Students get through the MP Board Class 12th Physics Important Questions Chapter 9(A) प्रकाश का परावर्तन which are most likely to be asked in the exam.
MP Board Class 12th Physics Important Questions Chapter 9(A) प्रकाश का परावर्तन
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
यदि किसी दर्पण पर प्रकाश किरण अभिलंबवत आपतित होती है तो परावर्तन कोण का मान क्या होगा?
उत्तर:
शून्य डिग्री (0°)।
प्रश्न 2.
किस गोलीय दर्पण से प्रतिबिम्ब आवर्धित बनता है ?
उत्तर:
अवतल दर्पण से।
प्रश्न 3.
किस गोलीय दर्पण से प्रतिबिंब सदैव आभासी एवं वस्तु से छोटा बनता है ?
उत्तर:
उत्तल दर्पण से। प्रश्न
4. गोलीय दर्पण की फोकस दूरी एवं वक्रता त्रिज्या में क्या संबंध होता है ?
उत्तर:
f = \(\frac{R}{2}\)
5. संयुग्मी फोकस किन प्रतिबिम्बों के लिए सत्य होते हैं ?
उत्तर:
वास्तविक प्रतिबिम्बों के लिए।
प्रश्न 6.
गोलीय दर्पण को जल में डुबाने पर उसकी फोकस दूरी में क्या परिवर्तन होता है ?
उत्तर:
फोकस दूरी में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
प्रश्न 7.
एक प्रकाश किरण गोलीय दर्पण पर उसके वक्रता केन्द्र से होकर आपतित होती है। आपतन कोण का मान कितना होगा?
उत्तर:
शून्य डिग्री (0°)।
प्रश्न 8.
एक दर्पण में देखने पर हमारा मुँह छोटा और सीधा दिखायी देता है। वह दर्पण कौन सा होगा?
उत्तर:
उत्तल दर्पण।
प्रश्न 9.
एक अवतल दर्पण के बायीं ओर के आधे भाग को काला कर दिया गया है। दर्पण के सामने रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब पर क्या प्रभाव पड़ेगा? (NCERT)
उत्तर:
वस्तु का प्रतिबिम्ब पूरा बनेगा किन्तु परावर्तक पृष्ठ का क्षेत्रफल कम हो जाने के कारण प्रतिबिम्ब की तीव्रता कम हो जायेगी।
प्रश्न 10.
यदि प्रयुक्त प्रकाश का तरंगदैर्घ्य बढ़ा दिया जाये तो गोलीय दर्पण की फोकस दूरी पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
गोलीय दर्पण की फोकस दूरी अपरिवतर्तित रहेगी क्योंकि गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या नियत होती है।
\(\left(f=\frac{R}{2}\right)\)
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
(क) गोलीय दर्पण क्या है ? इसके प्रकार लिखिये।
(ख) गोलीय दर्पण के लिये निम्नलिखित को परिभाषित कीजिये-
(i) ध्रुव,
(ii) वक्रता केन्द्र,
(iii) वक्रता त्रिज्या,
(iv) मुख्य फोकस।
उत्तर:
(क) यदि एक काँच के खोखले गोले के किसी भाग को काटकर उसके एक पृष्ठ पर कलई कर दी जाये तो दूसरे पृष्ठ से प्रकाश का परावर्तन होने लगता है। इसे ही गोलीय दर्पण कहते हैं-
गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते हैं-
(i) अवतल दर्पण – इसका परावर्तक पृष्ठ दबा होता है।
(ii) उत्तल दर्पण-इसका परावर्तक पृष्ठ उभरा होता है।
(ख)
(i) ध्रुव – गोलीय दर्पण के परावर्ती पृष्ठ के मध्य बिन्दु को दर्पण का ध्रुव कहते हैं। इसे P से प्रदर्शित करते हैं।
(ii) वक्रता केन्द्र – गोलीय दर्पण जिस गोले का भाग होता है उसके केन्द्र को दर्पण का वक्रता केन्द्र कहते हैं। इसे C से व्यक्त करते हैं।
(iii) वक्रता त्रिज्या – गोलीय दर्पण जिस गोले का भाग होता है उसकी त्रिज्या को दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहते हैं। इसे R से प्रदर्शित करते हैं।
(iv) मुख्य फोकस – गोलीय दर्पण में मुख्य अक्ष के समांतर आपतित किरणें परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के जिस बिन्दु से होकर जाती हैं (अवतल दर्पण)या जिस बिन्दु से होकर आती हुई प्रतीत होती हैं (उत्तल दर्पण में) उस बिन्दु को दर्पण का मुख्य फोकस कहते हैं । इसे F से प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 2.
