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MP Board Class 8th Sanskrit Solutions Surbhi विविधप्रश्नावलिः 1
प्रश्न 1.
प्रश्नानाम् एकपदेन उत्तरं लिखत(प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखो-)
(क) मनसा किं करणीयम्? (मन से क्या करना चाहिए?)
उत्तर:
स्मरणीयम्। (स्मरण करना चाहिए।)
(ख) वराहमिहिरस्य पितुः नाम किम्? (वराहमिहिर के पिता का नाम क्या था?)
उत्तर:
आदित्यदासः। (आदित्यदास)
(ग) कस्मिन् मासे गणतन्त्रदिवसः भवति? (किस महीने में गणतन्त्र दिवस होता है।)
उत्तर:
जनवरिमासे। (जनवरी महीने में।)
(घ) विद्या कीदृशी भवेत्? (विद्या कैसी होनी चाहिए?)
उत्तर:
अर्थकरी। (धन का संग्रह कराने वाली।)
(ङ) ओरछानगरस्य स्थापना केन कृता? (ओरछा नगर की स्थापना किसके द्वारा की गयी?)
उत्तर:
रुद्रप्रतापेन। (रुद्रप्रताप के द्वारा)
(च) नरेन्द्रनाथस्य पितुः नाम किम् आसीत्? (नरेन्द्रनाथ के पिता का नाम क्या था?)
उत्तर:
विश्वनाथदत्तः। (विश्वनाथदत्त)
(छ) गजः कां नाशितवान्? (हाथी ने किसको नष्ट किया?)
उत्तर:
अण्डानि। (अण्डों को)
(ज) मित्रं कदा जानीयात्? (मित्र को कब जानना चाहिए?)
उत्तर:
आपत्सु। (आपत्तियों में)
प्रश्न 2.
प्रश्नानाम् एकवाक्येन उत्तरं लिखत(प्रश्नों के एक वाक्य में उत्तर लिखो-)
(क) कुत्र चरणीयम्? (कहाँ चढ़ना चाहिए?)
उत्तर:
कष्टपर्वते चरणीयम्। (कष्टरूपी पर्वत पर चढ़ना चाहिए।)
(ख) वराहमिहिरेण के ग्रन्थाः विरचिताः? (वराहमिहिर ने कौन से ग्रन्थ रचे?)
उत्तर:
वराहमिहिरेण बृहत्संहिता-बृहज्जातकम्-पञ्च सिद्धान्तिका ग्रन्थाः विरचिताः। (वराहमिहिर ने बृहत्संहिता, बृहज्जातकम्, पसिद्धान्तिका ग्रन्थ रचे।)
(ग) राष्ट्रभक्तैः का प्रतिज्ञा कृता? (राष्ट्रभक्तों द्वारा क्या प्रतिज्ञा की गयी?)
उत्तर:
राष्ट्रभक्तैः ‘सर्वैः राष्ट्रनायकैः सार्वभौमतन्त्रं रचयामः’ इति प्रतिज्ञा कृता। (राष्ट्रभक्तों द्वारा ‘सभी राष्ट्र के नायकों द्वारा सार्वभौमतन्त्र बनाना है’ ऐसी प्रतिज्ञा की गयी।)
(घ) अनभ्यासे किं विषम्? (अभ्यास न करने पर क्या विष है?)
उत्तर:
अनभ्यासे शास्त्रम् विषम्। (अभ्यास न करने पर शास्त्र विष है।)
(ङ) हरदौलमहाराजः किमर्थं विषपानं कृतवान्? (हरदौल महाराज ने किसलिये विषपान किया?)
उत्तर:
हरदौल महाराजः महाराज्याः सम्मानरक्षणाय राज्ञः सन्देहनिवारणाय च विषपानं कृतवान्। (हरदौल महाराज ने महारानी के सम्मान की रक्षा के लिए और राजा के सन्देह को दूर करने के लिए विषपान किया।)
(च) शिकागोनगरे विश्वधर्मसम्मेलने भारतस्य प्रतिनिधिः कः अभवत्? (शिकागो नगर में विश्वधर्म सम्मेलन में भारत के प्रतिनिधि कौन हुए?)
