MP Board Class 7th Special Hindi Model Question Paper

MP Board Class 7th Special Hindi Model Question Paper

प्रश्न 1.
(क) सही विकल्प चुनकर अपनी पुस्तिका में लिखो
(अ) कर्मवती …………………. की रानी थी।
(1) झाँसी,
(2) कालपी,
(3) मेवाड़,
(4) इन्दौर।

(ब) अहिल्याबाई …………………. राज्य की महारानी थी।
(1) मराठा,
(2) होल्कर,
(3) चन्देल (परमार)।

MP Board Solutions

(स) दीपू पिकनिक के लिए …………………. जा रहा था।
(1) साँची,
(2) भोपाल,
(3) विदिशा,
(4) पचमढ़ी।

(द) बुन्देली के पितृ पुरुष माने जाते हैं।
(1) डॉ. हरिसिंह गौर,
(2) ईसुरी,
(3) भूषण,
(4) पद्माकर।

(इ) ‘अगर नाक न होती’ पाठ …………………. विधा में लिखा गया है।
(1) कहानी,
(2) निबन्ध,
(3) जीवनी,
(4) व्यंग्य।
उत्तर-
(अ) (3) मेवाड़,
(ब) (2) होल्कर,
(स) (1) साँची,
(द) (3) भूषण,
(इ) (4) व्यंग्य।

(ख) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(अ) कवि के अनुसार ………………………………. का पेड़ कुल्हाड़ी को सुगन्धित करता है।
(ब) डॉ. अब्दुल कलाम को ………………………………. नाम से भी जाना जाता है।
(स) कृष्ण को ………………………………. खाना बहुत अच्छा लगता
(द) राष्ट्रीय खेल दिवस ………………………………. को मनाया जाता है।
(इ) किसी कविता को पढ़ते या सुनते समय हमें जो आनन्द की अनुभूति होती है, उसे ………………………………. कहते हैं।
(ङ) देवभूमि भारत को ………………………………. की क्रीड़ास्थली कहा जाता है।
उत्तर-
(अ) चन्दन,
(ब) मिसाइल मैन,
(स) मक्खन,
(द) उन्तीस अगस्त,
(इ) रस,
(ङ) देवताओं।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(अ) नेहरूजी ने किन जंजीरों को तोड़ देने के लिए कहा
(ब) हमें जीवों के प्रति किस तरह की भावना व्यक्त करनी चाहिए?
(स) नाक को किस तरह का प्रतीक माना जाता है?
(द) नरबदी झरना क्यों बन गई?
(ड) निम्नलिखित शब्दों को शुद्ध करके लिखिए द्रढ़ता, स्त्रोत, दृष्टी।
उत्तर-
(अ) नेहरूजी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ देने के लिए कहा है।
(ब) हमें जीवों के प्रति सहानुभूति और दयालुता की भावना व्यक्त करनी चाहिए।
(स) नाक को इज्जत और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।
(द) नरबदी अपने पिता दुग्गन की प्यास बुझाने के लिए झरना बन गई। उसमें सभी प्राणियों की प्यास बुझाकर सबके कल्याण की भावना थी, अतः वह झरना बन गई।
(इ) दृढ़ता, स्रोत, दृष्टि।

MP Board Solutions

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(अ) मध्य प्रदेश को लघु भारत क्यों कहा गया है?
(ब) खेलों से हम कौन-कौन से गुण सीखते हैं?
(स) अनुप्रास अलंकार की विशेषताएँ बताते हुए एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
(अ) मध्य प्रदेश सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से सम्पन्न है। इसलिए इसे लघु भारत कहा गया है।
(ब) खेलों से हमारे अन्दर सहिष्णुता, सहयोग, अनुशासन, मिलजुलकर काम करने का गुण पैदा होता है तथा दलीय भावना पैदा होती है।
(स) जहाँ एक अथवा एक से अधिक वर्षों की एक ही क्रम से अधिक आवृत्ति हो वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।

उदाहरण-जागु जागु जीव जड़ जो है जग-जामिनी।
इस पंक्ति में ‘ज’ वर्ण की एक ही क्रम से अधिक आवृत्ति हो रही है, अतः यहाँ अनुप्रास अलंकार है।

