MP Board Class 10th Sanskrit Solutions Chapter 9 मदपरिणामः

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MP Board Class 10th Sanskrit Solutions Durva Chapter 9 मदपरिणामः (कथा) (पञ्चतन्त्रात्)

MP Board Class 10th Sanskrit Chapter 9 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

कक्षा 10 संस्कृत पाठ 9 MP Board प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं लिखत-(एक पद में उत्तर लिखिए)।
(क) रथकारस्य नाम किम् आसीत्? (रथकार का क्या नाम था?)
उत्तर:
उज्ज्वलकः (उज्जवलक)

(ख) रथकारः वने काम् अपश्यत्? (रथकार ने वन में किसे देखा?)
उत्तर:
उष्ट्रीम् (ऊँटनी को)

(ग) महतीघण्टा केन प्रतिबद्धा? (बड़ा घण्टा किसके बँधा था?)
उत्तर:
दासेरकेन (ऊँट के बच्चे के)

(घ) कः महानुष्ट्राः सञ्जातः? (कौन बड़ा ऊँट बन गया?)
उत्तर:
दासेरकः (ऊँट का बच्चा)

(ङ) रक्षापुरुषस्य प्रतिवर्ष का वृत्तिः? (रक्षा पुरुष का प्रतिवर्ष क्या वेतन था?)
उत्तर:
करभमेकम् (एक ऊँट)

Mp Board Class 10 Sanskrit Chapter 9 प्रश्न 2.
एकवाक्येन उत्तरं लिखत-(एक वाक्य में उत्तर लिखिए-)
(क) उज्ज्वलकः कां गृहीत्वा स्वस्थानाभिमुखः प्रस्थितः? (उज्ज्वलक किसे लेकर अपने घर की ओर चला था?)
उत्तर:
उज्ज्वलकः दासेरकयुक्तामुष्ट्रीं गृहीत्वा स्वस्थानाभिमुखः प्रस्थितः। (उज्ज्वलक ऊँट के बच्चे के साथ ऊँटनी को लेकर अपने घर की ओर चला था)

(ख) रथकारः पर्वतदेशे किमर्थं गतः? (रथकार पर्वतदेश में किसलिए गया?)
उत्तर:
रथकारः पल्लवानयनार्थं पर्वतदेशे गतः। (रथकार पत्तियाँ लाने के लिए पर्वतदेश में गया था।)

(ग) दासेरकाः आहारार्थं कुत्र गच्छन्ति? (ऊँट के बच्चे भोजन के लिए कहाँ जाते थे?)
उत्तर:
दासेरकाः आहारार्थं अधिष्ठानोपवनम् गच्छन्ति। (ऊँट के बच्चे भोजन के लिए नगर के बगीचे में जाते थे।)

(घ) दासेरकाः कस्मिन् समये गहमागच्छन्ति? (ऊँट के बच्चे किस समय घर आते थे?)
उत्तर:
दासरेकाः सायंतनसमये गृहमागच्छन्ति। (ऊँट के बच्चे शाम के समय घर आते थे।)

(ङ) उष्ट्रकथायाः सारः कः? (ऊँट की कथा का सार क्या है?)
उत्तर:
उष्ट्रकथायाः सारः अस्ति यत्-“यः सतां वचनादिष्टं मदेन न करोति सः घण्टोष्ट्र इव सत्वरम् विनश्यति।”

(ऊँट की कथा का सार यह है कि जो सज्जनों के वचनों को घमण्ड के कारण नहीं मानता है वह इस ऊँट के समान शीघ्र नष्ट हो जाता है।)

Class 10 Sanskrit Chapter 9 MP Board प्रश्न 3.
अधोलिखितप्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-(नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए-)
(क) उष्ट्री पीवरतनुः कथं सजाता? (ऊँटनी स्थूलशरीर वाली कैसे हुई?)
उत्तर:
उष्ट्री पल्लव भक्षणप्रभावाद् अहर्निशं पीवरतनुः सञ्जाता। (ऊँटनी पत्ते खाने के प्रभाव से दिन रात स्थूल शरीर वाली हो गई।)