(क) उत्तल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब की मुख्य विशेषताएँ लिखिये।
(ख) अवतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब की मुख्य विशेषताएँ लिखिये।
उत्तर:
(क) उत्तल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(i) प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे ध्रुव व फोकस के बीच बनता है।
(ii) प्रतिबिम्ब वस्तु से छोटा बनता है।
(iii) प्रतिबिम्ब आभासी व सीधा बनता है।
(ख) अवतल दर्पण से बने प्रतिबिम्ब की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(i) यदि वस्तु ध्रुव व फोकस बिन्दु के बीच हो तो प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा व वस्तु से बड़ा बनता है।:
(ii) यदि वस्तु वक्रता केन्द्र पर हो तो प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु के आकार के बराबर बनता है।
(iii) यदि वस्तु वक्रता केन्द्र से अनंत के बीच हो तो प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा व वस्तु के आकार से छोटा बनता है।
प्रश्न 3.
(क) दाढ़ी बनाने के लिए अवतल दर्पण का उपयोग क्यों किया जाता है ?
(ख) सड़क पर लगी बत्तियों में उत्तल दर्पण के परावर्तक क्यों लगाये जाते हैं ?
उत्तर:
(क) यदि किसी वस्तु को अवतल दर्पण के सम्मुख उसके फोकस और ध्रुव के बीच रख दिया जाये तो उसका सीधा और बड़ा प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है। इस प्रकार दाढ़ी के पास अवतल दर्पण को रखने से उसका सीधा और बड़ा प्रतिबिम्ब बनता है। अतः दाढ़ी बनाने में सुविधा होती है।
(ख) उत्तल दर्पण आपतित किरणों को फैला देता है जिससे प्रकाश दूर तक बिखर जाता है।
प्रश्न 4.
(क) परावर्तन किसे कहते हैं ?
इसके नियम लिखिए। (ख) नियमित परावर्तन और विसरित परावर्तन में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
(क) परावर्तन – जब प्रकाश किसी पृष्ठ से टकराकर उसी माध्यम में वापस लौट जाता है तो इस घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।
परावर्तन के निम्न नियम हैं-
(i) आपतन कोण सदैव परावर्तन कोण के बराबर होता है।
(ii) आपतित किरण, परावर्तित किरण और आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों सदैव एक ही तल में चित्र-परावर्तन होते हैं।
(ख) नियमित परावर्तन और विसरित परावर्तन में अन्तर-
नियमित परावर्तन | विसरित परावर्तन |
1. यह परावर्तन पालिश युक्त चिकने परावर्तक तल (जैसे दर्पण) से होता है। | 1. यह परावर्तन किसी खुरदरे तल (जैसे दीवार) से होता है। |
2. यदि आपतित किरणें समान्तर हैं तो इस परावर्तन में परावर्तित किरणें भी परस्पर समान्तर होती हैं। | 2. यदि आपतित किरणें समान्तर हैं तो इस परावर्तन में परावर्तित किरणें परस्पर समान्तर नहीं होती। |
प्रश्न 5.
रेखीय आवर्धन से क्या तात्पर्य है ? गोलीय दर्पण के लिए रेखीय आवर्धन का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
प्रतिबिम्ब की लम्बाई और वस्तु की लम्बाई के अनुपात को रेखीय आवर्धन कहते हैं।
सूत्र – रेखीय आवर्धन m = \(\frac{I}{O}=\frac{-v}{u}\)
जहाँ I = प्रतिबिम्ब की लम्बाई, O = वस्तु की लम्बाई, u = दर्पण से वस्तु की दूरी तथा ν = दर्पण से प्रतिबिम्ब की दूरी।
प्रश्न 6.
