MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 2 समाज-सेवा

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MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 2 समाज-सेवा

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 2 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 2 प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाओ
1. जीवन = (क) अवनति
2. समता = (ख) कुपथ
3. उन्नति – (ग) मृत्यु
4. सुपथ = विषमता
उत्तर
1. (ग), 2. (घ), 3. (क), 4. (ख)

प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए–
1. जिसने संपत्ति संचित कर ली वह …………… का पात्र हो जाता है। (आदर/अनादर)
2. समाज और व्यक्ति का पारस्परिक …………. संबंध है। (दृढ़/लचीला)
3. समाज-सेवा अधिकांश लोगों को सुख पहुँचाने के लिए की जाती है। (अधिकतम/न्यूनतम)
4. हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि ………. से बढ़कर कोई सेवा नहीं। (स्व-सेवा/पर-सेवा)
उत्तर
1. आदर
2. दृढ़
3. अधिकतम
4. पर-सेवा।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 2 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

Sugam Bharti Class 7 MP Board Chapter 2 प्रश्न 2.
निम्मलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) समाज-सेवा पाट में सेवा के कितने प्रकारों की चर्चा की गई है?
उत्तर
समाज-सेवा पाठ में दीन-दुखियों, अपंगों, अनाथ, अज्ञों, कुपथगामियों, गरीबों, नारियों, रोगियों आदि की सेवा करने की चर्चा की गई है।

(ख) पाठ में बुद्धि के कौन-कौन से दो प्रकार बताए गए हैं?
उत्तर
पाठ में दो प्रकार की बुद्धि बताई गई है

  • स्वार्थ बुद्धि,
  • परार्थ बुद्धि।

(ग) सेवा का क्या अर्थ है?
उत्तर
अपनी उन्नति के लिए एक साथ मिलकर काम करने की प्रवृत्ति से प्रेरित होकर जो दल बनाया जाता है, उसे समाज कहते हैं।

(घ) समाज सुधारक किन गुणों के कारण विजयी होता है?
उत्तर
समाज सुधारक दया, प्रेम, स्नेह, सहानुभूति,त्याग, सेवा आदि भाव आदि गुणों के कारण विजयी होता है।

(ङ) किस प्रकार की सेवा को श्रेष्ठ माना गया है?
उत्तर
जब सेवा किसी व्यक्ति विशेष को सुख पहुँचाने की नजर से नहीं, बल्कि अधिकतम लोगों को अधिकतम सुख से नहीं पहुंचाने के लिए की जाती है, श्रेष्ठ सेवा मानी जाती है।

MP Board Class 7th Hindi Sugam Bharti Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्न

Mp Board Class 7th Hindi Solution Chapter 2 प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में दीजिए

(क) मुनष्य अन्य प्राणियों से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर
वैसे तो अनगिनत प्राणी हैं, जो अपना दल बनाकर रहा करते हैं, किंतु उन प्राणियों के दल और मनुष्य के समाज में यह भेद है कि मनुष्य ने अपनी बुद्धि द्वारा अपने सामाजिक जीवन का लगातार विकास किया है जबकि अन्य प्राणियों का दल सैंकड़ों वर्षों के बाद भी उन्नति नहीं कर सका है।

(ख) व्यक्ति और समाज में परस्पर किस प्रकार का संबंध होता है?
उत्तर
समाज और व्यक्ति का पारस्परिक दृढ़ संबंध है। एक की उन्नति दूसरे की उन्नति है। समाज की उन्नति होने से व्यक्ति की उन्नति होगी; और व्यक्ति की उन्नति से समाज की उन्नति होगी।

(ग) समाज-सेवा से क्या आशय है?
उत्तर
हमें अपने कल्याण के लिए, अपनी उन्नति के लिए, अपने सुख के लिए और दूसरों के सुख के लए सुखकर कार्य करने पड़ते हैं। ऐसे ही कामों को इम सेवा कहते हैं। समाज सेवा का आशय है-दूसरों का दुःख दूर करना, उनको सुखी करना।