(ख) रथकारः किमर्थं गुर्जरदेशं गतवान्? (रथकार किसलिए गुर्जरदेश में गया?)
उत्तर:
रथकारः कलभग्रहणाय गुर्जरदेशं गतवान्। (रथकार ऊँटनी लेने के लिए गुर्जर देश में गया।)

(ग) कः व्यापारः समीचीनः? (कौन सा व्यापार ठीक था?)
उत्तर:
उष्ट्रपरिपालनः व्यापारः समीचीनः। (ऊँट पालने का व्यापार ठीक था।)

Class 10th Sanskrit Chapter 9 MP Board प्रश्न 4.
यथायोग्यं योजयत- (उचित क्रम से जोडिए-)
कक्षा 10 संस्कृत पाठ 9 MP Board
उत्तर:
(क) 5
(ख) 1
(ग) 2
(घ) 3
(ङ) 4

Class 10 Sanskrit Chapter 9 Question Answer MP Board प्रश्न 5.
शुद्धवाक्यानां समक्षम् “आम्” अशुद्धवाक्यानां समक्षं “न” इति लिखत
(शुद्ध वाक्यों के सामने ‘आम्’ और अशुद्ध वाक्यों के सामाने ‘न’ लिखिए-)
(क) पल्लवभक्षणप्रभावात् पीवरतनुरुष्ट्री सजाता।
(ख) उज्ज्वलकः नित्यमेव दुग्धं गृहीत्वा स्वकुटुम्बं परिपालयति।
(ग) उज्ज्वलकेन महदुष्ट्रयूथं कृत्वा रक्षापुरुषो धृतः।
(घ) यूथाद् भ्रष्टः दासेरकः घण्टां वादयन्नागच्छति।
(ङ) कश्चित्सिंहो घण्टारवमाकर्ण्य समायातः।
उत्तर:
(क) आम्
(ख) आम्
(ग) आम्
(घ) आम्
(ङ) आम्

Sanskrit Class 10 Chapter 9 Mp Board प्रश्न 6.
अघोलिखितक्रियापदानां धातुं लकारं पुरुषं वचनञ्च लिखत
(नीचे लिखे क्रियापदों के धातु, लकार, पुरुष व वचन लिखिए)
Mp Board Class 10 Sanskrit Chapter 9
उत्तर:
Class 10 Sanskrit Chapter 9 MP Board

Class 10 Sanskrit Chapter 9 Solutions MP Board प्रश्न 7.
अधोलिखितपदानां सन्धिविच्छेदं कृत्वा सन्धिनाम लिखत
(नीचे लिखे पदों के सन्धि-विच्छेद करके सन्धि का नाम लिखिए)
Class 10th Sanskrit Chapter 9 MP Board
उत्तर:
Class 10 Sanskrit Chapter 9 Question Answer MP Board

Sanskrit Class 10 Chapter 9 Solutions MP Board प्रश्न 8.
समासविग्रहं कृत्वा समासनाम लिखत (समास का विग्रह कर समास का नाम लिखिए)
(क) प्रतिवर्षम्
(ख) दारिद्रयोपहतः
(ग) प्रसववेदनया
(घ) पीवरतनुः
(ङ) रथकारः
उत्तर:
Sanskrit Class 10 Chapter 9 Mp Board

Sanskrit Chapter 9 Class 10 MP Board प्रश्न 9.
रेखाङ्कितपदान्याधृत्व प्रश्ननिर्माणं कुरुत- (रेखाङ्कित पदों के आधार पर प्रश्न बनाइए-)
(क) रथकारः प्रतिवसति स्म। (रथकार रहता था।)
उत्तर:
कः प्रतिवसति स्मः? (कौन रहता था?)

(ख) मम गृहे उष्ट्रः अस्ति। (मेरे घर में ऊँट है।)
उत्तर:
कस्थ गृहे उष्ट्रः अस्ति? (किसके घर में ऊँट है?)

(ग) स दुग्धं गृहीत्वा स्वकुटुम्बं परिपातयति। (वह दूध लेकर अपना परिवार पालता था।)
उत्तर:
सः किं गृहीत्वा स्वकुटुम्बं परिपालयति? (वह क्या लेकर अपना परिवार पालता था?)

(घ) सः यूथाद् भ्रष्टोऽभवत्। (वह झुण्ड से भटक गया।)
उत्तर:
सः कस्मात् भ्रष्टोऽभवत्? (वह किससे भटक गया?)

