MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 7 वृक्ष निभाता रिश्ता-नाता

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MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 7 वृक्ष निभाता रिश्ता-नाता

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 7 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी मिलाइए
1. देवदार, इमली – (क) माम-मामी
2. पीपल, तुलसी – (ख) दादा-दादी
3. आम, खिरनी – (ग) पिता-माता
4. महुआ, मेंहदी – (घ) मामा-मामी
उत्तर
1. (ख), 2. (ग), 3. (घ), 4. (क)

प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. नीम…..सा लेकिन रोगों का त्राता। (ननद-ननदोइ/सास-ससुर)
2. गुलमोहर…….सा जिसकी रंगत हरे उदासी। (नाना/चाचा)
3. अशोक…….सा रिश्तों की नैया खेता। (भ्राता/परनाना)
4. वृक्ष निभाता आज भी…….रिश्ता नाता। (सामाजिक पारिवारिक)
उत्तर
1. ननद-ननदोई
2. चाचा
3. परनाना
4. पारिवारिक

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 7 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) कवि तुलसी को किस रूप में स्मरण करता है?
उत्तर
कवि तुलसी को माता के रूप में स्मरण करता

(ख) आम से हमारा कौन-सा रिश्ता है?
उत्तर
आम हमारे नाना सदृश है।

(ग) जामुन किस रोग की दवा है?
उत्तर
जामुन मधुमेह की दवा है।

(घ) अशोक के वृक्ष को परनाना क्यों कहा है?
उत्तर
अशोक के वृक्ष को परनाना इसलिए कहा गया है क्योंकि वह काफी पुराना वृक्ष होता है।

(ङ) पौधों के प्रति हमारे क्या कर्त्तव्य हैं?
उत्तर
हमें पौधों की रखवाली करनी चाहिए। समय-समय पर पानी और खाद देते रहना चाहिए।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 7 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दें

(क) किन्हीं दो वृक्षों की उपमा किन-किन रिश्तों से की गई है? बताइए।
उत्तर
ये दो वृक्ष हैं-पीपल और तुलसी । पीपल हमारे पिता के समान है और तुलसी हमारी माता के सदृश ।

(ख) किन-किन वृक्षों से औषधियाँ बनती हैं?
उत्तर
निम्न वृक्षों से औषधियाँ बनती हैं-त्रिफला, जामुन, तुलसी।

(ग) वृक्ष न हों तो पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर
वृक्षों की अनुपस्थिति में पर्यावरण में असंतुलन आ जाएगा। कार्बन की अधिकता और ऑक्सीजन की कमी हो जाएगी। ऐसी स्थिति में मानव जीवन का अस्तित्व ही संकट में पड़ जाएगा। वृक्ष बादल लाते हैं, जिससे वर्षा होती है। वृक्षों के नहीं रहने से वर्षा नहीं होगी। पृथ्वी पर विद्यमान सभी नदी-नाले सूख जाएँगे।।

(घ) ‘आओ आनंद उलीचें से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर
‘आओ आनंद उलीचें’ से कवि का तात्पर्य है पेड़ लगाकर खुशियाँ बाटें। पेड़-पौधे हमारे जीवन को आनंदमय बनाते हैं। हमें पेड़ लगाने चाहिए, क्योंकि तभी हमारा जीवन आनंदित होगा।

(ङ) कविता के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर
कविता के माध्यम से कवि यह बताना चाहता है कि पेड़-पौधे हमारे जीवन के अति महत्त्वपूर्ण अंग हैं। पेड़-पौधों से हमारा पारिवारिक नाता है। अतः ज्यादा से ज्यादा पौधों को लगाना चाहिए। उनकी कटाई नहीं करनी चाहिए। पेड़-पौधे जीवनदायी होते हैं। उनको बचाने में हमारी भलाई है।

भाषा की बात

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध उच्चारण कीजिए
त्रिफला, औषधियाँ, पारिवारिक, जीवनदायी, नाता, वैद्य।
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी पर गोला लगाइए
उत्तर
MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 7 वृक्ष निभाता रिश्ता-नाता 1

प्रश्न 6.
उदाहरण के अनुसार स्त्रीलिंग रूप लिखिए
उत्तर
MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 7 वृक्ष निभाता रिश्ता-नाता 2

प्रश्न 7.
वाक्यों को शुद्ध कीजिए
नदियाँ में बढ़ा आ गई है।
आप क्या काम करेगा?
बच्चों काम कर रहे हैं।
कइयों लोगों ने कोशिश की है
तुम कब आया?
उत्तर

नदियों में बाढ़ आ गई है।
आप क्या काम करेंगे।
बच्चे काम कर रहे हैं।
कई लोगों ने कोशिश की है।
तुम कब आए?

