MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 17 तीर्थ-यात्रा

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MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 17 तीर्थ-यात्रा

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 17 प्रश्न-अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Tirth Yatra By Sudarshan Question Answer MP Board Class 6th Hindi Chapter 17 प्रश्न 1.
(क) सही जोड़ी बनाइए
1. समाचार – (क) चहकना
2. मुख – (ख) तीर्थ स्थल
3. बुलबुल – (ग) मंडल
4. हरिद्वार – (घ) पत्र
उत्तर
1. (घ), 2. (ग), 3. (क), 4. (ख)

Tirth Yatra Kahani Ka Saransh MP Board Class 6th Hindi Chapter 17  प्रश्न (ख)
दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. लाजवंती का……हृदय कांप गया। (नारी/कोमल)
2. वैवजी बैठे एक पुराना……सामाचार पत्र पढ़ रहे थे। (मासिक/सप्ताहिक)
3. मंदिरों को देखकर हृदय……..की तरह खिल जाएगा। (कमल/कली)
4. जो सुख त्याग में है वह……..में कहाँ ? (ग्रहण/वरण)
उत्तर
1. नारी
2. साप्ताहिक
3. कमल
4. ग्रहण।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 17 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

Miyadi Bukhar Kise Kahate Hain Class 6 Chapter 17 प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) मियादी बुखार किसे कहते हैं?
उत्तर
जो बुखार अपनी मियाद पूरी करके उतरता है, उसे मियादी बुखार कहते हैं।

(ख) ‘लुकमान’ शब्द का प्रयोग लेखक ने किसके लिए किया है?
उत्तर
‘लुकमान’ शब्द का प्रयोग लेखक ने वैद्य दुर्गादास के लिए किया है।

(ग) लाजवंती तीर्थयात्रा के लिए कहाँ-कहाँ जा रही थी?
उत्तर
लाजवंती तीर्थयात्रा के लिए हरिद्वार, मथुरा और वृंदावन जा रही थी।

(घ) लाजवंती क्यों अधीर हो रही थी?
उत्तर
लाजवंती तीर्थयात्रा के लिए अधीर हो रही थी।

(ङ) रामलाल ने अपनी दौलत किसे कहा है?
उत्तर
रामलाम ने अपने पुत्र हेमराज को अपनी दौलत कहा है।

MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 17 लघु उत्तरीय प्रश्न

Album Story In Hindi By Sudarshan Question Answer MP Board Class 6th Hindi Chapter 17 प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में दें

(क) लाजवंती के पैरों के नीचे से धरती खिसकती सी क्यों लगी?
उत्तर
लाजवंती हेमराज के सिर के दर्द की बात सुनकर पवरा गयी थी। उसे याद आया कि इसी मौसम । में उसका पहला पत्र मदन भी ऐसे ही बीमार होकर चल | बसा था। यही कारण था कि उसे पैरों के नीचे से धरती खिसकती सी लगी।

(ख) लाजवंती मंदिर क्यों गई?
उत्तर
लाजवंती का बेटा हेमराज बहुत बीमार था। उसके ठीक होने की आशा न थी। लाजवंती उसके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करने देवी माँ के मंदिर गई।

(ग) ‘त्याग करने में ही सुख है’। इस पंक्ति का क्या आशय है?
उत्तर
इसका आशय यह है कि त्याग में किसी की सहायता करने या किसी को कुछ देने का आनंद छिपा होता है। यह खुशी किसी से कुछ लेने पर नहीं मिलती। वास्तव में त्याग मनुष्य को आत्मिक संतुष्टि प्रदान करता है।

(घ) लेखक ने रुपये को हाथ का मैल क्यों कहा है?
उत्तर
रुपया कभी एक जगह नहीं टिकता । वह इधर से आता है उधर चला जाता है। इसलिए लेखक ने रुपए को हाथ का मैल कहा है।

(ङ) लाजवंती तीर्थ यात्रा पर क्यों नहीं जा सकी?
उत्तर
तीर्थयात्रा पर जाने से पूर्व लाजवंती को पता चला कि उसकी पड़ोसन हरो के पास बेटी के ब्याह के लिए पैसे नहीं हैं। उसने तीर्थयात्रा के लिए जमा पैसे हरो को दे दिए। यही कारण था कि वह तीर्थयात्रा पर नहीं जा सकी।

भाषा की बात

Tirth Yatra Kahani Ka Saransh Likhiye MP Board Class 6th Hindi Chapter 17 प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
परीक्षा, सहानुभूति, दिव्य-शक्ति, परिश्रम
उत्तर
छात्र स्वयं करें।

Mp Board 6 Class Hindi Book Chapter 17  प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों की वर्तनी शुद्ध कीजिए
सप्हीक, परिकमा, समुद, प्रसननता
उत्तर
साप्ताहिक, परिक्रमा, समुद्र, प्रसन्नता

Mp Board Solution Class 6 Hindi Chapter 17 प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक-एक शब्द लिखिए
सप्ताह में एक दिन प्रकाशित विद्या अध्ययन करने वाला आयुर्वेद पद्धति से चिकित्सा करने वाला पड़ोस में रहने वाली
उत्तर
साप्ताहिक, विद्यार्थी, वैद्य, पड़ोसन