(ङ) कलभैः अभिहितम्। (ऊँटों के द्वारा कहा गया।)
उत्तर:
कैः अभिहितम्? (किनके द्वारा कहा गया?)

Chapter 9 Sanskrit Class 10 MP Board प्रश्न 10.
कथाक्रम संयोजयत-(क्रम से कथा बनाइए)।
(क) उष्ट्रः यूथाद् भ्रष्टोऽभवत्?
उत्तर:
रथकारः दारिद्र्योपहतः देशान्निष्क्रान्तः।

(ख) सिंहेन उष्ट्रः मारितः?
उत्तर:
वने प्रसववेदनया पीड्यमानाम् उष्ट्रीम् अपश्यत्।

(ग) रथकारः गुर्जरदेशं गत्वोष्ट्रीं गृहीत्वा स्वगृहमागतः?
उत्तर:
रथकारः गुर्जरदेशं गत्वोष्ट्रीं गृहीत्वा स्वगृहमागतः।

(घ) तेन प्रचुरा उष्ट्राः करभाश्च सम्मिलिताः?
उत्तर:
तेन प्रचुरा उष्ट्राः करभाश्च सम्मिलिताः।

(ङ) वने प्रसवेदनया पीड्यमानाम् उष्ट्रीम् अपश्यत्?
उत्तर:
उष्ट्रः यूथाद् भ्रष्टोऽभवत्।

(च) रथकारः दारिद्र्योपहतः देशान्निष्क्रान्तः।
उत्तर:
सिंहेन उष्ट्रः मारितः।

योग्यताविस्तार –

“मदपरिणामः” इत्यस्य पाठस्य कलेवरमाधृत्य सरलसंस्कृतसंवादरीत्या पाठविषयकचर्चा कुरुत। (‘मदपरिणामः’ इस पाठ पर आधारित सरल संस्कृत संवाद में पाठ विषयक चर्चा करो।) पञ्चतन्त्रस्य अन्याः कथाः पठत। (पञ्चतंत्र की अन्य कथाएँ पढ़िए।) संस्कृतसाहित्यस्य अन्याः कथाः पठत। (संस्कृतसाहित्य की अन्य कथाएँ पढ़िए।)

Sanskrit Chapter 9 Class 10 Solutions MP Board मदपरिणामः पाठ का सार

प्रस्तुत पाठ ‘विष्णुशर्मा’ द्वारा रचित ‘पंचतन्त्र’ से लिया गया है। इस पाठ में घमण्ड के कारण प्राप्त फल का वर्णन किया गया है कि घमण्ड के कारण वह ऊँट सिंह द्वारा मार दिया गया। अतः व्यक्ति को कभी घमण्ड नहीं करना चाहिए, अन्यथा परिणाम भयङ्कर होता है।

मदपरिणामः पाठ का अनुवाद

1. कस्मिंश्चिदधिष्ठाने उज्ज्ालको नाम रथकारः प्रतिवसति स्म। स चातीव दारिद्रयोपहतश्चिन्तितवान्-‘अहो! धिगियं दरिद्रता मद्गृहे। यतः सर्वेऽपि जनः स्वकर्मणैव रतस्तिष्ठति। अस्मदीयः पुनापारो नानाधिष्ठानेऽर्हति। यतः सर्वलोकानां चिरन्तनाश्चतुर्भूमिका गृहाः सन्ति। मभ च नात्र। तत्किं मदीयेन रथकारत्वेन प्रयोजनम्।’ इति चिन्तयित्वा देशनिष्क्रान्तः। यात्कञ्चिद्वनं गच्छति तावद्गहराकारवनगहनमध्ये सूर्यास्तपनवेलायां स्वयूद् भ्रष्टां प्रसववेदनया पीड्यमानामुष्ट्रीमपश्यत्। स च दासेरकयुक्तामुष्ट्रीं गृहीत्वा स्वस्थानाभिमुखः प्रस्थितः। गृहमासाद्य रज्जु गृहीत्वा तामुष्ट्रिकां पबन्ध। ततश्य तीक्ष्णं परशुमादाय तस्याः पल्लवानयनार्थ पर्वतैकदेशे गतः। तत्र च नूतनानि कोमलानि बहूनि पल्ल्वानि छित्वा शिरसि समारोप्य तस्याग्रे निचिक्षेप। तया च तानि शनैः शनैर्भक्षितानि। पश्चात्पल्लवभक्षणप्रभावादहर्निशं पीवरतनुरुष्ट्री सजाता। सोऽपि दासेरको महानुष्ट्रः सञ्जातः।

