MP Board Class 12th General Hindi व्याकरण पारिभाषिक एवं तकनीकी शब्द

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MP Board Class 12th General Hindi व्याकरण पारिभाषिक एवं तकनीकी शब्द

पारिभाषिक शब्द का अर्थ और स्वरूप
उपयोगिता और महत्त्व

भाषा के अनेक पक्ष होते हैं। उनमें एक महत्त्वपूर्ण पक्ष है : पारिभाषिक और तकनीकी शब्द। विभिन्न विज्ञानों और शास्त्रों में प्रयुक्त होने वाले पारिभाषिक शब्दों का विशेष महत्त्व है। इसके . प्रयोग से विषय – विशेष के संदर्भ में भाषा व्यवहार की प्रयोजनपरकता बढ़ती है। विषय का विशिष्ट ज्ञान उभरता है, किंतु पारिभाषिक शब्द ऐसा तकनीकी विषय है जो स्वयं में कई आयाम लिए हुए

मानव अपने भावों या विचारों को अथवा संकल्पनाओं को भाषा के माध्यम से व्यक्त करता है। वह समाज में रहते हुए भाषा सीखता है, समाज में उसका प्रयोग करता है। भाषा सार्थक शब्दों की समूह होती है और इसका कार्य अर्थ की प्रतीति कराना होता है। यह अर्थ बोध भाषा को जानने वालों को होता है। शब्द जहाँ सांकेतिक अर्थ का बोध कराके वाच्यार्थ को व्यक्त करते हैं वहीं लक्ष्यार्थ और व्यंग्यार्थ के रूप में इससे भिन्न अर्थ का भी बोध कराते हैं। वह अलग – अलग संदर्भो में लक्ष्यार्थ की प्रतीति भी करा सकता है और व्यंग्यार्थ की भी, किंतु मूलतः वह वाचक होता है। इसलिए शब्द में अर्थ बोध कराने की शक्ति होती है। यह भाषा की महत्त्वपूर्ण इकाई है। भाषा विशेष में शब्दों की अधिकता उतने ही अधिक अर्थ क्षेत्रों को व्यक्त करने की क्षमता को सिद्ध करती है।

पारिभाषिक शब्द की व्युत्पत्ति व परिभाषा

साहित्य जगत् – चाहे वह ज्ञानात्मक साहित्य से संबंधित हो अथवा आनंद के साहित्य से – शब्दों के संदर्भ में प्रयुक्त होने वाला पारिभाषिक शब्द अंग्रेजी के Technical Terms शब्द के समान व्यहार में लाया जाता है। पारिभाषिक शब्द एक विश्लेषण है जिसकी रचना परिभाषा शब्द में इक प्रत्यय से हुई है। इस तरह परिभाषिक का अर्थ है परिभाषा संबंधी अर्थात् जिसकी परिभाषा की जा सके अथवा जिसकी परिभाषा देने की आवश्यकता हो। जहाँ तक परिभाषा – शब्द का संबंध है तो इसकी व्युत्पत्ति भाष् धातु में परि उपसर्ग जोड़कर हुई है। भाष धातु कथन का और परि उपसर्ग विशिष्टता (अथवा विशेष अथ) का द्योतक है। इस प्रकार परिभाषा विशिष्ट ” भाष् अर्थात् . किसी पद, शब्द, या कथन की पहचान के स्पष्टीकरण से संबंधित है। इस विशिष्ट कथन का संबंध किसी भी विषय, वस्तु, अर्थ, क्षेत्र अथवा संदर्भ हो सकता है। इस प्रकार पारिभाषिक शब्द विशिष्ट विचारों को व्यक्त करने वाले विशिष्ट शब्द हैं। परिभाषा या विशिष्ट संदर्भ से जुड़े पारिभाषिक शब्दों (अथवा पारिभाषिक शब्दावली) का प्रयोग किसी परिभाषा युक्त कथन के सूत्र में किया जाता है। साथ ही, ये शब्द किसी भी भाषा की विभिन्न प्रयुक्तियों अथवा प्रयोजनमूलक रूपों में विशिष्ट अवधारणाओं के अभिव्यंजक होते हैं और स्वयं में तत्संबंधी व्याख्या समाहित किए हुए होते हैं।

पारिभाषिक शब्दों के अर्थ तत्त्व के बोध के लिए तत्संबंधी परिभाषा अथवा व्याख्या पर समुचित ध्यान दिया जाना अपेक्षित है। रैंडम हाउस ने पारिभाषिक शब्द की परिभाषा इस प्रकार दी है : ‘A word of phrase used in definite or precise sense in some particular subject as a science or art a technical impression (more fully term of art) विशिष्ट विषय जैसे विज्ञान अथवा कला विषय की तकनीकी अभिव्यक्ति के लिए निश्चित अथवा विशिष्ट अर्थ में प्रयुक्त एक शब्द अधिकांशतः कला का शब्द।।

