MP Board Class 10th Hindi Vasanti Solutions Chapter 17 गोश्रीनगर से श्रीनगर

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MP Board Class 10th Hindi Vasanti Solutions Chapter 17 गोश्रीनगर से श्रीनगर (डॉ. एन.ई. विश्वनाथ अय्यर)

गोश्रीनगर से श्रीनगर पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

गोश्रीनगर से श्रीनगर लघु-उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Class 10th Hindi Mp Board Solution MP Board Chapter 17 प्रश्न 1.
भारत के उत्तरी और दक्षिणी छोरों के नाम लिखिए।
उत्तर-भारत के उत्तरी और दक्षिणी छोर हैं-कन्याकुमारी और हिमालय।

Mp Board Solution Class 10 Hindi Chapter 17 प्रश्न 2.
कश्मीर प्रत्येक भारतीय को क्यों लुभाता है? ।
उत्तर
‘अगर कही स्वर्ग है तो वह यहीं है। इसलिए कश्मीर प्रत्येक भारतीय को लुभाता है।

Hindi Class 10 Mp Board Solution Chapter 17 प्रश्न 3.
कन्याकुमारी और गोश्रीनगर (कोचीन) भारत के किन राज्यों में स्थित है?
उत्तर
कन्याकुमारी और गोश्रीनगर (कोचीन) तमिलनाडु और केरल राज्यों में है।

10th Hindi Lesson Kashmiri Seb In Hindi MP Board Chapter 17 प्रश्न 4.
श्रीनगर के सबसे ऊँचे स्थान का नाम बताइए।
उत्तर
श्रीनगर के सबसे ऊँचे स्थान का नाम-शंकराचार्य पहाड़ी।

Class 10 Hindi Chapter 17 MP Board  प्रश्न 5.
कांगड़ी का उपयोग कश्मीरी क्यों करते हैं?
उत्तर
कांगड़ी का उपयोग कश्मीरी ठण्ड से बचने के लिए करते हैं।

 गोश्रीनगर से श्रीनगर दीर्घ-उत्तरीय प्रश्नोत्तर

Chapter 17 Hindi Class 10 Mp Board  प्रश्न 1.
कश्मीर के बारे में पौराणिक और ऐतिहासिक कौन-सी बातें कही गई हैं।
उत्तर
कश्मीर के बारे में पौराणिक बातें महाभारत काल की हैं। इतिहासकाल में अशोक ने कश्मीर में अनेक बौद्ध-विहार व स्तूप बनवाए।

Class 10 Hindi Mp Board Solution Chapter 17 प्रश्न 2.
‘कश्मीरी जंगल में मंगल करते है।’ उक्त पंक्ति को समझाइए।
उत्तर
‘कश्मीरी जंगल में मंगल करते हैं।’ अर्थात् कश्मीरी किसी प्रकार की कठिनाई की परवाह न करते हुए प्रकृति का जी भरकर आनन्द लेते हैं।

Class 10th Mp Board Solution Hindi Chapter 17 प्रश्न 3.
लेखक ने डल झील को कश्मीर की शान क्यों कहा है?
उत्तर
लेखक ने डल झील को कश्मीर का शान कहा है, क्योंकि वह अनेक प्रकार के आनंद का मुख्य केंद्र है।

Mp Board Solution Class 10th Hindi Chapter 17  प्रश्न 4.
‘पृथ्वी पर अगर कहीं स्वर्ग है, तो वह यहीं है’ इस कथन का भाव स्पष्ट करिए।
उत्तर
‘पृथ्वी पर अगर कहीं स्वर्ग है तो वह यहीं है’ इस कथन का भाव यह है कि कश्मीर की सुंदरता संसार में सबसे अधिक है। उसके सुख और आनंद के सामने और कहीं सभी सुख-आनंद फीके जान पड़ते हैं। वह तो स्वर्ग के समान ही है।

Class 10th Hindi Vasanti MP Board Chapter 17 प्रश्न 5.
‘कश्मीर की मिट्टी में ही प्यार-मुहब्बत की महक है।’ इस कवन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
‘कश्मीर की मिट्टी में ही प्यार-मुहब्बत की महक है।’ उपर्युक्त कथन के द्वारा लेखक ने यह कहना चाहा है कि कश्मीरवासियों में अपनापन है। एकता है, भाईचारा है, प्यार-दुलार है। एक-दूसरे के सुख-दुख समझने की भावना है। सहानुभूति और सद्भाव है।