(घ) समाज-सेवा पाठ में नवयुवकों के क्या कर्तव्य बनाए गए हैं?
उत्तर
समाज-सेवा पाठ में नवयुवकों का यह कर्त्तव्य बताया गया है ‘इस देश की समाज में आजकल गरीबों के उत्थान की जो चेष्टा की जा रही है, यह समाज-सेवा ही है-‘नारियों की दुखस्था दूर करने के लिए या कुष्ठ भादि रोगग्रस्त लोगों की यातना दूर करने के लिए प्रयत्न करना।

(ङ) समाज में समता का अभाव होने पर क्या होता है?
उत्तर
जहाँ समता का अभाव है, वहाँ समाज में दृढ़ता नहीं है, क्योंकि किसी प्रकार की असमानता होने पर, भेदभाव होने पर पारस्परिक ईर्ष्या-द्वेष आदि भाव अवश्य होते हैं। तब उनसे फूट भी पैदा होगी और एकता का नाश होने पर समाज की अवनति भी होगी।

भाषा की बात

Hindi Sugam Bharti Class 7 Solutions MP Board प्रश्न 4.
नीचे दिए गए शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
यथेष्ट, ईर्ष्या, द्वेष, परार्थ, दुरवस्था, प्रवृत्ति, दृढ़, मर्यादा, सर्वत्र।
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

Mp Board Class 7th Hindi Chapter 2 प्रश्न 5.
नीचे दिए गए शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
अर्थसिद्धी, प्रसंशा, अनिर्वाय, व्याक्ती, परीवर्तन, इस्थिरता, आभाव, दोस।
उत्तर
शुद्ध वर्तनी-अर्थसिद्धि, प्रशंसा, अनिवार्य, व्यक्ति, परिवर्तन, स्थिरता, अभाव, दोष।

Mp Board Solution Class 7th Hindi Chapter 2 प्रश्न 6.
रोगग्रस्त शब्द ‘रोग’ और ‘ग्रस्त’ के योग से बना है, जिसका अर्थ है रोग से पीड़ित । इसी प्रकार निम्नलिखित शब्दों में ‘ग्रस्त’ जोड़कर शब्द बनाइए
उत्तर
(क) शोक = शोकाग्रस्त
(ख) क्षति = क्षतिग्रस्त
(ग) दुःख = दुःखग्रस्त
(घ) चिंता = चिंताग्रस्त
(ङ) भय = भयग्रस्त

Mp Board Solution Class 7 Hindi Chapter 2 प्रश्न 7.
नीचे कुछ शब्द दिए गए हैं, जो एक-दूसरे के बिलोम है। सही विलोम शब्दों की जोड़ी बनाए।
दुःख, अज्ञान, सफलता, आवश्यक, उपेक्षा, संतोष, सत्यता, अपेक्षा, असंतोष, ज्ञान, सुख, असमर्थ, असफलता, अनावश्यक।
उत्तर
विलोम-सुख, ज्ञान, असफलता, अनावश्यकता, अपेक्षा, असंतोष, असत्यता, असमर्थ, अनआवश्यक।

Sugam Bharti Class 7th MP Board Chapter 2 प्रश्न 8.
पाठ में आए निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण शब्द छांटकर उनके प्रकार लिखिए
(क) सैकड़ों वर्षों से कोई उन्नति या परिवर्तन नहीं हुआ।
(ख) समाज दो-चार व्यक्तियों को समूह नहीं है।
(ग) लोगों में उच्च गुणों का विकास होगा। व्यक्तियों की जो मर्यादाएँ हैं उन्हें उसका पालन करना चाहिए।
(ङ) कुछ लोग अज्ञ होते हैं।
(च) कुपथगामी व्यक्ति को सुपथ के रास्ते पर जाना ही सभ्य समाज की पहचान है।
उत्तर
(क) सैकड़ों = परिमाणवाचक विशेषण कोई = परिमाणवाचक विशेषण
(ख) दो-चार = परिणामवाचक विशेषण
(ग) उच्च = गुणवाचक विशेषण
(घ) जो = संकेतवाचक विशेषण
(ङ) कुछ = संख्यावाचक विशेषण
(च) सभ्य = गुणवाचक विशेषण