Sanskrit Class 10 Chapter 9 MP Board शब्दार्थाः :
अधिष्ठाने-नगर में-town/city; दारिद्रयोपहतः-गरीबी से परेशान होकर-being disgusted with poverty; चतुर्भूमिकाः-चौमंजिला-four storeyed; गहाराकार-गुफा के आकार के-cave-shaped, cavern; स्वयूथाद्-अपने झुण्ड से-from own herd; दासेरक-ऊँट का बच्चा-young one of a camel; आसाद्य-पहुँचकर -reaching; रज्जुम्-रस्सी-rope; परशुमादाय-कुल्हाड़ी लेकर-taking an axe; समारोप्य-उठाकर-picking up; पीवरतनु-स्थूल शरीर-bulky, fatty.

Class 10 Chapter 9 Sanskrit MP Board अनुवाद :
किसी नगर में उज्जवलक नाम का रथकार रहता था। और वह बहुत अधिक गरीबी से परेशान होकर सोचने लगा-“आह! मेरे घर की इस गरीबी को धिक्कार है। क्योंकि सभी लोग अपने कर्म में लगे हुए हैं। फिर मेरा काम ही इस नगर के योग्य नहीं है। क्योंकि सब लोगों के बहुत समय से चौमंजिला घर हैं। और मेरा यहाँ नहीं है। तो मेरा रथ बनाने का क्या प्रयोजन? यह सोचकर देश से चला गया। जब वह एक वन में गया तब गुफा के आकार के घने जंगल के बीच में सूर्यास्त के समय अपने झुण्ड से भटकी प्रसव पीड़ा से पीड़ित एक ऊँटनी को देखा। और वह ऊँट के बच्चे से युक्त ऊँटनी को लेकर अपने घर की ओर चल पड़ा। घर पहुँच कर रस्सी लेकर उस ऊँटनी को बाँध दिया। और फिर तीखी कुल्हाड़ी लेकर उसके लिए पत्ते लाने के लिए एक पर्वतीय प्रदेश में गया और वहाँ से बहुत से नये व कोमल पत्ते काटकर सिर पर उठाकर लाकर उसके आगे फेंक दिए। उस ऊँटनी के द्वारा उनको धीरे-धीरे खाया गया। पत्ते खाने के बाद उसके प्रभाव से रात दिन वह ऊँटनी स्थूल शरीर वाली होती गई। उसका बच्चा भी बड़ा ऊँट बन गया।

Chapter 9 Sanskrit Class 10 Mp Board English :
Ujjwalak-a maker of chariots-fed up with acute poverty-leaves town-reached a forest-saw a she camel in labour pains-delivered a young one-Ujjwalak brought both home-fed them on tender leaves-became fatty-young one alse grew up.

2. ततः स नित्यमेव दुग्धं गृहीत्वा स्वकुटुम्वं परिपालयति। अथ रथकारेण वल्लभत्वाद्दासेरकग्रीवायां महतीघण्टा प्रतिबद्धा। पश्चाद्रथकारो व्यचिन्तयत्- ‘अहो! किमन्यैर्दुष्कृतकर्मभिः, यावन्ममैतस्मादेवोष्ट्रपरिपालनादस्य कुटुम्बस्य भव्यं सजातम् । तत्किमन्येन व्यापारेण ।’ एवं विचिन्त्य गहमागत्य प्रियामाह-‘भद्रे! समीचीनोऽयं व्यापारः। तव सम्मतिश्चेत्कुतोऽपि धनिकात्किञ्चिद् द्रव्यमादाय मया गुर्जरदेशे गन्तव्यं कलभग्रहणाय। तावत्वयैतौ यत्नेन रक्षणीयौ। यावदहमपरामुष्ट्री नीत्वा समागच्छामि।’

Mp Board Solution Class 10 Sanskrit शब्दार्थाः :
वल्लभत्वात्-प्रेमवश-outofaffection; ग्रीवायाम्-गर्दन में-ontheneck; दृष्कृत-कठिनाई से करने वाले-difficult, arduous; भव्यम्-समृद्ध-progressive, weil off; कलभग्रहणाय-ऊँटों को लेने के लिए-to fetch camels; समीचीन-ठीक/रचित है-proper.