डॉ. रघुवीर ने पारिभाषिक शब्द को इस प्रकार परिभाषित किया है, “ पारिभाषिक शब्द किसको कहते हैं? जिसकी परिभाषा की गई हो। पारिभाषिक शब्द का अर्थ है : जिसकी सीमा बांध दी गई हो। जिन शब्दों की सीमा बांध दी जाती है वे पारिभाषिक शब्द हो जाते हैं।”

पाठ्यक्रम में निर्धारित पारिभाषिक एवं तकनीकी शब्द में पारिभाषिक शब्द की परिभाषा इस प्रकार दी है : जो शब्द विभिन्न शास्त्रों और विज्ञानों में ही प्रयुक्त होते हैं तथा संबद्ध शास्त्र या विज्ञान के प्रसंग में जिनकी परिभाषा दी जा सके, पारिभाषिक शब्द कहलाते हैं।

पारिभाषिक शब्दों के प्रकार

भाषा व्यवहार में देखा जाता है कि प्रयोग के आधार पर शब्द के तीन भेद होते हैं : सामान्य शब्द, अर्द्ध पारिभाषिक शब्द और पारिभाषिक शब्द। इसके विपरीत कुछ भाषाविज्ञानी पारिभाषिक शब्दों के दो ही प्रकार मानते हैं।

1. सामान्य शब्द : सामान्य शब्द वे होते हैं जिन शब्दों में कोई तकनीकी पक्ष समाहित नहीं होता। इनके विषय में कुछ भी स्पष्ट कहने की आवश्यकता नहीं होती। जैसे मीठा, कलम, ठोस
आदि।

2. अर्द्ध पारिभाषिक शब्द वे कहलाते हैं जो सामान्य और पारिभाषिक शब्दों के बीच के शब्द होते हैं। अभिप्राय यह है कि ये शब्द अर्द्ध पारिभाषिक शब्द और सामान्य पारिभाषिक शब्दों के रूप में प्रयुक्त होने वाले होते हैं। इनका प्रयोग सामान्य जीवन व्यवहार में तो होता ही है साथ ही किसी भी विशिष्ट ज्ञान के संदर्भ में भी होता है। इन शब्दों की विशेषता यह होती है कि इनका पारिभाषिक अर्थ व्याख्या, लोक प्रयोग, अर्थ विस्तार, अर्थादेश, अर्थ संकोच से सिद्ध होता है। लोक व्यवहार और शास्त्र/विज्ञान विशेष में प्रयुक्त होने के स्तर पर इन शब्दों के रूप में कोई परिवर्तन नहीं होता। ये केवल नया अर्थ लिए होते हैं

जैसे – आवेश, भिन्न, रस, संधि, पुष्प, हस्ताक्षर आदि। पाठ्यक्रम लेखक ने अर्द्ध पारिभाषिक शब्द के संबंध में यह कहा है, “ऐसे शब्द हैं जो कभी तो पारिभाषिक शब्द के रूप में प्रयुक्त होते हैं और कभी सामान्य रूप में। ऐसे शब्दों को अर्द्ध प्रामाणिक शब्द कहा जाता है। जैसे व्याकरण में क्रिया पारिभाषिक शब्द है। किंतु अन्यत्र इसका सामान्य अर्थ में प्रयोग किया जाता है।” इसी प्रकार अलंकार काव्यशास्त्र में पारिभाषिक शब्द है किंतु सामान्य अर्थ में यह आभूषण के लिए प्रयुक्त किया जाता है।

3. पारिभाषिक शब्द या पूर्ण पारिभाषिक शब्द : पारिभाषिक या पूर्ण पारिभाषिक शब्द वे कहलाते हैं जो ज्ञान व आनंद के साहित्य में टेक्नीकल टर्म के रूप में प्रयोग किए जाते हैं। इन्हें पूर्ण पारिभाषिक शब्द भी कहा जाता है। पाठ्यक्रम लेखक ने पारिभाषिक शब्द को पूर्ण पारिभाषिक शब्द कहा है और इसकी परिभाषा इस प्रकार दी है : “ऐसे शब्द जो पूर्णतः परिभाषा देते हैं। इनका प्रयोग सामान्य अर्थ में नहीं होता। जैसे काव्यशास्त्र में ‘रस निष्पत्ति’ शब्द पूर्णतः पारिभाषिक शब्द है। इसका अर्थ है हृदय में स्थित भाव, रस के रूप में अनुभूत होते हैं।’ इसका सामान्य अर्थ में प्रयोग नहीं होता। इसी प्रकार भाषाविज्ञान का स्वनिम विशेष अर्थ देता है सामान्य अर्थ नहीं। चिकित्सा के राज्यक्ष्मा और शल्य क्रिया, न्यायालय के पेशी और जमानत, वाण्ज्यि के धारक और प्रीमियम शब्द विशेष अर्थ के बोधक हैं।