प्रश्न 4.
(अ) निम्नलिखित शब्दों को शब्दकोश के क्रम में जमाकर लिखिए आशय, भण्डार, कठिनाई, अनुराग।
(ब) ‘सु’ उपसर्ग जोड़कर चार नए शब्द बनाकर लिखिए।
(स) निम्नलिखित युगल शब्दों को एक ही वाक्य में प्रयोग कीजिए
(1) दया-दयालु
(2) विद्या-विद्यार्थी।
(द) निम्नलिखित शब्दों की सन्धि-विच्छेद कर सन्धि का नाम लिखिए जगदीश, पुस्तकालय।
(क) ‘आग’ और ‘रात’ शब्दों के तत्सम रूप लिखिए।
(ख) निम्नलिखित सामासिक पदों को विभक्त कर संमास का नाम लिखिए देश-निकाला, रसोईघर।
(ग) निम्नलिखित शब्दों के बहुवचन बनाकर लिखिए। राखी, बहन, सड़क, कुत्ता।
(घ) ‘नानी याद आना’ मुहावरे का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए
उत्तर-
(अ) अनुराग, आशय, कठिनाई, भण्डार।
(ब) सुराग, सुहाग, सुवास, सुकाम।
(स) हे दया-दयालु भगवन, हम हैं शरण तुम्हारी। हम हैं विद्या-विद्यार्थी करो हम पर मेहरबानी।
(द) जगत् + ईश = व्यंजन संधि, पुस्तक + आलय = स्वर सन्धि।
(क) अग्नि और रात्रि।
(ख) देश से निकाला = तत्पुरुष रसोई का घर = तत्पुरुष।
(ग) राखियाँ, बहनें, सड़कें, कुत्ते।
(घ) अंकगणित के प्रश्न हल करने में मुझे नानी याद आई।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से किसी एक कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए छोटा जादूगर, हींगवाला, नरबदी।
उत्तर-
‘महत्वपूर्ण पाठों के सारांश’ अध्याय में देखिए।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित गद्यांश के पाठ व लेखक का नाम लिखते हुए सरल अर्थ कीजिए।
नाक शरीर का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग है। अगर चित्त लेटकर देखें तो यह बात अपने आप सिद्ध हो जायेगी कि हाथ, पाँव, मुँह, कान, आँख आदि में सबसे ऊँचा स्थान नाक को ही प्राप्त है। अगर आँख आ जाए या चली जाए तो ऐसी- स्थिति में काला चश्मा लगाया जा सकता है। कान कट-फट जाए तो उसे कनटोपा पहनकर छिपाया जा सकता । है, लेकिन अगर कहीं नाक कट जाए तो चेहरा रेगिस्तान । की तरह एकदम सपाट अथवा चक्की का-सा पाट नजर आएगा।
उत्तर-
सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश ‘अगर नाक न होती’, पाठ से अवतरित है। इसके लेखक गोपालबाबू शर्मा हैं।

प्रसंग-‘अगर नाक न होती’ पाठ में लेखक ने लोगों के नाक रखने अथवा नाक काटने पर व्यंग्यपूर्ण लेख लिखा है।

सरल अर्थ-शरीर के दूसरे अंगों के साथ ही नाक भी – अपना महत्व रखती है। हम चित्त होकर लेट जाते हैं तो नाक – दूसरे अंगों-हाथ, पाँव, मुँह, कान, आँख आदि से सबसे ऊँची होती है। आँख के दुखने पर या आँख के फूट जाने पर काले रंग का ऐनक लगाया जा सकता है और उसे ढक लिया जाता है। कनटोपा से कटे-फटे कान को छिपाया जा सकता है, परन्तु दुर्भाग्य से चोट लगने पर नाक कट जाती है तो आदमी का चेहरा बिलकुल सपाट दिखाई पड़ेगा जिस तहर बिना वृक्षों का रेगिस्तान होता है। सम्पूर्ण चेहरा एकदम चौरस दिखाई पड़ता है, जैसा कि चक्की का पाट होता है।

MP Board Solutions

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश के पाठ व कवि का नाम बताते हुए सरल अर्थ लिखिए-

बाधाएँ, असफलताएँ तो आती हैं,
दृढ़ निश्चय लख, वे स्वयं चली जाती हैं।
जितने भी रोड़े मिलें उन्हें ठुकराओ
पथ के काँटों को पैरों से दलना है।