किसी अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष पर एक मोबाइल फोन रखा है। उचित किरण आरेख द्वारा प्रतिबिंब की रचना दर्शाइए। व्याख्या कीजिए कि आवर्धन एकसमान क्यों नहीं है ? क्या प्रतिबिंब की विकृति दर्पण के सापेक्ष फोन की स्थिति पर निर्भर करती है ? (NCERT Solved Example)
उत्तर:
मोबाइल का B भाग दर्पण के वक्रता केंद्र पर स्थित है। अत: उसका प्रतिबिंब B’उसी आकार का किंतु उल्टा बनता है। स्पष्ट है कि BC = B’C.
मोबाइल का शेष भाग वक्रता केंद्र एवं फोकस के बीच स्थित है। अतः शेष भाग का आवर्धित और उल्टा प्रतिबिंब वक्रता केंद्र से परे (Beyond) वक्रता केंद्र और अनंत के बीच बनेगा। मोबाइल के विभिन्न भागों की स्थितियाँ (Locations) भिन्न-भिन्न होने के कारण उनका आवर्धन भिन्न-भिन्न होता है। यही कारण है कि प्रतिबिंब में विकृति आ जाती है।
प्रश्न 7.
अवतल दर्पण के समक्ष किसी वस्तु को ध्रुव तथा फोकस के मध्य रखा गया है तो प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति तथा आकार रेखाचित्र द्वारा समझाइये।
उत्तर:
माना कि MPN एक अवतल दर्पण है जिसका P ध्रुव, F फोकस तथा C वक्रता केन्द्र है। इसके मुख्य अक्ष पर ध्रुव तथा फोकस के मध्य रखी एक वस्तु AB है।
पहली प्रकाश की किरण मुख्य अक्ष के समान्तर चलती है तथा परावर्तन के पश्चात् फोकस से होकर जाती है। वस्तु से चलने वाली दूसरी प्रकाश की किरण वक्रता केन्द्र से चलकर उसी दिशा में वापस लौट आती है। दोनों प्रकाश किरणों को पीछे की ओर बढ़ाने पर एक-दूसरे को A’ पर काटती है, जहाँ पर वस्तु का प्रतिबिम्ब
(1) आभासी,
(2) वस्तु से बड़ा,
(3) दर्पण के पीछे बनता है।
चित्र प्रश्न 8.
संयुग्मी फोकस क्या है ? समझाइये।
उत्तर:
अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष पर बिन्दुओं के ऐसे जोड़े पाये जाते हैं जिनमें से किसी एक बिन्दु पर वस्तु को रखें तो उसका प्रतिबिम्ब दूसरे बिन्दु पर तथा दूसरे बिन्दु पर वस्तु को रखें तो उसका प्रतिबिम्ब पहले बिन्दु पर बनता है। बिन्दुओं के इन जोड़ों को संयुग्मी फोकस कहते हैं।
प्रश्न 9.
लम्बन क्या है ? समझाइये।
उत्तर:
दो वस्तुओं को एक सीध में रखकर यदि आँख को दायें अथवा बायें ओर करने पर उनके मध्य जो सापेक्ष विस्थापन होता है, उसे लम्बन कहते हैं । वस्तुओं को पास लाने पर लम्बन कम हो जाता हैं।
लम्बन
प्रश्न 10.
सर्च लाइट में प्रयुक्त दर्पण परवलयाकार होता है, अवतल गोलाकार नहीं, क्यों ?