गोश्रीनगर से श्रीनगर भाषा-अनुशीलन

Mp Board Solution Hindi Class 10th Chapter 17 प्रश्न 1.
संधि-विच्छेद कर संधि का नाम लिखिए
हिमालय, दुर्गम, जगतगुरु, प्रामाणिक।
उत्तर
Class 10th Hindi Mp Board Solution MP Board Chapter 17

Hindi Mp Board Solution Class 10 Chapter 17 प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए
विशाल, संतुष्ट, कठोर, दुर्गम, प्रत्यक्ष।
उत्तर
शब्द – विलोम शब्द
विशाल – लघु
संतुष्ट – असंतुष्ट
कठोर – कोमल
दुर्गम – सुगम
प्रत्यक्ष – अप्रत्यक्ष।

Vasanti Hindi Book Class 10 Solutions Mp Board MP Board प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए
भूमि, पहाड़, अभिलाषा, प्रेम, कृषक।
उत्तर
भूमि – जमीन, धरती
पहाड़ – पर्वत, भूधर
अभिलाषा – इच्छा, चाह
प्रेम – स्नेह, प्यार
कृषक – किसान, खेतिहर।

Class 10 Hindi Chapter 17 Question Answer MP Board प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखिए
जहाँ पहुँचना कठिन हो, जिसकी आवश्यकता न हो, जनमानस में प्रचलित घटना या कवा, पर्यटन करने वाला।
उत्तर
वाक्यांश – एक शब्द
जहाँ पहुँचना कठिन हो| – दुर्गम
जिसकी आवश्यकता न हो – अनावश्यक
जनमानस में प्रचलित घटना या कथा – जनश्रुति
पर्यटन करने वाला – पर्यटक।

प्रश्न 5.
वाक्यों में प्रयोग कीजिए
जंगल में मंगल, ईद का चाँद होना, दिल लुभाना, चेहरा खिलना।
उत्तर
वाक्यांश – वाक्य-प्रयोग
जंगल में मंगल – कश्मीरी जंगल में मंगल मनाते हैं।
ईद का चाँद होना – विदेश मित्र तो ईद का चाँद होते हैं।
दिल लुभाना – उसने अपनी योग्यता से सबके दिल को लुभा लिया।
चेहरा खिलना – लाटरी निकलने पर भिखारी का चेहरा खिल उठा।

गोश्रीनगर से श्रीनगर  योग्यता-विस्तार

प्रश्न 1. प्रदेश के प्रर्यटन स्थलों के चित्रों का संकलन कीजिए।
प्रश्न 2. किसी भी पर्वतीय पर्यटन स्थल पर जाते समय आप क्या-क्या तैयारी करेंगे? बताइए।
प्रश्न 3. क्या आप कभी पर्यटन के लिए गए हैं। यदि हाँ तो उसके संबंध में स्मृति के आधार पर अपने विचारों को क्रमबद्ध कीजिए।
उत्तर
उपर्युक्त प्रश्नों को छात्र/छात्रा अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से हल करें।

 गोश्रीनगर से श्रीनगर परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘गोश्रीनगर से श्रीनगर’ यात्रा-वृत्तांत का प्रतिपाय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
‘गोश्रीनगर से श्रीनगर’ यात्रा-वृत्तांत डॉ. एन.ई. विश्वनाथ अय्यर लिखित एक रोचक और ज्ञानवर्द्धक यात्रा-वृत्तांत है। इस यात्रा-वृत्तांत में लेखक ने भारत के एक विशाल छोर गोश्रीनगर (कोचीन) से श्रीनगर तक की मनोहारी तथा रोमांचक यात्रा का वर्णन किया है। यात्रा के दौरान हिमालय का पर्वतीय सौंदर्य, छोटे-बडे. हरे मैदान, डल झील के शिकारे तथा प्राकृतिक मनोहारी दृश्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इस अवर्णनीय, अद्वितीय और अद्भुत आनंद का स्वयं अनुभव करके ही जाना जा सकता है। अपने साथ के यात्रियों के आत्मीय व्यवहार का सहज-स्वाभाविक वर्णन प्रस्तुत यात्रा-वृत्तांत को और अधिक प्रभावशाली बनाता है।

प्रश्न 2.
कोचीन से श्रीनगर लेखक कैसे पहुँचा?
उत्तर
कोचीन से श्रीनगर लेखक रेल और बस के द्वारा पहुँचा। पहले वह कोचीन से रेल द्वारा अनेक प्रदेशों से गुजरता हुआ जम्मू पहुँचा। इसके बाद वह वहाँ से बस के द्वारा श्रीनगर पहुँचा।