पारिभाषिक शब्द की विशेषताएँ
(क) पारिभाषिक शब्द का अर्थ सुनिश्चित होता है। जैसे संसद, विधानसभा, मानदेय आदि।
(ख) एक विषय या सिद्धांत में पारिभाषिक शब्द का एक ही अर्थ होता है जैसेः समाजवाद, बहीखाता, द्विआंकन प्रणाली।
(ग) पारिभाषिक शब्द सीमित आकार में होता है जैसे – स्वन, अभिभावक।
(घ) पारिभाषिक शब्द मूल या रूढ़ होता है, व्याख्यात्मक नहीं होता जैसे – दूरदर्शन, निवेशक, श्रमजीवी।
(ङ) पारिभाषिक शब्द मूल या रूढ़ होता है। यह व्याख्यात्मक नहीं होता। जैसे – विधान। इससे अनेक शब्द निर्मित किए जा सकते हैं: जैसे – विधान परिषद्, विधान सभा आदि।

पारिभाषिक शब्द निर्माण पद्धति या प्रणाली :
पारिभाषिक शब्दों का निर्माण कई प्रकार से किया जाता है।
1. उपसर्ग से पारिभाषिक शब्दों का निर्माण : इस तरह के शब्द तद्भव, तत्स आगत शब्दों में उपसर्ग जोड़कर बनाए जाते हैं :

  • अधि + कार – अधिकार
  • अति + क्रमण – अतिक्रमण
  • उप + मंत्रालय – उपमंत्रालय
  • सं + चार – संचार
  • बा + कायदा – बाकायदा
  • ना + लायक – नालायक
  • रि + साइकिल – रिसाइकिल
  • रि + ‘माइण्ड – रिमाइण्ड

2. प्रत्यय द्वारा पारिभाषिक शब्दों का निर्माण :
तत्सम तद्भव, विदेशी/ आगत शब्दों में प्रत्यय जोड़कर पारिभाषिक शब्द बनाए जाते हैं :

  • इतिहास + इक – ऐतिहासिक
  • रूप + इम – रूपिम।
  • दुकान + दार – दुकानदार
  • दम + दार – दमदार।
  • चलन + इया – चलनिया
  • फिर + औती – फिरौती
  • कलेक् + शन – कलेक्शन
  • एक्जामिन + एशन – एक्जामिनेशन

3. समास से पारिभाषिक शब्दों का निर्माण :
तद्भव, तत्सम और विदेशी/आगत शब्दों के सामासिक प्रयोगों से पारिभाषिक शब्द बनाए जाते हैं :

  • तत्सम + तत्सम : ग्राम पंचायत, आकाशवाणी
  • तत्सम + तद्भव : जलपरी, रक्षा + चौंकी।
  • तत्सम + विदेशी : सहकारी + बैंक।
  • तद्भव + तद्भव : हाथ + घड़ा।
  • तद्भव + विदेशी : किताब + घर।
  • देशज + तद्भव : जच्चा + घर
  • विदेशी + विदेशी : ग्रीन + हॉल।

संधि से पारिभाषिक शब्दों का निर्माण : संधि प्रक्रिया से भी पारिभाषिक शब्दों का निर्माण किया जाता है :

  • अभि + आवेदन : अभ्यावेदन
  • जिला + अधिकारी : जिलाधिकारी
  • कुल + अधिपति : कुलाधिपति

विदेशी भाषा से यथावत ग्रहीत शब्द : पारिभाषिक शब्दों के निर्माण के लिए विदेशी या आगत शब्दों को ज्यों का त्यों स्वीकार कर लिया जाता है।
बुलेटिन, बजट, रबर, ग्लूकोज, होमियोग्लोबिन, टेंप्रेचर।
अनुकूलन द्वारा पारिभाषिक शब्द निर्माण : विदेशी या आगत शब्दों में कुछ बदलाव लाकर हिंदी शैली में शब्दों को ढाल लिया जाता है।

