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MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Ex 13.1
प्रश्न 1.
दो घनों जिनमें से प्रत्येक का आयतन 64 cm³ है, के संलग्न फलकों को मिलाकर एक ठोस बनाया जाता है। इससे प्राप्त घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
ज्ञात है : दो सर्वांगसम घन जिनमें से प्रत्येक का आयतन V = a³ = 64 cm³ है, जहाँ a = वर्ग की भुजा है। दोनों के संलग्न फलकों को मिलाकर एक घनाभ बनाया गया है जिसकी लम्बाई l = 2a cm चौड़ाई b = a cm एवं ऊँचाई h = a cm है।
∵ V = a³ = 64 = (4)³
⇒ a = 4 cm
⇒ l = 2a = 2 x 4 = 8cm,
b = 4 cm एवं h = 4 cm
∵ घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल
Sw = 2(lb + bh + hl) .
⇒ Sw = 2(8 x 4 + 4 x 4 + 4 x 8)
= 2(32 + 16 + 32)
= 2 x 80
= 160 cm²
अतः, घनाभ का अभीष्ट पृष्ठीय क्षेत्रफल = 160 cm² है।
प्रश्न 2.
कोई बर्तन खोखले अर्द्धगोले के आकार का है जिसके ऊपर एक खोखला बेलन अध्यारोपित है। अर्द्ध गोले का व्यास 14 cm है और इस बर्तन (पात्र) की कुल ऊँचाई 13 cm है। इसका आन्तरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
ज्ञात है : एक 14 cm व्यास वाला एक खोखला अर्द्धवृत्ताकार पात्र एवं उसके ऊपर अध्यारोपित समान व्यास के एक खोखले बेलन के अध्यारोपण के फलस्वरूप बना एक संयुक्त पात्र जिसकी कुल ऊँचाई 13 cm है (देखिए संलग्न आकृति 13.3)। चूँकि बेलन के आधार पर व्यास = अर्द्ध गोलाकार बर्तन का व्यास d= 14 cm
⇒ बेलन की त्रिज्या = अर्द्ध गोले की त्रिज्या r = 14/2 =7 cm
∵ पात्र की कुल ऊँचाई = 13 cm
⇒ बेलन की ऊँचाई h = 13 cm – 7 cm = 6 cm
∵ पात्र की आन्तरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + अर्द्ध गोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
⇒ पात्र का आन्तरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πrh + 2π²
= 2 x \(\frac { 22 }{ 7 }\) x 7 x 6 + \(\frac { 22 }{ 7 }\) x (7)²
= 264 + 308
= 572 cm²
अतः, पात्र का अभीष्ट आन्तरिक पृष्ठीय क्षेत्रफल = 572 cm² है।
प्रश्न 3.
एक खिलौना त्रिज्या 3.5 cm वाले एक शंकु के आकार का है जो उसी त्रिज्या वाले एक अर्द्ध गोले पर अध्यारोपित है। इस खिलौने की सम्पूर्ण ऊँचाई 15.5 cm है। इस खिलौने का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
ज्ञात है : संलग्न आकृति के अनुसार एक खिलौना जिसकी सम्पूर्ण ऊँचाई 15.5 cm तथा अर्द्ध गोले
एवं शंकु के आधार की त्रिज्या = 3.5 cm दी गयी है, अतः r = \(\frac { 7 }{ 2 }\) cm.
⇒ शंकु की ऊर्ध्वाधर ऊँचाई h = 15.5 – 3.5 = 12 cm.
∵ शंकु की तिर्यक ऊँचाई
चूँकि खिलौने का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = शंकु का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल + अर्द्ध गोले का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल
अतः, खिलौने का अभीष्ट सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 214.5 cm² है।
प्रश्न 4.