उत्तर:
अवतल दर्पण के मुख्य फोकस पर यदि एक प्रकाश स्रोत रख दिया जाए तो मुख्य अक्ष के पास से परावर्तित किरणें ही परस्पर समांतर होती हैं, दूर से परावर्तित होने वाली किरणें परस्पर समांतर नहीं होती। फलस्वरूप तीव्र और चौड़ा प्रकाश पुंज प्राप्त नहीं हो पाता।
परवलयाकार दर्पण के मुख्य फोकस पर रखे प्रकाश स्रोत से चलकर दर्पण से परावर्तित समस्त किरणें परस्पर समांतर होती हैं। अतः परवलयाकार दर्पण का प्रयोग करने से तीव्र तथा चौड़ा प्रकाश पुंज प्राप्त हो जाता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
गोलीय दर्पणों से प्रतिबिम्ब रचना के नियम चित्र सहित समझाइए।
उत्तर:
गोलीय दर्पणों से प्रतिबिम्ब रचना के नियम-
(i) जो किरण मुख्य अक्ष के समांतर दर्पण पर आपतित होती है, वह किरण परावर्तन के पश्चात् मुख्य फोकस से होकर जाती है (अवतल दर्पण) या फोकस से होकर आती हुई प्रतीत होती है (उत्तल दर्पण में)।
(ii) जो किरण वक्रता केन्द्र से होकर आपतित होती है (अवतल दर्पण) या वक्रता केन्द्र की दिशा में जाती हुई प्रतीत होती है (उत्तल दर्पण में) वह किरण परावर्तन के पश्चात् उसी मार्ग से वापस लौट जाती है।
(iii) जो किरण फोकस से होकर आपतित होती है (अवतल दर्पण में) या फोकस की दिशा से आती हुई प्रतीत होती है (उत्तल दर्पण में) वह परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समांतर चली जाती है।
प्रश्न 2.
दर्पण में दूरियाँ नापने के लिए निर्देशांक ज्यामिति की चिन्ह परिपाटी क्या है ? इस परिपाटी के अनुसार किस दर्पण की फोकस दूरी धनात्मक और किस दर्पण की फोकस दूरी ऋणात्मक होती है ?
उत्तर:
दर्पण में दूरियाँ नापने के लिए निर्देशांक ज्यामिति की चिन्ह परिपाटी निम्न है-
- प्रकाश किरण सदैव बायीं ओर से आपतित ली जाती है।
- प्रत्येक दूरी दर्पण के ध्रुव से नापी जाती है।
- आपतित किरण की दिशा में नापी गई दूरियाँ धनात्मक तथा आपतित किरण के विपरीत दिशा में नापी गई दूरियाँ ऋणात्मक होती हैं।
(मोटे तौर पर हम कह सकते हैं कि दर्पण से वस्तु की ओर नापी गई दूरियाँ ऋणात्मक होती हैं।) - मुख्य अक्ष के ऊपर वस्तु तथा प्रतिबिम्ब की लम्बाइयाँ धनात्मक तथा मुख्य अक्ष के नीचे वस्तु तथा प्रतिबिम्ब की लम्बाइयाँ ऋणात्मक होती हैं।
उत्तल दर्पण की फोकस दूरी धनात्मक एवं अवतल दर्पण की फोकस दूरी ऋणात्मक होती है।
प्रश्न 3.
संयुग्मी फोकस किसे कहते हैं ? गोलीय दर्पण के लिए सिद्ध कीजिए कि
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\)
अथवा
दर्पण समीकरण \(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\) को सिद्ध कीजिए।
अथवा
किसी उत्तल दर्पण के लिए दर्पण समीकरण व्युत्पन्न कीजिए।
उत्तर:
संयुग्मी फोकस-लघु उत्तरीय प्रश्न क्रमांक 8 देखिये।
दर्पण समीकरण – माना MPN एक उत्तल दर्पण है, P इसका ध्रुव तथा F फोकस, C वक्रता केन्द्र एवं PC मुख्य अक्ष है।