  • ट्रेजेडी – त्रासदी
  • एकेडेमी – अकादमी

कुछ ऐसे शब्द भी हैं जो विशेष अर्थ में प्रयुक्त नहीं होते। उन्हें अपरिभाषिक या सामान्य शब्दों की श्रेणी में रखा जाता है जैसे पहाड़ियाँ, तलैया।

पारिभाषिक शब्द बनाने के लिए भारत सरकार के वैज्ञानिक तकनीकी शब्दावली आयोग की ओर से प्रकाशित पारिभाषिक शब्दकोश से ही पारिभाषिक शब्दों का निर्माण करना चाहिए। पारिभाषिक शब्दों के निर्माण में जिस भाषा में जो भी शब्द उपलब्ध है उसे ज्यों का त्यों स्वीकार कर लेना चाहिए।

तकनीकी शब्दावली पारिभाषिक शब्द के लिए तकनीकी शब्द भी : पारिभाषिक शब्द के पर्याय के रूप में तकनीकी शब्द का प्रयोग किया जाता है। जैसे तकनीक शब्द Technical’ ध्वनि – साम्य के आधार पर निर्मित पर्याय है। अंग्रेजी का Technical’ शब्द भी Technique’ शब्द से बना है। यह मूल अंग्रेजी शब्द ग्रीक भाषा के Technician ‘से व्यत्पन्न है, जिसका अर्थ है कला या शिल्प का और इक का अर्थ है, इसका। (इससे संबद्ध) इस प्रकार ‘टेक्नी’ शब्द का अभिप्राय हुआ कला अथवा शिल्प का अथवा इससे संबद्ध। ग्रीक में टेक्टोन ‘Tectonic’ का अर्थ है बढ़ई अथवा निर्माता (Builder)। लेटिन में टैक्सीयर Tex ere’ को बुनना अथवा बनाने या . निर्माण करने के अर्थ में प्रयुक्त किया जाता है। इस तरह यह ग्रीक शब्द किसी चीज़ को बनाने अथवा तैयार करने के अर्थ में प्रयुक्त किया जाता है। इस तरह या ग्रीक शब्द किसी चीज को बनाने अथवा तैयार करने की कला या शिल्प है। अंग्रेजी के Technique’ शब्द में भी यही अर्थ उजागर होता है। फादर कामिल बुल्के ने इंगलिश हिंदी डिक्शनरी के अनुसार ‘Technical’ शब्द का शाब्दिक अभिप्राय बताया है, ‘of a particular art, science, craft or about art.’ अर्थात् विशेष कला का अथवा विज्ञान का अथवा कला के बारे में’। स्पष्ट है कि ‘Technical’ तकनीकी शब्द बनाने, तैयार करने के अर्थ को वहन करता है। इससे इस अर्थ को शब्द के Terms’ के साथ प्रयोग करने पर अर्थात् Technical Terms’ तकनीकी शब्द लिखने पर इसमें तात्पर्य निहित हो जाता है कि यह मानव द्वारा निर्मित अथवा अभिकल्पित अथवा अन्वेषित भाव विचार अथवा वस्तु को उजागर करने वाला शब्द है।

पाठ्यक्रम में निर्धारित तकनीकी शब्द की परिभाषा इस प्रकार दी गई है: तकनीकी वह शब्द है जो किसी निर्मित अथवा खोजी गई वस्तु अथवा विचार को व्यक्त करता हो। कोश ग्रंथों के अनुसार तकनीक शब्द किसी ज्ञान विज्ञान के विशेष क्षेत्र में एक विशिष्ट तथा निश्चित अर्थ में प्रयुक्त किया जाता है।

वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली का संबंध अधिकांश रूप से अंग्रेजी और अंतरराष्ट्रीय शब्दावली से है। सन् 1961 में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली की स्थापना की गई। तब जाकर तकनीकी शब्दावली का विकास हुआ।

पारिभाषिक और तकनीकी शब्दावली में अंतर

पारिभाषिक व तकनीकी शब्दावली में सूक्ष्म अन्तर है। पारिभाषिक शब्द साहित्यिक और गैर – साहित्यिक विज्ञान आदि दोनों विषयों में हो सकते हैं पर तकनीकी शब्द से केवल तकनीकी टेक्निकल सब्जेक्ट के होते हैं। जैसे रस, गुण, अलंकार आदि साहित्यिक शब्द हैं जबकि राडार, नाइट्रोजन आदि तकनीकी विषयों के पारिभाषिक शब्द हैं।

भारत शासन के वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग ने विभिन्न विषयों को लगभग बीस शब्दावलियाँ प्रकाशित की हैं। इन्हीं शब्दावलियों से निम्नलिखित पारिभाषिक/ तकनीकी शब्दों का चयन किया गया है –
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