प्रश्न 3.
श्री शंकराचार्य पहाड़ी की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर
श्री शंकराचार्य पहाड़ी श्रीनगर का सबसे ऊँचा स्थान है। यह मठ बहुत पराना है और जनश्रुति के अनुसार, यहाँ का मंदिर पाण्डव वंश के राजाओं का बनाया हुआ है। यहाँ शिवजी और शंकराचार्य की मूर्तियाँ हैं और मंदिर तक पहुँचने के लिए सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। पहले सड़क से पैदल ही मंदिर तक पहुँच सकते थे। अब मोटर से भी जाया जा सकता है। इस ऊँचे पहाड़ पर खड़े होकर श्रीनगर का काफी बड़ा हिस्सा दिखाई देता है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित कथनों के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए।
1. विशाल भारत के छोर हैं
1. दो
2. चार
3. पाँच
4. तीन
उत्तर
1. दो

2. कोचीन है
1. मद्रास में
2. आंध्र-प्रदेश में
3. केरल में
4. कश्मीर में।
उत्तर
3. केरल में

3. कश्मीर की राजधानी है
1. जम्मू
2. जम्मू तवी
3. कोचीन
4. श्रीनगर।
उत्तर
4. श्रीनगर।

4. पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो वह है
1. कोचीन में
2. कश्मीर में
3. मैसूर में
4. जम्मू में।
उत्तर
2. कश्मीर में

5. घाटी में पहले थी
1. नदी
2. झील
3. खाईं
4. हरियाली।
उत्तर
(2) झील।

प्रश्न 5.
रिक्त स्थानों की पूर्ति दिए गए विकल्पों में से उचित शब्दों के चयन से कीजिए।
1. कन्याकुमारी की सागर-तरंगें अपने मंद हास से हमें ………….. करती हैं। (भ्रमित, चकित)
2. पृथ्वी पर अगर कहीं स्वर्ग है, तो वह ………….. है। (वहीं. यहीं)
3. महाभारत काल से ही कश्मीर-शासकों की …………… मिलती हैं। (गाथाएँ, कथाएँ)
4. प्रभाती पवन में …………… भरी शीतलता थी। (घुटनभरी, चुभनभरी)
5. डल झील …………….. का मुख्य केन्द्र है। (जम्मू, कश्मीर)
उत्तर
1. चकित
2. वहीं
3. गाथाएँ
4. चुभन भरी
5. कश्मीर।

प्रश्न 6.
सही जोड़ी मिलाकर लिखिए।
सबद – दिवाकर वर्मा
कालिदास की समालोचना – उषा वर्मा
वैदेही बनवास – कबीरदास
तुम्हारी विरासत – महावीर प्रसाद द्विवेदी
आस्था के स्वर – हरिऔध।
उत्तर
सबद- कबीरदास
कालिदास की समालोचना – महावीर प्रसाद द्विवेदी
वैदेही वनवास – हरिऔध
तुम्हारी विरासत – उषा वर्मा
आस्था के स्वर – दिवाकर वर्मा।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित वाक्य सत्य हैं या असत्य? वाक्य के आगे लिखिए।
1. सम्राट ललितादित्य, साहित्यकार और कला-प्रेमी थे।
2. कोट्टायम से तक्कड़ी का रास्ता पहाडी नहीं है।
3. लेखक जलपान-विश्राम से पहले कुछ देर चहलकदमी करता रहा।
4. कांजीगुंड से श्रीनगर की समतल नहीं थी।
5. कश्मीर में कई बोलियाँ हैं।
उत्तर
1. सत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. असत्य
5. सत्य।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए
1. घाटी में पहले कौन-सी झील थी? ।
2. कश्मीर में अनेक बौद्ध विहार और स्तूप किसने बनवाए थे? … 3. लेखक बनिहाल रेस्ट हाउस के सामने शाम को कब पहुँचा?
4. कांजीगुंड से श्रीनगर कितने घण्टे में पहुँचा?
5. नए शिकारे का मल्लाह कौन था?
उत्तर
1. सतीसर
2. सम्राट अशोक ने
3. साढ़े चार बजे
4. दो
5. युसूफ

 गोश्रीनगर से श्रीनगर लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
लेखक कहाँ से कहाँ के लिए रवाना हो गया?
उत्तर
लेखक गोश्रीनगर (कोचीन) से श्रीनगर के लिए रवाना हो गया।