Model 17 Ka Prashn Uttar प्रश्न 7.
निम्नलिखित गयांश को पढ़कर रेखांकित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए
वह दौड़ती हुई अपने घर के अंदर गई और संदूक में से दो सौ रुपए लाकर हरो के सामने ढेर कर दिए। यह रुपए जमा करते समय वह प्रसन्न हुई थी, पर उसे देते समय उससे भी अधिक प्रसन्नता हुई। जो सुख त्याग में है वह ग्रहण में कहाँ?
उत्तर
शब्द – विलोम
अपने – पराए
अन्दर – बाहर
प्रसन्न – उदास
अधिक – कम
सुख – दुख
त्याग – ग्रहण

कक्षा 6 भाषा भारती MP Board Hindi Chapter 17 प्रश्न 8.
निम्नलिखित वाक्यों को पढ़कर रेखांकित शब्दों से मूल शब्द और प्रत्यय अलग कर लिखिए
उस गाड़ीवान का बचपन बहुत ही अभाव से बीता। वह बहुत अच्छा कलाकार था। उसकी यह अच्छाई थी कि वह स्वभाव से बहुत नर्म था। उसने पढ़ाई, लिखाई नहीं की थी; किंतु वह बहुत अच्छे फूलदान बनाता था।
उत्तर
Tirth Yatra By Sudarshan Question Answer MP Board Class 6th Hindi Chapter 17

Class 6 Hindi Mp Board Solution Chapter 17 प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश में विराम चिन्ह लगे हैं, उन चिहनों को पहचान उनका नाम लिखिए
रामलाल ने तीर्थ यात्रा के खर्च का अनुमान किया, तो हदय बैठ गया। परंतु पुत्र-स्नेह ने इस चिंता को देर तक ठहरने न दिया-“अच्छा किया! रुपए का क्या है, हाथ का मैल है, आता है, चला जाता है। परमेश्वर ने एक लाल दिया है, वह जीता रहे। यही हमारी दौलत है।” लाजवंती ने स्वामी को सुला दिया और आप रात भर जागती रही। लाजवंती ने पुत्र हेम के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा-“क्या से क्या हो गया है?”
उत्तर
Tirth Yatra Kahani Ka Saransh MP Board Class 6th Hindi Chapter 17

Tirth Tilonia Story In Hindi MP Board Class 6th Hindi Chapter 17 प्रश्न 10.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए
आँसू, पैर, हाथ, धीरज, आग, मुँह, नाव, जेठ।
उत्तर
सत्सम-अश्रु, पाद, हस्त, धैर्य, अग्नि, मुख, नौका, ज्येष्ठ

प्रश्न 11.
निम्नलिखित शब्ज़े में प्रयुक्त उपसर्ग और मूलशब्द लिखिए
परिश्रम, अनुभव, अनुमान, अभिमान, सफल, प्रभाव, सुगंध, अपमान।
उत्तर
Miyadi Bukhar Kise Kahate Hain Class 6 Chapter 17

तीर्थ-यात्रा प्रसंग सहित व्याख्या

1. लाजवंती मंदिर पहुँची और देवी के सामने गिर कर देर तक रोती रही। जब थककर उसने सिर उटाया तो उसका मुख-मंडल शांत था, जैसे तुफान शांत हो आता है। उसको ऐसा मालूम हुआ, जैसे कोई दिव्य-शक्ति उसके कान में कह रही है तूने आँसू बहा कर देवी के पाषाण हृदय को मोम कर दिया है। लाजवंती ने देवी की आरती उतारी, फूल चढ़ाए, मंदिर की परिक्रमा की और प्रेम के बोझ से काँपते हुए स्वर से मानता मानी-“देवी माता! मेरा हम बच जाए तो मैं तीर्थ यात्रा करूंगी।”

शब्दार्थ-पाषाण = पत्थर।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित कथा ‘यात्रा’ से ली गई हैं। इसके लेखक ‘सुदर्शन’ हैं। इन पंक्तियों में पत्र की चिंता में व्याकुल एक माँ की मनोदशा का वर्णन है।

व्याख्या-लाजवंती अपने पुत्र का बुखार उतरता न देख कर घबरा जाती है और देवी माँ के मंदिर में सिर झुकाकर देर तक रोती है। हृदय का सारा बुखार निकल जाने पर उसका मन शांत होता है और उसे ऐसा लगता है जैसे देवी माँ उसके आँसुओं से पिघल गई हैं। वह देवी माँ की अर्चना करती है और हृदय से यह प्रार्थना करती है कि अगर उसका पुत्र ठीक हो गया, तो वह तीर्थयात्रा करेगी।

विशेष

  • ईश्वर में आस्था को दर्शाया गया है।
  • माँ का पुत्र के प्रति प्रेम भी प्रदर्शित हुआ है।

2. मैं तुम्हें दूसरी सावित्री समझता हूँ उसने मरे हुए पति को जिलाया था तुमने पुत्र को मृत्यु के मुंह से निकाला है। तुम यदि दिन-रात एक न करती तो हेम का बचना असंभव था। यह सब तुम्हारी मेहनत का फल है। बच्चा बचा नहीं है, दूसरी वार पैदा हुआ है।

शब्दार्य-असंभव = जो संभव न हो। दिन रात एक करना = बहुत मेहनत करना। फल=परिणाम।

प्रसंग-पूर्ववत्

व्याख्या-वैद्य जी कहते हैं कि हेमराज लाजवंती की मेहनत के कारण ही बच गया है। वह उसकी तुलना सावित्री से करते हैं, जिसने अपने मृत पति को जिला लिया था। वे रहते हैं कि लाजवंती ने ही अपने पुत्र को नया जीवन दिया है।

विशेष

  • माँ की महिमा का पता चलता है।
  • स्त्री के दो महत्त्वपूर्ण रूपों की शक्ति पर प्रकाश डाला गया है।