Q से मुख्य अक्ष पर QR लम्ब डाला, तब
PB = – u
PB’ = ν
PF = f
ΔA’B’F व ΔQRF समरूप हैं।
∴ \(\frac{\mathrm{A}^{\prime} \mathrm{B}^{\prime}}{\mathrm{QR}}=\frac{\mathrm{B}^{\prime} \mathrm{F}}{\mathrm{RF}}\)
MIS QR = AB
∴ \(\frac{\mathrm{A}^{\prime} \mathrm{B}^{\prime}}{\mathrm{AB}}=\frac{\mathrm{B}^{\prime} \mathrm{F}}{\mathrm{RF}}\) …………(1)
इसी प्रकार ΔA’B’C व ΔABC समरूप हैं।
∴ \(\frac{\mathrm{A}^{\prime} \mathrm{B}^{\prime}}{\mathrm{AB}}=\frac{\mathrm{B}^{\prime} \mathrm{C}}{\mathrm{BC}}\) ………..(2)
समी. (1) व (2) से,
\(\frac{\mathrm{B}^{\prime} \mathrm{F}}{\mathrm{RF}}=\frac{\mathrm{B}^{\prime} \mathrm{C}}{\mathrm{BC}}\) …………(3)
यदि दर्पण का द्वारक छोटा है, तो RF = PF (लगभग)
समी. (3) में मान रखने पर,
\(\frac{\mathrm{B}^{\prime} \mathrm{F}}{\mathrm{PF}}=\frac{\mathrm{B}^{\prime} \mathrm{C}}{\mathrm{BC}} या [latex]\frac{P F-P B^{\prime}}{P F}=\frac{P C-P B^{\prime}}{P B+P C}\)
या \(\frac{(f-v)}{f}=\frac{2 f-v}{-u+2 f}\)
या (f – ν)(-u + 2f) = f(2f – ν)
या -uf + 2f2 +uν – 2νf = 2f2 – fν
या uν = -νf + uf + 2νf या uν = νf +uf
दोनों पक्षों में uνf से भाग देने पर,
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\) यही दर्पण समीकरण है।
प्रश्न 4.
गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या एवं फोकस-दूरी की परिभाषा लिखिए एवं उनमें सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
अथवा
सिद्ध कीजिए कि अवतल दर्पण के लिए
फोकस दूरी = \(\frac{1}{2}\) वक्रता त्रिज्या।
उत्तर:
वक्रता त्रिज्या – गोलीय दर्पण के ध्रुव और वक्रता: केन्द्र के बीच की दूरी को उस दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहते हैं।
फोकस दूरी – गोलीय दर्पण के ध्रुव व मुख्य फोकस के बीच की दूरी को उस दर्पण की फोकस दूरी कहते हैं।
चित्र में MPN एक अवतल दर्पण है। Pउसका ध्रुव, F फोकस, C वक्रता-केन्द्र तथा PC मुख्य अक्ष है।
एक किरण AB मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित होती है। यह किरण परावर्तन के पश्चात् फोकस F से होकर चली जाती है। CB को मिलाओ। तब CB बिन्दु B पर दर्पण का अभिलम्ब होगा (क्योंकि त्रिज्या परिधि के किसी बिन्दु पर अभिलम्बवत् होती है)।
परावर्तन के नियमानुसार,
आपतन कोण ABC = परावर्तन कोण CBF
= θ (मानलो)
AB और FC समान्तर हैं तथा उन्हें BC रेखा मिलाती है,
∴ ∠ABC = ∠BCF = θ
ΔBCF में,
∠CBF = ∠BCF = θ
∴ FC = BF
यदि दर्पण का द्वारक छोटा हो, तो BF = PF (लगभग)
∴ FC = PF
या FC + PF = PF + PF
या PC = 2PF
या R = 2f, [∵ PC = R तथा PF = f]
या f = \(\frac{\mathrm{R}}{2}\) यही अभीष्ट सम्बन्ध है।
प्रश्न 5.