अनुवाद :
तब से वह प्रतिदिन दूध लेकर अपने परिवार का पालता है। बाद में रथकार के द्वारा प्रेमवश ऊँट के बच्चे के गले में बड़ा घण्टा बाँध दिया गया। उसके बाद रथकार ने सोचा-“अरे! अन्य दुष्कृत कर्मों से क्या लाभ, जब मेरे इस ऊँट को पालने से ही परिवार समृद्ध हो गया। तब अन्य किसी व्यापार से क्या।’ ऐसा सोचकर घर आकर पत्नी से कहा-‘प्रिय! यह व्यापार/काम ठीक है। यदि तुम्हारी सम्मति हो तो किसी भी धनिक से कुछ धन लेकर मेरे द्वारा गुर्जरप्रदेश में ऊँटों को लाने के लि जाना चाहिए। तब तक तुम इन दोनों की रक्षा करने का प्रयास करो। जब तक मैं दूसरी ऊँटनी लेकर आता हूँ।”

Class 10 Sanskrit Chapter 9 Hindi Translation MP Board English :
Feeds family on milk-tied bell around young-one of camel-thought of borrowing money and camel rearing as sole profession-went to Gujjar region to bring another she camel.

3. ततश्च गुर्जरदेशं गत्वोष्ट्रीं गृहीत्वा स्वगृहमागतः। किंबहुना? तेन तथा कृतं यथा तस्य प्रचुरा उष्ट्राः करभाश्च सम्मिलिताः। ततस्तेन महदुष्ट्रयूथं कृत्वा रक्षापुरुषो धृतः। तस्य प्रतिवर्षं वृत्या करभमेकं प्रयच्छति। प्रतिवर्षं अन्यच्चाहर्निशं दुग्धपानं तस्य निरूपितम् । एवं रथकारोऽपि नित्यमेवोष्ट्रीकरभव्यापारं कुर्वन्सुखेन तिष्ठति। अथ ते दासेरका अधिष्ठानोपवनाहारार्थ गच्छन्ति। कोमलवल्लीर्यथेच्छया भक्षयित्वा महति सरसि पानीयं पीत्वा सायंतनसमये मन्दं मन्दं लीलया गृहमागच्छन्ति। स च पूर्वदासेरको मदातिरेकात्पृष्ठे आगत्य मिलति।

शब्दार्थ :
किं बहुना-और अधिक क्या-What more; करभाः-बहुत से ऊँट-many youngones of camels; वृत्या-वेतन में-in salary; निरुपितम्-निर्धारित किया-fixed; मदातिरेकात्-अधिक घमण्ड के कारण-due to excessive pride; पृष्ठे-बाद में-afterwards.

Sanskrit Ch 9 Class 10 MP Board अनुवाद :
और वहाँ से गुर्जर देश जाकर ऊँटनी लेकर अपने घर आ गया। और अधिक क्या? उसने ऐसा किया जिससे उसके पास बहुत से ऊँट ऊँटनी इकट्ठे हो गए। तब उसने इतने बड़े ऊँट के झुण्ड बनाकर एक पहरेदार रखा। उसको हर. वर्ष वेतन में एक ऊँट दे देता। हर वर्ष बाकियों से दिन-रात दूध पीना उसने.निर्धारित किया। इस प्रकार रथकार भी सदा ही ऊँट-ऊँटनी के व्यापार को करते हुए सुख से रहने लगा। फिर वे सारे ऊँट के बच्चे नगर के उपवन में आहार के लिए जाते। कोमल पत्तियों को इच्छानुसार खाकर बहुत सारा सरोवर का जल पीकर सांयकाल में धीरे-धीरे खेलते हुए घर आ जाते। और वह पहले वाला ऊँट का बच्चा अत्यधिक घमण्ड से युक्त बाद में आकर मिलता।

Ch 9 Sanskrit Class 10 MP Board English :
Brought a she camel from gujjar region a flock of camels grew up–engaged a guard-sought pleasure in their service-the herd went to graze in the grove of the town-returned after feeding on leaves and drinking of river water-previous young one of camels joined last of all.