प्रश्न 2.
किसी ने यहाँ तक क्या कहा है?
उत्तर
किसी ने यहाँ तक कहा है कि पृथ्वी पर अगर कहीं स्वर्ग है, तो वह यहीं है।

प्रश्न 3.
कश्मीर की प्रकृति ने प्रदान किए हैं?
उत्तर
कश्मीर की प्रकृति ने जिस प्रकार मिठास और मोहक रंग सेब और केसर में भर दिए हैं, उसी प्रकार की मिठास और रंग यहाँ के किशोर और किशोरियों को दिल खोलकर प्रदान किए हैं।

गोश्रीनगर से श्रीनगर लेखक-परिचय

जीवन-परिचय-आधुनिक हिन्दी रचनाकारों में विशेष रूप से दक्षिण भारतीय हिन्दी साहित्यकारों में डॉ. एन. ई. विश्वनाथ अय्यर का अधिक सम्मानजनक स्थान है। आप अपनी आरंभिक और उच्चस्तरीय शिक्षा समाप्त करके अध्यापन करने लगे। इस सिलसिले में आप केरल विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों में अध्यापन के बाद केरल विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष रहे। आप कोचीन विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रथम आचार्य और विभागाध्यक्ष के साथ-साथ भाषा संकाय के डीन भी रहे।

रचनाएँ-डॉ. एन. ई. विश्वनाथ अय्यर की निम्नलिखित रचनाएँ हैंललित निबंध-‘उठता चाँद’, ‘डूबता सूरज’, ‘फूल और काँटे’। आलोचना-‘आधुनिक हिन्दी काव्य’, ‘मलयालम काव्य’

भाषा-शैली-डॉ. एन.ई. विश्वनाथ अय्यर का साहित्य विविध भाषा-शैली का है। इसलिए उसमें अंग्रेजी, मलयालम, तमिल और हिन्दी के शब्दों से भरपूर है।

आपकी शैली वर्णनात्मक-गवेषणात्मक है। कहीं-कहीं वह सरल और सुबोध भी है।

साहित्य में स्थान-डॉ. एन.ई. विश्वनाथ अय्यर का हिन्दी साहित्य में सुपरिचत स्थान है। दक्षिण भारत के हिन्दी रचनाकारों में विशेष रूप आप उल्लेखनीय हैं। दक्षिण के ‘अनेक विश्व-विद्यालयों से संबंद्ध रहते हुए आपने कई राज्य स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्राप्त किए हैं।

 गोश्रीनगर से श्रीनगर  यात्रा वृत्तान्त का सारांश

इस यात्रा वृत्तान्त में लेखक ने गो श्रीनगर (कोचीन) से भी श्रीनगर तक की रोमांचक यात्रा का वर्णन किया है। लेखक के अनुसार-विशाल भारत के दो छोर-कन्याकुमारी और हिमालय हैं। यात्रा-साहित्य में इन दोनों के प्रति जिज्ञासा होती है। कश्मीर सबको लुभाता है। कहा भी गया है कि पृथ्वी पर अगर कहीं स्वर्ग है तो वह यहाँ है। लेखक कोचीन से श्रीनगर रेल द्वारा अनेक प्रदेशों से गुजरता हुआ पहुँचा। वह जम्मू के पर्वतीय नगर से श्री नगर बस द्वारा पहुँच गया। रास्ते में उसने देखा कि किस तरह लोग कठोर प्रकृति से संघर्ष, समझौता और प्रेम करके दुर्गम ऊँचे पर्वतीय प्रदेश में भी कृषि करके जीवन बिताते हैं। इंजीनियरों की अद्भुत प्रतिमा, अदम्य साहस और शक्ति से इस दुर्गम पर्वत को सुगम बना दिया था। लेखक इससे दो घण्टे में अपने साथियों के साथ बस द्वारा श्रीनगर पहुँच गया। यहाँ का सारा वातावरण उसे मोहने लगा था। उसने देखा कि श्री शंकराचार्य पहाड़ी श्रीनगर का सबसे ऊँचा स्थान है। यह मठ बहुत
पुराना है। यहाँ शिव जी और शंकराचार्य दोनों की मर्तियाँ हैं। श्रीनगर के डल झील. तैरते बाग और उनके चारों ओर की पहाड़ियों के निराले दृश्य बड़े ही मनोहारी हैं। नए शिकारे का मल्लाह किशोर था, जिसके हाथ बड़ी फुरती से चप्पू पर चल रहे थे। लेखक के साथी भी उसका साथ दे रहे थे। उस मल्लाह के गले से मौज में सुरीली आवाज आ रही थी। ठेठ कश्मीरी लोकगीत और ठेठ देहाती कण्ठ। दो-चार पंक्तियों को बार-बार दुहरा रहा था-कश्मीर की मिट्टी में ही प्यार-मुहब्बत की महक है।