भुजा 7 cm वाले एक घनाकार ब्लॉक के ऊपर एक अर्द्धगोला रखा हुआ है। अर्द्धगोले का अधिकतम व्यास क्या हो सकता है? इस प्रकार बने ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
चूँकि घनाकार ब्लॉक की भुजा a = 7 cm दी है। इसके ऊपर एक अर्द्धगोला रखा है, अतः अर्द्धगोले का अधिकतम व्यास d= घन की भुजा = a = 7 cm
⇒ अर्द्धवृत्त की त्रिज्या r = \(\frac { 7 }{ 2 }\) cm
चूँकि ठोस का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = घन का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल + अर्द्धगोले का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल – अर्द्धगोले के आधार द्वारा घेरे गए वृत्ताकार भाग का क्षेत्रफल
Sw = 6a² + 2πr² – πr²
= 6a² + πr²
\(S_{w}=6 \times(7)^{2}+\frac{22}{7} \times\left(\frac{7}{2}\right)^{2}\)
= 294 + 38.5
= 332.5 cm²
अतः, अर्द्धवृत्त का अधिकतम अभीष्ट व्यास = 7 cm
एवं ठोस का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 332.5 cm² है।
प्रश्न 5.
एक घनाकार ब्लॉक के एक फलक को अन्दर की ओर काटकर एक अर्द्ध गोलाकार गड्डा इस प्रकार बनाया गया है कि अर्द्धगोले का व्यास l घन के एक किनारे के बराबर है। शेष बचे ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
माना लीजिए दिए हुए घनाकार ब्लॉक की भुजा (l किनारा) a = l मात्रक।
इसके एक फलक को काटकर अर्द्ध गोलीय गड्ढा इस प्रकार बनाया गया है कि अर्द्ध गोले का व्यास d = l मात्रक।
⇒ अर्द्धगोले की त्रिज्या r = \(\frac { l }{ 2 }\) मात्रक।
चूंकि ठास का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षत्रफल = घन का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल + अर्द्ध गोलीय गड्ढे का पृष्ठीय क्षेत्रफल – काटे हुए वृत्त का क्षेत्रफल
Sw = 6l² + 2π² – πr²
= 6l² + πr²
= \(6 l^{2}+\pi\left(\frac{l}{2}\right)^{2}=6 l^{2}+\frac{1}{4} \pi l^{2}\)
Sw = \(\frac { 1 }{ 4 }\)l² (24 + π) वर्ग मात्रक।
अतः ठोस का अभीष्ट सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = \(\frac { 1 }{ 4 }\)l² (24 + π) वर्ग मात्रक।
प्रश्न 6.
दवा का एक कैप्सूल (Capsule) एक बेलन के आकार का है जिसके दोनों सिरों पर एक-एक अर्द्ध गोला लगा हुआ है (देखिए संलग्न आकृति)। पूरे कैप्सूल की लम्बाई 14 mm है और उसका व्यास 5 mm है। इसका पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए दवा का एक कैप्सूल कुल 14 mm लम्बा तथा d = 5 mm व्यास वाला एक इस प्रकार का बेलनाकार है जिसके दोनों सिरों पर उसी व्यास के एक-एक अर्द्ध गोले लगे हुए हैं। चूँकि बेलनाकार भाग एवं अर्द्धगोलीय भाग का व्यास d = 5 mm
⇒ बेलनाकार भाग एवं अर्द्ध गोलीय भाग की त्रिज्या r = \(\frac { 5 }{ 2 }\) mm
चूँकि कैप्सूल की कुल लम्बाई = बेलनाकार भाग की लम्बाई l + दो अर्द्धगोलीय त्रिज्या अर्थात् व्यास
⇒ l + 5 = 14 mm
⇒ l = 14 – 5 = 9 mm
∵ कैप्सूल का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वृक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + 2 x अर्द्धगोलीय भाग का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
अतः कैप्सूल का अभीष्ट पृष्ठीय क्षेत्रफल = 220 mm² (लगभग) है।
प्रश्न 7.