अवतल दर्पण के लिए u,ν व f में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
अथवा
गोलीय दर्पणों के लिए दर्पण सूत्र लिखिए।इसका निगमन किसी अवतल दर्पण के लिए कीजिए।
उत्तर:
ΔA’B’F और ΔQRF समरूप हैं।
∴ \(\frac{\mathbf{A}^{\prime} \mathbf{B}^{\prime}}{\mathrm{QR}}=\frac{\mathrm{FB}^{\prime}}{\mathrm{RF}}\)
परन्तु QR = AB
∴ \(\frac{\mathrm{A}^{\prime} \mathrm{B}^{\prime}}{\mathrm{AB}}=\frac{\mathrm{FB}^{\prime}}{\mathrm{RF}}\) …..(1)
ΔA’B’P और ΔABP समरूप हैं।
∴ \(\frac{\mathrm{A}^{\prime} \mathrm{B}^{\prime}}{\mathrm{AB}}=\frac{\mathrm{PB}^{\prime}}{\mathrm{PB}}\) ……..(2)
समी. (1) और (2) से,
\(\frac{\mathrm{FB}^{\prime}}{\mathrm{RF}}=\frac{\mathrm{PB}^{\prime}}{\mathrm{PB}}\) ………(3)
यदि दर्पण का द्वारक छोटा हो, तो RF = PF (लगभग)
समी. (3) में मान रखने पर,
\(\frac{\mathrm{FB}^{\prime}}{\mathrm{PF}}=\frac{\mathrm{PB}^{\prime}}{\mathrm{PB}}\)
तथा \(\frac{\mathrm{PB}^{\prime}-\mathrm{PF}}{\mathrm{PF}}=\frac{\mathrm{PB}^{\prime}}{\mathrm{PB}}\)
परन्तु PB’ = -v; PF = -f तथा PB = -u
मान रखने पर,
\(\frac{-v-(-f)}{-f}=\frac{-v}{-u}\)
या \(\frac{-v+f}{-f}=\frac{-v}{-u}\)
या vf = -u(-v + f)
या vf = uv – uf
या vf + uf = uv
दोनों पक्षों में urf का भाग देने पर,
\(\frac{v f}{u v f}+\frac{u f}{u v f}=\frac{u v}{u v f}\)
या \(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}\) ………(4)
समी. (4) को अवतल दर्पण का दर्पण-सूत्र कहते हैं।
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1.
अवतल दर्पण के सामने एक वस्तु 48 सेमी की दूरी पर रखी है तथा दर्पण की फोकस दूरी 24 सेमी है। प्रतिबिम्ब की स्थिति एवं प्रकृति ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
दिये गये आँकड़ों से स्पष्ट है कि वस्तु दर्पण के वक्रता केन्द्र पर रखी है अतः प्रतिबिम्ब भी वक्रता केन्द्र पर ही बनेगा, जो वास्तविक उल्टा व वस्तु के आकार का होगा।
सूत्र : \(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\)
दिया है : f = -24 सेमी, u = -48 सेमी
∴ \(\frac{1}{-24}=\frac{1}{v}+\frac{1}{-48}\) ⇒ \(\frac{1}{v}=\frac{1}{48}-\frac{1}{24}\)
या \(\frac{1}{v}=-\frac{1}{48}\) ⇒ v = -48 सेमी।
आवर्धन m = \(\frac{-v}{u}=-\left(\frac{-48}{-48}\right)\) = -1
अतः प्रतिबिम्ब उल्टा, वस्तु के बराबर तथा दर्पण के सामने 48 सेमी की दूरी पर बनेगा। .
प्रश्न 2.
एक उत्तल दर्पण की फोकस दूरी f है। एक वस्तु इस दर्पण से f दूरी पर स्थित है उसका प्रतिबिम्ब कहाँ बनेगा?
उत्तर:
सूत्र : \(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\)
दिया है : फोकस दूरी = f, u = -f
सूत्र में मान रखने पर,
या \(\frac{1}{f}=-\frac{1}{f}+\frac{1}{v}\)
या ν = \(\frac{1}{v}=\frac{2}{f}\)
अत: प्रतिबिम्ब वस्तु के दूसरी ओर\(\frac{f}{2}\) दूरी पर बनेगा।
प्रश्न 3.
एक अवतल दर्पण से जिसकी फोकस दूरी 15 सेमी है, कोई वस्तु कितनी दूर रखी जाय कि वस्तु से तिगुना वास्तविक प्रतिबिम्ब बने ?
उत्तर:
सूत्र : \(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\) तथा m = \(\frac{-v}{u}\)
दिया है : f = -15 सेमी, m = -3 (वास्तविक प्रतिबिम्ब)
सूत्र में मान रखने पर, -3 = \(\frac{-v}{u}\) या ν = 3u
अब सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\) में मान रखने पर,
\(-\frac{1}{15}=\frac{1}{u}+\frac{1}{3 u}\)
या \(\frac{4}{3 u}=-\frac{1}{15}\)
या 3u = -60
∴ u = -20 सेमी।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. सही विकल्प चुनकर लिखिए
प्रश्न 1.