उत्तर:
शिकागोनगरे विश्वधर्मसम्मेलने भारतस्य प्रतिनिधि स्वामी विवेकानन्दः अभवत्। (शिकागो नगर में विश्वधर्म सम्मेलन में भारत के प्रतिनिधि स्वामी विवेकानन्द हुए?)
(छ) मण्डूकः मक्षिकां किम् उपायम् उक्तवान्? (मेंढक ने मक्खी को क्या उपाय कहा?)
उत्तर:
मण्डूकः मक्षिकां एकीभूता दुर्बलाः अपि सबलं शत्रु हन्तुं शक्नुवन्ति इति उपायम् उक्तवान्। (मेंढक ने मक्खी से एक होकर दुर्बल भी सबल शत्रु को मार सकते हैं, इस उपाय को कहा।)
प्रश्न 3.
कोष्ठकात् उचितानिपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत (कोष्ठक से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थान भरो-)
(क) वराहमिहिरः अध्ययनं समाप्य ………… आगतः। (उज्जयिनीम्/पाटलिपुत्रनगरम्)
(ख) प्रतिग्रहणस्य कामना ………….. । (कुरु/मा कुरु)
(ग) उद्योगे ………… दारिद्रयम्। (अस्ति/नास्ति)
(घ) केशवदासः ………….. कविः आसीत्। (संस्कृत भाषायाः/हिन्दीभाषायाः)
(ङ) राज्येषु ………….. प्रातिनिध्यं वहन्ति। (भोपालम्/राज्यपाला:)
(च) लोकहितं …………..। (वदनीयम्/करणीयम्)
(छ) मत्तगजः…………..पतितः। (अङ्के/पड़े)
उत्तर:
(क) उज्जयिनीम्
(ख) मा कुरु
(ग) नास्ति
(घ) हिन्दी भाषायाः
(ङ) राज्यपालाः
(च) करणीयम्
(छ) पड़े।
प्रश्न 4.
अधोलिखितपदानां विलोमानि लिखत(नीचे लिखे शब्दों के विलोम शब्द लिखो-)
(क) सततम्
(ख) तिमिरः
(ग) उत्कर्षस्य
(घ) अमृतम्
(ङ) गुणेषु
(च) मित्रम्।
उत्तर:
(क) असततम्
(ख) प्रकाशः
(ग) अपकर्षस्य
(घ) विषम्
(ङ) दोषेषु
(च) शत्रुः।
प्रश्न 5.
पदानां समानार्थकम् पदं लिखत(शब्दों के समान अर्थ वाले शब्द लिखो-)
(क) बुद्धिः
(ख) मार्गदर्शनम्
(ग) पुष्पाणि
(घ) वीरः
(ङ) नृपः
(च) महार्णवम्।
उत्तर:
(क) मतिः
(ख) पथप्रदर्शनम्
(ग) कुसुमानि
(घ) शूरः
(ङ) राजा
(च) महासागरम्।
प्रश्न 6.
नामोल्लेखपूर्वकं सन्धिविच्छेदं कुरुत(नाम का उल्लेख करते हुए सन्धि विच्छेद करो-)
(क) बालकोऽजायत
(ख) वर्द्धिताश्च
(ग) अत्रैव
(घ) अद्यावधि
(ङ) एवाकर्म।
उत्तर:
प्रश्न 7.
नामोल्लेखपूर्वकं समासविग्रहं कुरुत(नाम का उल्लेख करते हुए समास विग्रह करो-)
(क) परोपकारः
(ख) पर्यावरणविज्ञानम्
(ग) धनाभावेन
(घ) क्षीरविवर्जिताः
(ङ) शिल्पकार्यम्
(च) गणतन्त्रदिवसः।
उत्तर:
प्रश्न 8.
उचितं मेलयत (उचित को जोड़ो-)
उत्तर:
(क) → (v)
(ख) → (i)
(ग) → (iv)
(घ) → (ii)
(ङ) → (iii)
प्रश्न 9.
धातुरूपाणांसमक्षंधातु-लंकार-पुरुष-वचनानि च लिखत (धातु रूपों के सामने धातु, लकार, पुरुष और वचन लिखो-)
उत्तर:
प्रश्न 10.