 गोश्रीनगर से श्रीनगर संदर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या

(1) छोटी-छोटी जरूरी चीजें सारे देश को कैसे एकतामय कर देती हैं। खोजने पर केरल का बना साबुन भी शायद मिल जाता। बस अब तेज चाल से जवाहर-सुरंग की ओर बढ़ी। इस पथ को पार करते हुए पुलकित हुए बिना नहीं रह सकते। इंजीनियरों की अद्भुत प्रतिभा, अदम्य साहस और कार्य-शक्ति ने इस दुर्गम पर्वत में विशाल सुरंग-पच बनाकर कश्मीर और शेष भारत का पथ पूरे वर्ष भर चलने लायक बना दिया। प्रकाश-धारा बहाती, सीटी बजाती, बस सुरंग पथ से आगे बढ़ रही थी। रोमांचकारी दृश्य था। मानव शक्ति से यंत्र शक्ति की श्रेष्ठता को मानते हुए हम आगे बढ़ रहे थे।

शब्दार्व-पव-रास्ता। पुलकित-प्रसन्न। दुर्गम-कठिन। लायक-योग्य।

संदर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिंदी सामान्य’ 10वीं में संकलित लेखक डॉ. एन.ई. विश्वनाथ अय्यर लिखित यात्रा-वृत्तान्त ‘गोश्रीनगर से श्रीनगर’ से है।

प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने कश्मीर के लिए की गई अपनी यात्रा के अनुभव का उल्लेख करते हुए कहा है कि

व्याख्या-न केवल बड़ी-बड़ी चीजें ही अपितु छोटी-सी-छोटी जरूरत की चीजें भी पूरे देश की एकता को कायम रखने में सहायक होती हैं। श्रीनगर में इस दृष्टि से केरल में बना हुआ साबुन ढूँढ़ने पर जरूर मिल जाता। बस की रफ्तार बढ़ी और जवाहर-सुरंग को पार कर गई। इससे उसे अपने साथियों के साथ अधिक आनंद आया। उसने यह अनुभव किया इस दुर्गम पथ को सुगम बनाने में इंजीनियरों की अदभत प्रतिभा, अदम्य साहस और महान कार्य-शक्ति निश्चय ही सराहनीय है। उसका ही यह सुफल है कि कश्मीर भारत के दूसरे भाग से हमेशा के लिए जड़े रहने योग्य बन गया है। बस सरंग पथ से प्रकाशधारा बहाती हुई और सीटी बजाती हुई आगे बढ़ रही थी। उस समय का दृश्य रोमांचकारी हो चला था। उस समय वह अपने साथियों के साथ मानव-शक्ति में यंत्र-शक्ति को श्रेष्ठता की स्वीकारते हुए बस से आगे बढ़ते जा रहा था।

विशेष-

  1. कश्मीर के दुर्गम स्थानों का उल्लेख है।
  2. यह अंश ज्ञानवर्द्धक है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
कौन-सी चीजें क्या कर देती हैं? उत्तर-छोटी-छोटी जरूरत की चीजें देश को एकतामय कर देती हैं।

प्रश्न 2.
क्यों रोमांचकारी दृश्य था?
उत्तर
रोमांचकारी दृश्य इसलिए था कि दुर्गम पर्वतीय प्रदेश को सुगम बनाने का अद्भुत और बेजोड़ कार्य इंजीनियरों द्वारा किया गया था। दूसरी बात यह कि बस प्रकाश-धारा बहाती और सीटी बजाती हुई सुरंग पथ से आगे बढ़ रही थी।

विषय-वस्तु पर आधारित प्रश्नोत्तर

प्रश्न
उपर्युक्त गयांश का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
उपर्युक्त गद्यांश के द्वारा लेखक ने आज के यांत्रिक युग का महत्वांकन करना चाहा है। इस संदर्भ में लेखक ने यह सुस्पष्ट करने का प्रयास किया है कि मानव-शक्ति से यांत्रिक शक्ति बहुत ही अधिक है। फिर मानवी-शक्ति के बिना यांत्रिक शक्ति का कोई उपयोग नहीं हो सकता है।