कोई तम्बू एक बेलन के आकार का है जिस पर एक शंकु अध्यारोपित है। यदि बेलनाकार भाग की ऊँचाई और व्यास क्रमश: 2.1 m और 4 m है तथा शंकु की तिर्यक ऊँचाई 2.8 m है, तो इस तम्बू को बनाने में प्रयुक्त कैनवास (Canvas) का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। साथ ही Rs 500 प्रति m² की दर से इसमें प्रयुक्त कैनवास की लागत ज्ञात कीजिए। (ध्यान दीजिए कि
तम्बू के आधार को कैनवास से नहीं ढका जाता है।)
हल :
ज्ञात है : तम्बू के बेलनाकार भाग की ऊँचाई h = 2.1 m तथा बेलनाकार भाग एवं शंक्वाकर भाग के व्यास d = 4 m
बेलन की त्रिज्या = शंकु की त्रिज्या
r = \(\frac { 4 }{ 2 }\)m = 2 m
शंकु की तिर्यक ऊँचाई l = 2.8 m.
चूँकि तम्बू का पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल
Sw = 2πrh x πrl
= 2 x \(\frac { 22 }{ 7 }\) 2 x 2.1 + \(\frac { 22 }{ 7 }\) x 2 x 2.8
= 26.4 + 17.6
= 44.0 m²
∵ व्यय = क्षेत्रफल x दर
= 44 x Rs 500
= Rs 22,000.
अतः, प्रयुक्त कैनवास का अभीष्ट क्षेत्रफल = 44 m²
एवं उसको लगाने में अभीष्ट व्यय = Rs 22,000 है।
प्रश्न 8.
ऊँचाई 2.4 cm और व्यास 1.4 cm वाले एक ठोस बेलन में से इसी ऊँचाई और इसी व्यास वाला एक शंक्वाकार खोल (Cavity) काट लिया जाता है। शेष बचे ठोस का निकटतम वर्ग सेण्टीमीटर तक पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है : h= 2.4 cm ऊँचाई एवं d = 1.4 cm व्यास वाले एक बेलन में से उसी ऊँचाई एवं उसी व्यास का शंक्वाकार खोल काट दिया जाता है। मान लीजिए शंकु की तिर्यक ऊँचाई = l cm है।
चूँकि व्यास = 1.4 cm
त्रिज्या = \(\frac { 1.4 }{ 2 }\) = 0.7 cm
चूँकि तिर्यक ऊँचाई
चूँकि प्राप्त ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + ऊपर के आधार का वृत्तीय क्षेत्रफल
Sw = 2πrh + πrl + πr²
= πr(2h + l + r)
= \(\frac { 22 }{ 7 }\) x 0.7(2 x 2.4 + 2.5 + 0.7)
= 2.2(4.8 + 2.5 + 0.7)
= 2.2 x 8.0
= 17.6 cm²
Sw = 18 cm² (निकटतम cm² में)
अतः, शेष बचे ठोस का अभीष्ट पृष्ठीय क्षेत्रफल
= 18 cm² (निकटतम cm² में) है।
प्रश्न 9.
लकड़ी के एक ठोस बेलन के प्रत्येक सिरे पर एक अर्द्ध गोला खोदकर निकालते हुए एक वस्तु बनाई गई है जैसा कि संलग्न आकृति में दर्शाया गया है। यदि बेलन की ऊँचाई 10 cm है और आधार की त्रिज्या 3.5 cm है, तो इस वस्तु का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
ज्ञात है : h = 10 cm ऊँचाई एवं r = 3.5 cm त्रिज्या वाला लकड़ी का एक बेलन जिसके दोनों सिरों से उसी त्रिज्या का एक-एक अर्द्ध गोलाकार भाग काटकर निकाल दिया गया है तो
∵ प्राप्त ठोस का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + 2 x अर्द्धगोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल
Sw = 2πrh + 2 x 2πr²
= 2πr(h + 2r)
= 2 x \(\frac { 22 }{ 7 }\) x 3.5(10 + 2 x 3.5)
= 22 x 17
= 374 cm²
अतः, शेष प्राप्त ठोस का अभीष्ट सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 374 cm² है।