शब्दरूपाणां समक्षं मूलशब्द-विभक्तिलिङ्ग-वचनानि च लिखत (शब्द रूपों के सामने मूल शब्द, विभक्ति, लिङ्ग और वचन लिखो-)
उत्तर:
प्रश्न 11.
अधोलिखितगद्यांशंपठित्वा उत्तराणि लिखत (नीचे लिखे हुए गद्यांश को पढ़कर उत्तर लिखो-)
(I) ममपरिसरे एकम् पुष्पोद्यानं वर्तते। तत्रविविधवर्णानि पुष्पाणि पर्यटकानां चित्तं मोदयन्ते। उद्यानस्य नातिदूरे हिन्दीभाषायाः प्रसिद्धकवेः केशवदासस्य स्थानमास्ति। षोडशशताब्दात् आरभ्य मम निर्माणम् अद्यावधि चलति एवं। परं सर्वाधिकं निर्माणकार्यम् महाराजवीरसिंहप्रथमस्य शासने अभवत्।
अनुवाद :
मेरे परिसर में एक फूलों का बाग है। वहाँ विभिन्न रंगों के फूल पर्यटकों के मन को प्रसन्न करते हैं। उद्यान के पास में हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध कवि केशवदास का स्थान है। सोलहवीं शताब्दी से लेकर मेरा निर्माण आज भी चल ही रहा है। परन्तु सबसे अधिक निर्माण कार्य महाराज वीरसिंह प्रथम के शासन में हुआ। मेरा इतिहास रोचक और कौतूहलपूर्ण है। मध्यकाल में मेरा विशिष्ट स्थान और महत्त्व था। आज भी रामराजा वहीं विराजते हैं। अब भी लोग प्रतिवर्ष आते हैं (और) मुझे देखकर प्रसन्न होते हैं। लक्ष्मीनारायण मन्दिर, फूलबाग, दीवान, हरदौल भवन, सुन्दर भवन, शहीद स्मारक आदि अन्य स्थल भी देखने योग्य हैं। प्रतिदिन यात्री आकर मेरे ऐतिहासिक स्वरूप को देखकर प्रसन्न होते हैं तथा उनको देखकर मैं भी प्रसन्न होता हूँ।
(क) मम परिसरे किं वर्तते? (मेरे परिसर में क्या है?)
उत्तर:
मम परिसरे एकम् पुष्पोद्यानं वर्तते। (मेरे परिसर में एक फूलों का बगीचा है।)
(ख) पर्यटकानां चित्तं कानि मोदयन्ति? (पर्यटकों के मन को कौन प्रसन्न करते हैं?)
उत्तर:
पर्यटकानां चित्तं विविधवर्णानि पुष्पाणि मोदयन्ति। (पर्यटकों के मन को अनेक रंगों के फूल प्रसन्न करते हैं।)
(ग) सर्वाधिक निर्माणकार्य कस्य शासने अभवत्? (सबसे अधिक निर्माणकार्य किसके शासन में हुआ?)
उत्तर:
सर्वाधिकं निर्माणकार्य महाराजवीरसिंह प्रथमस्य शासने अभवत्। (सबसे अधिक निर्माण कार्य महाराज वीरसिंह प्रथम के शासन में हुआ।)
(घ) केशवदासः कस्याः भाषायाः कविः आसीत्? (केशवदास किस भाषा के कवि थे?)