अथवा

माँ तुम्हारा ऋण बहुत है, मैं अकिंचन,
किन्तु इतना कर रहा, फिर भी निवेदन,
थाल में लाऊँ सजाकर भाल जब भी,
कर दया स्वीकार लेना वह समर्पण।

उत्तर-
सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-कवि सन्देश देता है कि हमें असफलताओं, बाधाओं से नहीं घबराना चाहिए।

व्याख्या–मनुष्य के जीवन में आने वाली बाधाएँ (रुकावटें) और विफलताएँ मनुष्य के पक्के इरादों को देखकर अपने आप ही चली जाती हैं। वे उसके मार्ग में रुकावट बनने से हट जाती हैं। इसलिए मार्ग के रोड़ों को अपने पैर की ठोकर से एक तरफ हटा दो। अपने मार्ग के काँटों को अपने पैरों से कुचल डालो और अपने मार्ग पर चलते रहो, तुम्हें रुकना नहीं है।

अथवा

शब्दार्थ-अकिञ्चन = दीन; भाल = मस्तक; समर्पण = अर्पित की हुई वस्तु; अर्पित = न्योछावर किया हुआ।

सन्दर्भ-पूर्व की तरह।

प्रसंग-कवि के अनुसार देशभक्त सर्वस्व अर्पित करने के बाद जो भी दूसरी वस्तु यदि उसके पास है तो वह उसे भी देश की सेवा में अर्पित कर देने को तैयार है।

व्याख्या-हे मातृभूमि, मुझ पर तेरे ऋण (कर्ज) का बोझ बहुत है। मैं दीन हूँ (उस कर्ज के बोझ को मैं किस तरह उठा सकूँगा)। फिर भी मैं यह निवेदन कर रहा हूँ कि जब भी अपने इस मस्तक को थाल में सजाकर लेकर आऊँ, तो मेरे इस समर्पण को (सेवा में दी गई इस वस्तु को) स्वीकार करने की कृपा करना। भक्ति भरा मेरा गीत भी तुम्हें अर्पित है, मेरे प्राण भी अर्पित हैं। साथ ही मेरे रक्त की (खून की) एक-एक बूंद भी तुम्हारे लिए अर्पित है। इस प्रकार हे मेरे देश की धरती ! मैं इसके अलावा भी कुछ और अर्पित करना चाहता हूँ।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए
पौराणिक ग्रंथों में नर्मदा परिक्रमा की बड़ी महिमा कही गई है। भक्तजन प्रतिवर्ष भडौंच में मेरे मुहाने से मेरे तट के एक ओर किनारे-किनारे चलते-चलते मेरे मूल स्त्रोत अमरकंटक तक जाते हैं। वहाँ पूजा करके दूसरे तट के साथ-साथ चलते हुए वापस मेरे मुहाने तक भड़ौंच आते हैं। मैं बड़ी भाग्यवान हूँ कि मेरे तट पर अनेक ऋषि-मुनियों ने तप किया और अनेक आश्रम तथा मन्दिर बनवाए। महेश्वर तीर्थ को अहिल्याबाई होल्कर ने राजधानी बनाकर महत्त्व बढ़ाया है।
(अ) उक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ब) पौराणिक ग्रंथों में किसकी बड़ी महिमा गाई है?
(स) महेश्वर तीर्थ का महत्त्व किसने बढ़ाया है?
उत्तर-
(अ) उक्त गद्यांश का उचित शीर्षक ‘नर्मदा परिक्रमा’ है।
(ब) पौराणिक ग्रंथों में नर्मदा परिक्रमा की बड़ी महिमा गाई है।
(स) महेश्वर तीर्थ का महत्त्व अहिल्याबाई होल्कर ने उसे अपनी राजधानी बनाकर बढ़ा दिया।

MP Board Solutions

प्रश्न 9.
अपने मित्र सुरेन्द्र को समाचार-पत्र पढ़ने का महत्व बताते हुए एक पत्र लिखिए।
अथवा
मलेरिया बुखार आ जाने के कारण तीन दिन के अवकाश हेतु प्रधानाध्यापक को एक प्रार्थना-पत्र दीजिए।
उत्तर-
पत्र और प्रार्थना-पत्र’ अध्याय में इन पत्रों को देखिए।

प्रश्न 10.
किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिएकम्प्यूटर, वृक्षारोपण, प्रदूषण।
उत्तर-
‘निबन्ध’ अध्याय में देखिए।

MP Board Class 7th Hindi Solutions