MP Board Class 12th General Hindi व्याकरण उपसर्ग
वे शब्दांश जो किसी शब्द में जुड़कर उसका अर्थ परिवर्तित कर देते हैं। उपसर्गों का कोई स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होता; फिर भी वे अन्य शब्दों के साथ मिलकर एक विशेष अर्थ का बोध कराते हैं। उपसर्ग सदैव शब्द के पहले आता है, जैसे-‘परा’ उपसर्ग को ‘जय’ के पहले रखने से एक नया शब्द ‘पराजय’ बन जाता है। जिसका अर्थ होता है-हार।
उपसर्ग के शब्द में तीन प्रकार की स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं।
जैसे-
1. शब्द के अर्थ में विपरीतता आ जाती है।
2. शब्द के अर्थ में नूतनता आ जाती है।
3. शब्द के अर्थ में कोई नया परिवर्तन नहीं होता।
उत्तर-
हिन्दी भाषा में उपसर्ग तीन भाषाओं के हैं
(a) संस्कृत उपसर्ग
(b) हिन्दी उपसर्ग
(c) उर्दू उपसर्ग।
(a) संस्कृत उपसर्ग
उपसर्ग के समान प्रयुक्त होने वाले कुछ अन्य शब्द
(b) हिन्दी उपसर्ग
(c) उर्दू उपसर्ग