उत्तर:
केशवदासः हिन्दी भाषायाः कविः आसीत्। (केशवदासः हिन्दी भाषा के कवि थे।)
अथवा
(II) अस्ति उज्जयिन्याः निकटे ‘कपित्थ’ (कायथा) नामाख्यो ग्रामः। तत्र आदित्योपासकः आदित्यदासः’ नामा कश्चित् विप्रः प्रसिवसति स्म। तस्य गृहे वराहमिहिरः नामा बालकोऽजायत। वराहमिहिरस्य जन्म ४९९ (नवनवत्यधिक चतुश्शतके) ख्रिस्ताब्दे सञ्जातम्।।
बालकः वराहमिहिरः स्वकीयपित्रा एक ज्यौतिषविद्यामध्यगच्छत्। ततः सः पाटलिपुत्रनगरं गत्वा प्रसिद्ध-खगोलशास्त्रज्ञात् आर्यभट्टात् खगोलशास्त्रस्याध्ययन कृतवान्।
अनुवाद :
उज्जयिनी के पास ‘कपित्थ’ (कायथा) नामक गाँव है। वहाँ सूर्य का भक्त ‘आदित्यदास’ नामक कोई ब्राह्मण रहता था। उसके घर में ‘वराहमिहिर’ नामक बालक ने जन्म लिया। वराहमिहिर का जन्म 499 (चार सौ निन्यानवे) ईस्वी में हुआ।
बालक वराहमिहिर ने अपने पिता से ही ज्योतिष विद्या का अध्ययन किया। उसके पश्चात् उन्होंने पाटलिपुत्र (पटना) नगर जाकर प्रसिद्ध खगोलशास्त्री आर्यभट्ट से खगोलशास्त्र (आकाश मण्डल का शास्त्र) का अध्ययन किया।
(क) ‘कपित्थ’ नामाख्यो ग्रामः कस्याः निकटे अस्ति? (‘कपित्थ’ नामक ग्राम किसके पास है?)
उत्तर:
‘कपित्थ’ नामाख्यो ग्रामः उज्जयिन्याः निकटे अस्ति। (‘कपित्थ’ नामक ग्राम उज्जयिनी के पास है।)
(ख) आदित्यदासस्य पुत्रस्य नाम किम्? (आदित्यदास के पुत्र का नाम क्या था?)
उत्तर:
आदित्यदासस्य पुत्रस्य नाम ‘वराहमिहिरः। (आदित्यदास के पुत्र का नाम ‘वराहमिहिर’ था।)
(ग) वराहमिहिरस्य जन्म कदा अभवत्? (वराहमिहिर का जन्म कब हुआ?)
उत्तर:
वराहमिहिरस्य जन्म ४९९ (नवनवत्यधिक चतुश्ततके) ख्रिस्ताब्दे अभवत्। (वराहमिहिर का जन्म 499 (चार सौ निन्नानवे) ईस्वी सन् में हुआ।)
(घ) वराहमिहिरः कस्मात् खगोलशास्त्रस्याध्ययनं कृतवान्? (वराहमिहिर ने किससे खगोलशास्त्र का अध्ययन किया?)
उत्तर:
वराहमिहिरः आर्यभट्टात् खगोलशास्त्रस्याध्ययनं कृतवान्। (वराहमिहिर ने आर्यभट्ट से खगोलशास्त्र का अध्ययन किया।)
प्रश्न 12.
अधोलिखितं पद्यं पठित्वा उत्तराणि लिखत (नीचे लिखे हुए पद्य को पढ़कर उत्तर लिखो-)
(I) उद्योग नास्ति दारिद्रयं जपतः नास्ति पातकम्।
मौने च कलहो नास्ति नास्ति जागरिते भयम्॥
अनुवाद :
परिश्रम करने से दरिद्रता (गरीबी) नहीं रहती – है, भगवान् का नाम लेने से पाप नहीं रहते हैं। मौन (चुप) रहने। से लड़ाई-झगड़ा नहीं होता है और जागते रहने से (चोर आदि का) भय नहीं होता है।
(क) दारिद्रयं केन नष्टम्? (दरिद्रता किससे नष्ट होती है?)
उत्तर:
दारिद्र्यं उद्योगेन नष्टम्। (दरिद्रता परिश्रम से नष्ट होती है।)
(ख) कस्य पातकं नास्ति? (किसके पाप नहीं होते हैं?)
उत्तर:
जपतः पातकं नास्ति। (भगवान् का नाम लेने वाले के पाप नहीं होते हैं।)
(ग) कलहः कुत्र नास्ति? (लड़ाई-झगड़ा कहाँ नहीं होता है?)
उत्तर:
कलहः मौने नास्ति। (लड़ाई-झगड़ा चुप रहने में नहीं होता है।)
(घ) जागरिते किं नास्ति? (जागते रहने से क्या नहीं होता?)