अवतल दर्पण के सामने स्थित किसी वस्तु और दर्पण द्वारा बनाये गये उस वस्तु के वास्तविक प्रतिबिम्ब के मध्य न्यूनतम दूरी होगी’
(a) f
(b) 2f
(c) 4f
(d) शून्य।
उत्तर:
(d) शून्य।
प्रश्न 2.
छोटा आभासी प्रतिबिम्ब प्राप्त किया जा सकता है –
(a) समतल दर्पण द्वारा
(b) उत्तल दर्पण द्वारा
(c) अवतल दर्पण द्वारा
(d) उपर्युक्त सभी के द्वारा।
उत्तर:
(b) उत्तल दर्पण द्वारा
प्रश्न 3.
एक प्रकाश किरण किसी. दर्पण पर अभिलंबवत् आपतित होती है, परावर्तन कोण का मान होगा-
(a) 0°
(b) 90°
(c) 135°
(d) 45°.
उत्तर:
(a) 0°
प्रश्न 4.
एक उत्तल गोलीय दर्पण से प्रतिबिम्ब बनता है-
(a) आभासी
(b) वास्तविक
(c) आकार में बड़ा
(d) उल्टा।
उत्तर:
(a) आभासी
प्रश्न 5.
अवतल दर्पण से वास्तविक प्रतिबिम्ब बनने के लिये निम्न में से कौन-सा कथन असत्य है-
(a) वस्तु फोकस पर हो
(b) वस्तु वक्रता केन्द्र पर हो
(c) वस्तु अनंत पर हो
(d) वस्तु ध्रुव व फोकस के बीच हो।
उत्तर:
(d) वस्तु ध्रुव व फोकस के बीच हो।
प्रश्न 6.
f फोकस दूरी वाले अवतल दर्पण के सामने अक्ष के अनुदिश b लम्बाई की एक छोटी रैखिक
वस्तु रखी गई है। यदि दर्पण से वस्तु की दूरी u हो, तो प्रतिबिम्ब की लगभग लम्बाई होगी
(a) \(b\left(\cdot \frac{u-f}{f}\right)^{1 / 2}\)
(b) \(\left(\frac{u-f}{f}\right)\)
(c) \(b\left(\frac{f}{u-f}\right)^{1 / 2}\)
(d) \(b\left(\frac{f}{u-f}\right)^{2}\)
उत्तर:
(d) \(b\left(\frac{f}{u-f}\right)^{2}\)
प्रश्न 7.
बड़ा एवं आभासी प्रतिबिम्ब प्राप्त किया जा सकता है
(a) उत्तल दर्पण द्वारा
(b) अवतल दर्पण द्वारा
(c) समतल दर्पण द्वारा
(d) उपर्युक्त सभी के द्वारा।
उत्तर:
(b) अवतल दर्पण द्वारा
प्रश्न 8.
गोलीय दर्पण की फोकस दूरी एवं वक्रता त्रिज्या में सम्बन्ध होता है
(a) f = 2R
(b) f = R
(c) R = 2f
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) R = 2f
प्रश्न 9.
एक वस्तु 15 सेमी फोकस दूरी वाले अवतल दर्पण के सामने 30 सेमी की दूरी पर रखी जाती है, उसका प्रतिबिम्ब बनेगा-
(a) दर्पण के आगे 30 सेमी की दूरी पर
(b) दर्पण के आगे 45 सेमी की दूरी पर
(c) दर्पण के पीछे 30 सेमी की दूरी पर
(d) दर्पण के पीछे 45 सेमी की दूरी पर।
उत्तर:
(a) दर्पण के आगे 30 सेमी की दूरी पर
प्रश्न 10.
