का कथन है कि बेटियाँ ईश्वर के वरदान के समान जीवन को शुभ आकांक्षाओं से भर देने वाली हैं। बेटियाँ पवित्र दुआएँ हैं, वे आशीर्वाद का साकार स्वरूप हैं। बेटियाँ पैगम्बर के अमूल्य उपदेशों की भाँति हैं और बेटियाँ ही गौतम बुद्ध के आदर्श चरित्र कथाओं की भाँति हैं। बेटियाँ गुरु ग्रन्थ साहब की वाणी की भाँति पवित्र हैं। बेटियाँ वेदों की ऋचाओं की भाँति ईश्वर की वाणी हैं। ईश्वर स्वयं इनमें निवास करता है। बेटियाँ उन प्रार्थनाओं की भॉति हैं,जो साक्षात् ईश्वर का दर्शन कराती हैं।
बेटियाँ ईश्वर ने इस प्रकार बनाई हैं कि वे जीवन के ल-लपटों से अर्थात भयंकर कष्टों से भरे दिनों को घटाओं से जल बरसाने की भाँति शीतल करने वाली हैं अर्थात् कष्ट के दिनों में सांत्वना देने वाली बेटियाँ ही होती हैं।
आज के वातावरण में वैचारिक प्रदषण बढ़ गया है। इस प्रकार के भ्रष्टाचार और अनाचार के युग में बेटियाँ वातावरण में सुगन्ध बिखेरती हुई प्रतीत होती हैं। इस भाँति जीवन के कठिन और दुःख भरे दुर्दिनों में बेटियाँ ही संवेदना प्रकट करके हमारे कष्टों पर मरहम लगाने वाली होती हैं।
बेटियों के सम्बन्ध में किसी कवि का निम्न कथन है-
“पड़े तुम्हारे पाँव जहाँ हो,
तीरथ वहाँ सबेरे का।”
बेटियाँ पावन दुआएँ हैं महत्त्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बेटियाँ पावन दुआएँ हैं बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
बेटियाँ वेदों की ऋचाओं की भाँति वाणी हैं
(क) गुरु ग्रन्थ की
(ख) वीरता की
(ग) साहस की
(घ) सभी की।
उत्तर:
(क) गुरु ग्रन्थ की
प्रश्न 2.
बेटियों को कवि ने बताया है
(क) वेदों की ऋचाएँ
(ख) पावन दुआएँ
(ग) जल की घटाएँ
(घ) ये सभी।
उत्तर:
(घ) ये सभी।
प्रश्न 3.
जब वातावरण में प्रदूषण का भ्रष्टाचार छाया हो तो बेटियाँ
(क) शुभकर्म करती हैं।
(ख) वातावरण सुगंधित करती हैं
(ग) शक्ति प्रदान करती हैं
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) वातावरण सुगंधित करती हैं
रिक्त स्थानों की पूर्ति
- दुर्दिनों के दौर में देखा बेटियाँ …………. हैं।
- मुस्कुरा के पीर पीती बेटियाँ ………… व्यथाएँ हैं।
- बेटियाँ पावन ………. हैं।
उत्तर:
- संवेदनाएँ
- हर्षित
- दुआएँ।
सत्य/असत्य
- बेटियाँ पावन दुआएँ हैं,कविता में बेटियों का महत्त्व दर्शाया है।
- बेटियों को गौरव कथा कहा है। (2009)
- बेटियों में ईश्वर स्वयं बसता है।
उत्तर:
- सत्य
- सत्य
- सत्य
सही जोड़ी मिलाइए
उत्तर:
1. → (ख)
2. → (ग)
3. → (क)
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
- ‘बेटियाँ पावन दुआएँ’ हैं कविता के रचयिता कौन हैं?
- कवि ने बेटियों को लू-लपट को दूर करने वाली क्या कहा है?
- बेटियाँ प्रदूषण के युग में किसके समान हैं?
उत्तर:
- अजहर हाशमी
- जल की घटाएँ
- सुरभित फिजाओं के।