उत्तर:
जागरिते भयं नास्ति। (जागते रहने से भय नहीं होता।)
अथवा
(II) न भोंगभवने रमणीयम्,नच सुखशयने शयनीयम्।
अहर्निशं जागरणीयम्, लोकहितं मम करणीयम्?
अनुवाद :
(मुझे) न सुख देने वाले घर में रहना चाहिए और न सुख देने वाले बिस्तर पर सोना चाहिए। (मुझे) दिन-रात जागना चाहिए (और) संसार का कल्याण मुझे करना चाहिए।
(क) कुत्र न रमणीयम्? (कहाँ नहीं रहना चाहिए?)
उत्तर:
भोगभवने न रमणीयम्। (सुख देने वाले घर में नहीं रहना चाहिए।)
(ख) कुत्र न शयनीयम्? (कहाँ नहीं सोना चाहिए?)
उत्तर:
सुखशयने न शयनीयम्। (सुख देने वाले बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए।)
(ग) अहर्निशं किं करणीयम्? (दिन-रात क्या करना चाहिए?)
उत्तर:
अहर्निशं जागरणीयम्। (दिन-रात जागना चाहिए।)
(घ) मम किं करणीयम्? (मुझे क्या करना चाहिए?)
उत्तर:
मम लोकहितम् करणीयम् (मुझे संसार का कल्याण करना चाहिए।)
प्रश्न 13.
कोष्ठकात् उचितशब्दं चित्वा लिखत (कोष्ठक से उचित शब्द चुनकर लिखो-)
(क) स्वामीविवेकानन्दस्य गुरु ……….. आसीत्? (रामकृष्णपरमहंस/वेदव्यासः/रामः कृष्णः)
(ख) वराहमिहिरः ……….. आसीत्। (अज्ञः/विज्ञः/कालज्ञः/नीतिज्ञः)
(ग) मनसा सततम् ……….. (वदनीयम्/करणीयम्/स्मरणीयम्/रमणीयम्)
(घ) ……….. निर्धनस्य विषमस्ति। (रोगः/भोग:/योगः/नियोगः)
(ङ) ओरछानगरम् ……….. अस्ति। (भोपालमण्डले/टीकमगढ़मण्डले/रायसेनमण्डले/मन्दसौर मण्डले)
उत्तर:
(क) रामकृष्णपरमहंसः
(ख) कालज्ञः
(ग) स्मरणीयम्
(घ) भोगः
(ङ) टीकमगढ़मण्डले।
प्रश्न 14.
भिन्नप्रकृतिकं शब्दं चिनुत(भिन्न स्वभाव के शब्द को चुनो-)
(क) जम्बूफलम्, कदलीफलम्, परीक्षाफलम्, श्रीफलम्।
(ख) गच्छति, धावति, हरिः, खेलति।
(ग) पाटलम्, चम्पकम्, दाडिमम्, कमलम्।
(घ) पितामहः, मातामहः, अतुलः, मातुलः।
(ङ) अद्य, श्वः, अश्वः, परश्वः।
उत्तर:
(क) परीक्षाफलम्
(ख) हरिः
(ग) दाडिमम्
(घ) अतुलः
(ङ) अश्वः
प्रश्न 15.
उचितविकल्पं चित्वा लिखत्(उचित विकल्प चुनकर लिखो-)
(क) स्वामीविवेकानन्दस्य बाल्यकालस्य नाम आसीत्? (गोरखनाथ:/नरेन्द्रनाथ:/केदारनाथ:/मत्स्येन्द्रनाथः)
(ख) शङ्करस्य भूषणम् अस्ति। (सर्प:/चन्द्र:/गङ्गा/विषम्)
(ग) आर्यभट्टः आसीत्। (खगोलशास्त्री/रसायनशास्त्री/शास्त्री/समाजशास्त्री)
(घ) दुःखसागरे। (त्वरणीयम्/करणीयम्/तरणीयम्/चरणीयम्)
उत्तर:
(क) नरेन्द्रनाथः
(ख) विषम्
(ग) खगोलशास्त्री
(घ) तरणीयम्।