अवतल दर्पण से बने प्रतिबिम्ब को पर्दे पर प्राप्त नहीं कर सकते जबकि वस्तु-
(a) ध्रुव व फोकस के बीच हो
(b) फोकस और वक्रता-केन्द्र के बीच हो
(c) केन्द्र और अनन्त के बीच हो
(d) वक्रता-केन्द्र पर हो।
उत्तर:
(a) ध्रुव व फोकस के बीच हो
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. दर्पण में बने प्रतिबिम्ब की लंबाई और वस्तु की लम्बाई के अनुपात को ……….. कहते हैं।
उत्तर:
रैखिक आवर्धन
2. वास्तविक प्रतिबिम्बों के लिए रैखिक आवर्धन (किसी दर्पण के लिए) सदैव ………… होता है।
उत्तर:
ऋणात्मक
3. समतल दर्पण के लिए रैखिक आवर्धन का मान ……….. होता है।
उत्तर:
एक
4. वास्तविक प्रतिबिम्ब सदैव …………. बनता है।
उत्तर:
उल्टा
5. किसी बिन्दु से चलने वाली किरणें परावर्तन या अपवर्तन के पश्चात् जिस बिन्दु पर मिलती हैं या जिस बिन्दु से होकर आती प्रतीत होती हैं, उसे उस बिन्दु वस्तु का …………. कहते हैं।
उत्तर:
प्रतिबिम्ब
6. आभासी प्रतिबिम्ब सदैव …………. बनता है।
उत्तर:
सीधा
7. किसी वस्तु से चलने वाली प्रकाश किरणें परावर्तन के पश्चात् वास्तव में किसी बिन्दु पर मिलती है तो वस्तु का प्रतिबिम्ब …………. होता है।
उत्तर:
वास्तविक
8. किसी गोलीय दर्पण के लिए वस्तु की दूरी u, प्रतिबिम्ब की दूरी v तथा फोकस दूरी में सम्बन्ध दर्शाने वाले समीकरण को …………. कहते हैं।
उत्तर:
दर्पण सूत्र
9. अवतल दर्पण की फोकस दूरी …………. होती है।
उत्तर:
ऋणात्मक
10. दो वस्तुओं को एक ही सीध में रखकर आँख को दायीं या बायीं ओर हटाने पर उनमें जो सापेक्ष विस्थापन होता है उसे ………… कहते हैं।
उत्तर:
लम्बन
11. गोलीय दर्पण के ध्रुव से फोकस तक की दूरी को दर्पण की …………. कहते हैं।
उत्तर:
फोकस दूरी
12. संयुग्मी फोकस केवल ……….. दर्पण में ही होता है।
उत्तर:
अवतल
3. उचित संबंध जोडिए
(A)
स्तम्भ ‘अ’ | स्तम्भ ‘ब’ |
1. वक्रता त्रिज्या व फोकस दूरी में संबंध | (a) धनात्मक |
2. दर्पण समीकरण | (b) अवतल दर्पण |
3. अवतल दर्पण का आवर्धन | (c) f = \(\frac{\mathrm{R}}{2}\) |
4. उत्तल दर्पण | (d) \(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\) |
5. चौराहे पर लगी बत्तियों में परावर्तन | (e) ऋणात्मक। |
उत्तर:
1. (c) f = \(\frac{\mathrm{R}}{2}\)
2. (d) \(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}+\frac{1}{v}\)
3. (e) ऋणात्मक।
4. (a) धनात्मक
5. (b) अवतल दर्पण
(B)
स्तम्भ ‘अ’ | स्तम्भ ‘ब’ |
1. वास्तविक प्रतिबिंब का आवर्धन | (a) \(\frac{-v}{u}\) |
2. आभासी प्रतिबिंब का आवर्धन | (b) छोटा एवं आभासी प्रतिबिम्ब |
3. वाहनों की हेडलाइट में परावर्तक के रूप में प्रयुक्त दर्पण | (c) ऋणात्मक |
4. उत्तल दर्पण | (d) धनात्मक |
5. रैखिक आवर्धन | (e) अवतल परवलयाकार। |
उत्तर:
1. (c) ऋणात्मक
2. (d) धनात्मक
3. (e) अवतल परवलयाकार।
4. (b) छोटा एवं आभासी प्रतिबिम्ब
5. (a) \(\frac{-v}{u}\)