Mp Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 2 समाज-सेवा पाठ का परिचय

प्रस्तुत निबंध में रचनाकार ने समाज की आवश्यकता पर बल दिया है। वह मनुष्य की बौद्धिक विशेषताओं का उल्लेख करता हुआ बताता है कि मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जिसने अपनी जीवन शैली को दिन-प्रति-दिन बेहतर बनाया तथा उच्च स्तर की सामाजिक शैली को अपनाया है। मनुष्य एक भावुक प्राणी है, इसीलिए उसमें प्रगतिशील विशेषताओं के साथ-साथ असमानता, भेदभाव, ईर्ष्या और प्रतियोगिता ने भी जन्म ले लिया है। इस प्रकार समाज पहले की अधिक और अधिक उन्नतिशील बनता चला गया। मनुष्य समाज में परिवर्तनशीलता भी एक ऐसा लक्षण है जिसमें वह अपने भूतकाल की कमियों को वर्तमान में सुधारता है।

Class 7 Hindi Sugam Bharti MP Board Chapter 2 समाज-सेवा संदर्भ – प्रसंग सहित व्याख्या

1. समाज के भीतर …कर सकता है।

शब्दार्थ- समाता = समानता; अभाव = कमी; अवनति = पिछड़ना; अवहेलना = बुराई; पारस्परिक = आपसी।

संदर्भ- प्रस्तुत निबंध पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘सुगम-भारती’ (हिन्दी सामान्य) भाग-7 के पाठ-2 ‘समाज-सेवा’ से ली गई हैं।

प्रसंग-इन पंक्तियों में समाज में भाव को अनिवार्य बताया गया है।

व्याख्या-जिस समाज में समानता नहीं होती वहाँ भेदभाव, आपसी ईष्या-द्वेष विद्यमान होते हैं। ऐसे में फूट पड़ सकती है तथा अस्तित्व खतरे में पड़ जाता है। अतः समाज और व्यक्ति का आपसी संबंध दृढ़ होना चाहिए।

2. मनुष्यों में जैसी ……………… सुख पहुँचाना।

शब्दार्थ – सर्वथा = हर तरह से, बिल्कुल।

संदर्भ-पूर्ववत्

प्रसंग-इसमें लेखक ने मनुष्य की स्वार्थ और पदार्थ | बुद्धि पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि

व्याख्या-जिस प्रकार मनुष्यों में कुबुद्धि होती है, वैसी अच्छी बुद्धि भी होती है। मनुष्यों में जिन कार्यों एवं सोच से हम लोग आर्कषित हो जाते हैं वे सारी इसी अच्छी बुद्धि का परिणाम है। दया, प्रेम स्नेह, सहानुभूति, त्याग, सेवा आदि भाव एकमात्र परार्थ चिंता के कारण हमारे हृदयों में उत्पन्न होते हैं। हमें अपने कल्याण के लिए, अपनी | उन्नति के लिए, अपने सुख के लिए और दूसरों के लिए सुखकर कार्य करने पड़ते हैं।

3. समाज में समता …सेवा नहीं।

शब्दार्थ- अज्ञ=अज्ञानी, मूर्ख; हित=भलाई; चेष्टा=कोशिश; दुरवस्था=दुः + अवस्था, बुरी हालत।

संदर्भ- पूर्ववत्।

प्रसंग-इन पंक्तियों में समानता के महत्त्व को दर्शाया गया है।

व्याख्या-बेशक समाज में व्यक्तियों के मध्य समानता ‘देखी जाती है किंतु फिर भी बुराइयाँ कम नहीं होती। कुछ लोग अपंग होते है, असहाय होते हैं। कुछ लोग अनाथ होते हैं। कुछ अज्ञानी होते हैं। कुछ लोग गलत रास्ते पर चलने वाले होते हैं। इन सबकी सेवा करना, इन सबके हित के लिए काम करना समाज-सेवा का रुप है।