प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए
पिता, माता, आम, ससुर
उत्तर
पितृ, मातृ, आम्र, श्वसुर

वृक्ष निभाता रिश्ता-नाता प्रसंग सहित व्याख्या

1. पीपल पावन पिता सरीखा, तुलसी जैसे माता
‘त्रिफला’ वहन-बहू-विटिया-सा, बेर सरीखा भ्राता,
महुआ मामा जैसा लगता, बन उपवन महकाता
आम-वृक्ष नाना-सा वत्सल, मीठे फल बरसाता
पोषक, रक्षक, जीवनदायी औषधियों का दाता।
वृक्ष निमाता आज भी पारिवारिक रिश्ता-नाता।
पौधों को रो-सींचें।।
आओ! आनन्द उलीचें।

शब्दार्थ-पावन पवित्र । सरीखा=समान । भ्राता=भाई। उपवन-बाग=बगीचा । महकता = सुगंध फैलाता । वत्सल= पुत्रवत् प्रेम करने वाला। औषधि =दवा।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित कविता ‘वृक्ष निर्माता रिश्ता-नातासे ली गई हैं।

ब्याख्या-पीपल पिता के समान और तुलसी माता के समान है। त्रिफला बहन, बहू या बिटिया जैसी है जबकि बेर भाई के समान है। महुआ बिल्कुल मामा जैसा है, जिसकी सुगंध चारों तरफ फैली होती है। आम का पेड़ विल्कुल नाना की तरह है जो मीठे फल के रूप में आम बाँटकर अपना प्रेम दिखाता है। इन वृक्षों में कई तरह के पोषक तत्त्व और जीवनरक्षक तत्त्व मिले हैं। ये हमें जीवन देते हैं। अतः कवि कहता है कि हमें ज्यादा-से-ज्यादा पेड़ लगना चाहिए। क्योंकि तभी हमारा जीवन आनंदित होगा।
इस प्रकार इन पंक्तियों में पेड़-पौधों की महत्ता को उजागर किया गया है। हम इनकी महत्ता समझनी चाहिए और पेड़-पौधे लगाकर जीवन को आनंदित बनाना चाहिए।

2. मौलसिरी यानी ज्यों मौसी मोहक ममता बाली
मेंहदी मामी-सी है किंतु अद्भुत क्षमता वाली
है अशोक परनाना-सा, रिश्तों की नैया खेता
शीशम शगुन श्वसुर-सा देता, नहीं कभी कुछ लेता
मधुमेह का कुशल वैद्य है जामुन ज्यों जामाता।
वृक्ष निभाता आज भी पारिवारिक रिश्ता-नाता।
पौधों को रोपें-सींचें।।
आओ आनन्द उलीचें।।

शब्दार्थ-मोहक = आकर्षक। अद्भुत= विचित्र, विलक्षण । नैया = नाव। कुशल=निपुण । वैद्य = डाक्टर। जमाता = दामाद। मधुमेह एक प्रकार की बीमारी जिसमें शरीर में चीनी की अधिकता हो जाती है।

प्रसंग-पूर्ववत्

व्याख्या-मौलसिरि मौसी की तरह ममतामयी हैमेंहदी अद्भुत गुणों वाली मामी जैसी है। अशोक का पेड़ परनाना की तरह सभी संबंधों को आगे बढ़ाता है। शीशम का पेड़ सब गुणों से भरा हुआ श्वसुर समान है। वह सिर्फ देता है, लेता नहीं है। जामुन का पेड़ वैद्य की तरह है जो मधुमेह का इलाज करता है। कवि उसकी तुलना जामाता (दामाद) से करता है। इस प्रकार पेड़-पौधों से हमें कुछ न कुछ मिलता |ही है। वे हमसे लेते कुछ नहीं हैं, सिर्फ देते हैं। वे जीवनदायी हैं। हमारे जीवन को आनंदमय बनाते हैं। अतः हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।