4. ततस्तैः कलभैरभिहितम्- ‘अहो मन्दमतिरयं दासेरको यथा यूथाद् भ्रष्टः पृष्ठे स्थित्वा घण्टा वादयन्नागच्छति। यदि कस्यापि दुष्टसत्त्वस्य मुखे पतिष्यति, तन्नूनं मृत्युमवाप्स्यति। अथ तस्य तद्वनं गाहमानस्य कश्चित्सिहो घण्टारवमाकर्ण्य समायातः। यावदवलाकयति, तावदुष्ट्रीदासेरकाणां यूथं गच्छति। एकस्तु पुनः पृष्ठे क्रीड़ां कुर्वन्दल्लरीश्चरन्यावत्तिष्ठति, तावदन्ये दासेरकाः पानीयं पीत्वा स्वगृहे गताः।

सोऽपि वनान्निष्क्रम्य यावद्दिशोऽवलोकयति, तावन्नकञ्चिन्मार्गं पश्यति वेत्ति च। यूथाद् भ्रष्टो मन्दं मन्दं बृहच्छब्दं कुर्वन्यावत्कियदूरं गच्छति तावत्तच्छब्दानुसारी सिंहोऽपि क्रमं कृत्वा निर्भतोऽग्रे व्यवस्थितः। ततो यावदुष्ट्रः समीपमागतः, तावत्सिंहेन लम्भयित्वा ग्रीवायां गृहीतो मारितश्च। अतोऽहं ब्रवीमि –
सतां वचनमादिष्टं मदेन न करोति यः।
स विनाशमवाप्नोति घण्टोष्ट्र इव सत्वरम्॥

Class 10 Sanskrit Chapter 9 Pdf MP Board शब्दार्था :
अभिहितम्-कहा-said; गाहमानस्य-विचरण करता हुआ-wandering; समायात-आ गया-came; आकर्ण्य-सुनकर-hearing; निभृतः-चुपचाप-silently; लम्भयित्वा-छलाँग लगाकर-jumping; व्यवस्थितः-खड़ा हुआ था-stood; अवाप्नोति-प्राप्त होता है-seeks, is subject to, meets.

Sanskrit Class 10 Chapter 9 Pdf MP Board अनुवाद :
तब उन ऊँटों के द्वारा कहा गया-“अरे! यह तो मन्दबुद्धि बच्चा है, जो झुण्ड से अलग होकर पीछे खड़े होकर घण्टा बजाता हुआ आता है। यदि किसी दुष्ट प्राणी के मुँह में पड़ गया तो निश्चय ही मृत्यु को प्राप्त हो जाएगा। फिर उस वन में विचरण करते हुए कोई शेर घण्टे की आवाज सुनकर आ गया। जब उसने देखा, तब ऊँटनी के बच्चों का झुण्ड जा रहा था। एक तो फिर पीछे खेलता हुआ पत्तियाँ खाता हुआ वहीं खड़ा हो गया, तब तक बाकी बच्चे पानी पीकर अपने घर चले गए।

वह भी वन से निकलकर जब उस दिशा में देखता है, तब कोई रास्ता न देखता है और न ही पहचानता है। झुण्ड से अलग धीरे-धीरे आवाज करता. हुआ जब कुछ दूर जाता है, तब शब्द का अनुसरण करता हुआ शेर भी पीछा करके चुपचाप आगे खड़ा हो जाता है। तब जैसे ही ऊँट पास आता है, वैसे ही वह शेर के द्वारा छलाँग लगाकर गर्दन से पकड़ा जाता है और मार दिया जाता है। इसलिए मैं कहता हूँ

जो सज्जनों के कहे वचनों का घमण्ड के कारण पालन नहीं करता वह इस घण्टे वाले ऊँट के समान शीघ्र विनाश को प्राप्त हो जाता है।

Sanskrit Mp Board Solution MP Board English :
The flock of camels predicted-dull witted camel will be killed-A lion-heard sound of bell-stands on the way-catches by the neck-killed at once. Moral-Pride hath a fall.